Shri Ashok Gehlot

Former Chief Minister of Rajasthan, MLA from Sardarpura

Press Conference at Residence

दिनांक
18/08/2019
स्थान
जयपुर


मुख्यमंत्री निवास पर आने के बाद में मेरे ख्याल से यह पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस हो रही है, तो मैंने सोचा इसी बहाने आपको यहां पर आमंत्रित करू आप सभी पधारे हो आपका स्वागत है। जो बजट पेश किया था और बजट के बाद में जो घोषणाएं की थी उन घोषणाओं के ऊपर मॉनिटरिंग करने के लिए आज हमने मीटिंग की थी कि टाइम से घोषणाएं पूरी हो, बजट पेश करना एक बात है और जो वादे किए जाते हैं उनको इंप्लीमेंट करवाना दूसरी बात है। आज हमने उस पर चर्चा की है फाइनेंस की या किसी भी प्रकार की प्रॉब्लम आती हो तो वह दूर कर सकें।
राजीव गांधी जी का 75वां जन्मदिवस है, आपको याद है असेंबली में मैंने अनाउंस किया था कि साल भर हम लोग उनकी जयंती को मनाएंगे उसकी शुरुआत कल बिड़ला ऑडिटोरियम से हो रही है आप सब का स्वागत है। राजीव जी के वक्त में जो बड़े-बड़े ऐतिहासिक काम हुए थे, संविधान संशोधन हुआ उसके बाद में पंचायत चुनाव टाइम पर होने लग गए थे, इसी तरह आईटी के क्षेत्र में सोच से सभी परिचित हैं उन्होंने टेक्नोलॉजी मिशन बनाया, उसका इंपैक्ट पूरे देश पर रहा वह आज हम देखते हैं मोबाइल, फोन, इंटरनेट की सेवाएं, कंप्यूटर यह सब उनकी देन थी। यह सोच कर के जो जो फैसले उन्होंने किए 18 साल के नौजवान को मतदान का अधिकार दिया इस प्रकार के उनके फैसले थे वे एक नई पीढ़ी के लिए थे और नए भारत के लिए थे। 21 वीं शताब्दी में भारत कैसा हो, विकसित राष्ट्रों के सामने आकर खड़ा हो जाए यह उनके सोच थी और उसके आधार पर ही यह तमाम फैसले उन्होंने किए थे और इस रूप में हमने तय किया है कि हम पूरे साल भर तक उनके द्वारा किए गए कामों को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए उनकी सोच को, नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए प्रोग्राम किए जाते रहेंगे जिनकी कल हम दो दिवसीय शुरुआत कर रहे हैं।
जो पहलू खान वाला मामला था जिसे लेकर के बहुत ज्यादा चर्चा भी हुई और होना स्वाभाविक भी था। इस केस ने पूरे देश को हिला कर रख दिया और जिस प्रकार की लापरवाहियां पिछली सरकार ने करी वो कोई सोच ही नहीं सकता। लापरवाहियां करने की हदें पार कर गए उसके कारण संदेह का लाभ देते हुए कोर्ट ने मुजरिमों को बरी कर दिया।
जो कमी उन्होंने रखी है उनको दूर करने के लिए हमने एसआईटी का गठन किया है जो आपके सामने है और हम लोगों ने एक और फैसला किया जो हिनीयस क्राइम है, हीनीयस केस को लेकर उनकी मॉनिटरिंग का अलग सेल बनाया जाए यह नया फैसला हमने कल किया है।
पिछली सरकार में यह केस 4 बार बदला गया, तीन आईओ बदले गए चौथे आईओ ने केस का चालान पेश किया। आप सोच सकते हो इतना बड़ा केस था, गंभीर केस था उसके लिए भी बार-बार आईओ बदले गए क्यों बदले गए आप समझ सकते हो। उसी कारण से संदेह का लाभ मिला है और आरोपियों को बरी किया गया क्योंकि ना तो शिनाख्त करवाई गई मुजरिमों की, ना कैमरा जप्त किया गया जिससे वीडियोग्राफी की गई थी, ना जिससे वीडियोग्राफी करी उसको गवाह बनाया गया, ना जो एनडीटीवी ने स्टिंग ऑपरेशन किया था स्टिंग जिसका किया गया वह खुद स्वीकार कर रहा है हां मैंने उसकी मारपीट में हिस्सा लिया उस तक को गवाह नहीं बनाया गया और हमने जब कोर्ट में पेश किया कि इसको गवाह बनाना चाहिए तो कोर्ट ने उसको स्वीकार नहीं किया।
