Talked to media in Bhilwara earlier today.
दिनांक
15/04/2019 |
स्थान
Bhilwara
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पब्लिक का रेस्पॉन्स भी बहुत शानदार है, हमारे कार्यकर्ताओं में उत्साह है और जिस प्रकार से 5 साल एनडीए गवर्नमेंट ने निकाले हैं और जो जुमलेबाजी की झूठे वादे किए, आज यह स्थिति बन गई है बीजेपी नेताओं की 5 साल की उपलब्धियां बताने को छोड़ कर के, अब वो राष्ट्रवाद की बात करते हैं, हिंदुत्व की बात करते हैं और चुनाव में ही इनको राम मंदिर याद आता है और जनता भी अब इनकी असलियत समझ चुकी है की चुनाव में सब अपने कार्यक्रम, सिद्धांत की बात कहें और अपनी उपलब्धियां बताएं कि 5 साल में हमने यह काम किए, यह वादे किए थे, यह निभाए और यह नहीं निभा पाए और आगे के लिए यह करना चाहेंगे। चुनाव मुद्दा आधारित नहीं हो रहा है देश के अंदर, हमारे नेता राहुल गांधी चाहते हैं कि आप इश्यू बेस्ड राजनीति करो, इश्यू बेस्ड कैंपेनिंग करो, इश्यूबेस्ड मेंडेट की अपील करो पर वह नहीं हो रहा देश के अंदर, यह डेमोक्रेसी के लिए अच्छी बात नहीं है। आप भावना भड़का करके और चुनाव जीतना चाहते हो।
शौर्य और पराक्रम तो सैनिकों का है सेनाओं का है उस पर पूरे देश को गर्व रहा इतिहास के अंदर, चाहे हम लोग हैं 62 के वार के अंदर पूरी तरीके से कामयाब नहीं हो पाए होंगे तब भी सेनाओं पर गर्व रहा देश को, 65 के बाद में हम लोग विजय हुए, 71 के बाद में पाकिस्तान के दो टुकड़े हो गए पर सेनाओं को सम्मान दिया गया देशवासियों के द्वारा और सेनाओं का हौसला बुलंद इसीलिए रहा 70 साल तक है कि हमें पूरा देश जिस सम्मान की दृष्टि से देखता है हमारे शौर्य को, हमारे पराक्रम को, हमारे साहस को यह हमारे लिए बहुत बड़ी पूंजी है जिंदगी की, हम देश के लिए मर मिटने वाले लोग हैं यह भावना उनकी रही उन्होंने कभी राजनीति की तरफ नहीं देखा और राजनीति ने कभी उनकी तरफ नहीं देखा। डेमोक्रेसी में चुनी हुई सरकार बनती गई और अपना काम करती गई और सेनाओं को सम्मान मिलता गया, पहला मौका आजादी के बाद में यह है जब आप सेनाओं का राजनीतिकरण करना चाहते हैं, उनके नाम से आप चुनाव जीतना चाहते हैं, पराक्रम उनका और श्रेय आप ले रहे हो, कभी इंदिरा गांधी ने नहीं लिया, लाल बहादुर शास्त्री ने नहीं लिया उन नेताओं ने सेनाओं को श्रेय दिया। मोदी जी और इनके लोग श्रेय खुद ले रहे हैं यह भावना जिस रूप में फैल रही है देश के अंदर यह बहुत खतरनाक है। आप ने आईएसआई को जो मेन पाकिस्तान की एजेंसी है, जो तय करती है कौन प्रधानमंत्री कब तक रहे, कब उसको हटाना है कब सेना का शासन आना चाहिए, उस एजेंसी को आपने बुला लिया हमारे यहां पठानकोट में, जांच करने के लिए, इतना मूर्खतापूर्ण कोई काम कर सकता है क्या? आज तक के इतिहास में नहीं किया गया किसी ने कि आप आईएसआई को बुला रहे हो, इनवाइट करो कि आकर देख लीजिए, अटैक हमारे ऊपर हुआ इनवाइट उनको कर रहे हो आप यह इनके अनुभव की कमी, इनके मूर्खता का परिणाम है गवर्नमेंट की, आजादी के बाद पहली बार देख रहे हैं उनको बुला रहे हो की देखो आप चेक कर लीजिए, किसको कह रहे हैं? आईएसआई को कह रहे हैं। यह इनकी स्थिति है यह क्या