Shri Ashok Gehlot

Former Chief Minister of Rajasthan, MLA from Sardarpura

Talked to Media in Jodhpur Today

दिनांक
24/04/2019
स्थान
Jodhpur


पूरे देश के अंदर घूम घूम कर के जिस प्रकार से भी ध्यान डायवर्ट कर रहे हैं, मुद्दों पर आ नहीं रहे हैं। राहुल गांधी जी बार-बार उनको मुद्दों पर लाने के ट्राई कर रहे हैं कि देश के मुद्दे वास्तव में क्या है। मुद्दे होते हैं अर्थव्यवस्था देश की, किसानों के लिए आपकी सोच क्या है, आपकी सोच क्या है देश के उद्योगों के लिए, आपकी क्या विदेश नीति होगी, आज सुप्रीम कोर्ट मान लीजिए चीफ जस्टिस कह रहा है कि सुप्रीम कोर्ट ज्यूडिशियरी को सबसे बड़ा खतरा है 3 दिन से रोज आ रहा है वहां पर आरोप लगे उन पर वह सफाई दे रहे हैं पूरा सुप्रीम कोर्ट डिस्टर्ब हो गया है, सुप्रीम कोर्ट नहीं बल्कि पूरे देश की ज्यूडिशियरी डिस्टर्ब हो गई है। आज ही मैं पढ़ रहा था कि 5 घंटे बैठे वो 5 जज तो अगर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डिस्टर्ब है और ज्यूडिशियरी पूरी डिस्टर्ब है देश की, सुप्रीम कोर्ट की ऐसी स्थिति तो आजादी के बाद आज तक सुनी नहीं होगी। पहले 4 जजों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करी तब सरकार को प्राइम मिनिस्टर को गंभीरता से लेना चाहिए था तो हो सकता है उस वक्त में दूर कर दी जाती तो आगे नहीं आती। अब जिस प्रकार से हालात बने हैं वह मैं बहुत चिंताजनक मानता हूं जो की डेमोक्रेसी में लेजिसलेटिव और ब्यूरोक्रेसी और तीसरा आपके ज्यूडिशरी इनका स्वतंत्र होना बहुत आवश्यक है। ज्यूडिशियरी को लेकर जो हालात बने हैं पूरे देश की ज्यूडिशियरी चिंतित है, सुप्रीम कोर्ट के हालात क्या हुए हैं होंगे अपन खाली सोच ही सकते है, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया पर खुद पर आरोप लगाना और फिर सफाई देना और फिर जो रोज आ रहा है मीडिया के अंदर तो मोदी जी क्या एक जगह भी जुडिशरी के हालातों को लेकर बोले है क्या? क्या देश के प्राइम मिनिस्टर का यह कर्तव्य नहीं है कि देश की जो एक स्तंभ है डेमोक्रेसी का तीसरा स्तंभ है वह डिस्टर्ब हो रहा है पूरा और उनके मुंह में से कोई आवाज नहीं निकल रही है।
मोदी जी जिस रूप में कैम्पेन कर रहे हैं व्यक्तिगत छींटाकशी, व्यक्तिगत आरोप, राहुल गांधी पर विपक्षी नेताओं पर, खुद ही सवाल खड़े कर रहे हैं कि कांग्रेस चिल्ला रही थी पाकिस्तान के पास एटम बम है, कब चिल्लाती थी? खुद ही प्रश्न खड़े करते हैं दूसरी पार्टियों के और खुद ही जवाब देते हैं मतलब एक प्रकार से जनता को गुमराह करने के अलावा कोई काम नहीं करते हैं और अभी तक वो मुख्यमंत्री की शैली होती है जो बोलने की उससे वह बाहर नहीं निकल पाए हैं 5 साल के बाद में भी जो अनुभव उनको 5 साल का होना चाहिए प्रधानमंत्री के रूप में, देश और दुनिया के प्राइम मिनिस्टर देखे हैं हमने यह पहले प्राइम मिनिस्टर है जो इस शैली में कॉमेंट करना, इस शैली में बॉडी लैंग्वेज, इस शैली में आरोप लगाना और इस शैली में आप विदेशों में जाकर भी यह कहना है कि हमारे देश में कुछ नहीं हुआ था और मैं नया भारत का निर्माण कर रहा हूं। मेरे ख्याल से कोई विदेशी प्राइम मिनिस्टर आया