Shri Ashok Gehlot

Former Chief Minister of Rajasthan, MLA from Sardarpura

Talked to media at residence

दिनांक
30/03/2019
स्थान
जयपुर


राहुल गांधी जी ने अनाउंसमेंट किया था न्यूनतम आय योजना उसको लेकर मोदी जी और उनकी पार्टी के लोग बहुत परेशान हैं और उन्होंने हमले तेज कर दिए हैं, राहुल जी पर भी और कांग्रेस पर भी। जहां जाते हैं वो तुकबंदीया और टिप्पणियां करते रहते हैं क्योंकि जो आदमी बौखला जाते हैं तो वह क्या कहना चाहते हैं उसकी बजाय गुस्से में वो बातें निकलती है जो कि टिप्पणियों में लोग पसंद नहीं करते, वो स्थिति उनकी बन गई है।
अब जिस प्रकार से उन्होंने 40 मिनट इंतजार करवाया देश को कि मैं आपको बहुत जल्दी सूचना देने वाला हूं बहुत महत्वपूर्ण। खोदा पहाड़ निकली चुहिया जो कहावत है पुरानी, पूरा देश हतप्रभ रह गया कि यह हमें क्यों इंतजार करवाया गया। लोग तो बड़े आशंकित हो गए, भय में आ गए कि पता नहीं आज कोई और नोटबंदी हो रही है, पता नहीं क्या घोषणा कर देंगे पता पड़ा ही नहीं लोगों को और बाद में वह बात बोली जो डीआरडीओ के डायरेक्टर खुद बोल सकते थे। यह 35-40 साल लगे हैं इसरो की स्थापना में, वैज्ञानिक सोच जो पंडित नेहरू की उस जमाने में थी, स्थापना हुई 35- 40 साल लगे हैं इसरो को बनने में। वो ऐसा प्रजेंट करते हैं कि जैसा उनके आने के बाद में सब कुछ हो रहा है, 100 उपग्रह छोड़े जा रहे हैं और ये साइंटिस्ट्स ने एक नई उपलब्धि कर ली है। इस प्रकार से हर चीज को प्रस्तुत करते है जैसे यह सारी चीजें साढ़े चार साल, लगभग 5 साल इनके कार्यकाल की उपलब्धियां ही हो उस रूप में यह हर चीज को प्रस्तुत देश के सामने करते हैं और इनकी पोल खुलती जा रही है, पोल खुलती जा रही है। इनको भ्रम है यह अभी हवा में उड़ रहे हैं। इनकी पार्टी के लोग, नेता लोग समझ बैठे हैं कि सरकार हमारी आने वाली है, जो कि संभव नहीं होगा क्यों कि सब जान चुके हैं कि यह जुमलेबाजी करते रहते हैं और प्राइम मिनिस्टर वादे करते हैं वो झूठे साबित होते हैं, उन वादों को भूल जाते हैं नए वादों पर यह बात कहते हैं अपनी और उपलब्धियां क्या रही देश के सामने इनकी 5 साल में उस पर वो बताते नहीं है।
तो धीरे-धीरे अब मैं समझता हूं कि जनता समझ चुकी है कि ना 15 लाख रुपए आए, ना अच्छे दिन आए, ना दो करोड लोगों को रोजगार मिला और ना काला धन आया, जो इनकी मेन थीम थी उस पर पूरी तरह फेल हो गए और मेरा मानना है कि जो न्यूनतम आय योजना लागू करने की घोषणा करी राहुल जी ने, तो राहुल गांधी ने कहा कि मैं 15 लाख का वादा नहीं कर रहा हूं आपसे, यह असली वादा कर रहा हूं हमारी गवर्नमेंट आएगी तब करके दिखा देंगे इसको, जिसमें ₹72000 प्रति वर्ष 20% जनता को मिलेंगे जो बिल्कुल ही गरीब लोग हैं। यह तो शुरुआत कर रहे हैं जो फर्स्ट फेज होगा, उसके बाद में और आगे फेज बढ़ेंगे, इस प्रकार से हर व्यक्ति को कम से कम ₹72000 प्रति साल मिले, ₹360000 होते हैं 5 साल के।
इस प्रकार से एक स्कीम जो है, उसको सोशल जस्टिस कह दीजिए आप मेरी दृष्टि के अंदर दुनिया के विकसित राष्ट्रों में ऐसी स्कीम इस रूप में नहीं है, यह पहली बार राहुल गांधी जी लेकर आए हैं वहां और तरीके से सोशल सिक्योरिटी देते हैं जिससे कि कोई इंसान जो है बुजुर्ग भी है, यह भी एक प्रकार से उस से बढ़ के स्कीम हैं और यह होना भी चाहिए।
