Shri Ashok Gehlot

Former Chief Minister of Rajasthan, MLA from Sardarpura

Talked to media in Delhi:

दिनांक
13/12/2019
स्थान
Delhi


सवाल- भारत बचाओ रैली होने वाली है, उसकी तैयारियों को लेकर और राजस्थान से जो महाप्रदर्शन होने वाला है उसको लेकर क्या कुछ कहना है ?
जवाब- देखिए राजस्थान में बहुत उत्साह है, शानदार रैली होगी कल, पूरे देशभर के कार्यकर्ता आ रहे हैं। और भारत बचाओ रैली के मायने क्या हैं, आप समझ सकते हो। आज देश के जो हालात हैं, उससे पूरा मुल्क चिंतित है। लोग बोल नहीं पा रहे हैं भय से, अविश्वास का माहौल है, हिंसा का माहौल है, उस माहौल में मुल्क चल रहा है। काम-धंधे चौपट हो रहे हैं। नौकरी मिल नहीं रही हैं, बल्कि नौकरियां जा रही हैं। इस प्रकार से जो एजेंडा होना चाहिए देश का, रोजगार की समस्या बहुत बड़ी है, किसानों की समस्याएं हैं, आर्थिक स्थिति पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है। उस तरफ सरकार का ध्यान जा नहीं रहा है और सरकार जानबूझकर के कभी राष्ट्रवाद की बात करती है, कभी 370 की बात करती है, कभी ये CAB लेकर के आ गए। NRC पहले लेकर आए थे, वो फेल हो गई आसाम के अंदर, तो अपराधबोध से ग्रसित सरकार है इसलिए जिस रूप में पेश आ रही है सरकार देश के सामने, आज पूरा मुल्क चिंतित है और महाराष्ट्र के और हरियाणा के चुनाव के बाद में लोगों को मालूम पड़ गया है, आम जनता समझ चुकी है ये कहते कुछ हैं, करते कुछ हैं, इनकी नीति और नियत एक नहीं है। कल रैली के अंदर पूरे मुल्क के कार्यकर्ता आएंगे, सोनिया गांधीजी का आह्वान होगा देशवासियों को, इस देश को बचाना है, तो इनको एक्सपोज़ करना पड़ेगा पूरी तरह से।
सवाल- कैब की बात आपने की, कैब ये सरकार लेकर आई है, कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि अपने राज्य में इसे लागू नहीं करेंगे, राजस्थान में क्या रुख रहेगा सर आपका ?
जवाब- देखिए पूरे मुल्क में ये लागू होने वाला ही नहीं है। ये लागू हो ही नहीं सकता क्योंकि प्रैक्टिकल भी नहीं है। ये जनता का ध्यान बंटाने के लिए नए-नए शगूफे छोड़ते रहते हैं, प्रैक्टिकल है नहीं और पूरा देश एकजुट है। पूरे देश में आग लग रही है धीरे-धीरे, आप देख रहे हैं। कल कश्मीर के लोग अभी तक बंद पड़े हैं। जो चुने हुए जनप्रतिनिधि वहां के, जिनके साथ में सत्ता का सुख भोगा है बीजेपी ने, महबूबा मुफ्ती जी के साथ में, उनको अरेस्ट कर रखा है। फारुख अब्दुल्ला साहब को अरेस्ट कर रखा है, उमर अब्दुल्ला साहब को अरेस्ट कर रखा है। अब नॉर्थ-ईस्ट में आग लग रही है। हर राज्य में, नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों में आग लगी हुई है, लोग सड़कों पर आए हुए हैं। अब मुझे चिंता इस बात की है कि इन सभी जगह प्रवासी रहते हैं। नॉर्थ-ईस्ट के हर राज्य में, आसाम हो, चाहे मणिपुर हो, चाहे नागालैंड हो, चाहे मिजोरम हो, चाहे मेघालय हो, त्रिपुरा हो, सब जगह प्रवासी राजस्थानी रहते हैं वहां पर। आज उनकी स्थिति क्या हो रही होगी, कितने चिंतिंत होंगे, उनकी खबर आ ही नहीं रही है, क्योंकि इंटरनेट बंद है। मोबाइल सर्विसेज चल नहीं रही है। तो पूरा राजस्थान चिंतित है उन लोगों को लेकर के, हमारे भाई-बंधुओं का क्या हो रहा होगा। इस स्थिति में देश चल रहा है। क्या जो नॉर्थ-ईस्ट का जो राज्य है वो इस देश का भाग नहीं है क्या ? उनकी चिंता सरकार को नहीं करनी चाहिए क्या? चिंता है सरकार को क्या? जिस रूप में आनन-फानन में बिल पेश किया है, बिल पास करवाया है और बिना कोई टाइम खर्च किए सीधा राष्ट्रपति के पास भेजा और साइन करवा लिए उनसे। कानून बना दिया। तो ये जो जिस तरह महाराष्ट्र का किया इन्होंने, पूरे रातभर ऑपरेशन चला, कब तो राज्यपाल साहब ने रिकमंड किया राष्ट्रपति शासन हटाने