होगा इंडिया में उसने ऐसा नहीं किया होगा, तो आप लोगों को सोचना पड़ेगा कि अच्छा ऑडिटर होने से काम नहीं चलता उसके भुलावे में नहीं आये, उनका जो सोशल मीडिया में जाल बिछाया हुआ है जो गुमराह कर रहे हैं नहीं पीढ़ी को वो उनके झांसे में नहीं आये वरना बाद में हम लोगों को तकलीफ होगी मेरा यह मानना है। बोलते बड़ी अच्छी बातें हैं या तो मैं रहूंगा या आतंकवादी रहेंगे, अरे आप तो कहते हो इंदिरा गांधी जी ने तो करके दिखा दिया, इंदिरा गांधी ने खालिस्तान नहीं बनने दिया वहां पर भी आतंकवाद था, आतंकवाद का लोहा ही नहीं लिया बल्कि उसको जड़ मूल से खत्म कर दिया, इंदिरा जी ने किया रही सही कसर बेअंत सिंह जी थे मुख्यमंत्री उन्होंने कर दिया उनको बम के विस्फोट से उड़ा दिया गया। तो यह जुमलेबाजी करना बंद करो देश की जो मुख्य समस्याएं हैं, रोजगार की मुख्य समस्या है एनएसएसओ जिसने कहा और जिसकी ली हुई खबरें कि 40 साल में सबसे ज्यादा बेरोजगारी अब बढ़ी है देश के अंदर। आज सबसे ज्यादा कोई दुखी है तो युवा है रोजगार के लिए उन पर कोई चर्चा नहीं कर रहे हैं, किसान आत्महत्या कर रहा है उस पर कोई बात नहीं कर रहे हैं इनका क्या होगा। तो आप खाली पाकिस्तान के इर्द-गिर्द घुमाकर के राजनीति और देश भक्ति की बात करके, जैसे बाकी लोग देश भक्त है ही नहीं और धर्म के नाम पर आप ध्रुवीकरण करो चुनाव का, यह चुनाव इस प्रकार से लोकतंत्र को कमजोर करने स्थिति बन जाएगी, लोकतंत्र तब मजबूत है जब अनेकता में एकता है। इंदिरा गांधी ने उदाहरण पेश किए जरूरत पड़ी तो 65 में वार हुआ लाल बहादुर शास्त्री जी के वक्त में जय जवान जय किसान की बात की गई आज उनको हम लोग याद करते हैं। 71 का वार हुआ बांग्लादेश का उदय करवा दिया 93 हजार जनरल कर्नल मेजर सैनिकों को हथियारों के साथ सरेंडर करवा दिया, मैं तो खुद गया हूं वहां पर मोदी जी मैंने जाकर देखी वहां पर 15 दिन शरणार्थी शिविर में मैंने काम किया है, एक करोड़ शरणार्थी आ गए थे बांग्लादेश से हमारे देश के अंदर हमारी फौजों ने बाद में जब युद्ध हुआ तो विजय प्राप्त करी और 93 हजार सैनिकों को बंदी बना दिया और हथियार सरेंडर करवा दीये वह भी टाइम देखा हमने।

मोदी जी कई बातें कहते रहते हैं मुझे कल कहना पड़ा एक मीटिंग के अंदर की मोदी जी आप मुझ पर ही वार कर रहे हो जोधपुर में आकर के और चुनाव जीतने के लिए। उनके तर्कों में कोई दम नहीं है, गली गली में घूम रहे हैं 24 सीटों की परवाह नहीं है, तो क्या आपको परवाह है? कांग्रेस की 24 सीटें हैं जोधपुर के अलावा उसकी परवाह मोदी जी को है क्या अगर मुझे नहीं है तो? हम तो दो-दो तीन-तीन बार जाकर कैंपेनिंग करके आ चुके हैं सचिन पायलट जी हो, अविनाश पांडे जी हो हमने शानदार कैंपेनिंग की। सबसे अच्छा कैंपेनिंग सालों बाद पहली बार हुआ है राजस्थान में और मोदी जी आकर के यहां चुनाव जीतने के लिए, पता नहीं उन्होंने और भी कुछ कहा है मेरे बारे में...