Talked to media in Jodhpur
दिनांक
18/05/2019 |
स्थान
जयपुर
|
पूरा मुल्क देख रहा था किस प्रकार से एक तरफ राहुल गांधी जी चैलेंज दे रहे हैं मोदी जी को आप क्यों नहीं डिबेट में आए हमारे साथ में, क्यों नहीं आप ने राफेल के मुद्दे को लेकर जवाब दिया और मोदी जी ने क्या देश को कहा कल, अमित शाह जी ने कहा हमारे वर्कर की संख्या बढ़ गई है, बूथों की संख्या बढ़ गई है 2 करोड़ थे पहले हमारे वर्कर कैम्पेन में 2014 में अब 11 करोड़ हो गए हैं वह अपना खाली जो व्यवस्था की कैंपेन की उसके बारे में वह अपनी बात कहते गए उसके लिए देश बैठा हुआ था क्या सुनने के लिए उनको? कल कैंपेन के बाद कहना चाहिए था कि यह हमारे इश्यू थे, हम इन इशू के आधार पर चुनाव लड़े हैं और हमें उम्मीद है कि हम जीतेंगे या हारेंगे जो भी था, उसकी बजाए अपने इश्यू बेस राजनीति करी नहीं डेमोक्रेसी में आप की 5 साल की उपलब्धियां क्या रही है, आगे आपकी सोच क्या है क्या करने की, क्या वादे कर रहे हो इस पर इलेक्शन लड़े जाते हैं उसकी बजाए उन्होंने इलेक्शन लड़ा वह आप सबको मालूम है। कभी राम मंदिर ले आते,कभी धर्म के नाम पर, अभी वह पाकिस्तान के नाम पर बालाकोट में हमने सर्जिकल स्ट्राइक करी तो सर्जिकल स्ट्राइक सेनाओं ने करी और सेनाओं पर पूरे देश को गर्व है और अभी नहीं है चाहे 65 का वार हो, चाहे 71 का वार हो, चाहे कारगिल हो तब भी सेनाओं ने शौर्य पराक्रम में कमी नहीं रखी थी तो इसलिए इतिहास गवाह है कि हमारे देश की सेनाओं ने देश का मान सम्मान और सिर हमेशा ऊंचा रखा है आप उसका राजनीतिक लाभ उठाना चाहते हो चुनाव जीतने के लिए यह कहां की समझदारी है? आपके पास कहने को दो शब्द नहीं है कि आप युवाओं के लिए क्या करोगे, किसान के लिए क्या योजनाएं हैं, अर्थव्यवस्था किस दिशा में जा रही है आप क्या उसके लिए स्टेप उठाओगे, आपकी नीतियां क्या है आप की विदेश नीति क्या रहेगी कुछ नहीं बोले वो और खाली उन्होंने कल आकर के पूरे मीडिया के सामने हंसी के पात्र बने, मोदी जी प्रधानमंत्री देश के अमित शाह जी कल मीडिया के सामने हंसी के पात्र बने क्योंकि 5 साल तक कभी भी वो एक भी प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं करी उन्होंने 5 साल में, प्रधानमंत्री जी ने एक भी नहीं करी और कल वो क्या मुंह है लेकर के आकर के बैठे थे मेरी समझ से परे है और इसलिए कल का जो प्रेस कॉन्फ्रेंस था मैं समझता हूं पूरे मुल्क में जनता ने देखा है और कल वोटिंग है सुबह तो लोग समझ गए कि इनकी असलियत क्या है और अगली सरकार मोदी जी की नहीं बनने वाली है।
कल तो एक जो होता है कमांडर वो जब पूरी तरह से हार चुका होता है, थका मांदा आगे जब अपनी पराजय को स्वीकार करता है उस रूप में उनका कल चेहरा देखने लायक था यह मैंने देखा।
सवाल: आज मोदी जी केदारनाथ में है और गुफा में साधना करेंगे और कल वोटिंग होने वाली है उसके बारे में आपका क्या कहना है?
