Shri Ashok Gehlot

Former Chief Minister of Rajasthan, MLA from Sardarpura

मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री योजनाओं को धरातल पर उतारें तो युवाओं को रोजगार मिले, 12 लाख युवाओं को रोजगार देने के आंकडे पर किसी को विश्वास नहीं - गहलोत

दिनांक
21/03/2017
स्थान
जयपुर


जयपुर, 21 मार्च। पूर्व मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे से कहा है कि वे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के साथ मिलकर स्टार्टअप, स्किल डवलपमेन्ट, डिजीटल इंडिया और स्मार्टसिटी की जो योजनायें हवा में तैर रही हैं उनको धरातल पर लायें ताकि युवाओं को रोजगार मिल सके।

श्री गहलोत ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में एक कार्यक्रम मंे शिरकत करने के बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए कहा कि भाजपा ने चुनाव पूर्व 15 लाख युवाओं को नौकरी देने का वादा किया था, अब वादा खिलाफी क्यों की जा रही है। राज्य विधानसभा में सरकार द्वारा 12 लाख को नौकरियां देने के आंकडे़ प्रस्तुत किये गये हैं और यह भी बताया गया है कि दिसम्बर तक पूरे 15 लाख को नौकरियां दे दी जायेगी, लेकिन इस पर किसी को विश्वास नहीं है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका मतलब तो यह हुआ कि दिसम्बर के बाद तो एक साल और बचेगा तब तक को पता नहीं 15 लाख के आंकडे़ को भी पार कर लेंगे। तस्वीर का दूसरा पहलू यह है कि नौकरी मांगने वाले युवाओं पर भाजपा कार्यालय के बाहर बार-बार लाठीचार्ज हो रहा है, महिलाओं और होमगार्ड्स पर लाठियां बरसाई जा रही है और सच पूछो तो किस तबके पर लाठीचार्ज नहीं हुआ।

श्री गहलोत ने कहा कि यह कायदा है कि जनसुनवाई मुख्यमंत्री निवास या मंत्रियों के निवास पर की जाती है, जहां आम आदमी, जिसका भाजपा से भी कोई संबंध नहीं है, वह भी जा सकता है और अपनी फरियाद कर सकता है। मगर सरकार ने भाजपा कार्यालय को इसके लिए चुना, ये कोई तरीका नहीं है, इसलिए कहता हूं कि लोगतंत्र में इनका यकीन नहीं है, ये फासिस्ट लोग हैं और पूरे देश में आज भय का वातावरण बन गया है, श्री मोदी को यह बात समझनी चाहिए।

सत्ता पक्ष के विधायकों द्वारा ही सरकार को घेरने के सवाल पर श्री गहलोत ने कहा कि भाजपा को एकतरफा बहुमत मिला है, ऐसे में उनको तो बोलना ही है, क्योंकि अपने क्षेत्र में वे जनता को क्या जवाब दें। सरकार चल कहा रही है, इसीलिए इतने प्रश्न विधानसभा में आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार तो धर्म के नाम पर राजनीति कर रही है, जातियों को आपस में भिड़ा रही है और चुनाव जीतने के लिए ध्रुवीकरण किया जा रहा है। चुनाव तो जीत लेंगे मगर देश में लोकतंत्र कहा रहेगा। देशवासियों को इस बात को समझना पडेगा।

श्री गहलोत ने सवाल किया कि रिफाइनरी, जयपुर मेट्रो फेज-2, आदिवासी क्षेत्र में डूंगरपुर-बांसवाडा-रतलाम रेलवे लाइन, परबन नदी सिंचाई परियोजना, मेमो कोच फैक्ट्री जैसी महत्वपूर्ण परियोजनाओं का कोई अता-पता नहीं है। इस सरकार के पास इन सबका कोई जवाब नहीं है। इस सरकार ने लापरवाही में तीन साल तो निकाल दिये और यूं ही साल-डेढ साल और निकाल देंगे।

