Talked to media at Jaipur airport:
दिनांक
11/12/2019 |
स्थान
Jaipur
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सवाल- नागरिकता संशोधन बिल जो पास हुआ है?
जवाब- देखिए ये जो बिल पास हुआ है जिस रूप में, उससे पूरे देश में बहुत आक्रोश है। मोदीजी और अमित शाहजी खुद स्टेटमेंट देकर के मीडिया के माध्यम से इसको दबाना चाहते हैं। उनको चिंता नहीं है, क्या नॉर्थ-ईस्ट का जो भाग है हमारा हिस्सा नहीं है क्या? त्रिपुरा में आग लगी हुई है, आसाम के अंदर, 5-6 राज्यों में वहां जो नॉर्थ-ईस्ट के वहां आग लग गई है। धरने हो रहे हैं, प्रदर्शन हो रहे हैं, फौजें भेजनी पड़ रही हैं वहां पर, सैनिकों का मूवमेंट वहां हुआ, क्यों हुआ वहां पर, एक आईएएस ने इस्तीफा दे दिया है। ये स्थिति जो बन रही है देश के अंदर ये अच्छी नहीं है। ये चाहते क्या हैं ये बताएं देश को। हिंदू राष्ट्र बनाना चाहते हैं तो खुलके कहें कि हिंदू राष्ट्र बनाएंगे। पता पड़े कि इनकी मंशा क्या है। उसका जवाब देंगे, आज जो माहौल है बहुत ही भयंकर आक्रोश का, चिंता का माहौल है। एक के बाद एक जो स्टेप उठा रहे हैं ये, इनकी नियत ठीक नहीं है। पूरा देश इस बात को समझ गया है, समझ भी रहा है।
सवाल- सर आपने कहा था कि राहुल गांधी ही मुकाबला कर सकते हैं अमित शाह का और नरेंद्र मोदी का ?
जवाब- नई बात थोड़े ही कही है। राहुल गांधी जी के बारे में मैंने कोई नई बात नहीं कही है। मैं तो पिछले 5 साल से कह रहा हूं कि अगर मुकाबला कर सकते हैं मोदी का, मोदी-अमित शाह का मुकाबला साहस के साथ में, हिम्मत के साथ में कोई कर सकता है तो वो राहुल गांधी हैं, उनका नाम राहुल गांधी है। ये मेरा मानना है। चुनाव हारना अलग बात है, चुनाव हारना अलग बात है परंतु छक्के छुड़ा दिए गुजरात के अंदर। तो आज जो मुकाबला कर सकते हैं, आज भी, कई बार ऐसा माहौल बन जाता है, जिसके कारण से हम लोग गुजरात के चुनाव जीतते-जीतते रुक गए। पूरे मुल्क में जिस प्रकार से सर्जिकल स्ट्राइक, औऱ पुलवामा का करके उसके बाद में जो राष्ट्रवाद की बात करके लोगों को भड़का दिया, अलग बात है, पर जो मुकाबला कर सकते हैं पॉलिटिकली, इश्यू बेस्ड, इश्यू बेस़्ड राजनीति राष्ट्र के हित के अंदर, आज नौजवानों का आक्रोश बहुत भयंकर है। नौकरियां जा रही हैं, आ नहीं रही हैं। किसान आत्महत्याएं कर रहा है, आर्थिक स्थिति ध्वस्त हो रही है देश की, अब किससे सर्टिफिकेट चाहिए इनको? डॉ. मनमोहन सिंह जी बोल चुके हैं, राहुल बजाज बोल चुके हैं, रघुराम राजन बोल चुके हैं, पूरा देश बोल रहा है, इकॉनोमिस्ट बोल रहे हैं। बजाय इसके कि उसको ठीक करने के बजाय ये दबाव देके उद्योगपतियों को उतार रहे हैं मैदान के अंदर, राहुल बजाज को काउंटर करो। जिनकी सोच ये है वो क्या अर्थव्यवस्था को ठीक कर पाएंगे। हमें डाउट लगता है। कहां प्याज पहुंच गया 150 रुपए चिंता ही नहीं इनको, पेट्रोल 75 रुपए, 66 रुपए हो गया डीजल, तो हालात बड़े गंभीर हैं। महंगाई की मार बहुत भयंकर है। तो प्याज के 150 रुपए पहुंचने की इनको चिंता नहीं है। मूल समस्याएं जो हैं देश की, इश्यू बेस्ड उससे ध्यान हटाने के लिए नए-नए हथकंडे अपनाते रहते हैं, अपना रहे हैं। जनता जवाब देगी समय आने पर।
सवाल- सर धर्म और जन भावनाओं के आधार पर फैसले हो रहे हैं, जनता भी भावनाओं में आ रही है।
जवाब- मैं बार-बार, इस बात को मैं कई बार कह चुका हूं कि इस देश के नागरिकों को, प्रदेशवासियों को, नौजवानों को विशेष रूप से, नौजवानों को, छात्रों को अल्टीमेटली मनन करना चाहिए, चिंतन करना चाहिए। अगर गलत हम लोग हैं तो उसके लिए आवाज उठनी चाहिए, गलत ये हैं तो उसके लिए भी आवाज़ उठनी चाहिए। अगर मौन धारण कर रहे तो तकलीफ रहेगी आगे आने वाले वक्त के अंदर, ये ही मैं कह सकता हूं।
सवाल- 14 की रैली को लेकर बड़ी तैयारी की है। सर आपने पूरी कमान संभाल रखी है रैली की?
