नगर परिषद के भवन का लोकार्पण समारोह
दिनांक
12/10/2019 |
स्थान
सीकर
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मुझे खुशी है कि आज नगर परिषद के भवन के लोकार्पण के समारोह में मुझे आने का सौभाग्य मिला, आप सब के दर्शन भी हुए और मुझे खुशी है कि लंबे अरसे से राजेंद्र पारीक साहब की इच्छा थी कि हम सब यहां पर आए और जो सीकर में विकास की योजना बन रही है कुछ काम पूरे हुए हैं और कुछ काम अधूरे हैं, कुछ काम के सपने जिनका इन्होने खुद ने जिक्र किया वह देख रहे है और काम आगे कैसे बढ़े। इस कड़ी में नगर परिषद भवन का लोकार्पण, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का लोकार्पण, महात्मा गांधी नानी लेक का शिलान्यास वह इनका सपना सपना है जो पूरा होगा तब शहरवासियों को वॉकिंग के लिए भी आराम रहेगा, पर्यावरण की दृष्टि से भी बहुत शानदार काम होगा और मुझे बताया गया है उसके लिए जन सहभागिता से कई तरह के पेड़ राजस्थान के बाहर से भी मंगवाये गए है, नेहरू पार्क के जीर्णोद्धार कार्य का शुभारंभ हुआ इस प्रकार से आज इस मुबारक मौके पर हम सब को एक मंच पर आने का सौभाग्य मिला इसके लिए मैं राजेंद्र पारीक जी को बधाई और धन्यवाद देता हूं। मेरे पूर्व वक्ताओं ने कई बातें आपको कहीं मैं इतना ही कहना चाहूंगा कि जो सरकार ने कहा है, क्योंकि आपके आशीर्वाद से सरकार बनी हमारी और हमने वादे किये आपसे, आपकी आशाएं और अपेक्षाओं पर खरा उतरे यही हमारा प्रयास है इसलिए संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेही प्रशासन कैसे दे सकें इस प्रयास में हम लोग लगे हुए हैं और मैं उम्मीद करता हूं कि चहुमुखी विकास कैसे हो राजस्थान का चाहे पानी की योजना हो, शिक्षा की हो, बिजलो की हो, स्वास्थ्य की हो, सड़कों की हो। काम कई हुए हैं और कई होने बाकी है और स्थिति सड़कों की भी इतनी अच्छी नहीं है क्योंकि पिछली सरकार के वक्त में जिस प्रकार से काम हुए और उसके बाद में जब सरकार हमारी बनी देखिए कि बजट के अलावा भी इतने काम शुरू करवा दिए कि बिना बजट के पेमेंट भी नहीं हो पाए कई लोगों के तो अभी भी चल रहे हैं, वह तकलीफ हमारे सामने आई है और हमने पिछला बजट बहुत शानदार दिया है 50 कॉलेज एक साथ में हमने खोलने का निर्णय किया है उसका लाभ करीब करीब हर एक जिले को मिल रहा है। आपके यहां मेडिकल कॉलेज अभी मेरे से पूर्व वक्ता बता रहे थे आपको जो 2013 के अंदर मैंने बजट में घोषणा करी थी पर बाद में सरकार बदली तो सीकर से मेडिकल कॉलेज शिफ्ट हो गई चुरु, 5 साल कुछ नहीं हो पाया। अब हमने तय किया है कि अभी आपने पढ़ा होगा हमने पुनः प्रस्ताव बनाकर के भारत सरकार को भेजे और भारत सरकार और स्टेट गवर्नमेंट 60 :40 का रेशियो होता है बनाने के लिए मेडिकल कॉलेज वह कॉलेज सेक्शन करवाई है, मैं उम्मीद करता हूं कि जल्दी ही उसका शिलान्यास करेंगे और