प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के 306 किमी लम्बे (न्यू रेवाडी से न्यू मदार) खंड के लोकार्पण व न्यू अटेली से न्यू किशनगढ़ कन्टेनर ट्रेन के फ्लैग ऑफ कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जुड़कर संबोधन
दिनांक
07/01/2021 |
स्थान
जयपुर
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मुझे खुशी है कि आज रेलवे एक नया इतिहास बनाने जा रहा है। देश की आजादी के पहले से ही देश में रेलों का विकास होना प्रारंभ हुआ और 170 साल का लंबा इतिहास है। भारतीय रेलवे का इतिहास वर्ष 1853 से शुरू हुआ और लंबा सफर तय करते-करते आज 7 जनवरी 2021 को डबल स्टैक लॉन्ग हॉल कंटेनर ट्रेन का प्रारंभ होना और वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का बनना, मैं समझता हूं कि रेलवे के एक इतिहास रचने के बराबर है। रेवाड़ी से मंदार खंड का आज राष्ट्र को समर्पण और अटेली व किशनगढ़ स्टेशनों से कंटेनर ट्रेन का फ्लैगऑफ, वो भी, 1.5 किमी लंबी मालगाड़ी डबल डेकर के रूप में चलना मैं समझता हूं कि सभी के लिए आज बधाई का समय है। और जिस प्रकार से इतिहास रेलवे का बना है, ये कोई मामूली बात नहीं है। पंडित नेहरू के वक्त में जब ये शुरुआत हुई थी, उनकी दूरदृष्टि थी कि उस वक्त में तो रेलवे के लिए चाहे इंजन हों चाहे डब्बे हों, सब बाहर से आते थे, इम्पोर्ट होते थे। उनकी दूरदृष्टि थी कि जिस प्रकार से उन्होंने बड़े-बड़े बांध-कारखाने बनाए, उसी रूप में उन्होंने रेलवे पर ध्यान दिया कि किस प्रकार से डब्बे-इंजन यहां बनने लगें। फ्रांस से एग्रीमेंट हुआ, उसके बाद में लंबा सफ़र तय करते-करते 2006 के अंदर जब यूपीए गवर्नमेंट थी, तब डीएफसीसीआईएल, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड की स्थापना हुई। डॉ. मनमोहन सिंह जी के वक्त में एक नया इतिहास रचा गया, एक नई दृष्टि सामने लाई गई, किस प्रकार से पैरेलल ईस्टर्न वेस्टर्न कॉरिडोर बने फ्रेट के लिए, जिससे कि देश की आर्थिक गतिविधियां तेज गति से बढ़ सकें, एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट तेज हो सके और वो ही आज मैं समझता हूं कि, बहुत सौभाग्य की बात है कि वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का 42 पर्सेंट हिस्सा राजस्थान से होकर गुजरता है। राजस्थानवासियों के लिए तो प्रधानमंत्री जी आपने बहुत बड़ी सौगात दी है, उसके लिए मैं आपका आभारी हूं। क्योंकि राजस्थान सरकार पूरी तरह समर्पित है इस कॉज़ के लिए, किस प्रकार दिल्ली-मुम्बई फ्रेट कॉरिडोर के साथ-साथ में दिल्ली-मुम्बई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बने कैसे, डवलप कैसे हो, वो अपने आप में बड़ी चुनौती है। आप समझ सकते हैं कि बड़े साधनों की आवश्यकता है और कोविड के बाद में राज्यों की स्थिति बहुत ही विकट हो चुकी है, फिर भी हमारा प्रयास है कि खुशखेड़ा, भिवाड़ी, नीमराणा, एक प्रथम चरण के अंदर नोड लिया है, दूसरा जोधपुर-पाली-मारवाड़ औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने का संकल्प किया है। इस रूप में हम चाहेंगे कि दोनों काम साथ-साथ में चलें और जो आप आज समर्पित करेंगे, उसका लाभ राजस्थान के लोगों को पूरे देश के लोगों को मिल सके। मैं उम्मीद करता हूं कि रेलवे स्टेशन है, हमने मांग की है राजस्थान के अंदर भी एक बने भिवाड़ी के अंदर, जिससे कि हम लोग उसका लाभ उठा सकें क्योंकि नीमराणा के अंदर भिवाड़ी क्षेत्र में जापानी जोन है और वो अपने आप में पूरे देश के अंदर अनूठा जोन है जो कि स्पेसिफिक जापानीज़ इन्वेस्टमेंट जोन हो रहा है, लगभग 6521 औद्योगिक इकाइयां हैं वहां पर हमारे भिवाड़ी के अंदर और वहां अगर रेलवे स्टेशन बनता है, तो मैं समझता हूं उसका लाभ आने वाले वक्त में हमें मिल सकेगा, सलारपुर औद्योगिक क्षेत्र है भिवाड़ी के अंदर वहां हम मांग करते हैं कि डीएफसी का स्टेशन बने और