Shri Ashok Gehlot

Former Chief Minister of Rajasthan, MLA from Sardarpura

Press Conference at PCC

दिनांक
13/03/2019
स्थान
जयपुर


एक तो बात यह थी कि सबसे गंभीर बात यह है 70 साल तक कभी भी गांधी का नाम नहीं लिया गया, सरदार पटेल का नाम लिया गया और अब उनकी विरासत को चुरा करके मोदीजी राजनीति करना चाहते है देश के अंदर, देश उनको कभी स्वीकार नहीं करेगा। पटेल साहब ने तो आरएसएस पर बैन लगा दिया था और आरएसएस ने लिखके दिया था हम भविष्य में राजनीति में कभी भाग नहीं लेंगे हमारा सांस्कृतिक संगठन है उसके बावजूद भी ये विरासत चुरा करके राजनीति कर रहे है इसका कोई सम्बन्ध ना तो गांधी की या पटेल की नीतियों से है ना उनके सन्देश से है ना उन्होंने कभी स्वीकार किया।
आरएसएस के भी नेता रहे होंगे उनका नाम नहीं लेते क्योंकि उनकी कोई विरासत है ही नहीं। और जो देश में भावात्मक मुद्दे है उनपर राजनीति करना चाहते है, चुनाव जीतना एक बात है राममंदिर के नाम पर चुनाव जीत गए और अब देशभक्ति की बात कर रहे है, हम लोग देशभक्त नहीं है? देशभक्त होने के लिए सर्टिफिकेट लेओ बीजेपी से। राष्ट्रभक्ति की बात वो करते है क्या बाकी लोग राष्ट्रभक्त नहीं है क्या?

राष्ट्रभक्ति की बात वो करते है क्या बाकी लोग राष्ट्रभक्त नहीं है क्या? खोली मुझे इस मौके पर यही कहना है की हमारी तयारी तो चल रही है, हम काफी आगे निकल चुके है, कैंडिडेट का सलेक्शन करीब करीब हो चुका है, क्योंकि देश का मीडिया दबाव में है उसको आप सब मानते हो मीडिया होउसेज दबाव में हैं मोदीजी ने जो सीबीआई, ED इनकम टेक्स का जो शिकंजा कसा है NDTV पर तो हमला हो चुका सीबीआई का इसलिए हम जानते है की आपकी मज़बूरी है, मजबूरियों में देश का मीडिया हाउस दवाब में है। सही पिक्चर दिखा नहीं रहा है देश को, राहुल गांधी क्या बोलते है, हमारी भावना का है वो नहीं दिखायेगा, मोदी, मोदी, मोदी खाली जो वो बोलते है उनकी भावनाएं है परसेप्शन बनाने में लगा है।

इसलिए राष्ट्रप्रेम और राष्ट्रभक्ति की बातें ज्यादा उछल चुकी है देश के अंदर जबकि हकीकत में मुद्दे दूसरे हैं। मैं कहना चाहूँगा इस मौके पर कृपा करके आज आप सब हमसे जुड़े हो कितना दिखा पाओगे ये आपके हाथ में नहीं है वो भी मीडिया हाउसेज के हाथ में है वो देखते है कि वास्तव में हमें क्या जवाब देना है। लाइव चलाओ और कुछ भी करो ये बात मैं नई नहीं बोल रहा हूँ लगातार बोलता जा रहा हूँ कि लोकतंत्र खतरे में है देश के मीडिया पर इतना दबाव है क्योंकि एक तरफा दिखाना पड़ रहा है, सच्चाई दिखा नहीं पा रहा है इससे बड़ा क्वेश्चनमार्क क्या होगा लोकतंत्र के लिए? लोकतंत्र में हर व्यक्ति को आजादी होनी चाहिए MLA हो, MP हो, मंत्री हो, मुख्यमंत्री हो, प्रधानमंत्री हो इनके राज में क्या है आप आलोचना कर दो सरकार की आप देशद्रोही हो किस तरफ देश जा रहा है आमजनता को सोचने की आवश्यकता है। मैं बहुत गंभीरता से कह रहा हूँ, हालात बड़े गंभीर है इसलिए पूरा विपक्ष एकजुट हुआ है। तीन बात है...देश खतरे में है, लोकतंत्र खतरे में है, और सविधान खतरे के अंदर है।