आपके यहां पर जल्दी ही मेडिकल कॉलेज बनकर तैयार होगा यह मैं मान कर चलता हूं। जिला मुख्यालय है आपका यहां पर विश्वविद्यालय बन गया पहले, पहले खाली घोषणा हुई थी एक्ट हमारे वक्त बना था। नगर परिषद का भवन शानदार बना अभी मैं देख कर आया राजेंद्र पारीक जी बता रहे थे कि अभी ऑडिटोरियम बनना बाकी है मैं उम्मीद करता हूं कि शानदार बनेगा पूरे शहर वासियों को इसका लाभ मिलेगा, हर जिला मुख्यालय पर कम से कम एक आडिटोरियम टाउन हॉल होना ही चाहिए यह मैंने बजट के वक्त में भी असेंबली में कहा था उस रूप में हम लोग प्रयास करें कि किस प्रकार से जिला मुख्यालय पर अच्छा अस्पताल हो, अच्छी कॉलेज और विश्वविद्यालय हो, अच्छे ढंग के यूआईटी और नगर निगम हो, नगर परिषद हो यह आधारभूत ढांचा जो है वह मजबूत होना आवश्यक है और मैं उम्मीद करता हूं कि जिस प्रकार से अभी राजेंद्र पारीक जी और गोविंद डोटासरा जी कह रहे थे किस प्रकार वह समर्पित रहते हैं अपने काम करवाने के लिए जो कुछ दिख रहा है आपको सीकर आज मुख्यालय शहर में काम करना बहुत मुश्किल काम भी होता है पर जिला मुख्यालय को सजाना, सवारना, काम करना, आधारभूत ढांचा तैयार मिले वहां पर उस दिशा में इन्होंने कसर नहीं छोड़ी है। यह सपने की बात कर रहे थे कि दिन में सपना देखते हैं, यह मेरे साथ पहले उद्योग मंत्री थे और मैं गोविंद डोटासरा जी बैठे हैं यहां पर सबको मालूम है मेरे वक्त में 5 साल में एमएलए या एमपी जो थे जो उन्होंने मुझसे विकास की बात करी वह तमाम काम मैंने उनको स्वीकृत किए थे मुझे याद है। एक कहावत बन गई मैं पूछता था कई मीटिंग के अंदर कोई काम बाकी रह गया है क्या, आप समझ लो कि वह काम मांगते मांगते थक गए पर मैं देता देता नहीं थका था यह मैं दावे के साथ कह सकता हूं, इस रूप में हमने काम किए थे उस जमाने के अंदर। इसलिए मैं कह सकता हूं अब भी इनके काम अभी धारीवाल जी कह रहे थे कि रुकने वाले नहीं है, सीकर शहर के काम हो या पूरे जिले के काम हो, पीने के पानी की योजना कुंभाराम लिफ्ट परियोजना हम जो लेकर के आए थे कुछ फायदा मिला खेतड़ी तक भी और कुछ काम बाकी है, बल्कि अभी अंतर राज्य जो पानी आना बाकी है झुंझुनू में भी और सीकर में भी हरियाणा सरकार के साथ में बातचीत चलती रहती है, अभी हम दो बार चंडीगढ गए थे तभी भी बात करी हैं हम लोगों ने वहां के मुख्यमंत्री मिले तब भी कहा वह पानी आएगा तो पीने का पानी और सिंचाई का पानी भी उपलब्ध हो सकेगा। तो हमारी सरकार की तरफ से आप निश्चित रहे कोई कमी नहीं रखेंगे जो भी संभव होगा वह पूरा करने का प्रयास किया जाएगा। कल्याण सिंह जी के बारे में बताया गया मुझे बहुत खुशी है कि उस जमाने के अंदर उनकी सोच थी जो शिक्षा के प्रति, स्वास्थ्य के प्रति वह बहुत बेमिसाल थी। जो भाप का इंजन देखा मैंने बहुत प्रभावित हुआ उस जमाने में उन्होंने इंग्लैंड से उस इंजन को