Shri Ashok Gehlot

Former Chief Minister of Rajasthan, MLA from Sardarpura

खासा कोठी का ओवरब्रिज मुख्यमंत्री के विजन का एक स्मारक, प्रदेशवासियों को परिवार बताने वाली मुख्यमंत्री ने उन्हीं को लफंगा कैसे कह दिया, अब चाहे बजट में कोई भी घोषणा कर दें कोई फर्क पडने वाला नहीं, सरकार तो कांग्रेस की आकर रहेगी - गहलोत

दिनांक
19/02/2017
स्थान
जयपुर


जयपुर, 19 फरवरी। पूर्व मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा है कि मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे के विजन का बहुत शोर हुआ करता था, मैं पूछना चाहता हूं कि रिफाइनरी गायब, ब्रोडगेज (बांसवाडा-डूंगरपुर-रतलाम), जयपुर मेट्रो फेज-2, परबन सिंचाई परियोजना और मेमो कोच फैक्ट्री सब गायब कर दिये गये। जयपुर के खासा कोठी पर बना एक ताबूत - ओवरब्रिज इनके विजन के स्मारक के रूप में खडा है। तीन साल यूं ही बरबाद कर दिये। राजस्थान की जनता इनको कभी माफ नहीं करेगी।

श्री गहलोत ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा कि मुख्यमंत्री की हालत बहुत नाजुक है। चाहे वो अलवर हो, सीकर हो, जोधपुर हो, इन्हें सभी जगह विरोध का सामना करना पडा है। जोधपुर में सरकार के खिलाफ ऐतिहासिक बंद हुआ। सीकर में मीटिंग छोडकर आना पडा। वहां आन्दोलनकारियों को मुख्यमंत्री ने लफंगा तक कह डाला। मैं पूछना चाहता हूं कि जो मुख्यमंत्री अपने भाषणों में हर जगह प्रदेशवासियों को अपना पूरा परिवार बताते नहीं थकती थीं, वो बतायें कि परिवार के लोग ही लफंगे कब से बन गये। वे अपना आपा खो चुकी हैं, बौखला चुकी हैं, उन्हें पता है कि आने वाले चुनावों में क्या होने वाला है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान के इतिहास में सर्वाधिक 163 सीटें जिताकर प्रदेशवासियों ने कोई गुनाह नहीं किया था। तीन साल तक आमजन से मिलना तो दूर सारे काम ठप्प कर दिये गये। कांग्रेस सरकार के समय राजस्थान के लिये बनायी गयी सभी महत्वाकांक्षी योजनाओं को या तो ठप्प कर दिया गया या उन्हें कमजोर कर दिया गया। वे बतायें कि क्या कसूर है प्रदेशवासियों का? उन्हें प्रदेशवासियों से माफी मांगनी चाहिए अन्यथा जहां-जहां वे जायेंगी उन्हें विरोध का सामना करना पडेगा।

श्री गहलोत ने इसी संदर्भ में बरबस अपनी पहली सरकार का जिक्र करते हुए कहा कि उस दौर में चार साल तक लगातार अकाल, सूखा पडा, मगर चारों साल जो प्रबन्ध किये गये उसकी प्रशंसा पूरे भारत में की गई। हमें तब 156 सीटें मिली थी। आपको तो 163 सीटें दी हैं। मुख्यमंत्री बतायें कि भाजपा सरकार ने फिर भी ये निकम्मा कुशासन जनता को क्यों दिया?

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अब आने वाले चुनाव को देखते हुए मुख्यमंत्री घोषणाएं करें तो कोई बडी बात नहीं है क्योंकि घोषणाएं लागू होने वाली नहीं है। ब्यूरोक्रेसी समझ गयी है कि उन्हें जेल नहीं जाना है। हमने भी कह दिया है कि ब्यूरोक्रेसी इनके दबाव में आकर कई जिलों में अन्याय और अत्याचार कर रही है, झूंठे मुकदमें बनाये जा रहे हैं, चुन-चुन कर कांग्रेसियों के खिलाफ बदले की भावना से कार्रवाई की जा रही है, हम उन्हें बक्शेंगे नहीं। जो ईमानदारी से निष्पक्ष होकर काम करेंगे उन्हें चिन्ता करने की जरूरत नहीं है, हम उनका बचाव करेंगे।

श्री गहलोत ने कहा कि सरकार ने मजाक बना रखा है, कानून व्यवस्था चौपट हो गयी है, बलात्कार की घटनायें आम हो गयी है, डकैती के साथ सरकार की नाक के नीचे रेप हो गया, तब भी कुछ नहीं किया गया। सभी जगह हाहाकार मचा हुआ है। सरकार कभी पन्द्रह दिन के लिये शहरों में गयी फिर चार दिन के लिये पांच जिलों में गई और फिर बंद कर दिया। आमजन से मिलने का सवाल ही नहीं। अब चाहे बजट में कोई भी घोषणा कर दें कोई फर्क पडने वाला नहीं है, सरकार तो कांग्रेस की आकर रहेगी।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संवेदनहीन सरकार के रहते किसान आत्महत्याएं कर रहे हैं। नोटबंदी के कारण लोग लाइनों में खडे रहे, कुछ को अपनी जानें भी गवानी पडी, ओलावृष्टि हुई, आकाशीय बिजली गिरने से मौतें हुई, कई किसान मारे गये, मगर सरकार ने किसी को कोई मुआवजा नहीं दिया। सरकार तो यह मानने को तैयार ही नहीं है कि किसान आत्महत्याएं कर रहे हैं या ओलावृष्टि से किसानों को कोई तकलीफ भी हो रही है।

उन्होंने कहा कि विधानसभा के बजट सत्र में कांग्रेस विधायकदल जनसमस्याओं को उठाने में कोई कमी नहीं रखेगा। जब से यह सरकार बनी है तब से विधानसभा में विपक्ष की आवाज कोे दबाने का ही काम किया जा रहा है। यहां तक कि नेता प्रतिपक्ष एवं विधायकों को मार्शल के माध्यम से धक्का देकर सदन से बाहर निकलवाया गया है। राजस्थान के इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।

जीएसटी के संबंध में एक प्रश्न पर श्री गहलोत ने कहा कि यूपीए-2 सरकार द्वारा जीएसटी लागू करने का प्रयास किया गया था, लेकिन तब भाजपा शासित सभी मुख्यमंत्री विरोध करते थे। अब ये चाहते हैं कि जीएसटी लागू हो जाये। फिर भी कांग्रेस ने इसके समर्थन का फैसला किया है। कुछ शर्ते और सुझाव दिये हैं, उन्हें मानते हुए यह फैसला जल्द से जल्द लागू किया जाना बेहतर होगा।

श्री गहलोत ने तम्बाकू के संबंध में प्रश्न किये जाने पर कहा कि हमारी सरकार ने डब्लूएचओ की भावना के तहत तम्बाकू पर 65 प्रतिशत टेक्स लगाया था, जिसकी पूरी दुनिया में तारीफ हुई थी, लेकिन भ्रष्टाचार के चलते वर्तमान सरकार ने आते ही बिना किसी तर्क के मिलीभगत कर उस टैक्स को कम कर दिया। तम्बाकू की एक बहुत मजबूत लॉबी है, हमने उसकी परवाह नहीं की। इस मामले में वर्तमान सरकार अपने ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों का आज तक जवाब नहीं दे पायी। डाक्टर्स के आंकडे बताते हैं कि आज सबसे ज्यादा तम्बाकूजनित केन्सर के मामले सामने आ रहे हैं, फिर भी सरकार संवेदनहीन बनी हुई है।
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