बेटे को बचाने के लिए घूम रहे हैं, गली गली में घूम रहे हैं, राजस्थान की 24 सीटों की परवाह नहीं, ये बेशर्मी के साथ भारत के शौर्य की बजाय पाकिस्तान के दुष्प्रचार पर विश्वास करते हैं, सपूतों के शौर्य के बजाय पाकिस्तान के सबूतों की बात करते हैं, सेना के शौर्य पर प्रश्नचिन्ह लगाते हैं... आप बताइए एक चुने हुए मुख्यमंत्री लोकतंत्र में जैसे प्राइम मिनिस्टर डेमोक्रेसी में चुनकर जाते हैं उसी ढंग से राज्यों के लिए चीफ मिनिस्टर भी डेमोक्रेसी में चुनकर जाते हैं उनके बारे में ऐसे शब्द काम में लेना क्या उचित है? अगर अगर यह काम चीफ मिनिस्टर कर रहा है तो गवर्नमेंट को उनको डिसमिस करना चाहिए जब चीफ मिनिस्टर पाकिस्तान की बोली बोलता है तो ऐसी गवर्नमेंट को डिस्मिस करना चाहिए था। तो चुनाव जीतने के लिए क्या आप इस स्तर पर गिर सकते हो? प्राइम मिनिस्टर इस निचले स्तर पर आ सकता है यह सोच के परे है। धोखेबाज,अरे मुख्यमंत्री जी आप मोदी और भाजपा के विरुद्ध होंगे कम से कम किसानों का बुरा मत सोचिए किसानों की सूची नहीं थी हमको.. कोई गवर्नमेंट ऐसी नहीं होगी देश के अंदर केंद्र सरकार सूची मांगे और वह दे नहीं उनको, जानबूझकर के बार-बार बोलते हैं जब आए थे वह किसान योजना शुरू करी थी ₹2000 का इंस्टॉलमेंट शुरू किया था तभी बोली थी कि राजस्थान सूची नहीं भेज रहा है। कर्जा माफी का 10 दिन में क्या हुआ? मोदी जी को जानकारी होनी चाहिए कर्जा माफ कोऑपरेटिव बैंकों का, भूमि विकास बैंक का हो चुका है, राष्ट्रीयकृत बैंक हैं केंद्र सरकार के अधीन आती है मोदी जी के अधीन आती है, वो कॉपरेट नहीं कर रहे हैं मोदी जी चाहते आरोप लगाने की बजाय वह चाहते कि राज्य सरकार ने कर्जा माफी का फैसला किया है आपको सहयोग करू जल्दी बातचीत करके वह फैसला हो सकता था। हमने वादा किया एनपीए वालों के 200000 तक के माफ करेंगे हमारी बातचीत चल रही है अभी कोड ऑफ कंडक्ट लागू है फिर कर देंगे।
इस प्रकार से जो मोदी जी बोले हैं जिस प्रकार से जोधपुर में और उदयपुर में मैं समझता हूं कि मुझे उनको कंडेम करना चाहिए। चुने हुए मुख्यमंत्री के बारे में 7 करोड़ आवाम का सवाल है, आपका तो 130 करोड़ जनता का सवाल है मैं कहता हूं मेरी 7 करोड़ जनता की आवाम का सवाल है आप को किसने अधिकार दिया उनकी बेज्जती करने का? जनता ने चुन करके सरकार बनाई है फिर मुख्यमंत्री बनाया है, उनको खुद को नहीं बोलना चाहिए वह खाली 31 पर्सेंट वोट लेकर के प्रधानमंत्री बने हैं 100 में से 31 वोट मिले हैं उनको सिर्फ, 69 वोट उनके खिलाफ पड़े हैं 2014 के अंदर यह नहीं बोलना चाहिए उनको, पर डेमोक्रेसी में वह चुने गए हम सब ने प्रधानमंत्री के रूप में उनको स्वीकार किया देश ने पर वह देश के प्रधानमंत्री की बजाय वह खाली आरएसएस और बीजेपी के प्रधानमंत्री बन कर रह गए।

अन्याय बहुत किया हमारे साथ में स्मार्ट सिटी से निकाल दिया जिसको बेज्जती के तौर पर मानते हैं हम जोधपुर वासी। और रिफाइनरी, रिफाइनरी को बर्बाद करने का क्या अधिकार था आपको? 40 हजार करोड़ बचा दिया हमने, इसका मतलब 40000 करोड वह सरकार फालतू खर्च कर रही थी एक पत्र लिखते की आपका एग्रीमेंट ठीक नहीं है, क्या कारण है कि खाली श्रेय कांग्रेस को नहीं मिले इसलिए आपने डिले किया उसको। नई कंपनी को वापस दिया आपने उसका डीपीआर बना, प्रोजेक्ट बनाने के लिए दिया आपने जबकि पहले एसबीआई कैपिटल, की सब्सिडी के माध्यम से बन चुका था अब जो अमाउंट बढ़ गई है उसका जिम्मेदार कौन है?
