Shri Ashok Gehlot

Former Chief Minister of Rajasthan, MLA from Sardarpura

Talked to media in Jaipur 11 August:

दिनांक
11/08/2020
स्थान
जयपुर


शांति-सद्भाव-भाईचारा सब रहेगा।
सवाल- सर क्या फॉर्मूला तय हुआ?
जवाब- ये तो हाईकमान को पता है। जो देखा आपने कि जो 3 लोगों की कमेटी बनी है, तो कोई उनकी grievances होगी, वो उनको बता देंगे।
सवाल- सर कल भंवरलाल शर्मा ने भी आपसे मुलाकात की, उन्होंने भी कई मुद्दे रखे, जैसे विकास के मुद्दे की उन्होंने बात की, कई सारे मुद्दे तो अब सब चीजें सॉर्टआउट हो गई हैं ?
जवाब- देखिए अब जो कल फैसले हुए हैं और उसके बाद में आगे की रणनीति अब बनेगी।

सवाल- सर MLAs का ये कहना है कि जो पार्टी के साथ रहे क्या वफादारी उनका अपराध था, उसके बारे में क्या कहना चाहेंगे?
जवाब- देखिए वो तो एक इतिहास बन गया है, 100 से अधिक लोगों को इतने लंबे समय तक एकसाथ रहना और एक आदमी टूटकर नहीं गया, पूरा जोर लगा लिया बीजेपी के नेताओं ने, पूरा षड्यंत्र किया सरकार को किसी कीमत पर गिराना, उस माहौल के अंदर अगर हमारे MLAs, एक आदमी छोड़कर नहीं गया, आप कल्पना कीजिए उसके बाद में हमारे दिल में क्या स्थिति होगी आप जान सकते हो और मैंने उन लोगों को कहा है कि आप लोगों ने इतिहास बना दिया और जब तक मैं रहूंगा जिंदा, आप लोगों के अभिभावक के रूप में रहूंगा, ये मैंने उनको कहा है और मेरा फर्ज बनता है कि एक आदमी, लोभ-लालच-हॉर्स ट्रेडिंग क्या नहीं हो रहा था, डराने के धमकाने के काम हो रहे थे, एक आदमी छोड़कर नहीं जाए और इतने लंबे समय तक होटलों में रहना पड़े जिनको, उनको हम कैसे भूल सकते हैं। तो उनके लिए हमारे दिल में जो भाव है वो जानते हैं, मैं जानता हूं और उसी कारण से उन लोगों ने विश्वास करके मुझपर, हाईकमान पर उन्होंने वहां रहना स्वीकार किया। उनको विश्वास हाईकमान पर भी है, मुझपर भी है, उसको हम बनाए रखेंगे, किसी कीमत पर, ये निश्चिंत रहो और जो लोग आए हैं अब वो किन परिस्थितियों में गए हैं, क्यों गए हैं, क्या वादे किए गए थे उनसे, क्या नाराजगी मुझसे है, वो हम दूर करने का प्रयास करेंगे। जो आदमी सत्ता में होता है, असेंबली के अंदर भी सत्ता पक्ष जो होता है उसकी ज्यादा जिम्मेदारी होती है विपक्ष को साथ लेकर चलने की। उसी प्रकार से आज अगर मैं मुख्यमंत्री हूं और मुझसे कोई अगर मेरी पार्टी का MLA नाराज है, तो जिम्मेदारी मेरी बड़ी बनती है कि मैं कैसे वापस संतुष्ट उनको करूं, उनका दिल जीतूं, ये मेरी जिम्मेदारी है, वो मैं पहले निभाता आया हूं जिंदगीभर, अब भी निभाऊंगा, कोई दिक्कत नहीं है।