राहुल गांधीजी को इनवाइट हम लोगो ने किया है यहाँ आने के लिए वो भी आयेंगे रैलियां करेंगे। राहुल गांधीजी बार-बार कहते हैं कि हमारी कोई दुश्मनी नहीं है ना किसी से अदावत है और हम भी कहना चाहेंगे राहुलजी की भावनाओं को समझने का प्रयास करे नरेंद्र मोदीजी, आप बजाय राईट लेफ्ट चलो, दायें-बांये चलो मुद्दों से भटका के देश को आप चुनाव जीतना चाहते हो जो आपका असफल प्रयास होगा। राहुल गांधी चाहते है मुद्दे पे आये, मुद्दे क्या है किसान का मुद्दा है, मुद्दा क्या है नौजवानों की नौकरियों का मुद्दा है, मुद्दा क्या है महंगाई का मुद्दा है, मुद्दा क्या है सबसे बड़ा राफेल का मुद्दा है, करप्शन का मुद्दा है 500 करोड़ का लड़ाकू विमान सरकार बदलते ही 1600 करोड़ का कैसे हो गया? ये मुद्दा है, ये मुद्दे को भटका के चुनाव जीतना चाहते है काठ की हांडी बार-बार नहीं चढती इसबार जीतने वाले नहीं है।

कोई सबूत नहीं मांगता है मैंने यही कहा मीडिया दबाव में है तब ये बातें उछाल रहा है, दबाव में चल रहा है कभी नहीं माँगा सुबूत, कौन मांगता है सुबूत? आज़ादी के बाद में कभी भी किसी भी हिन्दुस्तानी नागरिक नहीं कभी भी ना आर्मी पर, ना नेवी पर, ना एयरफ़ोर्स पे सवाल उठाया है। हमारे नेता ने यह कहा दुनियाभर के जो क्वेश्चनमार्क लगा रहे है कि आपने सर्जिकल स्ट्राइक की... सुबह-सुबह खबर दी थी 350 लोग मारे गए पूरा देश बहुत खुश हुआ था कि आपने बदला ले लिया 45 लोगों कि शहादत का जो हमारे नौजवान शहीद हुए थे बदला ले लिया, पूरा देश उत्साहित था, नौजवान सड़कों पर आये हुए थे, केंडल मार्च कर रहे थे फिर पूरी दुनिया के मीडिया ने कहा वहां कुछ हुआ ही नहीं है तब अमित शाह जी ने कहा 250 लोग मारे गए, अहलुवालिया जी ने कहा हम तो खाली बताने गए थे की हमने ताकत है लड़ने की हम कोई मारने थोड़े गए थे, और एयरफ़ोर्स कह रहा है की ये हमारा काम नहीं है कोई मरा या नहीं मरा सरकार बताये फिर क्या माने? इसलिए इनको जनता को जवाब देना चाहिए इनको खुद के इंटरेस्ट में, कंट्री के इंटरेस्ट में है, इस गवर्मेंट के इंटरेस्ट में है की वो बताये की हकीकत ये थी और पूरी दुनिया का झूठा मीडिया है वो गलत प्रचार कर रहा है। ये कहना चाहिए उनको इस प्रकार कहाँ सवाल उठाया जा रहा है? जानबूझ करके ये कोई यह बात कहे कि पाकिस्तान के लोग ताली बजाते है ये भाषा प्रधानमंत्री जी को शोभा नहीं देती है। आप हिंदुस्तान के किसी नेता के बारे में कहो कि विपक्ष बोलता है तो पाकिस्तान में ताली बजती है ये जुमले है। पाकिस्तान में ताली जब बजी थी जब मोदीजी गये थे बिना बुलाये शादी में गए थे, बर्थडे में गए थे तब ताली बजी थी वहां पर कि हिंदुस्तान का प्रधानमंत्री बिना बुलाये हमारे यहाँ आ गए, बिन बुलाये मेहमान उसकी बात करो आप लोग। ये जो भटकाने की बात कर रहे है षड्यंत्र है बीजेपी का, मोदीजी का, अमित शाह का इसको अगर मीडिया नहीं समझा तो आने वाले वक्त में सबको पछताना पड़ेगा ये मैं कह सकता हूँ।