एक बात और गंभीर है कि पुलवामा में 44 लोग सहीद हुए उससे पहले पठानकोट और उरी में हमले हुए तीन हमले हुए तो कहां हेकड़ी निकल गई पाकिस्तान की? आप के रहते हुए आतंकवाद के हौसले बुलंद हुए हैं, कश्मीर में आतंकवादी घटनाएं बढ़ी है, लोग हमारे ज्यादा मारे गए आपके राज में हमारे लोग ज्यादा शहीद हुए हैं और कहां से हेकड़ी निकल गई? यह आपका जनता को मैसेज देने के लिए हेकड़ी निकल गई, जोश भरने के लिए, चुनाव जीतने के लिए वह भी यह जुमला आपका। तीन हमले हुए, ब्लंडर किया है मोदी जी ने वह किया है ISI जिसको पूरा देश जानता है आईएसआई जो इंटेलिजेंस एजेंसी है उसके कारण आतंकवाद आता है देश के अंदर पिछले 40 साल से, उसके कारण सरकारे बदलती है वहां पर, डेमोक्रेटिक तरीके से चुनी हुई सरकार है वहां ध्वस्त की जाती है प्रधानमंत्री को गिरफ्तार किया जाता है और सैनिकों का शासन होता है जिसमें सबसे बड़ा हाथ आईएसआई का होता है, उस आईएसआई को आपने पठानकोट दिखा दिया, हिंदुस्तान के रास्ता दिखा दिया, आपने इसके दबाव में किया? अभी मैंने जो आरोप लगाया 93000 सैनिकों को सरेंडर करवाया तो तो आपने कह दिया कि उस वक्त में इंदिरा गांधी ने दबाव में आकर उनको छोड़ दिया, 40 साल बाद में उसको तोड़ और मरोड़ कर के कहा आपने, अरे आपका अनुभव अभी बहुत कम है वह 20 साल पहले ही राजनीति में आए हैं, मुझे 40 साल से अधिक का समय हो गया है, उनको चाहिए विपक्ष के लोगों से भी हम जैसे अनुभवी लोगों से भी बात करें।
प्रधानमंत्री पद पर आना एक बात है पर शासन सही देना देश को वह दूसरी बात है, अगर वह प्रधानमंत्री बनने के बाद में समझ जाते कि स्पष्ट बहुमत उन्हें मिला है पर 31 वोट मिला है तो 56 इंच के सीने की जो उन्होंने बात करी है उसको कायम रखते हुए मुझे विपक्षी पार्टी से बात करनी चाहिए, देश हित को सर्वोपरि रखना चाहिए था। मोदी जी ने देश के हित नहीं रखे हैं सर्वोपरि ना बीजेपी के रखे हैं, ना आरएसएस के रखे हैं, उन्होंने सबसे पहले अपना हित उसके बाद में अमित शाह का हित, उसके बाद में जुमलेबाजी इसके अलावा कुछ नहीं किया। अगर वह हम जैसे अनुभवी लोगों से बात करते मुलाकात करते, पंडित नेहरू क्या करते थे इंदिरा गांधी क्या करती थी, अटल बिहारी वाजपेई जी विपक्ष में थे उनको UN में भेजा उनको भेज देते संयुक्त राष्ट्र संघ के अंदर बात को रीप्रजेंट करने के लिए जब बांग्लादेश का उदय हुआ था उससे पहले जयप्रकाश नारायण, 4-5 नेता देश के गए थे पूरी दुनिया को बताने के लिए कि आज हालात ऐसे हो गए हैं की एक करोड़ शरणार्थी तो आ चुके हैं आगे क्या होगा, मैं खुद 15 दिन गया हूं वहां पर सेवा करने के लिए मुझे मालूम है वहां पर क्या दृश्य थे... तो कहने का मतलब हम जैसे अनुभवी लोगों से बात करते मोदी जी, सोनिया गांधी जी से बात करते, सीताराम येचुरी जी से बात करते, डी राजा से बात करते, करुणानिधि से बात करते चाहे विपक्ष में थे सब लोगों से बात करते तो मैं समझता हूं कि ज्यादा अच्छा शासन दे पाते। पर उन्होंने अहम और घमंड में 5 साल निकाले हैं अबदेश समझ चुका है उन चालो को।
