Shri Ashok Gehlot

Former Chief Minister of Rajasthan, MLA from Sardarpura

Talked to media at SMS Stadium, Jaipur (15th August):

दिनांक
15/08/2021
स्थान
SMS Stadium, Jaipur


लंबे अरसे से ही हमले हो रहे हैं और उसका नमूना देख लिया आपने, आखिर में ट्विटर अकाउंट्स को खोलना पड़ा उनको।
ये जो परंपराएं हैं, हमारी महान परंपराएं 74 साल तक जो हम लोगों ने, 74 साल मना तो रहे हैं अमृत महोत्सव के रूप में, उनको चाहिए कि 74 साल का इतिहास देखें, किस रूप में इन्होंने 74 साल लगातार दो-दो प्रधानमंत्रियों की शहादत देनी पड़ी है, इंदिरा गांधी जी शहीद हो गईं, खालिस्तान नहीं बनने दिया, राजीव गांधी शहीद हो गए, ये देश ऐसे ही एक व अखंड नहीं रहा है, तो आज जो हुकूमत में आना अलग बात है, पर उनको चाहिए संविधान की मूलभावना जब आप शपथ लेते हो, तो उसके शब्दों के अंदर क्या भाव निकलते हैं, वैसी ही आपकी सोच, वैसा ही आपका आचरण होना चाहिए, वैसे ही आपके फैसले होने चाहिए, वैसा ही आपका व्यवहार होना चाहिए, वो है कि नहीं है ये देश देख रहा है, आप शपथ किस बात की लेते हो, शपथ की अपनी एक sanctity होती है, तो मैं तो ये कहना चाहूंगा कि चाहे वो विधायकगण हों, चाहे वो सांसदगण हों, चाहे मंत्री, मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री, कोई हो, शपथ के जो शब्द हैं, उनके अनुसार आचरण करेंगे, व्यवहार करेंगे, सोच रखेंगे, फैसले करेंगे, तो देश में कोई दिक्कत नहीं आएगी। अन्फॉर्च्यूनेटली अभी जो है असहमति को भी आप आलोचना, असहमति का तो लोकतंत्र में कायदा होता है, होना भी चाहिए। ये जब विपक्ष में थे तो कितनी आलोचना करते थे कांग्रेस की, हमेशा कांग्रेस ने स्पिरिट में लिया उसको, हमारे कई मुख्यमंत्रियों के इस्तीफे हुए, रेल मंत्री का इस्तीफा हो गया, लॉ मिनिस्टर का इस्तीफा हो गया और ये ऐसे लोग हैं जिन्होंने तय कर रखा है कि ये हठधर्मिता से ही राज करेंगे, परवाह किसी की नहीं करेंगे और उसी कारण से उनका शासन फेल हो रहा है, चाहे वो कोरोना का हो प्रबंधन, चाहे वैक्सीन का मिस मैनेजमेंट हो, आज देश पूरा दुःखी है, अगर टाइम पर 130 करोड़ की जनता है, ज्यादा हो गई है, अगर टाइम पर वैक्सीन के ऑर्डर निकलते, वैक्सीन लग जाती तो कम से कम मृत्युदर तो कम होती। आज 50 करोड़ की बात करते हैं ये, 50 करोड़ तो सिंगल डोज वाले हैं, जो फुल डोज होती है उसमें तो 10 पर्सेंट मुश्किल से हैं देश के अंदर, अभी 10 पर्सेंट ही हुए हैं, तो कब हम लोग पूरी कर पाएंगे इसको बताओ? तो बहुत ही नाजुक स्थिति है और ये 75 वर्ष जब मना रहे हैं हम लोग, तो 75 वर्ष में पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी हैं जिनको संकोच होता है पंडित जवाहर लाल नेहरू का नाम लेते हुए, जो सालों तक जेल में बंद रहे, जिनके पूरे खानदान ने त्याग किए, बलिदान किए, मोतीलाल नेहरू भी जेलों में बंद रहे, इंदिरा गांधी ने शहादत दे दी, राजीव गांधी ने शहादत दे दी, परंतु उसके बावजूद भी ये लोग, मुझे अफसोस होता है कि एक प्रधानमंत्री के मुंह से जो पूर्व प्रधानमंत्री उसी पद पर रहे हुए हैं, उनके बारे में दो शब्द बोलते हुए इनको तकलीफ होती है, ये ऐसी सोच के लोग हैं, वो आप सोच सकते हैं कि वो देश को कहां ले जाएंगे। इसलिए बहुत हालात खराब हैं, ऐसा कभी नहीं हुआ आज तक।
सवाल- योगी जी पर जिस आईपीएस अधिकारी ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाया था, ढाई साल से वो बंद हैं, निलंबित हैं?
जवाब- ऐसे कई लोग हैं, जिनको आप और हम जानते ही नहीं हैं, चाहे पत्रकार हैं, साहित्यकार हैं, एक्टिविस्ट्स हैं, बंद कर रखा है उनको जेलों के अंदर, राजद्रोह के मामले के अंदर, ज्यूडीशियरी पर दबाव, मैंने अभी कहा इनकम टैक्स, सीबीआई, ईडी, सब पर दबाव है, छापे डलवा रहे हैं, चुनाव आए नहीं जहां पर चाहे वेस्ट बंगाल हो, चाहे वो कोई राज्य हो, उसके पहले छापे की कार्रवाई होगी वहां पर, फिर इलेक्शन कैंपेन शुरू होगा, कभी हुआ है आज तक? तो इतना अहम् घमंड में नहीं रहना चाहिए, घमंड, जनता सब समझती है, घमंड राजनीति में किसी का नहीं रहता है, जनता बहुत समझदार है, रोबस्ट कॉमनसेंस बहुत एक्स्ट्राऑर्डिनरी है जनता का देश की जनता का, समय आने पर वो सबक सिखाएगी।

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