इसके अलावा मैं आपसे निवेदन करूंगा क्योंकि आज एक मौका है कि जब प्रधानमंत्री जी हमारे बीच में मौजूद हैं और जिस रूप में काम हो रहा है देश के अंदर और प्रदेश के अंदर उसमें हमारे कुछ प्रोजेक्ट जो पहले सेंक्शन हो गए थे राजस्थान के लिए, वो प्रोजेक्ट कुछ कारणों से बंद हो गए हैं। मैं चाहूंगा कि प्रधानमंत्री जी आप स्वयं इतना इंटरेस्ट लेते हो रेलवे के अंदर और मंत्री पीयूष गोयल जी बैठे हुए हैं, रेलवे के अधिकारी बैठे हुए हैं, तो मैं चाहूंगा कि जो प्रोजेक्ट पहले से सेंक्शंड हैं, प्रारंभ हो चुके थे, किन्हीं कारणों से बंद हो गए हैं उनका मैं आपको जिक्र करना चाहूंगा कि कृपा करके आप उनको प्रायोरिटी दें और पुनः प्रारंभ करवाएं, जिससे कि राजस्थान के अंदर जो माहौल बना था उस जमाने के अंदर वो माहौल पुनः बन सके नंबर एक- 2013 में सरमथुरा-गंगापुर वाया करौली रेलवे लाइन का शिलान्यास हो चुका था, वो बंद हो गया काम। पुष्कर-मेड़ता रोड रेलवे लाइन का काम वो परियोजना भी ठप्प हो गई। एक चौथ का बरवाड़ा से अजमेर वाया टोंक रेलवे लाइन, इसका काम भी रोक दिया गया। एक मैं आपको कहना चाहूंगा, आग्रह करूंगा कि जो आदिवासी क्षेत्र है गुजरात से लगता हुआ डूंगरपुर, तो बांसवाड़ा-डूंगरपुर-रतलाम, ये 50 पर्सेंट भागीदारी थी स्टेट गवर्नमेंट की उस जमाने के अंदर, ढाई सौ करोड़ के लगभग स्टेट गवर्नमेंट दे चुकी थी और काम भी शुरु हो गया, उसके बाद में पता नहीं किन कारणों से काम बंद हो गया, तो लोगों में वहां पर बहुत बड़ा रिएक्शन भी है और ये आदिवासी क्षेत्र है, मैं चाहूंगा कि वापस इस काम को आप प्रायोरिटी पर शुरु करवाएं अब वो स्थिति राजस्थान की भी नहीं रही है जो पहले हमने 50 पर्सेंट का वादा किया था, अब तो वादा निभा नहीं पाएंगे, रेलवे को ही पूरा खर्चा करना पड़ेगा। एक भीलवाड़ा के रूपाहेली में मेमूकोच फैक्ट्री जब मिस्टर सीपी जोशी जी थे मंत्री, तब इसको सेंक्शन किया गया था और फिर उसका शिलान्यास भी हो गया, वो भी रोक दिया गया। एक और मैं आपसे निवेदन करना चाहूंगा कि जैसलमेर-बाड़मेर जो पाकिस्तान का बॉर्डर लगता हुआ है वहां पर गैस भी निकल गई है, तेल भी निकल गया है। तेल तो, देश के प्रोडक्शन का 20 पर्सेंट तेल निकल रहा है बाड़मेर के अंदर, बहुत बड़ा अचीवमेंट हुआ है आप भी पधारे थे और रिफाइनरी का काम वहां पर शुरु हो चुका है, तो उस एरिया के अंदर अगर जैसलमेर-बाड़मेर को मुंद्रा-कांडला बंदरगाह से जोड़ने के लिए नई रेल लाइन की कोई चालीस साल पहले से मांग है। ये बॉर्डर एरिया पाकिस्तान से लगता हुआ और सीमावर्ती क्षेत्र है। अगर ये सबकुछ निकलने के बाद में तेल भी गैस भी और रिफाइनरी भी बन रही है, तो आने वाले वक्त में जैसे आपने भारत माला के काम शुरु करवाए हैं देश के अंदर, वो भी अपने आप में मैं समझता हूं कि एक नई सोच है। उसी रूप में आप अगर जैसलमेर-बाड़मेर को मुंद्रा और कांडला बंदरगाह से जोड़ने के लिए नई रेल लाइन का काम शुरू कराते हैं, तो मैं समझता हूं कि आने वाले वक्त में सभी दृष्टिकोण से यह बहुत उचित होगा। बाकि लोहारू-सीकर-रींगस रेल लाइन पर आमान परिवर्तन चुका है, पर रेलगाड़ी चल नहीं रही है। इस प्रकार से जो प्रोजेक्ट हमारे पहले चल रहे थे, मैं इस मुबारक मौके पर आपसे प्रार्थना करूंगा कि आप कृपा करके इन प्रोजेक्ट को वापस शुरू कराएं और इसी बजट के अंदर अगर आप ले सकें तो बड़ी कृपा होगी। यही बात कहता हुआ मैं पुनः यही कहना चाहूंगा कि रेलवे का विस्तार, रेलवे का विकास सरकार चाहे किसी भी पार्टी की हो, परन्तु टॉप प्राइयोरिटी पर आज तक रहा है, रहना चाहिए। उसी से हमारी आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी और देश में सभी यात्रियों को भी और मैं समझता हूं कि इंडस्ट्री को भी फायदा मिलेगा। यही बात कहता हुआ मुझे आज आपने इन्वाइट किया, उसके लिए मैं पीयूष गोयल जी का, आप सभी का बहुत आभारी हूं, धन्यवाद