और यह बताइए पुलवामा में हमला क्यों हुआ? आपने हमले की जिम्मेदारी लेने के बजाय अपने ध्यान डाइवर्ट करने के लिए देश का, उसमें आप कामयाब नहीं हुए। आपने एयर स्ट्राइक करी कोई बात नहीं हमें सेना पर गर्व है कोई संदेह नहीं करता सेना पर उनके शौर्य पर कभी भी नहीं किया देश को गर्व है 62 के बाद, 71 में और कारगिल के अंदर भी। कारगिल का जब युद्ध हुआ था तो 56 शहीदों के घर में गया हुआ हूं जब वाजपेई जी थे प्राइम मिनिस्टर, कभी भी आज तक लोगों ने सभी राजनीतिक पार्टियों ने एकजुटता दिखाई है , राहुल गांधी जी ने अभी एकजुटता दिखाई सरकार के साथ में जैसे ही आप ने सर्जिकल स्ट्राइक करी, पुलवामा में हमला हुआ। खुद ने ही मनगढ़ंत बातें कर ली और खुद ही उनका जवाब दे रहे हो यह जो आपकी एक एप्रोच है जनता आपकी चालो को समझ चुकी है।
उस समय वाजपेई जी ने यह कहा था मैं उन लोगों में नहीं हूं जो मैं यह कहूं कि 50 साल में कुछ भी नहीं हुआ देश के अंदर, यह कहके तो जो हमारे हिंदुस्तानी लोग हैं उनकी बेज्जती करना होगा। यह पार्लियामेंट के अंदर अटल बिहारी जी प्रधानमंत्री बने तब उन्होंने कहा 50 साल में बहुत कुछ हुआ है देश के अंदर। यह उन की तोहीन करना है क्या कह रहे हैं मोदी जी क्या वाजपेई जी की पार्टी के नेता है, क्या उनसे प्रेरणा नहीं ले सकते थे वो? और लोगों पर विश्वास करते हैं या नहीं करते उन पर तो कर सकते थे उन्होंने क्यों कहा।
और जो उनकी बातें हैं उन पर मुझे हंसी भी आती है उन्होंने बाबा गोरखनाथ जो 21वीं शताब्दी में पैदा हुए, संत कबीर 15 वी शताब्दी के थे, गुरु नानक 16 वी शताब्दी के थे और मोदी जी कहते हैं तीनों बैठकर आपस में चर्चा किया करते थे, बता दीजिए। वाह मोदी जी वाह कमाल कर दिया आपने।
श्यामा प्रसाद की 53 में श्रीनगर में हत्या हुई इन के संस्थापक थे वह जनसंघ के और आप कह रहे हो कि उनकी मौत स्विजरलैंड में हुई और पंडित पंडित नेहरू ने उनकी हस्तियों को हिंदुस्तान में लाने नहीं दिया और मैं लेकर आया हूं, बाद में पोल खुल गई तो इनकी पार्टी ने कहा कि उनका मतलब था कि वह कोई दूसरे थे गुजरात के थे उनकी अस्थियां लेकर आए थे, बता दिया कि स्वामी केशव वर्मा थे कोई उनकी अस्थियां मुख्यमंत्री के तौर पर लेकर आए थे.. और कहते है कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी की अस्थियां लेकर आया हूं मैं, आप बताइए कमाल के आदमी है।
यह तो मैंने कुछ झलकियां दिखाई है बाकी तो आप जानते हो वह क्या क्या बोल सकते हैं खाली जुमलेबाजी करते हैं और कुछ नहीं करते हैं