आज हम लोग 21 वी शताब्दी में पहुंच चुके हैं, 21वी सदी का नारा दिया था राजीव गांधी जी ने उस वक्त में लोग समझे नहीं बाद में जब यह कंप्यूटर आए, मोबाइल फोन है हर हाथ में आ गए तब मालूम पड़ा कि राजीव गांधी क्या चाहते थे। तो उसी रूप में राजीव गांधी यह चाहते थे कि नई शताब्दी में जाए तो विकसित राष्ट्रों की श्रेणी में कैसे आए हम इस तैयारी के साथ में जाए, 15 साल बच रहे थे उस वक्त में, कि 15 साल बाद में जब नई शताब्दी लागू होगी तब तक हम लोग ऐसी तैयारी कर ले मेहनत करके की जब नई शताब्दी में हिंदुस्तान खाली डेवलपिंग कंट्री नहीं रहे, डवलप्ड कंट्री बन जाए। उसी रूप में मैं इस को देखता हूं कि अब जमाना आ गया है एक मजदूर आदमी जिंदगी भर मजदूरी करता है जब उसका शरीर साथ नहीं देता है तो उसको सुरक्षा सिक्योरिटी मिलनी चाहिए। आज हमारे देश की स्थिति बन गई है कि हम सोशल सिक्योरिटी दे सकते हैं जो दुनिया के विकसित राष्ट्र देते हैं और उसी रूप में इसको देखा गया है।
अब एक बात जो मैं कहना चाहता हूं आपको, कांग्रेस ठोस काम करती है जो कहती है, वह करती है। ये जुमलेबाजी करके जनता को गुमराह करने का काम करते हैं, मैं मीडिया के साथियों को भी कहना चाहूंगा कि सच्चाई को उजागर करना भी हमारा सब का कर्तव्य है, चाहे पॉलीटिशियन हो, मीडिया वाले हो, चाहे कोई व्यक्ति हो।
पिछली बार जब नरेगा लेकर आए हैं वो भी एक प्रकार से विश्व के अंदर पहली योजना थी जो गारंटी दे रही थी आदमी को, मैं तो अनुभव रखता हूं बचपन से जिसमें नरेगा के पहले लोग मानसून धोखा देता चहरे लटक जाते थे कि अब क्या होगा? काम मांगते फिरते थे, काम खोलो पीने का पानी मनुष्य और पशुओं के लिए कहां से आएगा, चारा कहां से आएगा, मजदूरी अधूरी मिलती थी, न्याय नहीं होता था वह तमाम तरह की बातें जो है एक स्कीम लाने से खत्म हो गई वह अश्योर हो गया कि मुझे काम मिलेगा ही मिलेगा उसकी बारगेनिंग पावर बढ़ गई, खेतों के अंदर भी, फैक्ट्रियों में भी क्योंकि जब मजदूर मिलते ही नहीं है तो उसको ₹100 देते थे उसको ₹200 देने पड़ रहे हैं, 200 वाले को 300 देने पड़ रहे हैं तो यह इस प्रकार का फायदा मिलता है पर उस वक्त में क्या कहा गया कि यह जो कांग्रेस है महंगाई बढ़ाने का कारण यह है कि पैसा लुटा रही है गरीबों पर। नरेगा लेकर आ गए, फूड सिक्योरिटी लेकर आ गए ₹2 गेहूं और तीन रुपए किलो चावल जो वेलफेयर स्कीम लागू करी, हमारे यहां की स्कीमों को तो रेवड़ियां बताया गया की रेवड़ियां बंट रही है राजस्थान के अंदर, दवाइयां नहीं है ज़हर बँट रहा है यह सब कहा गया।
पर आज मैं जब कहना चाहूंगा यह योजना लेके आये नई इस योजना के माध्यम से जब पैसा जाएगा गरीब की जेब में वह पैसा खर्च होगा उसकी परचेजिंग पावर बढ़ेगी और यह परचेजिंग पावर बढ़ती है हमेशा नरेगा के अंदर भी ऐसा हुआ तो उससे एक्टिविटी बढ़ती है, जब परचेजिंग पावर बढ़ती है तो वह चीजें खरीदता है उससे डिमांड बढ़ती है, डिमांड बढ़ती है तो सप्लाई पूर्ति करने के लिए उत्पादन बढ़ता है और चक्र घूमता है विकास का, यह फायदा होता है। परंतु इन बातों से इनको मतलब नहीं है, इनको चुनाव जीतने से मतलब है इसलिए क्या करते हैं यह लोग कांग्रेस को बदनाम करने के लिए, लुटा रही है लोगों को पैसा लुटा रही है और भ्रम पैदा करते हैं महंगाई इसलिए बढ़ रही है की कांग्रेस लुटा रही है हमारे पैसे को, चुनाव जीतने के लिए जबकि हो उल्टा रहा है। यह लोग चुनाव जीतने के लिए जुमलेबाजी करते हैं और गरीब को न्याय देने में अड़चन पैदा करते हैं। इसलिए मैं कहना चाहूंगा कि यह चुनाव बहुत महत्वपूर्ण है, यह चुनाव लोकतंत्र को बचाने का चुनाव है, संविधान को बचाने का चुनाव है। हम तो इसको इस रूप में देखते हैं कि आज सब के मुंह पर ताले लग गए है और आप समझ लो कि कोई बोलता है वह देशद्रोही होता है, आप सरकार की आलोचना कर दे तो देशद्रोही बन जाते हैं, इतना भय है कि