जवाब: मोदीजी पिछले चुनाव में जब मैं गुजरात में गया था प्रभारी था तब वो काठमांडू नेपाल गए थे पशुपतिनाथ मंदिर के अंदर बैठे थे, दिन भर पूजा अर्चना करी पूरे मीडिया ने उनको दिखाया, आपके मीडिया ने दिखाया आपका मीडिया है ना जो यही काम करता है वो, ध्रुवीकरण करने के लिए तो मोदी जी के ध्रुवीकरण के अंदर आप की भी भागीदारी रहती है यह मत भूलो मीडिया वालों, समझ गए आप? आपके मालिक, आपके एंकर, आपके संपादक दबाव में है घबराए हुए हैं सीबीआई से, इनकम टैक्स से, ED से चाहते हुए भी सच्चाई नहीं बता पा रहे हैं आप कितनी बार मेरे मुंह से सुनना चाहते हो पता नहीं। आज वह गुफा में बैठे हैं, भगवा पहन के बैठे हैं और पता नहीं वह क्या मैसेज देना चाहते हैं देश को और दुनिया को, दुनिया भर देख रही है कि देश का प्रधानमंत्री मोदी जी कभी पशुपतिनाथ मंदिर में जाते हैं तो कभी गुफाओं में जाकर के बैठते हैं तो पूरा देश और दुनिया देख रही है उनको अब देश की जनता क्या फैसला करती है अब उसका इंतजार है।
सवाल: सर एक वो राजस्थान में सती प्रथा और जौहर को लेकर के बहस चल रही है आपके मंत्री....
जवाब: देखिए जौहर अलग होता है सती प्रथा अलग होती है, सती प्रथा का एक केस हुआ था जब राजीव गांधी जी प्रधानमंत्री थे तब मैं प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष था उसके बाद में कानून बना पार्लियामेंट का सती प्रथा पर रोक लगी हुई है पूरे देश के अंदर ठीक है और जौहर की जो भावना है इतिहास की वो देश और दुनिया जानती है उसको उस वक्त में जो आक्रमण हुए थे उसकी स्थितियां वो बखान करते हैं इसलिए उसको सती प्रथा से अलग मानना चाहिए। वो त्याग, वो उनकी तपस्या, संस्कार संस्कृति देश की है महिलाओं ने जिस रूप में उस जमाने में हम तो थे नहीं पर क्या हुआ होगा जिस प्रकार जौहर की कथा रही है, जिस प्रकार जोहर की हकीकत आ रही है जोहर के बारे में महाराणा प्रताप का शौर्य पराक्रम मैसेज है वो देश में नहीं पूरी दुनिया में है कि देश के इतिहास के अंदर महाराणा प्रताप का पराक्रम, उनका शौर्य, उनका बलिदान, उनका त्याग और तपस्या सब उनको नमन करते हैं और इसीलिए जौहर उस वक्त में हुआ है तो उसको कौन स्वीकार नहीं करेगा अनावश्यक उसको लेकर के कोई डिबेट नहीं होनी चाहिए। मैंने यह कहा है राजनीति के अंदर भी जो इतिहास से छेड़छाड़ करेगा जैसे मोदी जी और उनकी सरकार ने किया है, वसुंधरा जी और उनकी सरकार ने किया है जहां जहां बीजेपी की गवर्नमेंट बनती है पूरे देश के अंदर वहां वहां वो खुद का इतिहास तो बनाया नहीं है, ना तो इन्होंने भाग लिया कोई आजादी की जंग के अंदर अंगुली नहीं कटाई इन लोगों ने आजादी के जंग में वो यह लोग हैं, सत्ता में जरूर आ गए हैं जब खुद ने इतिहास नहीं बनाया तो दूसरों के इतिहास को तोड़ने मरोड़ने तो मैंने कहा आज आप सरकार चलाते हो राज्यों में या केंद्र में आप पुराने इतिहास की सच्चाईयो को आप समाप्त करेंगे और गलत व्याख्या करोगे इतिहास की, जो लोग खुद इतिहास को डैमेज करेंगे वो लोग खुद ही इतिहास नहीं बना पाएंगे ना उनको आने वाला भविष्य इतिहास के रूप में याद कर सकेगा यह मेरा मानना है।
सवाल: सर पहले जुगल काबरा चले गए, फिर सुराणा और अब भंवर बलाई...
जवाब: जिसके लिए मैं आया हूं यहां पर भंवर बलाई जी हमारे पुराने मित्र थे, भंवर बलाई जी एक काबिल, कर्मठ, निष्ठावान समर्पित और प्रतिबद्ध कांग्रेस के कार्यकर्ता थे वह विधायक भी रहे, जिला कांग्रेस कमेटी देहात के अध्यक्ष भी रहे, ताजीवन उन्होंने कांग्रेस की सेवा करी विभिन्न पदों पर रहकर के उनका जो योगदान है उसको हम भूल नहीं सकते इसीलिए आज जब मैंने रात को सुना कि उनका देहांत हो गया तो मैं आज यहां पर उपस्थित हुआ हूं और मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें और पूरे परिवार जनों को इस दुख की घड़ी को सहन करने की शक्ति दे।