गहलोत द्वारा कांग्रेस कार्यालय पर मीडिया को दी गई बाईट
दिनांक
31/07/2018 |
स्थान
जयपुर
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जयपुर, 31 जुलाई। पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव श्री अशोक गहलोत द्वारा मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में एक कार्यक्रम में शिरकत करने के बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत की गई, जो इस प्रकार है -
संवाददाता - सर, कांग्रेस में चुनावी तैयारियां .... ऐसा कहा जा रहा है ....
उत्तर - तैयारियां बहुत अच्छी चल रही है राजस्थान के अन्दर। कांग्रेस की विजय जनता ने सुनिश्चित कर दी है। अब चाहे मोदीजी या वसुन्धराजी कितना ही जोर लगा लें, एक नहीं चलने वाली उनकी, क्योंकि पांच साल में लोगों ने इतना भुगता है, विकास ठप्प हो गया, सारी स्कीमें कमजोर कर दी, मुख्यमंत्रीजी किसी से मिली नहीं है। विशेष रूप से गुस्सा वसुन्धराजी के खुद के प्रति है, अब वो चार-चार दिन जा रही है जिलों के अन्दर, डरा रही हैं, धमका रही हैं अधिकारियों को, अपने कार्यकर्ताओं को भी, विधायकों को अलग रख रही है, जिससे कि दोष एमएलए पर आ जाये। तो ये हालात उन्होंने कर रखे हैं। राजस्थान की जनता समझ गयी है। कितनी ही यात्रा निकाल दो। इस यात्रा का नाम तो कुशासन की यात्रा होना चाहिये था। उन्होंने नाम बदल दिया अब। आप जानते हो नाम क्यों बदला है, आप सबको पता है। सुराज की जगह कुराज कहते लोग इस यात्रा को, पर कुछ नहीं होने वाला, ये मैं कह सकता हूं।
संवाददाता - सर, ये कहा जा रहा है कि कोई यात्रा नहीं ... इसके अलावा सीएम फेस को लेकर भी विवाद चल रहा है।
उत्तर - कोई विवाद नहीं चल रहा है। मीडिया का एक सैक्शन जानबूझकर बीजेपी के इशारों पर ये अभियान चला रहा है। हमारे नेता बोलते कुछ हैं और छपता कुछ है। ये अभियान बीजेपी का अभियान है। ये हमारी सबकी जानकारी में है। हमें अहसास है। यहां कोई झगडा ही नहीं है। कांग्रेस की परम्परा में हाईकमान एक्स्ट्रा ओर्डिनरी सिचूएशन में तो पहले चेहरा घोषित करता है, वरना हमारी परम्परा रही है कि चुनाव के बाद में ही जनता का क्या मानस है, विधायक क्या सोचते हैं, कार्यकर्ता क्या सोचते हैं, उसके आधार पर हाईकमान फैसला करता है। हमारे यहां ना तो कोई विवाद है, ना कभी विवाद रहा है। मैं खुद एआईसीसी के अन्दर महामंत्री संगठन हूं, मैं खुद कहता हूं पूरे देश के सब राज्यों में कि किसी को अधिकार नहीं कि वो खुद ही अपना चेहरा प्रस्तुत करे मुख्यमंत्री के रूप में। ये कांग्रेस की परम्परा के खिलाफ होगा। अगर खुद कोई चेहरा अपने आपको प्रस्तुत कर देगा, अपना प्रोजक्शन करेगा, वो मुख्यमंत्री नहीं बन सकता। मैं ये बात सब जगह कहता हूं। फिर भी कुछ लोग ऐसा माहौल बनायेंगे मीडिया में, जिससे पब्लिक के अन्दर गलत मैसेज जाये। असल में ये बीजेपी की चाल है।
जो हालात, जो माहौल राजस्थान में बना है, मीडिया को भी चाहिए कि वो निष्पक्ष होकर चले। बीजेपी का फासिस्टी चेहरा सामने आ चुका है देश के अन्दर। राजस्थान में भट्टा बैठ गया है। रिफाइनरी का दूसरी बार शिलान्यास करवा दिया। हमने विरोध किया तो कार्य शुभारम्भ के लिए बुलवा लिया प्रधानमंत्री को, काम अभी तक शुरू नहीं हुआ है। खाली अखबारों में आ रहा है कि एक हजार करोड सेंक्शन कर दिये, केवल इसलिए कि पब्लिक को गलत मैसेज नहीं जाये। कोई काम वहां शुरू नहीं हुआ, खाली दीवार बनी है। आज उसको भी छः महीने हो गये, मेरे ख्याल से। ब्रोडगेज लाईन बंद हो गयी आदिवासियों की। जयपुर मेट्रो जो शानदार प्रोजेक्ट था, जो एयरपोर्ट भी कवर करती, वो तमाम स्कीमें अखबार में आने लग गयी हैं। चार साल क्यों कोच फैक्ट्री नहीं आयी, काम क्यों नहीं शुरू हुआ। क्यों परबन नदी पर बांध बन रहा था, वो क्यों नहीं पूरा बन पाया। तो इस सरकार की पोल खुल चुकी है। भारी बहुमत दिया है जनता ने इनको, 163 सीटें दी, तो वसुन्धराजी को चाहिये था कि वो जनता की आशाओं एवं अपेक्षाओं पर खरी उतरती, वो नहीं उतरी। इसलिए इस सरकार को नेस्तनाबूद होने से कोई रोक नहीं सकता, ये मैं कह सकता हूं।
संवाददाता - सर, राजस्थान में आपकी भूमिका ....