मंगाया यहां सड़के कैसे बने इस रूप में उनकी जो सोच थी उसे कारण से आपने हर प्रोजेक्ट का नाम कल्याण के नाम से रखा, यह इस बात का प्रतीक है कि जो हमारी परंपराएं, हमारे संस्कार उसको समाज को देते हैं तो समाज उनको कभी भूलता नहीं है मान-सम्मान कायम रखता है इसलिए नगर परिषद का नाम भी कल्याण भवन के नाम से रखा गया इस बात की मुझे बहुत खुशी है। सरकार हर क्षेत्र में काम कर रही है दवाइयों फ्री की है हम लोगों ने, जांचे फ्री कर दी अब आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना लागू किया हम लोगों ने, भामाशाह योजना में बहुत करप्शन हो रहे थे उसको रोकने का हम प्रयास कर रहे हैं जिससे कि पूरा लाभ जनता को मिले, हर क्षेत्र में सरकार कोई कमी नहीं रखेगी यह इस मुबारक मौके पर मैं कहना चाहता हूं क्योंकि जो जो योजनाएं हमने बनाई है उन योजनाओं का काम तेज गति से चले और तेज गति से आपके यहां विकास हो यह मैं आपको निवेदन करना चाहता हूं। नवलगढ़ रोड पर वर्षा के पानी के निकासी का कार्य भी हाथ में लिया है पारीक साहब ने डीपीआर बनवा दी है धारीवाल जी के संपर्क में है,मैं उम्मीद करता हूँ कि वह भी जल्द ही पूरा होगा और उसका लाभ आप लोगों को यहां मिलेगा जो पानी भर जाता है वह तकलीफ आपको होती है मुझे मालूम है। वैसे ब्रॉडगेज का काम भी उस जमाने में हुआ था मैं फतेहपुर भी आया था उस जमाने में और झुंझुनू भी गया था, रींगस से जो लाइने चल रही थी वह काम भी पूरे हुए हैं सीकर जुड़ गया ब्रॉड गेज से यूपीए गवर्नमेंट के वक्त में काम कम नहीं हुए थे, कानून आधारित युग की शुरुआत करी चाहे नरेगा हो, चाहे शिक्षा का अधिकार हो, चाहे फूड सिक्योरिटी एक्ट हो एक के बाद में एक काम किए गए थे और खाद्य सामग्री का अधिकार देकर के ₹2 किलो गेहूं और ₹3 किलो चावल दिए गए। तो हर सरकारे काम करती है जो आती है अपने अपने तरीके से काम करती है, धारीवाल जी बोल रहे थे, जो जाट साहब ने अर्थव्यवस्था की बात भी करी वह लंबा विषय है आप सब पढ़े लिखे लोगों जानते हो कि क्या स्थिति देश के अंदर है चाहे अर्थव्यवस्था की बात करें, चाहे सामाजिक समरसता की बात करें। लोकतंत्र में सरकारें बदलती रहती है उसकी चिंता कांग्रेस ने कभी नहीं करी इंदिरा गांधी जी चुनाव हार गई थी जिन्होंने बांग्लादेश को आजाद करवाया और पाकिस्तान के दो टुकड़े किए, 74 का परमाणु विस्फोट हुआ पोकरण के अंदर। पारीक साहब अभी कह रहे थे कि जब ओवर ब्रिज बना यहां पर इन्होंने खाना छोड़ दिया, मैंने मना मनु करके वापस शुरू करवाया वह पुल बनना बड़ा मुश्किल था उसमें पीडब्ल्यूडी से भी और नगर परिषद से भी कई महकमों से पैसे दिलवा करके उस पुल को पूरा करवाया, दिग्विजय सिंह जी आए थे उस वक्त में उद्घाटन करने के लिए उस रूप में उस बड़े पुल का काम हुआ। तो काम हमेशा किए गए हैं और काम करने की तमन्ना हमेशा रही है, वह