लोग टेलीफोन पर बात नहीं करते हैं, मोबाइल पर व्हाट्सएप पर बात करते हैं, लैंड लाइन पर बात करते हैं यह नौबत क्यों आ रही है? एक इंसान को फ्रीडम नहीं है तो लोकतंत्र क्या है? लोकतंत्र वह है जिसमें आप प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, मंत्री किसी की आलोचना कर सकते है आप, आज तक की 70 साल की परंपरा यही रही है। मोदी जी ने उस परंपरा को तोड़ दिया है हिंसा हो रही है, घृणा हो रही है, लिंचिंग के नाम पर निर्दोष लोग मारे जाते हैं फिर भी कहते हैं कि हमने जो वादा किया वह निभाया है।
दूसरा हमने देश का यह पहला राज्य है जो माइक्रो, स्मॉल और मीडियम इंडस्ट्री है उसका जारी किया उसका बड़ा रेस्पॉन्स आ रहा है क्योंकि एक नौजवान को सारी फॉर्मेलिटी नहीं करनी पड़ेगी जो राज्य की है, लैंड यूज चेंज नहीं करना पड़ेगा, खाली सूचना देनी पड़ेगी कि मैं इंडस्ट्री लगा रहा हूं, 3 साल तक उसको कोई कुछ नहीं पूछेगा तो कम से कम उसका हौसला बढ़ेगा काम करने का यह जो योजना हमने लागू की है इसका बहुत अच्छा रेस्पोंस मिल रहा है और न्यूनतम गारंटी योजना जो राहुल जी ने कहा है इसको कांग्रेस और नेतृत्व अभी वर्किंग कमेटी हुई थी दिल्ली में उसको मेनिफेस्टो में मुख्य मुद्दा बनाने का तय किया गया।
एक जो राइट टू हेल्थ यह पॉइंट भी राहुल गांधी जी बराबर बोल रहे हैं की हर इंसान को स्वास्थ्य की गारंटी मिलनी चाहिए, उसके पास में पैसा नहीं है इसका मतलब वह इलाज नहीं करवा सकता। हमने उस दिशा में बहुत कदम उठाए जिनको हमारे पार्टी प्रेसिडेंट अप्रिशिएट करते हैं पिछले 5 साल से देश के विभिन्न कोनो में जाते हैं तो वह राजस्थान की फ्री मेडिकल स्कीम को अप्रिशिएट करते हैं और इस स्कीम को हम भी चाहेंगे कि और ज्यादा मजबूत राजस्थान में करें, और अभी हमने उसमें कैंसर, किडनी और हार्ट की दवाइयां जोड़ी है पर यहां हम लोग रुकेंगे नहीं और ज्यादा इसको कैसे मजबूत कर सकते हैं, जयपुर में SMS के अंदर आज सीनियर सिटीजन का सीटी स्कैन, MRI भी फ्री होता है। हम चाहते हैं कि राजस्थान भर के अंदर ऐसी स्थति बने जहाँ 6 हजार, 8 हजार रूपये लेते है लोग फ्री कैसे हो सकता है? तो हम शिक्षा और स्वास्थ्य दो चीजों को प्रायोरिटी देंगे राजस्थान के अंदर भी बाकी काम तो बिजली पानी सड़कें वह तो चलता ही रहेगा विकास का चक्र चलता ही रहेगा।
दो इश्यू ऐसे जो आबादी पढ़ लिख जाती है जिस प्रदेश की, देश की वह प्रगति स्वयं कर लेता है। स्वास्थ्य अच्छा रहे व्यक्ति का, एजुकेटेड हो तो फिर वह रास्ता निकाल लेता आगे बढ़ने का तो इस दिशा में हम जोर देंगे यह मैं निवेदन करना चाहता हूं।
मैंने जो फैसले किए हैं वैसे तो आपके पास होंगे परंतु फिर भी हम लोग एक नोट देंगे आपको जो फैसले हमने किए हैं तो उसको आप यूज कर सकते हो क्योंकि 2 महीने में इतने फैसले लागू हो गए, फैसला करने में और लागू करने में रात दिन का फर्क होता है वह भी हमने किया है आप लोग इसको अप्रिशिएट करोगे और आप उसको अपने तरीके से यूज कर सकते हैं क्योंकि मेरे खयाल से देश के अंदर पहली गवर्नमेंट है राजस्थान में जिसने सरकार बनते ही बड़े-बड़े फैसले किए और लागू कर दिए। बीजेपी वाले जो बोलते हैं 100 दिन में कुछ नहीं किया या जो आते रहते हैं, आप की मजबूरी है कि आप भी छापते रहते हैं, क्योंकि मजबूरी होती है कि वह कहते हैं तो छापो उनकी बात भी तो यह चलता रहता है पर आपको यह भी तय करना पड़ेगा मीडिया के परिवार के लोगों को कि सच्चाई किन के साथ में है सच्चाई का पुट भी उसमें आना चाहिए यह मेरा मानना है, धन्यवाद।

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