उत्तर - मेरी भूमिका रहेगी एक सच्चे, निष्ठावान, कर्मठ, समर्पित, प्रतिबद्ध कार्यकर्ता के रूप में। मुझे प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा या हाईकमान द्वारा जो काम सौंपा जायेगा वो काम मैं राजस्थान भर में घूम-घूमकर करता रहूंगा, ये मेरी भूमिका रहेगी। और मेरी ही नहीं सभी नेताओं की भूमिका ये ही होती है जोकि तय होती है, इसमें कोई विवाद खडा करने का कोई तुक नहीं है। कुछ लोगांे की नेचर होती है, प्रकृति होती है, वो ये काम करते हैं, पर जो काम करते हैं वो तमाम जानकारियां मिलती रहती है। सबको मालूम है कौन क्या कर रहा है, कौन नहीं कर रहा है।
संवाददाता - सर, खुद कांग्रेस बार-बार प्रेस नोट जारी कर रही है कि राहुल गांधी के नेतृत्व में चुनाव होंगे ... क्या जरूरत है।
उत्तर - जरूरत कुछ नहीं है। मैंने कहा कि मीडिया में एक सैक्शन जो है वो बार-बार गलतफहमी पैदा करता है। कहते कुछ हैं हम लोग, वो छापता कुछ और है, इसलिये स्पष्टीकरण देना पडता है, जनता के लिये। आप जो लिंचिंग की बात कर रहे हो, वसुन्धराजी ने कल क्या कहा। कहा कि बेरोजगारी की वजह से ये घटनाएं बढ रही है लगातार। अब आप बता दीजिये कि इससे बडा कोई असत्य हो सकता है क्या। आपका इकबाल खतम हो गया। इसलिए जिला प्रशासन हो या ब्लाक प्रशासन हो, सब लोग दुखी हो चुके हैं। पिछली बार मुख्यमंत्रीजी थी वसुन्धराजी, तब भी ये हालात बने थे, मेहरानगढ किले पर 216 बच्चे मारे गये थे, उनके घरों में क्या बीती होगी? वसुन्धराजी का शासन था। उसमें भी इकबाल खतम हुआ था। 30-40 बच्चे मारे गये थे भरतपुर के कामां में, जब वो दंगल हो रहा था। मुख्यमंत्री वसुन्धराजी ही थी। परसों घटना हुई है हनुमानगढ के पदमपुर के अन्दर। इनको मालुम ही नहीं। इनको मालुम ही नहीं वहां पर कोई फंक्शन हो रहा है, कार्यक्रम हो रहा है। ना जिला प्रशासन को मालुम है, ना पुलिस प्रशासन को। ये तभी होता है जब इकबाल खतम हो जाता है। मुख्यमंत्रीजी का खुद का और सरकार का। अब लिंचिंग को लेकर जो दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हो रही है, निन्दनीय घटनाएं हैं, मानवता पर कलंक है, एक मानव को, एक इन्सान को आप भीड इकट्ठी होकर मारदे उसको। किसी के घर परिवार पर अगर ये बीतती है, आप कल्पना करो, चाहे वो हिन्दु हो, चाहे मुसलमान हो, चाहे सिख हो, चाहे ईसाई हो, चाहे कोई जैन हो, क्या बीतती होगी। आप इन्सान को मार रहे हो और फिर कहते हो कि बेरोजगारी के कारण मारे जा रहे हैं। 15 लाख नौकरियां देने का वादा किया था, उसको तो पूरा किया नहीं। बेरोजगारी है तो आज उनके कारण है। झूंठे वादे करने से। पांच साल तक राजस्थान रिसरजेंट किया यहां पर। पूरी दुनिया के उद्योगपतियों को बुलाया आपने और सौ करोड रूपये खर्च कर दिये पब्लिक मनी के, तब भी मैंने कहा था कि इससे कोई इन्वेस्टमेन्ट नहीं आयेगा, ये खाली स्नेह मिलन है राजस्थान के अन्दर बडे-बडे उद्योगपतियों का, आपस में मिल लो, साथ में डिनर लंच कर लो उसके अलावा कुछ नहीं होगा और कुछ नहीं हुआ। इसलिये हालात बडे गम्भीर हैं, और हर वर्ग दुखी है आज। पूरे देश के अन्दर दुखी है। चाहे किसान हो, युवा हो, चाहे आदिवासी हो, चाहे एससी हो, चाहे आम आदमी हो। मैं समझता हूं कि इस बार सरकार जाना निश्चित है राजस्थान में भी और केन्द्र में भी, ये सुनिश्चित है, मानकर चलें आप।
