Shri Ashok Gehlot

Former Chief Minister of Rajasthan, MLA from Sardarpura

Talked to media after meeting with Prime Minister Shri Narendra Modi ji in Delhi

दिनांक
05/02/2019
स्थान
नई दिल्ली


हमारी परम्परा रही है जब नई सरकार बनती है तो राष्ट्रपति महोदय से, प्रधानमंत्री जी से कर्टसी कॉल भी करना चाहिए जो परंपरा पुरानी रही है उसको निभाना मेरा फर्ज था तो मैं मिला राष्ट्रपति जी से मिला आज प्रधानमंत्री जी से मिले, बातचीत करी और साथ में हमने बताया कि किस प्रकार से राजस्थान की बड़ी योजनाएं थी हमारी रिफाइनरी उनको खुद को मालुम है वो खुद आये थे शुभारम्भ करने के लिए उसके बाद में मैंने एक मीटिंग भी करी है अधिकारियो के साथ में केंद्र के, राज्य के, चेयरमेन भी थे हमने कहा की टाइम बाउंड रिफाइनरी का काम पूरा हो वहां पर जो अनावश्यक पांच साल तक डिले कर दिया गया कोई कारण नहीं था 26 पर्सेंट भागीदारी जब हमने किया था तब भी थी पांच साल पहले और पांच साल के बाद में भी 26 पर्सेंट भागीदारी है जबकि वसुंधरा जी ने खूब प्रचार किया कि पानी हमारा, तेल हमारा, बिजली हमारी, जमीन हमारी और 26 पर्सेंट ही क्यों रखी अशोक गहलोत ने? आज हम पूछते है उनको कि भई आपने भी पांच साल बाद में 26 पर्सेंट भागीदारी ही क्यों रखी? पर ये तमाम बाते जब जहन में आती है तो प्रधानमंत्रीजी को मैंने कन्वे किया कि किस प्रकार से रिफाइनरी का काम, जो ब्रॉडगेज बन रही थी आदिवासियों में रतलाम से डूंगरपुर वाया बांसवाडा अपने धौलपुर से सरमथुरा से करौली होते हुए गंगापुर, अजमेर नसीराबाद होते हुए टोंक होते हुए सवाईमाधोपुर, बड़े बड़े प्रोजेक्ट थे हमारे मेमू कोच फेक्ट्री थी काम सब होते नहीं होते पर मैंने कहा की प्रयास भी नहीं किये गए राजस्थान सरकार द्वारा ये बहुत अन्फॉर्चुनेट है। अब मैं आपको लिख के दे रहा हूँ कृपा करके आप इसको आगे बढाएं एक बात तो ये। दूसरा जो है किसानो की समस्याए है बहुत बड़ी क्योंकि हम MSP घोषित करते है और अनाउंसमेंट करते है कि जब तक MSP से नीचे रेट नहीं आएगी तब तक खरीददारी करते जाएँगे पार्लियामेंट के अंदर भी सम्बन्धित मंत्री महोदय जी ने ये कहा था कि राजस्थान सरकार क्या सभी जगह MSP भी नीचे रेट आये तब तक खरीददारी चलती रहेगी हमारी ये आश्वासन दिया गया पार्लियामेंट के अंदर भी तब भी, तब भी वहां स्थितियां ठीक नहीं है राजस्थान के अंदर वहां मूंग की खरीद की बात थी तो 40% खरीदने का इन्होने कहा की आप खरीद सकते हो और राज्य की स्थति अच्छी नहीं होगी आर्थिक रूप से हम मदद करेंगे तो हम मदद मांग रहे है हमारी करो और 40% तक छूट होनी चाहिए थी तो यह सब बाते हमने उनको ब्रीफ करी है। उन्होंने कहा की ये सब बाते में दिखवाता हूँ।
प्रधानमंत्री जी को पत्र लिखे उनकी कापियां सब मैंने लगा दी उनको पुराने जो जितने भी हमारे पत्र थे किसानो के लेके थे, कर्जा माफ़ी को लेके थे, जो जो मैंने पत्र लिखे उनकी कॉपी साथ में लगा दी।
