Shri Ashok Gehlot

Former Chief Minister of Rajasthan, MLA from Sardarpura

बिजली दरों पर जनभावनाओं के आगे सरकार को झुकना पड़ा , मुख्यमंत्री बजट में रिफाइनरी और मेट्रो जैसी परियोजनाओं को सम्मिलित करें, निःशुल्क दवा योजना को गरीबों के हित में मजबूत बनाये - गहलोत

दिनांक
18/02/2017
स्थान
जयपुर


जयपुर, 18 फरवरी। पूर्व मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा है कि भारी बहुमत प्राप्त कर सत्ता में आई भाजपा सरकार अब तक तो नाकारा एवं निकम्मी साबित हुई है, लेकिन प्रदेश के व्यापक हित में मेरा आग्रह है कि सरकार आगामी बजट में रिफाइनरी, जयपुर मेट्रो फेज-2, डूंगरपुर-बांसवाडा-रतलाम रेल लाइन, भीलवाडा में मेमो कोच फैक्ट्री, परवन सिंचाई आदि के लिए समुचित प्रावधान करे अन्यथा राज्य की जनता उसे कभी माफ नहीं करेगी।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली नियामक आयोग द्वारा बिजली दरें बढ़ाये पांच महीने हो गये। कांग्रेस द्वारा बिजली दरें कम करने के लिए जिला स्तर पर धरने/प्रदर्शन किये गये तब भी सरकार ने कोई परवाह नहीं की। अब झुंझुनू एवं सीकर में कांग्रेस द्वारा बड़े आंदोलन की तैयारी को देखते हुए आनन-फानन में सरकार ने बढ़ी हुई दरें वापस ले ली। बजट का भी इंतजार नहीं किया। सरकार को जन भावना के सामने झुकना पड़ा तथा मजबूरन आज से नहीं बल्कि सितम्बर 2016 से ही बढ़ी दरों को वापस लेना पड़ा। ये जनता की जीत है।

उन्होंने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार के समय भी नियामक आयोग द्वारा बिजली दरें बढ़ाई गई थी मगर सरकार ने तत्काल बिजली कम्पनियों को सब्सिडी देकर पांच साल तक किसानों की बिजली दरें नहीं बढ़ने दी। इस सरकार को भी समय रहते कदम उठाना था।

श्री गहलोत ने अपने एक बयान में कहा है कि राजस्थान की तस्वीर और तकदीर बदल देने वाली रिफाइनरी परियोजना को सिर्फ इसलिए रोक दिया गया कि इसका श्रेय कांग्रेस सरकार को नहीं मिले। मुख्यमंत्री आगामी बजट में इसका समुचित प्रावधान कर अपने पाप को धोने का प्रयास करें। इसी प्रकार राजधानी जयपुर में मेट्रो के दूसरे फेज (सीतापुरी से अम्बाबाडी 22 किमी) के काम को भी चालू करने के लिए बजट में प्रावधान किया जाये।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी क्षेत्र में डूंगरपुर-बांसवाडा-रतलाम को केन्द्रीय बजट में पूरी तरह नजरअंदाज किया गया है। प्रदेश के बजट में इसके लिए भी समुचित व्यवस्था की जाये। झालावाड में परबन सिंचाई परियोजना शुरू करने के लिए भी बजट में आवश्यक प्रावधान करने की जरूरत है। इस योजना का लाभ झालावाड़ के साथ कोटा और बारां को भी मिलेगा।
कांग्रेस सरकार की सबसे लोकप्रिय निःशुल्क दवा एवं जांच योजना तहस-नहस की जा चुकी है और प्रदेश के गरीब, मजदूर और किसान सभी परेशान हैं। इस योजना को फिर से पटरी पर लाने के लिये समुचित बजट बढाया जाये। वादे के मुताबिक भाजपा सरकार महंगाई को कम नहीं कर पाई है। महंगाई कम करने के लिये रसोई गैस व सिलेण्डर पर कांग्रेस सरकार की तरह बजट में सब्सिडी दी जाये, पेट्रोल, डीजल पर वैट घटाया जाये और मनोरंजन कर समाप्त किया जाये।

श्री गहलोत ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने किसानों को उनकी उपज और दूध बिक्री पर बोनस देने का फैसला किया था, जिसे इस सरकार द्वारा बंद कर दिया गया। उन्होंने मांग की है कि किसानों को राहत देने के लिये सरकार इस बजट में इन राहतों को फिर से बहाल करे। इसी प्रकार फव्वारा सिंचाई, ड्रिप सिंचाई, डिग्गी निर्माण और सोलर पम्प पर कम की गई सब्सिडी को पुनः बढाया जाये। कांग्रेस सरकार ने यह राहत पहुंचाई थी जिसे वर्तमान सरकार ने कम कर दिया था।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार ने 15 लाख युवाओं को नौकरी देने का वादा किया था। सरकार ने रोजगार देना तो दूर उल्टे रोजगार मांगने वालों पर लाठियों का वार किया। भाजपा सरकार निराश और हताश इस वर्ग में व्याप्त आक्रोश को देखते हुए बजट में रोजगार देने की व्यवस्था करे अन्यथा बेरोजगारी भत्तेे का प्रावधान करे।

राज्य कर्मचारियों में बढ़ती निराशा को देखते हुए सातवें वेतन आयोग को लागू करने की उनकी मांग पर तुरन्त विचार किया जाये। रोडवेजकर्मियों को वेतन, पेन्शन एवं अन्य परिलाभ समय पर नहीं मिल रहे हैे, रोडवेज बंद होने के कगार पर है, राजकीय उपक्रम होने के नाते सरकार को समुचित सहयोग देना चाहिए।

श्री गहलोत ने कहा कि प्रदेश के पत्रकारों के लिए कांग्रेस सरकार ने आवास आवंटन योजना लागू कर जयपुर में लॉटरी तक निकाल दी थी। यह योजना वर्तमान सरकार में अटकी हुई है। सरकार इस दिशा में सकारात्मक पहल कर पत्रकारों को आवास उपलब्ध कराये। इसी प्रकार कांग्रेस सरकार द्वारा पत्रकारों के लिये पेन्शन योजना लागू की गयी थी, उसे भी रोक दिया गया है। सरकार इस योजना को फिर से बहाल करे।
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