चेहरा सामने है दस साल से .. नहीं कहा मैंने। मैंने कहा दस साल मैं मुख्यमंत्री रह चुका हूं। बार-बार आप चेहरे की क्या बात करते हो।
संवाददाता - सर, बार -बार आपका बयान आता है कि मैं थां सू दूर नहीं ..
उत्तर - ये तो मैं अभी भी कहता हूं, कैसे दूर हो सकता हूं बताओ। जिस राजस्थान ने मुझे प्यार, मोहब्बत दी हो, विश्वास किया हो, आज भी कर रहा है, पूरे प्रदेश में, गांव-गांव में ढाणी-ढाणी के अन्दर, तो मैं उनसे दूर कैसे हो सकता हूं। अगर मैं दिल्ली में रहूं या राजस्थान में रहूं तो मैं राजस्थान की सेवा नहीं करूंगा क्या? मैं राजस्थान की आवाज नहीं उठाऊंगा क्या? पार्लियामेन्ट में गये हैं कई लोग, वो ऐसे भी लोग हैं, जिन्होंने पार्लियामेन्ट में रहकर भी राजस्थान की आवाज नहीं उठाई। बडे-बडे नेता बीजेपी के ऐसे हैं, जिन्होंने एक शब्द वहां पर नहीं कहा है। इसलिये मैंने कहा कि मैं कहीं रहूं मैं आपसे दूर नहीं हूं। राजस्थान की जनता की हौसला अफजाई करना मेरा फर्ज है, उनका विश्वास बना रहे कि मैं हमेशा आपके बीच में रहूंगा, चाहे कहीं रहूं, किसी पद पर रहूं, इसमें क्या गलत है। अब आप लोग जो मिनिंग निकालते हो, वो आप अपने रिसर्च करके निकालते हो, आपके जो दिमाग में बात आती है कि इसके क्या-क्या मायने हो सकते हैं वो फिट कर देते हो, तो मैं क्या कर सकता हूं। मेरा जो ध्येय है, वो ये है कि चाहे कुछ भी हो जाये, राजस्थान में सरकार कांग्रेस की बने और उसमंे तमाम नेता, कार्यकर्ता एकजुट रहें, टिकट किसी एक को मिलता है विधानसभा में, मुझे प्यारा वो ही होगा जो टिकट मिलने के बाद में तमाम नेता और कार्यकर्ता, टिकट किसको मिला है, मिलने के बाद में एकजुट होकर के, पूरा समर्पित होकर के उसको जिताने में लग जायेगा, वो मेरा प्यारा होगा। उससे मैं मोहब्बत करूंगा, उसे मैं स्नेह करूंगा, उसका मैं ध्यान रखूंगा। मैं उस प्रकार की राजनीति करता हूं। टिकट मांगने का हक सबको है, वो मांगे टिकट, पर शालीनता रखे कि सर्वे हो रहे हैं, पूरा प्रोसेस होता है टिकट का, उसके बाद में सब लोग मिलकर काम करें, ये मेरा मानना है।
संवाददाता - सर कई लोग मांग कर रहे हैं, लालचन्द कटारिया हो, संजय बापना हो ...उसको आप किस रूप में लेते हैं।