देखिए जब मोदीजी के नाम का पिछले चुनाव में जो माहौल बना था वो हम स्वीकार करते है, झूठे वादे करके ब्लैकमनी लायेंगे, दो करोड़ लोगों को रोजगार देंगे, 15 लाख रूपये खाते में आयेंगे महंगाई रोक देंगे और एक सिर के बदले 10 सिर लायेंगे। कोई दोराय नहीं ऐसा मुद्दा बना सुनामी आई वो आपके सामने है भारी बहुमत से 30 साल के बाद में स्पष्ट बहुमत उनको मिला है उस 56 इंच के सीने के झांसे में सब लोग आ गए, मतदाता आ गए अगर मोदीजी चाहते तो 56 इन्च के सीने की तरह व्यवहार करते, पूरे मुल्क को साथ लेके चलते वो चांस उन्होंने गँवा दिया। अब वो 56 इंच का है, पता नहीं 26 का रह गया है या 30 का रह गया है मुझे नहीं मालूम अब वो उससे बढ़ने वाला नहीं है उससे घटने वाला ही है यह मैं कह सकता हूँ।
उनके पास और है क्या? जब उपलब्धियां नहीं है बताने के लिए। लोकतंत्र में आप पांच साल पहले वादे क्या-क्या करके आये वापस जनता को रिपीट करो ये बातें कि ये वादे हम निभा पाये, और ये वादे हम नहीं निभा पाए ये हमारी मज़बूरी थी कोई बात नहीं, ये मेरी उपलब्धियां है और अब हम वापिस आये है आपके सामने जनता के दरबार में आगे हम ये ये वादे करके काम करना चाहते है। तीन बातें होती है तीनों बातों पर कोई टिप्पणी नहीं देश के अंदर ये लोकतंत्र में अच्छी परम्परा है कि लोकसभा चुनाव में उतरने की आप बताये? उपलब्धियों से बचाव करने के लिए ये खाली राष्ट्रभक्ति, देशभक्ति और जैसे हम तो कोई देशभक्त है ही नहीं और मोदीजी को यह नहीं बोलना चाहिए और जो माहौल बना था उनके पक्ष में तब भी 100 में से 31 वोट उनको मिले थे, स्पष्ट बहुमत जरुर आया पर 69 वोट उनके खिलाफ पड़े है ये समझना चाहिए उनको। अब कहाँ वो माहौल है? कहाँ इतने वोट है? अब तो नीचे आने वाले है।

आप मीडियावाले अपनी बात तो हमें बताते हो नहीं आपके वहां क्या होता है? सम्पादक क्या कहता है, आपकी टेबल पर लिखने वाला कौनसी लाइन आपकी काट रहा है, कौनसी लाइन बिना पूछे जोड़ रहा है, बताते हो आप लोग? प्रिंट मीडिया में क्या-क्या होता है, आपको बिना पूछे कौनसी लाइन जोड़ रहे है, कौनसी काट दी किसी को पता नहीं है बताये आप? राजस्थान के मीडिया से मैं अपेक्षा करता हूँ कृपा करके सच्चाई का साथ दो. चालु रखो, आप बताये मुझे पांच साल तक ये अध्यक्ष महोदय है पांच साल में किसी को कोई जरूरत पड़ी क्या किसी नेता ने कहा राजस्थान के अंदर सचिन पायलट जी प्रदेश अध्यक्ष से हटने चाहिए? एक नेता ने नहीं कही, क्या आप लोग पत्रकार है आप जब लिख सकते हो जब कोई व्यक्ति स्टेटमेंट देवे तब लिखनी चाहिए हटने चाहिए जब हमने कहा ही नहीं था इतना प्रेम मोहब्बत थी हमारे बीच के और आप लोगो ने क्या है कोई कमी नहीं छोड़ी, कोई कमी नहीं छोड़ी, कोई कोई तो होता ही है. अरे हम तो मोटरसाइकल में बैठ चुके दिखा नहीं आपको? मोटरसाइकल पर बैठे चुके है, राहुल गांधीजी कह चुके है, कई बार पायलट साहब गाड़ी चलाते है मैं बैठा रहता हूँ साथ में इतना प्रेम देखा आपने? बताये आप फिर भी आप छापते रहे यहाँ की मीडिया की मुझे अपेक्षा नहीं थी इस प्रकार की गलत न्यूज़ छापने की.... मैं कैसे भूल सकता हूँ, सूरतगढ़ के अंदर मैं और कल्ला साहब चले गए चाय पी रहे है अंदर जाकर के एयरपोर्ट पे और न्यूज़ क्या छपती है हेडलाइन अख़बार में अशोक गहलोत को रोका गया एअरपोर्ट के बाहर, एसपीजी और पुलिस वालो ने सचिन पायलट जी उतरे गाडी से कैसे रोक सकते हो वो मुझे अंदर ले गए .... ये आपका मीडिया है... अच्छी बात है सच्चाई है वो...

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