मैंने सारे पत्र साथ में लगा दिए है, मैंने अपनी बात जिस रूप में कही है वो मैंने आपके सामने रख दी की कोई कारण नहीं होता है कि सरकारे बदलने के साथ साथ में विकास के काम रुक जाए ये कभी नहीं होना चाहिए।
बजट में तमाम ये चुनाव को देखते हुए फैसले किये गए है अंतरिम बजट भी जिस रूप में लाया गया है वो बजट के रूप में लाया गया है मतलब इस गवर्मेंट ने सट्टा बजट पेश कर दिया है जो कभी परम्परा रही नहीं है वोट के लिए काम लेते है ये तीन महीने के लिए और काम चल जाता है परन्तु जानबूझ के पूरी स्पीच पढ़ी गई, पूरे वादे किये गए ये चुनाव जीतने के कारण ये सब हो रहा है जो कुछ भी हो रहा है, बिना आधारकार्ड के आप पैसे देने की बात कर रहे हो लोगो को ऑब्लाइज करना चाहते हो किसी भी रूप में पर आज देश का किसान दुखी है, युवा दुखी है देश के इश्यु बन चुके है राहुल गांधी जी ने जो इश्यु बनाये है नम्बर एक किसानो के इश्यु, उनको तकलीफे हो रही है तमिलनाडु के किसान, महाराष्ट्र के किसान, मध्यप्रदेश के किसान वहां तो फायरिंग भी हो गई लोग मारे गए थे तो आज किसान बड़ा इश्यु है देश के अंदर नम्बर एक, नंबर दो आप ये जो युवा से वादे किये गए थे दो करोड़ रोजगार देने के वो बड़ा इश्यु है लोग मारे-मारे फिर रहे है रोजगार के लिए, ना रोजगार है और ना नौकरियां है, महंगाई की मार सबको मालूम है, कालाधन लेके आये नहीं पता नहीं क्या हुआ उसका, RTI में पूछते है तो कहते है की बता नहीं सकते हम आपको की क्या स्थति बनी उसकी तो ये तमाम बाते इश्यु है देश के लिए जो राहुल गांधी जी ने एजेंडा फिक्स कर दिया है देश का, राफेल का कर दिया है अब सरकार को जवाब देना है और मैं समझता हूँ की उसका जवाब हम लेके रहेंगे ये चुनाव आ रहा है चुनाव के अंदर जब केम्पेन चलेगा हम इनसे सवाल करेंगे और मैं दावे के साथ कह सकता हूँ की प्रधानमंत्री जी हो चाहे उनके मुख्यमंत्री लोग हो चाहे उनके केन्द्रीय मंत्री हो इनके पास कोई जवाब नहीं होगा ये मैं कह सकता हूँ।
जब रात को दो बजे सीबीआई के मुख्यालय दिल्ली में पुलिस द्वारा छापा डाला गया उसी दिन से क्रेबिडीलिटी सीबीआई की देश के अंदर डेमेज हो चुकी है और वो जो एक विश्वास था लोगो का वो डगमगा गया है ये सब उसका फोलोआउट है और जिस रूप में एक चुनी हुई मुख्यमंत्री जी को धरने पर बैठना पड़े लोकतंत्र के अंदर ये आप समझ सकते हो की किस मज़बूरी में बैठी होगी ममता जी, क्या माहौल बना होगा वहां पर और किस रूप में उनको तंग किया जा रहा होगा ये स्थति बनी क्यों है? कानून अपना काम करे कोई नहीं रोकता सुप्रीम कोर्ट ने कहा तो ममता जी ने उसका स्वागत किया है तो ये तो कानून अपना काम करे उसमे कोई भी नेता हो, आम आदमी हो सब बराबर है कानून के सामने सब बराबर होते है।
ममता जी को जब राहुल गांधी जी खुद ही समर्थन दे चुके है तो तमाम राज्य सरकारे कांग्रेस की है वो स्वतः ही समर्थन में आ गई है कोई कहने की आवश्यकता ही नहीं होती है।

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