काम किया तब भी चुनाव हार गए तो आप लोग माई बाप बैठे हुए हो मूड क्या होता है वह कई बातों पर निर्भर करता है, ढाई साल बाद ही इंदिरा गांधी वापस चुनाव जीत गई ऐसी आंधी चली उनकी। पाकिस्तान और हिंदुस्तान साथ में आजाद हुए थे परंतु हमारे यहां पर 70 साल के बाद में भी लोकतंत्र कायम रहा सरकारे और प्रधानमंत्री बदलते गए परंतु लोकतंत्र को कायम रखा है यहां पर। पाकिस्तान में बार-बार सैनिकों का शासन, प्रधानमंत्रियों को जेल और फांसी इतना बड़ा फर्क है लोकतंत्र में और सैनिकों के शासन के अंदर। तो मोदी जी को कई बार कहता हूं मैं यह बात कि आप प्रधानमंत्री बने हो तो इसलिए बने हो कि कांग्रेस ने 70 साल तक यहां पर लोकतंत्र को कायम रखा है तब आप प्रधानमंत्री बन पाए हो, अगर लोकतंत्र कायम नहीं रहता तो कैसे बन पाते? फिर भी हमें सुनना पड़ता है कि 70 साल में कुछ भी नहीं किया यह फैसला तो जनता करें कि 70 साल पहले यहां पर सुई भी नहीं बनती थी, बिजली क्या होती थी लोग समझते नहीं थे, इसरो था ही नहीं आज सो सो उपग्रह छोड़े जा रहे हैं, मंगलयान छोड़ा गया, चंद्रयान छोड़ा गया यह 40 -50 साल पहले संस्था बनी पंडित नेहरू के वक्त में उसका परिणाम आज हमारे सामने आता है। हर क्षेत्र में इस देश ने प्रगति करी है दुनिया लोहा मानती है, आज हमारे प्रधानमंत्री या कोई मंत्री जाते हैं दुनिया के मुल्कों में सम्मान होता है कि इतना बड़ा मुल्क और वहां की आबादी और लोकतंत्र 70 साल के बावजूद भी विकास कर रहा है विज्ञान में तकनीकी के अंदर, राजीव गांधी का सपना था 21वीं शताब्दी का तो उसके अंदर आज देखिए मोबाइल फोन और कंप्यूटर आ गए, कंप्यूटर के बगैर काम किसी का चलता नहीं है, मोबाइल की वजह से दुनिया मुट्ठी में हो गई है, तमाम ज्ञान आपको गूगल के माध्यम से मिल जाता है सोचा था क्या उस वक्त में जब राजीव गांधी जी कहते थे किस शताब्दी में जाना है, लोग मजाक उड़ाते थे कि यह क्या कहते हैं। पर जिस प्रकार से योजनाबद्ध तरीके से काम हुए हैं सब आपके सामने है। इसलिए आप निश्चित रहें जो भी आपने विश्वास जाहिर किया है हम लोगों पर आपकी आशाओं और अपेक्षाओं पर सरकार हमेशा खरी उतरेगी यही मैं आपको विश्वास दिलाता हूं और इन्हीं शब्दों के साथ में मैं पुनः परिषद जी के अध्यक्ष जी को, उपाध्यक्ष जी को, नेता प्रतिपक्ष को और पार्षद गणों को चाहे किसी भी पार्टी के हो और यहां की जनता को बहुत-बहुत बधाइयाँ और मुबारकबाद। शानदार भवन और शानदार सुविधाएं आपको मिली है, भवन का मैंने नक्शा देखा अंदर मुझे जो सिस्टम बताया गया मुझे बहुत अच्छा लगा की जनता तकलीफ नहीं पाए किस प्रकार से आप अपने कामों को समय पर पूरा करवा सके पूरी तरीके से ट्रांसपेरेंसी के साथ मुझे यकीन है कि इसी रूप में काम होंगे। यही बात कहता हुआ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं धन्यवाद जय हिंद।