जवाब- रैली में तो लाखों लोग आएंगे, बहुत शानदार रैली होगी। और जितनी भी समस्याएं देश के सामने चैलेंज के रूप में सामने आई हैं उसके ऊपर उस दिन आह्वान किया जाएगा जनता को। सोनिया गांधीजी ने सोच-समझकर के और राहुल गांधीजी ने राइट टाइम पर आज डिसीजन लिया है और नाम दिया है "भारत बचाओ रैली"। आप समझ सकते हो कि भारत बचाओ का मतलब क्या होता है।
जहां आज लोकतंत्र खतरे में हो तो कांग्रेस का ये फर्ज़ बनता है सबसे बड़ा राजनीतिक दल होने के नाते, सरकार हमारी नहीं है तब भी हमारा ये फर्ज़ बनता है कि हम आगाह करें मुल्क के वासियों को की मुल्क आज किस दिशा में जा रहा है। उसका लोकतंत्र बचाओ जिससे कि हर गरीब से गरीब आदमी की आवाज़ का वजन बना रहे, जो आज तक बना रहा है। वरना तकलीफ पाएंगे बाद में।
सवाल - झारखंड में भी क्या कांग्रेस मुंह तोड़ जवाब देगी चुनाव में ?
जवाब- झारखंड में भी हमें तो लगता है कि भारी बहुमत से कांग्रेस जीतेगी, भारी बहुमत से मुंह तोड़ जवाब दिया जाएगा, ऐसा मुझे लगता है।
सवाल - भाजपा कह रही है आप भामाशाह कार्ड को बंद करके आप गलत कर रहे हैं ?
जवाब- उनकी बातों का में क्या क्या जवाब दूं, उनकी बातों में कोई दम तो है नहीं। उनको ये समझ नहीं है कि धरना कब दिया जाता है, धरना किन बातों पर दिया जाता है और क्या इश्यू बनाए जाते हैं, क्या इश्यू हैं राजस्थान के अंदर, क्या समस्याएं हैं। उस पर कैसी प्रतिक्रिया दी जाती हैं। उनको समझ ही नहीं है तो क्या जवाब दूं मैं उनको।
हमारे वो केन्द्रीय मंत्री जोधपुर वाले शेखावत साहब, मैंने जो बात उठाई है, कालाधन ब्लैक मनी दो नंबर का पैसा वो पैसा पॉलीटिशियन को मिलता है चुनाव लड़ने के लिए, राजनैतिक पार्टिंयों को मिलता है। आज नहीं मिलता है, मिलता आ रहा है आज तक, उस पर मैंने चोट करी ये बंद होना चाहिए। कोई स्टेट फंडिंग हो ये मेरी मांग कोई आज की नहीं है, 15-20 साल पुरानी मांग है। तो अगर मैंने अगर उसको कहा जोधपुर के अंदर जहां राष्ट्रपति महोदय बैठे हुए हैं। चीफ जस्टिस साहब बैठे हुए हों, सब वो लोग बैठे थे हमारे कानून मंत्री बैठे हुए थे। इन सबकी सोच ये पैदा हो और इसपर हम सब मिलकर कुछ करें। और जहां तक सवाल है आज.. बीजेपी ने जो ब्लैक मनी को हजम करने के लिए जो रास्ता निकाला है, जो पहले बंट रही थी वो जिस रूप में जो आप बॉण्ड लेकर आ गए ,बॉण्ड लाकर आपने बहुत बड़ा स्कैंडल किया है। तमाम पॉलीटिकल पार्टियों की फंडिंग बंद कर दी आपने आप चाहते हो कि एक पार्टी का शासन रहे यहां पर। उस दिशा में जो आप आगे बढ़ रहे हो स्कैंडल बहुत बड़ा है। अगर ये बातें मैंने उठाई वहां पर तो शेखावत साहब का जवाब इसी प्वांइट पर देखने को मिला मेरी क्या टिप्पणी ऐसी है मोदीजी के लिए अमित शाहजी के लिए तो वो और टिप्पणी पर जवाब दे सकते थे। मेरे कमेंट को मेरी टिप्पणी पर टिप्पणी कर सकते थे। उन्होंने ऐसी टिप्पणी पर टिप्पणी करी है जो मैं समझता हूं कि मुझे उम्मीद ही नहीं थी वो ऐसी टिप्पणी करेंगे।
सवाल- सर शरणार्थियों के मुद्दे पर आपने अमित शाह पर ट्वीट किया है, कि उन्होंने जो कहा है वो गलत है राजस्थान के संदर्भ में ?
जवाब - वो मैं कल कह चुका हूं, वो तो, जिस रूप में राजस्थान में शरणार्थी सिंध से आते रहे हैं पहले से ही बाड़मेर बॉर्डर से वो, सामने बैठे हुए थे वो लोग उनकी मांग थी तो हमने एक पत्र लिखा उनके लिए उसमें हिंदू थे उन्होंने मांग की, सिख थे उन्होंने मांग की, जो मांग करता है सबके लिए लिखते हैं हम लोग तो देश को गुमराह करने का प्लेटफार्म जो उन्हें मिला हुआ है लोकसभा, राज्यसभा उसका वो उपयोग नहीं कर रहे हैं उसका वो दुरूपयोग कर रहे हैं, झूठ बोलकर के ये मैं कह सकता हूं।