Shri Ashok Gehlot

Former Chief Minister of Rajasthan, MLA from Sardarpura

SpeakUpAgainstPriceRise

दिनांक
05/03/2021
स्थान
जयपुर


पहले कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी जी ने आसमान छूती फ्यूल और रसोई गैस की कीमतों को लेकर प्रधानमंत्री जी को पत्र लिखा, उसी के कंटिन्यूएशन में आज यह #SpeakUpAgainstPriceRise कैम्पेन आज दिन भर बहुत ही शानदार चला है, लाखों नौजवानों ने इसमें भाग लिया है। वस्तुस्थिति अजीब सी है कि अगर अंतर्राष्ट्रीय कीमतें घटती जा रही हैं उसकी बावजूद भी पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ते गए और क्यूँ बढ़े इसका कारण सिर्फ एक है कि केंद्र सरकार ने जिस प्रकार से एक्साइज ड्यूटी जो मेन होती है जिसमें राज्यों का हिस्सा होता है उसको तो कर दिया है बहुत ही कम और एडिशनल एक्साइज ड्यूटी और स्पेशल एक्साइज ड्यूटी उसको लगातार बढ़ाते गए, सुनने में आ रहा है कि एक तिहाई तो जो आमदनी है, रेवेन्यू है भारत सरकार की वो सिर्फ पेट्रोल डीजल और गैस से आ रही है। अगर अंतर्राष्ट्रीय कीमतें कम हुई थीं उसका पूरा फायदा पब्लिक को मिलता और पब्लिक की जेब में अगर पैसा आता तो मेरे ख्याल से उसकी परचेजिंग पावर बढ़ती, पैसा खर्च करता मार्केट के अंदर तो पूरे देश की इकॉनोमी बेहतर होती। अगर आप पब्लिक को, जो पहले से ही परेशान कोविड के कारण से है, काम धंधे बंद हो गए, नौकरियां चली गईं, व्यापार बंद हो गए उसके बाद में आप फिर पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाओ और ट्रांसपोर्टेशन की अगर और कॉस्ट बढ़ती जाएगी तो महंगाई बढ़ेगी चाहे खाद्य सामग्री हो, चाहे फल-सब्जियां हो, चाहे कुछ और सामग्री क्यूँ न हो ये ही हालात देश में बन गए हैं।
20 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा की गयी और कहा गया जीडीपी का 10 पर्सेंट ये भाग है 20 लाख करोड़, सबने स्वागत किया उसका। बाद में मालूम पड़ा न राज्यों को मिला पैसा न इंडस्टी को न व्यापार को किसी को बूस्ट करने का पैसा नहीं मिला। लोन बेसिस पर बीस लाख करोड़ रूपये बाँट दिए गए। तो जो मैं बार बार कहता हूँ परचेजिंग पावर नहीं बढ़ेगी आम व्यक्ति की और पैसा खर्च नहीं होगा मार्केट में तो मार्केट की इकॉनोमी कैसे सुधरेगी, मेरे हिसाब से सबसे बड़ी समस्या देश के सामने यही है जिसके कारण अर्थव्यवस्था मजबूत नहीं बन पा रही है और अभी तक सरकार के समझ में नहीं आ रहा है।
जिस प्रकार से सब्सिडी लगभग ख़त्म कर दी गयी है गैस सिलेंडर की ऑफिशियल अनाउंसमेंट शायद नहीं हुआ उसका, पर जिस प्रकार से 125 रूपये बढे हैं और जो उज्ज्वला योजना थी उसमें तो गरीब व्यक्ति का सिलेंडर भरवाना मुश्किल हो गया है।
100 रूपये से प्रतिलीटर ज्यादा दाम बढ़ चुके हैं, राजस्थान सरकार ने कोशिश की थी वैट को 2 प्रतिशत कम करने की, 1000 करोड़ रूपये का हमें रेवेन्यू लॉस हुआ। ये सोचकर के कि जनता को लाभ मिलेगा। मालूम पड़ा दो दिन के अंदर-अंदर जिस प्रकार से वापस मंहगाई बढ़ाई गयी पेट्रोल की, डीजल की तो हमारा 2 पर्सेंट कम करने का जो इम्पैक्ट होना चाहिए था पब्लिक में वो नहीं हो पाया।
इस प्रकार से पता नहीं क्यूँ जब सरकार बनी थी तब तो ये लोग लगातार लम्बी-चौड़ी बातें करते थे, यूपीए गवर्नमेंट के ऊपर आरोप लगाते थे अब छह-सात साल हो गए इनको सरकार में आए हुए, लगातार मंहगाई बढ़ती जा रही है उसके बावजूद भी कोई कदम नहीं उठाए जा रहे बल्कि जमाखोरों को परमीशन मिल गयी है क्यूंकि एसेंशियल कमोडिटीज़ थी उस लिस्ट को लगभग खत्म कर दिया गया पता नहीं वो लागू हुआ या नहीं हुआ परन्तु अभी से ही लोगों ने जखीरे बनाने प्रारम्भ कर दिए हैं उस कारण से और मंहगाई बढ़ती जा रही है।
सरकार को समय रहते हुए कदम उठाने चाहिए जिससे कि महंगाई पर काबू पा सकें वरना लोगों में असंतोष पैदा होगा वो जनहित में नहीं है, देशहित में नहीं है।
मेरी बहुत शुभकामनाएं हैं तमाम उन साथियों को जिन्होंने आज इस #SpeakUpAgainstPriceRise कैम्पेन में भाग लिया मैं उम्मीद करता हूँ कि आज का अभियान जो चलाया गया है उसका बहुत बड़ा इम्पैक्ट पड़ेगा और जनता की भावना सरकार तक पहुंचेगी और सरकार की नींद उड़ेगी तो मैं समझता हूँ जनता का भला होगा।

Best viewed in 1024X768 screen settings with IE8 or Higher