सवाल- सर ये तो पहले भी हो सकता था, 32 दिन पहले भी बातचीत हो सकती थी, इतना ये सब हुआ है, अच्छा थोड़े ही हुआ है ये?
जवाब- अब ये तो जो भागीदार थे, कभी मिलें तो आप बातचीत कीजिएगा उनसे।
और इसके अलावा, बीजेपी को जो मुंह की खानी पड़ी है, मेरे ख्याल से देश के अंदर राजस्थान की जनता ने एकजुटता दिखाई प्रदेशवासियों ने, ये असली जीत प्रदेशवासियों की है। मैंने जो पत्र लिखा था, मीडिया ने उसको ढंग से जगह नहीं दी है और भास्कर ने जो मेरी फोटो दी है, ऐतिहासिक फोटो है वो कि मैं बहुत भावुक हो गया हूं और पता नहीं क्या-क्या उसने लिखा है। तो ये मीडिया का एक कैरेक्टर भी ऐसे सामने आता है। इतना प्यार से मैंने पत्र लिखा, 200 विधायकों को लिखा और मैंने क्या कहा उसमें- अपनी आत्मा से, अपने परिवार से, अपने मतदाताओं से पूछो, फिर फैसला करो और उसके बाद में भी मीडिया ने उस पत्र को जो इम्पॉर्टेंस देनी चाहिए थी, वो नहीं दी गई, नंबर एक।
नंबर दो, इनकी जो धज्जियां उड़ी हैं इन बीजेपी नेताओं की, कि कहां तो वो, तीन-तीन प्लेन हायर किए गए एयरक्राफ्ट को गुजरात भेजने के लिए, एक प्लेन जा पाया है इनका, दूसरा आज उनको बाड़ेबंदी करनी थी, बुला लिया गया सबको, अचानक मीटिंग कैंसिल कर दी गई, तो आप सोच सकते हो कि इनकी जो स्थिति बनी है और जो हमारे साथियों ने इनकी दुर्गति की है, ये भी याद रखेंगे कि जिस रूप में ये षड्यंत्र करते हैं, तो षड्यंत्र कामयाब नहीं होने वाले हैं और राजस्थान की जनता ने दिखा दिया है, हमारे कार्यकर्ताओं ने दिखा दिया है, हमारे विधायकों ने दिखा दिया है कि बीजेपी का जो अहम् है, घमंड है, अहंकार है, देश के अंदर हर राज्य के अंदर कांग्रेसजनों के अंदर उत्साह का संचार हुआ है और सब मिलकर इनका मुकाबला कर सकते हैं, डेमोक्रेसी को बचाने का संघर्ष सबसे बड़ा है, उसमें भागीदार बन सकते हैं और हम सबका कर्त्तव्य है, आप लोगों का भी है, हर प्रदेशवासी, हर देशवासी का है क्योंकि अभी संकट डेमोक्रेसी को बचाने का है। ईडी-इनकम टैक्स-सीबीआई का दुरुपयोग, आप देख रहे हो जयपुर में क्या-क्या हो रहा है, चुन-चुनकर के और बेशर्माई से.... कांग्रेस वाले जब राज करते थे तो हर चीज देखते थे, 'जनता क्या सोचेगी, जनता क्या कहेगी, लोग क्या कहेंगे', ये हमारी भावना होती थी, उसके अकॉर्डिंग टू फैसले होते थे, मुख्यमंत्री के इस्तीफे, रेल मंत्री के इस्तीफे, लॉ मिनिस्टर के इस्तीफे। अब इतनी बेशर्म सरकार आई है, लोग क्या कहेंगे, चिंता ही नहीं है। जब आप धर्म के नाम पर राजनीति करोगे, तो फिर ये जो आपकी भावना है कि 'परवाह ही मत करो लोग क्या कहेंगे, धर्म के नाम पर डिवाइड करो, चुनाव जीतकर आओ।' 31 पर्सेंट पर आए पहले, अब आए 39 पर्सेंट पर, बाकी लोग रहते नहीं हैं क्या देश के अंदर? 70 पर्सेंट लोग क्या सोचते हैं? तो ये भूलना नहीं चाहिए सरकार को। जिस प्रकार का माहौल बनाया गया वो सब कहानी आपके सामने है।

सवाल- सर क्या आपके विधायक राजी हैं इस वापसी से, उनसे बातचीत हो गई या होगी आज ?
जवाब- बातचीत होती रहती है, राजनीति में आप जानते हैं कि समय-समय पर हम लोग बात करते हैं, आपस में मेल-मिलाप होता है, उसकी चिंता नहीं करें। पार्टी एकजुट रहेगी, पार्टी 5 साल तक शासन करेगी, अगला चुनाव जीतकर आएंगे हम लोग। पब्लिक ने तय कर लिया है, ये जो बीजेपी ने षड्यंत्र किया है, इसका सबक सिखाने का मौका अब आम जनता के सामने आएगा, अगला चुनाव, 2023 का चुनाव आएगा और 5 साल तक सरकार चलेगी। सरकार बहुमत में पहले थी, आज भी है, कल भी रहेगी, इनके मंसूबों पर पानी फिर गया है।

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