इस प्रकार भी और भी बहुत खामियां रही....इसी वजह से इसके लिए एसआईटी का गठन किया गया। भविष्य के लिए हमने कहा जैसा पहले मैंने कहा आपको कि एफआईआर दर्ज करना आवश्यक कर दिया गया है राजस्थान के अंदर, जो अन्य कहीं पर भी नहीं है। क्राइम की संख्या बढ़ेगी, संख्या बढ़ने के बजाय लोगों को राहत मिलना आवश्यक है इसलिए हमने कहा जो आएगा थाने के अंदर उसकी एफआईआर दर्ज करना कंपलसरी कर दिया गया है, वहां नहीं करते हैं तो एसपी ऑफिस के अंदर भी दर्ज करने की कार्रवाई हमने शुरू करवा दी वह भी देश में कहीं पर भी नहीं है। महिलाओं के लिए अलग से 1-1 सीओ की नई पोस्ट क्रिएट की गई राजस्थान के अंदर और नई उनकी नियुक्तियां होना शुरू हो जाएगी।
इस प्रकार से एक के बाद एक कदम उठाए जा रहे हैं जिससे कि आने वाले वक्त के अंदर राजस्थान में किस प्रकार से कानून का राज स्थापित रहे, कानून का राज स्थापित रहेगा तभी सब लोग सुख शांति और भाईचारे से रह पाएंगे यह मेरा मानना है। राजस्थान में किस प्रकार से कानून-व्यवस्था कायम रहे, अपराधियों को बचाने के लिए कोई हस्तक्षेप नहीं हो इसलिए हमने पुलिस के एसपी को अधिकार दिया है वह अपने मार्फत अधिकारियों पर निगाह रखें कि कौन किस रूप में काम कर रहा है, डिसिप्लिन में किस प्रकार का काम कर रहा है, डिसिप्लिन पर उसकी क्या स्थिति है, उसका व्यवहार कैसा है जनता के साथ में तमाम बातें एसपी खुद देखें और एसपी रिपोर्ट भेजेगा उसके आधार पर उन पर कार्रवाई होगी। इस प्रकार सक्षम एसपी रहेगा तो उसकी रिस्पांसिबिलिटी फिक्स हो सकती है यह सोच कर के हमने यह तमाम फैसले किए हैं।
तो आपको मैं विशेष बात कह रहा था कि हीनियस क्राइम, हीनियस केसेज को देख करके मॉनिटरिंग सेल की स्थापना की जाएगी राजस्थान के अंदर। उसमें आईजी स्तर का जो एडीजी क्राइम है उसके अंदर रहेंगे वो आईजी स्तर का अधिकारी होगा, दो डीआईजी होंगे और दो ही एसपी होंगे और दो लीगल ऑफिसर होंगे लीगल ऑफिसर तो इसलिए दिए जा रहे हैं कि यह जो सेल बन रहा है यह सेल जो है बनने के बाद में मॉनिटरिंग करने का काम यह करें कोर्ट तक, यह जो विशेष बात है यह जो हिनियस केसेस मॉनिटरिंग सेल इसमें दो लीगल ऑफिसर भी रहेंगे, दो SP रहेंगे, एक डीआईजी रहेंगे, एक आईजी रहेंगे और एडीजी क्राइम के मार्फत काम करेंगे उसके मायने हैं ऐसे जो संगीन केसेस हो जो पहलू वाला केस था उस ढंग से उसकी पूरी मॉनिटरिंग जो है स्टेट से भी होगी और रेंज से भी होगी और तफ्तीश के बाद में भी, और लीगल ऑफिसर को लेने का तात्पर्य यही है तफ्तीश के चालान करने के बाद में लगातार कोर्ट में क्या केस चल रहा है, गवाहों की स्थिति क्या है, गवाह कोई छूट तो नहीं गए हैं या जो एफएसएल की रिपोर्ट है, शिनाख्त परेड हुई है या नहीं हुई है, जो इसमें कमीयां रही है पिछली गवर्नमेंट की मिलीभगत से यह मैं कहना चाहूंगा जानबूझकर कमियां रखी बचाने के लिए और यह केस ऐसा केस है जिसको देख कर के आप सबक ले सकते हो आगे के लिए कम से कम भविष्य में ऐसी घटना नहीं हो कि किसी व्यक्ति को अन्याय हुआ है, अत्याचार हुआ है उसको न्याय नहीं मिले यह हमारा प्रयास रहेगा इस रूप में इस केस को लिया गया है। धन्यवाद

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