के लिए, कब प्रधानमंत्री जी ने मीटिंग बुलाई केबिनेट की, कब राष्ट्रपति को भेजा है उसको, कब सुबह 5 बजकर 40 मिनट पर राष्ट्रपति शासन समाप्त हुआ और कब जो है शपथ दिला दी गई मुख्यमंत्री को, उपमुख्यमंत्री महोदय को, और ट्वीट किया है मोदीजी ने खुद ने, देवेंद्र फडणवीस आपको बधाई हो, और फडणवीस साहब ने वापस किया सवा 8 बजे, 8 बजे ट्वीट किया मोदीजी ने, सवा 8 बजे किया उन्होंने, मोदी है तो मुमकिन है, तो मोदी है तो देश बर्बाद हो रहा है तो उसे बचाने के लिए हो रही है, भारत बचाने के लिए रैली हो रही है, आप समझ सकते हो।
सवाल- कई सारे कार्यकर्ताओं से हमने बात की, जो आए हैं, उनकी मानें तो राहुल गांधी को दोबारा से पार्टी का अध्यक्ष बन जाना चाहिए ?
जवाब- मैंने कल ही कहा है राहुल गांधी में दमखम है प्रधानमंत्री मोदीजी का मुकाबला करने का। उनमें साहस है, दमखम है, वो इश्यू बेस्ड राजनीति करते हैं। वो इनकी तरह राष्ट्रवाद की बात करना, क्या राष्ट्रवादी हम लोग नहीं हैं क्या ? हम सब राष्ट्रवादी हैं। पर जिस प्रकार से वो राष्ट्रवाद की बात करके, 370 की बात करके, सेनाओं के पीछे छिपकर के, राम मंदिर के नाम पर, गाय माता की पूंछ पकड़ के सत्ता में आने के लिए ये राजनीति जो करते हैं, वो राजनीति राहुल गांधी नहीं करते। राहुल गांधी मजदूर की बात करता है। राहुल गांधी नौजवान की बात करता है, नौकरियां मिलनी चाहिए पर, नौकरियां जा रही हैं, मिल नहीं रही हैं। राहुल गांधी बात करता है किसानों की आत्महत्या रुकनी चाहिए, किसान आत्महत्या कर रहा है। राहुल गांधी बात करता है देश की अर्थव्यवस्था सुधरनी चाहिए जिससे कि व्यापार-धंधे फलें-फूलें और लोगों को रोजगार मिले। आज सारी इंडस्ट्रियां बंद पड़ी हैं, व्यापार-धंधे चौपट हो रहे हैं। उनको इतना भय सता रहा है इनकम टैक्स का, ईडी का, सीबीआई का, कोई बोल नहीं पा रहा है। ऐसे हालातों में ये देश चल रहा है। तो सारी ज्यूडीशियरी हो, सीबीआई हो, ईडी हो, इनकम टैक्स हो, सभी दबाव में काम कर रहे हैं। कब तक चलता रहेगा देश में? ऐसा लोकतंत्र में कभी नहीं हुआ आज तक। पहली बार देश में लोकतंत्र के नाम पे जिस प्रकार से शासन कर रहे हैं, नाम, मुखौटा लोकतंत्र का पहन रखा है, इनका विश्वास न संविधान में है न लोकतंत्र के अंदर है।
सवाल- सर राहुल गांधी ने बयान दिया है कि मेक इन इंडिया की जगह रेप इन इंडिया हो गया है। इसको लेकर क्या कहना है ?
जवाब- इनके पास तो कहने को कुछ है नहीं, मोदीजी के मुंह से पूरा मुल्क कई बार सुन चुका है। देश की राजधानी को रेपिस्तान बता चुके हैं वो लोग खुद, रेप की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं इनके राज के अंदर, मॉब लिंचिंग होती जा रही है, पूरा मुल्क जानता है। महिलाओं को जलाया जा रहा है रेप के बाद में, क्या नहीं हो रहा है? इसलिए सबको मालूम है कि राहुल गांधीजी की मंशा क्या है। उसकी चिंता सरकार को होनी चाहिए। अर्थव्यवस्था की चिंता सरकार को होनी चाहिए, कि अर्थव्यवस्था कहां जा रही है, जिस प्रकार डॉ. मनमोहन सिंहजी ने कहा, कि सामाजिक ताना-बाना टूटने से भी अर्थव्यवस्था बर्बाद हो रही है नंबर एक, राहुल बजाज ने कहा कि किसी की हिम्मत ही नहीं हो रही है सरकार के सामने नंबर दो, रघुराम राजन जो थे आरबीआई के गवर्नर उन्होंने कहा पूरी शक्तियां केंद्रित कर ली हैं पीएमओ के अंदर, ये हालात ऐसे बनने ही थे। क्या उसके बाद में सरकार को सोचना नहीं चाहिए कि क्या हो रहा है देश के अंदर ? इसलिए मैंने कहा कि बहुत देश के हालात बहुत गंभीर हैं, सोनिया गांधीजी ने सोच-समझकर के राइट टाइम पर राइट डिसीजन लिया है, कल रैली बुलाई है, पूरे देशभर के लोग आएंगे, कल आप देखेंगे बहुत कामयाब रैली रहेगी।

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