Talked to ANI regarding REET Exam:
दिनांक
04/10/2021 |
स्थान
जयपुर
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सवाल- राजस्थान में आप लोगों ने बहुत अच्छा प्रयास किया, आप खुद मॉनिटर कर रहे थे रीट की परीक्षा को लेकर, लेकिन इसको लेकर विपक्ष ने भी कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या कुछ कहेंगे रीट के एग्जाम को लेकर?
जवाब- देखिए रीट की परीक्षा में जो कुछ माहौल बना राजस्थान के अंदर और राजस्थानवासियों ने, प्रदेशवासियों ने जिस तरीके से आगे बढ़कर के एक इतिहास बनाया कि जो हमारे नौजवान साथी हैं... कोरोना की मार झेल चुके हैं, पूरे प्रदेशवासी झेल चुके हैं। कोरोना के वक्त में भी आपने देखा होगा कि कोई भूखा नहीं सोए, हमने कहा था तो लोगों ने, एनजीओ ने, एक्टिविस्ट्स ने, धर्मगुरुओं ने, सभी पार्टियों के लोगों ने मिलकर कोई कमी नहीं रखी सेवा करने में और हमने एप्रिशिएट किया सबको। अभी भी हमने आह्वान किया कि बार-बार बीजेपी का राज हो चाहे कांग्रेस का राज हो, पेपर आउट होने की खबरें आती रहती हैं। हमने इस बार कड़ाई बरती ज्यादा ही कि हम बर्खास्त कर देंगे नौकरी से, स्कूलों की मान्यता समाप्त कर देंगे, कार्रवाई करेंगे और साथ में क्योंकि करीब 15-16-17 लाख छात्र और नौजवान थे, उनके लिए आह्वान किया कि कहां तो वो रुकेंगे, एक दिन पहले जाना पड़ता है, कहां रुकेंगे, कहां खाना खाएंगे. आह्वान करने मात्र से पब्लिक ने, एनजीओ ने, एक्टिविस्ट्स ने, जनप्रतिनिधियों ने पलक-पावड़े बिछा दिए उनके लिए, चाहे वो यूपी के आए हों, मध्यप्रदेश के आए हों, चाहे और किसी राज्य के लोग आए हों और जिस प्रकार से उनके खाने-पीने की व्यवस्था की, राम रसोड़े खोल दिए खिलाने के लिए उनको गर्म भोजन, पैकेट बना दिए उनके लिए, ऐसा मैं समझता हूं कभी इतिहास में आज तक कभी नहीं हुआ, राजस्थान में और देश में कहीं नहीं हुआ। ये नई परंपरा एक प्रकार से राजस्थान की जो महान परंपराएं रही हैं, उसी का एक रूप था ये जो हमें देखने को मिला। ये हमारे विपक्ष के साथियों को पच नहीं रहा है क्योंकि जिस प्रकार से जिंदाबाद के नारे लगाए वहां पर उन लोगों ने वहां पर सरकार के और समाजसेवियों के, एक्टिविस्टों के, सबके वो डायजेस्ट नहीं हो रहा इसलिए कुछ लोग ऐसे हैं इस समाज के अंदर, वो इसको भड़का रहे हैं।
दूसरा, क्या है कि नौकरी लगेगी 33 हजार जो बहुत बड़ी मैं एक समझता हूं कि बड़ी संख्या में हमने एक अवसर दिया। उनको लगता है कि ये 33 हजार पदों की जो नौकरी लगेगी, तो बाकियों की तो लगेगी ही नहीं, तो भड़काने में आसानी रहती है। अच्छा, आज कल पेपर ऐसे आते हैं ओएमआर शीट से कि उसी वक्त बच्चे को मालूम पड़ जाता है बेरोजगार को कि मैं पास होऊंगा या फेल होऊंगा। तो जो मालूम है कि अगर मेरा नंबर नहीं आने की संभावना है और ऐसी स्थिति बन गई कि मैं पास नहीं हो पाऊंगा, ऐसे लोगों को आप भड़काओ कि पेपर तो आउट हो गए थे, तो आप कितनी ही भीड़ इकट्ठी कर लो, उनको भड़काने का काम कर लो, ये अच्छी परंपरा नहीं है। इससे तो अगर भर्तियां रुक गईं, सालभर, दो साल, फिर कोई कोर्ट में चला गया, फिर हाई कोर्ट, फिर सुप्रीम कोर्ट तक जाओ, पहले भी गए हैं, हमें तो कई बार सुप्रीम कोर्ट से केस विड्रॉ करना पड़ा है। तो ये अगर परंपरा रहीं, तो मैं समझता हूं कि आगे भर्तियां कैसे होंगी? तो ये विपक्ष को समझना चाहिए कि ऐसी गलती नहीं करें क्योंकि उनके शासन के अंदर भी, जब भारतीय जनता पार्टी का शासन था तब भी पेपर आउट कई बार हुए हैं, हमने तो बहुत अच्छे ढंग से मैनेज किया है पूरे इस प्रोसेस को। तो ये जो कुछ वो लोग हो गए हैं, कुछ लोग ऐसे लोग हो गए हैं नेता लोग बनने के लिए, नेता बने हुए हैं, वो कई अफवाहें चला रहे हैं, सच्चाई लाओ, हमारे सामने लाओ, सच्चाई एसओजी को दो, हम वादा करते हैं कि किसी को नहीं बख्शा जाएगा और बख्शना चाहिए भी नहीं क्योंकि आप लाखों युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हो, सरकार किसी कीमत पर नहीं बख्शेगी उनको, ये मानकर चलो। भड़काने का काम छोड़ो आप लोग, अगर सच्चाई है, मालूम हुआ एक सेंटर पर, दो सेंटर पर मान लो पेपर आउट हो गया, तो आपको अधिकार है बताने का, हम पता कर रहे हैं कि इस एक सेंटर पर, दो सेंटर पर बात पहुंच गई है, पेपर आउट हो गया है, हम वहां वापस एग्जाम करवा देंगे। पर उसकी आड़ के अंदर आप चाहो कि पूरे लाखों लोगों को वापस उनको बुलाओ, परीक्षा दिलवाओ, ये कहां की समझदारी है, ये समझ के परे है। इसलिए अगर कोई शिकायत मिलेगी, सच्चाई होगी, तो हम वापस पेपर करवा देंगे उन सेंटर्स पर जहां पर ये शिकायत हुई है। उसकी आड़ में आप लाखों लोगों को कैसे आप ये उम्मीद कर सकते हो कि सरकार उसके लिए वापस एग्जाम करवाएगी। तो ये जो तमाम हरकतें चल रही हैं, वो अच्छी नहीं हैं और सरकार बर्दाश्त भी नहीं करेगी।