Talked to media in Jaipur today..
दिनांक
14/04/2019 |
स्थान
जयपुर
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बाबा साहेब अंबेडकर की जयंती के उपलक्ष्य में जो उन्होंने उस जमाने में कहा था कि शिक्षित बनो, आगे बढ़ो, आज भी मैं समझता हूं कि जो समाज में पिछड़े हुए हैं चाहे वह SC के हो, ST के हो, OBC के हो या कोई गरीब आदमी कोई किसी जाति-धर्म का हो पर जिसको जरूरत है आगे बढ़ने की जिसके समाज को, उसके परिवार को उसके लिए बाबा साहेब अंबेडकर का वह संदेश कैसे आप शिक्षित बनो उस पर जोर देने की आवश्यकता है, बिना शिक्षा के जिंदगी में अंधेरा है यह मेरा मानना है। इसलिए हमारी गवर्नमेंट ने भी पिछली बार आपको मालूम है कि पानी बचाओ, बिजली बचाओ, सबको पढ़ाओ का नारा दिया था हम लोगों ने और उसका बहुत बड़ा इंपैक्ट भी रहा था। आज भी समाज को शिक्षित होना चाहिए इस मौके पर मैं यही कहना चाहूंगा।
सवाल: सर देश में जिस प्रकार का माहौल, आप भी कोट करते हैं, अंबेडकर की शिक्षाएं ऐसे समय में जब डेमोक्रेटिक की संस्थाओं पर सवाल उठ रहे हैं उसको किस रूप में आप देखते हैं?
जवाब: देश के सामने बहुत बड़ा चिंता का विषय पैदा हो गया है, मोदी जी के शासन के अंदर जिस प्रकार का व्यवहार किया गया देशवासियों के साथ में, नोटबंदी में लोगों को खड़ा कर दिया लाइनों में, 300-350 लोग मारे गए आज तक कोई पूछने वाला नहीं है उनको, क्या कसूर था? ब्लैक मनी व्हाइट हो गई पीछे के दरवाजे से बैंकों के आगे लाइने लगी रही, यह तमाशा कितने दिन चला और नक्सलवाद खत्म होगा, कोई खत्म नहीं हुआ, आतंकवाद की कमर टूट जाएगी वह आज भी पुलवामा में देख लिया आपने क्या हुआ। तो कहने का मतलब यह है कि नोटबंदी की गई तब यह कहा गया ब्लैक मनी तो खत्म हो जाएगी, पूरी की पूरी जमा हो गई तो तमाम उन की योजनाएं पूरी तरीके से नाकामयाब रही है। जुमलेबाजी से 5 साल निकाले हैं कोई वादे पूरे नहीं हुए ना ब्लैक मनी लाने का वादा पूरा हुआ, ₹ 1 भी ब्लैक मनी का बाहर से नहीं आया बल्कि बाहर चला गया है। कई लोग भाग के चले गए हैं यहां से। ना रोजगार मिला, ना महंगाई कम हुई, मोदी जी को चाहिए इस चुनाव में 5 साल में जो वादे किए पहले उसके बारे बोले वह, उपलब्धियां बताएं कि मैंने यह काम किए हैं और इसमें मैं कामयाब रहा हूं। घोषणा करना अलग बात होती है घोषणा तो उन्होंने बहुत करी है मेक इन इंडिया, मेड इन इंडिया, स्टार्टअप, डिजिटल इंडिया पता नहीं क्या क्या कह दिया उन्होंने, उनका असर कितना है टारगेट तक यह बताना पड़ेगा और आगे भी वह क्या करना चाहते हैं, इसके बजाय वह राष्ट्रभक्ति की बात करते हैं, कभी वह एयर स्ट्राइक की बात करते हैं। सर्जिकल स्ट्राइक पर पूरे देश को गर्व होता है जैसे इंदिरा गांधी जी ने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए, बंगलादेश बना दिया, 90,000 उनके जनरल, कर्नल, सैनिक उनको हथियारों के साथ में सरेंडर करवा दिया उस वक्त भी पूरे देश को गर्व हुआ था और अटल बिहारी वाजपेई जी को कहना पड़ा इंदिरा गांधी यह दुर्गा का रूप है। तो वह गर्व कम नहीं था देशवासियों को पर कभी भी कांग्रेस ने उसका फायदा राजनीतिक रूप से चुनाव में उठाने का प्रयास नहीं किया, कायदा होता है। सैनिकों के शौर्य पराक्रम का पूरे देश को गर्व होता है। पाकिस्तान में जिस प्रकार से सैनिकों का शासन बार-बार हुआ, हमारे देश में 70 साल में सैनिक और सेनाओं को अलग रखा गया राजनीति से, पहली बार राजनीतिकरण करने का प्रयास किया जा रहा है। योगी जी बोल रहे हैं यह मोदी सेना है, राष्ट्रद्रोह का मुकदमा तो योगी जी पर चलना चाहिए जिस प्रकार से यह आवाज उठाते हैं कोई व्यक्ति आलोचना कर देता है सरकार की तो सीधा आता है कि राष्ट्रद्रोही आदमी है, राष्ट्रद्रोही वह है जो मुख्यमंत्री होते हुए भी बोलते हैं की मोदी सेना है, आप कहां ले जाना चाहते हो देश को? जिस दिन पाकिस्तान की तरह यहां सैनिकों का हस्तक्षेप होने लग जाएगा क्या होगा देश के अंदर? हमारे यहां की सेना कभी सोचती ही नहीं है इन बातों को, वह खुद कहते हैं कि हमारा काम देश की रक्षा करना है हम अपना फर्ज अदा करते हैं, राजनीति अपनी जगह अपना काम करें वह खुद यह बात कहते हैं। अभी लोगों ने पत्र क्यों लिखा राष्ट्रपति जी को, यह जो घटनाएं हो रही है देश के अंदर उन को गंभीरता से लेना चाहिए देशवासियों को और विशेष करके नौजवानों को जिसका माइंड वाश किया जा रहा है सोशल मीडिया के माध्यम से, उनको मैं आगाह करना चाहूंगा कि आप आने वाले कल का भविष्य आपके कंधों पर रहेगा अगर आपने मोदी और उनकी पूरी टीम बनी हुई है, सोशल मीडिया से गुमराह हो गए आप लोग तो यह देश के लिए खतरनाक होगा, मेरा उन को आगाह करने का फर्ज बनता है मैं राजस्थान का प्रथम सेवक हूं, मुख्यमंत्री हूं मैं कहना चाहूंगा कि यहां की नई पीढ़ी को भी प्रदेश की और देश की उनको समझना पड़ेगा कि यह झूठ के अलावा कुछ नहीं बोलते हैं और किस प्रकार से पंडित नेहरू के बारे में क्या क्या इन्होंने कहा है, जो 12 साल तक जेल में बंद रहे हैं जिन्होंने नींव रखी इस देश की। यह लोग जिस प्रकार से देश को चलाना चाहते हैं, उसे लोकतंत्र खतरे में हैं, संविधान खतरे में है और देश खतरे के अंदर हैं।