बार-बार राहुल गांधी के बारे में बोलते रहते हैं इनको पूछो कि भाई कुछ तो ऐसा किया होगा कि 70 साल के बाद में 30 साल से इस परिवार का कोई भी सदस्य किसी भी पद पर नहीं है। लास्ट में राजीव गांधी थे पद पर प्रधानमंत्री, 30 साल से तो कोई पद पर है नहीं 70 साल हो गए देश को आजाद किए हुए। अगर कांग्रेस पार्टी कोई क्रेडिबिलिटी इस परिवार के प्रति है क्योंकि इतना बड़ा मुल्क है यह देश कोई छोटा-मोटा नहीं है, 130 करोड़ में दक्षिण पश्चिम पूर्व उत्तर सब लोग रहते हैं, अलग-अलग भाषाएं हैं बोलियां हैं। कांग्रेस के सब लोग यह मानते हैं कि यह साथ लेकर चलते हैं सब को साथ रखते हैं तो इनको तकलीफ क्यों होती है? बीजेपी के पेट में दर्द क्यों होता है, इन को क्या तकलीफ है? मोदी जी को तकलीफ क्यों है वह राहुल गांधी के पीछे ही क्यों पड़े रहते हैं? इसका जवाब दो, बिना राहुल जी पर आरोप लगाए हुए उनका कोई स्पीच होता ही नहीं है।
अब जो कहा परमाणु बम के बारे में तो मैंने जवाब दिया आपने शायद छापा होगा देखा होगा कि किस प्रकार से पंडित नेहरू के जमाने में, मैंने कहा मेरी और मोदी जी की उम्र लगभग बराबर है हम 4 साल के थे जब पंडित नेहरू ने एटॉमिक पावर संस्थान खड़ा कर दिया था, 54 में जब मेरी और मोदी जी की उम्र 4 साल की थी। 67 के अंदर भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर बन गया था देश के अंदर और 74 में इंदिरा गांधी ने पोकरण के अंदर भूमिगत विस्फोट कर दिया था पूरी दुनिया चकित रह गई क्या हुआ और वही बाद में वाजपेई जी के वक्त में विस्फोट वापस किया गया था फिर पाकिस्तान ने विस्फोट किया, इतिहास गवाह है। आप प्राइम मिनिस्टर हो प्रधानमंत्री का हर शब्द, मेरी कोई मोदी जी से व्यक्तिगत दुश्मनी थोड़ी है, हर शब्द प्राइम मिनिस्टर का दिल को छूने वाला होना चाहिए। क्या मोदी जी आप बताओ मुझे आप जब बोलते हो बातों को गुमराह हो रहे हैं बातों से सोशल मीडिया से नई पीढ़ी के लोग भी गुमराह हो रहे हैं कल आने वाला भारत उनके कंधों पर रहेगा, उनको भी मैं कहना चाहूंगा कि यह भ्रम फैला रहे हैं सोशल मीडिया की टीम वह भी एक षड्यंत्र है। उन के चक्कर में नहीं आए वह लोग मेरा मानना यह है।
एक और बात उन्होंने कह दी सरदार पटेल के अंतिम संस्कार में पंडित नेहरू आए ही नहीं थे, रिकॉर्ड की बातें हैं प्राइम मिनिस्टर को पूरा ज्ञान नहीं हो यह संभव होता है प्राइम मिनिस्टर हो चाहे मुख्यमंत्री हो, या तो बोलो मत उस बात को अगर आप बोलते हैं तो पूरी ब्रीफिंग लो आप है अपने ऑफिस से लो उसके बाद में आप बोलो देश की जनता को संदेश देने को बोलना पड़ता है, कुछ भी करो पर कम से कम सच्चाई पर चलो आप। बाद में वापस कांग्रेस को बताना पड़ता है यह देखिए अंतिम संस्कार का दृश्य यह है सब लोग थे वहां पर, यह संभव है क्या सरदार पटेल डिप्टी पीएम थे गृह मंत्री थे और उनके अंतिम संस्कार में नहीं गए यह मोदी जी क्यों बोलते हैं ऐसी बातें?
सबका साथ सबका विकास इसकी धज्जियां उड़ा दी मोदी जी ने, क्या सबको साथ लेकर चले वह? अगर सबको साथ लेकर चलते उनका बड़प्पन दिखता है उसके अंदर। ना तो विपक्ष को साथ लिया, ना सभी जातियों को साथ लिया, न सभी धर्म के लोगों को साथ लिया और ना सभी देशवासियों को साथ लिया।

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