शासन करेंगे? अब यह सेना के पीछे छुप करके, उसके पराक्रम को जनता को बता कर के, जनता को भ्रमित करके गुमराह करके चुनाव जीतना चाहते हैं। योगी महाराज क्या कहते हैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कि यह मोदी की सेना है। कल भी कहा मैंने प्रदेशवासियों को मैं आगाह करना चाहूंगा, देशवासियों को, बहुत खतरनाक खेल चल रहा है इनकी बेवकूफियां ले डूबेगी देश को फिर कुछ नहीं होने वाला है, युवा पीढ़ी को गुमराह कर रहे हैं सोशल मीडिया के माध्यम से और जो डिक्टेटर बनते हैं वह यही काम करते हैं, डेमोक्रेसी का नाम लेते हैं, मुखौटा पहनते हैं, कामयाब होते हैं, तानाशाही दिखाते हैं यह तानाशाही की झलकियां है पूरे 5 साल देश को देखने को मिली है जिसमे घृणा का, नफरत का, हिंसा का माहौल बना है निर्दोष लोग मारे जा रहे हैं, कानून का राज धीरे-धीरे समाप्त हो रहा है यह स्थिति देश में बन गई है। और मेनिफेस्टो, आज भी मोदी जी और उनके नेता लोग कांग्रेस के मेनिफेस्टो की चर्चा कर रहे हैं, खुद का मेनिफेस्टो 2 दिन पहले आता है इनका पिछली बार भी ऐसे ही हुआ था 14 के अंदर, अभी ऐसे ही हुआ। इनका मेनिफेस्टो सिफर है कुछ नहीं उसके अंदर वहीं सेनाओं के शौर्य और पराक्रम को आगे रखकर कैंपेन कर रहे हैं, जो वादे पहले किए थे उनको इस बार रिपीट नहीं कर रहे हैं ना याद दिला रहे हैं। मोदी जी के मुंह से नहीं निकल रहा है नोटबंदी से हमने कितना बड़ा काम किया, अब बोलते नहीं हुआ। ना काला धन समाप्त हुआ, ना आतंकवाद समाप्त हुआ, ना नक्सलवाद समाप्त हुआ आप उपलब्धि के रूप में खुद नहीं बता रहे हैं कहीं जनता को याद नहीं आ जाए। GST 28 परसेंट पर ले गए फिर वापस आना पड़ा 18% पर वह भी अभी तक घालमेल ही है। जो इनके फैसले थे उनसे देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया, जीडीपी के आंकड़े फर्जी है जो खुद ही फॉर्मूला बदल बदल कर बता रहे हैं देश को। कल मैंने कहा वहां पर एनएसएसओ जो हमारी एजेंसी है देश की जो आंकड़े सर्वे करके प्रस्तुत करती है उसके आधार पर देश के पूरे विभाग केंद्र सरकार के आंकड़ों को देखकर के केंद्र सरकार और राज्य सरकारें आगे योजनाएं बनाती है, उन आंकड़ों को छुपा दिया इस बार आप तो मीडिया वाले लोग हो तमाम देश के करीब करीब अखबारों ने अपने संपादकीय लिखे हैं जैसा कभी नहीं हुआ। किस आधार पर आगे की योजनाएं बनाएंगे क्योंकि उनमें आंकड़े उनके खिलाफ जा रहे थे 5 साल के पूरी तरह गवर्नमेंट एक्सपोज हो जाती बचने के लिए वह भी रोक दिया आपने। बेरोजगारी की दरें आई है उसमें वह चौंकाने वाली है 40 साल में ऐसा कभी नहीं हुआ जो अभी हो चुका है, युवाओं में आक्रोश अलग फैल रहा है पर यह जानबूझकर के सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर रहे हैं, यह माहौल बना रहे हैं पहले जो माहौल बना हुआ था वह समाप्त हो चुका है और पिछली बार जब मोदी जी जीते थे चुनाव तब भी 100 में से 31 वोट ही आए थे, 69 वोट इनके खिलाफ पड़े थे। अब यह घबरा गए हैं कि सरकार नहीं बनने वाली है
राजस्थान में हम लोग मिशन 25 लेकर चल रहे हैं, सब जगह हमारे पक्ष में माहौल बनता जा रहा है आप देखेंगे कि हम लोग कामयाब होंगे।