Talked to media in Delhi
दिनांक
02/07/2019 |
स्थान
Delhi
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कई लोगों की भावना रहती है कि राहुल जी अपना काम किस प्रकार से एक कैप्टन की तरह जो अध्यक्ष के रूप में अपना काम संभालें इसलिए लोग बैठे हैं, धरना दिए हुए हैं। हम लोग भी अभी एआईसीसी में आए थे तो इन लोगों के साथ में एकजुटता दिखाने के लिए हम लोग भी यहां पर आ गए तो मुझे खुशी है कि कम से कम युवाओं में एक ऐसी भावना बनी हुई है कि जल्दी से जल्दी कांग्रेस की कमान राहुल जी वापस संभाले काम शुरू करें, यह इनकी भावना का प्रतीक है जिसका हम सब आदर करते हैं। यहां आने के लिए तो हजारों तैयार हो सकते हैं परंतु हमेशा यही कहा गया है कि भाई ऐसे माहौल के अंदर धरना देने के लिए सब लोग आ जाएंगे तो पीछे कौन रहेगा, वहां भी चुनाव आ रहे हैं नगर पालिकाओं के, पंचायतों के तो सबको रोक रखा है वरना तो यहां पर पता नहीं कितनी भीड़ इकट्ठा हो जाती एआईसीसी के अंदर, पहले भी आपने देखा होगा सोनिया गांधी जी के वक्त में कितने टेंट लग गए थे और आज भी वही जज्बा लोगों के अंदर है राहुल जी के प्रति और आज भी कई टेंट लग सकते थे यहां पर। जबसे वर्किंग कमेटी के बाद में परंतु सब लोगों ने रोक रखा है कार्यकर्ताओं को और कुछ हमारे उत्साहित यूथ कांग्रेस के लोग हैं जो एआईसीसी में काम कर रहे थे पहले, अभी भी कर रहे हैं सब कार्यकर्ताओं ने यहां बैठने का निश्चय किया, एक संदेश देने के लिए। आज भी बोहरा जी ने कहा इनको कि आपकी भावना पहुंच गई है राहुल जी तक इस प्रकार से इस धरने को समाप्त करवाया गया वरना लोगों में इतना जोश है कि आज हजारों की तादात में लोग आ सकते हैं और बैठ सकते हैं। हमने देखा है वह टाइम भी जब सोनिया जी के वक्त में एक वक्त ऐसा आया था जब आपने देखा होगा एआईसीसी के सामने कितने टेंट लग गए थे की मैडम को ही आखिर में आना पड़ा मिलने के लिए, वह टाइम भी हमने देखा है तो राहुल जी के लिए भी वही प्यार, वही मोहब्बत, वही स्नेह, वही विश्वास नेता के प्रति है और उस स्थिति में ही यह लोग बैठे थे और मोतीलाल वोरा जी ने क्योंकि सबसे वरिष्ठ नेता वही हमारे हैं उन्होंने इस प्रकार से इन को समझाया की आपकी भावना पहुंच जाएगी राहुल जी तक आप निश्चित रहो।
सवाल: सोनिया जी से भी रिक्वेस्ट करेंगे राहुल जी को मनाएं क्योंकि आपने कहा कि सोनिया जी को मिलना पड़ा था?
जवाब: परिस्थितियां अलग अलग होती है अब तो सब लोग मिलकर ही उनको रिक्वेस्ट कर रहे हैं और मैं समझता हूं कि वो कांग्रेस के लिए काम करने के लिए तो हमेशा तत्पर रहते हैं राहुल जी और तत्पर रहेंगे आगे भी, और आगे भी कैप्टन वही रहेंगे कांग्रेस के कैप्टन राहुल गांधी ही रहने वाले हैं आगे भी यह मैं कह सकता हूं आपको कि कैप्टन के रूप में वही काम करेंगे और उनका संदेश ही कार्यकर्ता लेकर के काम में आगे जुटेंगे कोई ब्लॉक में, कोई जिले में और कोई प्रदेश के अंदर। वो ही एजेंडा तय करेंगे क्या एजेंडे में कांग्रेस चले और क्या मुद्दे उठाएं यह जो गठबंधन सरकारे बनी है, इनके जो फासिस्ट लोग हैं, जो धर्म के नाम पर राजनीति करते हैं, राष्ट्रवाद के नाम पर राजनीति करते हैं और वोट लेते हैं जैसे हम लोग तो राष्ट्रवादी ही नहीं है खाली जो बीजेपी के साथ में है वही राष्ट्रवादी है बाकी तो राष्ट्रवादी नहीं है यह सोच फासिस्टि सोच हैं, यह सोच लोकतंत्र विरोधी सोच है। लोकतंत्र में सभी धर्म, सभी जाति, सभी वर्ग, सभी बोली बोलने वाले सब मिलकर के देश चलता है देश एक रहता है और अखंड रहता है इसके लिए इंदिरा गांधी जी ने अपनी जान दे दी यह तो असली लोकतंत्र की ताकत है, असली लोकतंत्र की ताकत यही है पूरे मुल्क के लोगों को साथ लेकर चलो, असली ताकत यह नहीं है कि आप चुनाव जीतने के लिए धर्म के नाम पर, जाति के नाम पर, सेनाओं के नाम पर, राष्ट्रवाद के नाम पर आप चुनाव जीत करके आ जाओ, मैं समझता हूं वह असली मायने में जीत कभी हो नहीं सकती, असली जीत तो सच्चाई की होगी और वह होकर रहेगी कभी ना कभी।
सवाल: सर कैप्टन राहुल गांधी रहेंगे तो वाइस कैप्टन कोई अलग बनेगा?
जवाब: मैं तो मेरी भावना बता रहा हूं, मेरी दृष्टि में राहुल गांधी कैप्टन रहेंगे और वही आने वाले वक्त में आगे एजेंडा तय करेंगे कांग्रेस का, वही आने वाले वक्त में आगे संघर्ष करेंगे और राहुल गांधी में ही दम खम है मोदी जी, अमित शाह जी और इस प्रकार के जो लोग हैं जिन्होंने एजेंडे से हटकर के कैम्पेन किया देश के अंदर चुनाव में, एजेंडा कहीं रह गया, एजेंडा होता है विकास का, एजेंडा होता है किसान का, नौजवान की नौकरियों का, अर्थव्यवस्था का वह तमाम एजेंडे गायब हो गए और राष्ट्रवाद राष्ट्रवाद राष्ट्रवाद, हम राष्ट्रवादी नहीं है क्या? उस रूप में चुनाव जीत करके आ गए वह लोग, सच्चाई राहुल गांधी जी के पक्ष में है अंतिम विजय सच्चाई की होती है मेरा मानना है।