उत्तर - अब जब एक बार कह दिया है कि हाईकमान फैसला करेगा। उसके बाद में कई बार अति-उत्साह में लोग बोल जाते हैं, मैं उनसे भी अपील करूंगा कि वो अति-उत्साह में नहीं बोलें। जनता का क्या फीडबैक है, ये तो आम जनता का होता है, इसलिए मैंने कहा था कि जो आवाज जनता की होती है वो ही खुदा की आवाज होती है- ’’खलक की आवाज ही खुदा की आवाज होती है।’’ जनता कुछ कहती है आपको गांव में, ढाणी में, किसी के बारे में भी कहो, वो फीडबैक जाता है सब जगह। उसको बार-बार हम लोग बोलेंगे तो अनावश्यक रूप से विवाद पैदा होता है। तो मैं समझता हूं कि अच्छा रहेगा कि अति उत्साह में किसी का फालोअर कुछ भी हो, पार्टी के हित में अपनी बात को हाईकमान को कहे, जो एआईसीसी पदाधिकारी हैं, उनको कह दे, मुझे कहे, पीसीसी अध्यक्ष को कहे, नेता प्रतिपक्ष को कहे, सीपी जोशी जी को कहे, वो अलग बात है। परन्तु बिना मतलब अखबार में बोलेंग तो उसके मायने दूसरे निकल जाते हैं। अनावश्यक विवाद पैदा होता है, उस विवाद से बचना चाहिये सबको।
संवाददाता - सर, अलग अलग महामंत्री बना रहे हैं, इसका उद्देश्य क्या है, फोरमेट समझा दीजिये।
उत्तर - इसका मतलब एक महामंत्री हैडक्वार्टर का हो गया, एक कोम्यूनिकेशन देखे, प्रचार का देखे, इस प्रकार से सब राज्यों में, सब प्रदेश कांग्रेस कमेटियों में हम एक-एक महामंत्री को चिन्हित कर रहे हैं, एक ट्रेनिंग का भी देख रहे हैं हम लोग। एक महामंत्री ट्रेनिंग का काम भी देखे, ये काम के बंटवारे की बात है।
इसका उद्देश्य यही है कि एक महामंत्री संगठन का काम देखे और कम्यूनिकेशन रखे, पीसीसी अध्यक्ष व्यस्त रहते हैं, तो हो सकता है वो टाइम पर सूचना नहीं कर सके और वो बनाने वाले पीसीसी अध्यक्ष ही होंगे जो वो तय करेंगे कि अपनी टीम में से किसको बनायें, संगठन मंत्री बनाये, किसको कम्यूनिकेशन और प्रचार का काम देवें, किसको ट्रेनिंग का काम दे, वो उनके ऊपर निर्भर करता है।
संवाददाता - सर, राफेल सौदा मामले पर ....
उत्तर - राफेल का मामला बहुत बडा मामला है। इसको पार्लियामेन्ट में राहुलजी ने उठाया है। राहुल जी गुजरात से लगातार उठाये जा रहे हैं। इस मुद्दे पर अभी तक कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने। ऐतिहासिक सौदा हो गया। कैसे एल.ए.एल. जो भारत सरकार की बैंगलोर में कम्पनी है, जिससे यूपीए के समय सौदा पक्का हो चुका था, वो बदला क्यों गया? क्या कारण थे कि केबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी होती है, उसकी जानकारी के बिना, केबिनेट की जानकारी के बिना इतना बड़ा सौदा हो गया, 500 करोड़ का जो प्लेन था वो 1500 करोड़ का बन गया। आशंका और संदेह होना लाजमी है। उसक जवाब मैं समझता हूं प्रधानमंत्रीजी को, रक्षा मंत्रीजी को देना चाहिये। ना वो हाउस में दे रहे हैं, ना वो बाहर दे रहे हैं, इसलिए कांग्रेस उसको इश्यू बना रही है और मैं समझता हूं कि गांव-गांव में इश्यू पहुंच रहा है। इतना बडा घपला हो गया। तभी तो लोग भाग के जा रहे हैं, नीरव मोदी, मेहुल चोकसी, विजय माल्या पता नहीं कितने लोग चले गये हैं देश छोड़ करके। ये तमाम बातें सबके सामने है। और राफेल का जो सौदा हुआ है, उसको लेकर संदेह को दूर करना प्रधानमंत्री का काम है, वरना ये इश्यू बनेगा और कांग्रेस इस इश्यू को बढायेगी।
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