आर.एस.एस. के हस्तक्षेप के सवाल पर श्री गहलोत ने कहा कि आर.एस.एस. हस्तक्षेप नहीं बल्कि इस देश में शासन कर रही है। प्रचारक रहे श्री नरेन्द्र मोदी आज देश के प्रधानमंत्री हैं और एक के बाद एक हरियाणा, उत्तराखण्ड, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, गोवा और मणिपुर में आर.एस.एस. के प्रचारकों को ही मुख्यमंत्री बनाया गया है। अब तो राजस्थान की मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे खुद कह चुकी हैं कि वे आर.एस.एस. की स्वयंसेवक रह चुकी हैं। अपनी मां को उन्होंने आर.एस.एस. का बडा नेता बताया और खुद को आर.एस.एस. का कहलाने में गर्व करने लगी हैं। पहले मुंह नहीं खोला था तो भ्रम बना हुआ था ताकि सभी धर्मों व जातियों में राजनीति चलते रहे। लेकिन अब यह देखकर कि सभी राज्यों में हमारी सरकारें बन गयी हैं तो धर्मनिरपेक्षता की बात को अब छोड़ दिया है। इसी संदर्भ में उन्होंने धौलपुर उप चुनाव की ओर इशारा करते हुए कहा कि भाजपा का इस क्षेत्र से एक मात्र मुस्लिम एम.एल.ए. था, उसे भी टिकट नहीं दिया गया है।

श्री गहलोत ने कहा कि मुझे आश्चर्य है कि 30 साल के बाद भाजपा को केन्द्र में स्पष्ट बहुमत मिला, इसके बावजूद श्री मोदी को यह कैसे गवारा हुआ कि उत्तरप्रदेश में 403 टिकटों में एक भी टिकट किसी मुस्लिम को नहीं दिया गया। उन्होंने अफसोस के साथ कहा कि इसे देखते हुए तो भाजपा के बडे नेता श्री मुख्तार अब्बास नकवी और शाहनवाज हुसैन को तो उसी दिन भाजपा से इस्तीफा दे देना चाहिए था। उनकी कौम को एक भी टिकट नहीं देने का मतलब साफ था कि ये देश को कहां ले जाना चाहते हैं। यानि संविधान की मूल भावना जिसमें लोकतंत्र व समाजवाद के साथ धर्मनिरपेक्षता भी है, उस मूल भावना को खतम करके चुनाव मैदान में उतरने वाली पार्टी में वे क्यों रहें। लेकिन पद की लालसा में सब बैठे हुए हैं। कई अन्य मुस्लिम नेता भी बैठे हुए हैं जो पद प्राप्त कर रहे हैं। देश किस दिशा में जा रहा है उस पर इन्हें चिन्तन और मनन करने की जरूरत है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इस देश की एकता और अखण्डता के लिए श्रीमती इन्दिरा गांधी ने खालिस्तान नहीं बनने देने के लिए अपनी जान गवां दी और श्री राजीव गांधी ने उप महाद्वीप में शांति स्थापित करने के लिये अपने प्राण गवां दिये। कांग्रेस ने 70 साल तक इस देश में लोकतंत्र को जिंदा रखा है, इसलिए मैं कहता हूं कि श्री मोदी को कांग्रेस ने प्रधानमंत्री बनाया है। हिन्दुस्तान और पाकिस्तान एक साथ आजाद हुए थे, आज पाकिस्तान में क्या हालात हैं, इस मुल्क में लोकतंत्र कायम रहा इस कारण श्री मोदी प्रधानमंत्री बन पाये। इसलिए श्री मोदी को यह नहीं कहना चाहिए कि कांग्रेस ने 70 साल में क्या किया। हमारा जवाब यही है कि आपको प्रधानमंत्री बनाया।

ओलावृष्टि को लेकर श्री गहलोत ने कहा कि यह सरकार इस ओर कभी ध्यान नहीं देती। पहले भी ओलावृष्टि हुई तब श्रीमती सोनिया गांधी अचानक कोटा आई और प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने अलवर, भरतपुर व बूंदी में गांव-गांव दौरे किये। हालात बहुत खराब थे। कई किसानों ने आत्महत्यायें की, कुछ बिजली गिरने से मर गये थे, हमने मुआवजे की मांग उठाई, लेकिन सरकार संवेदनहीन बनी रही। हमारी मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया। मुख्यमंत्री स्वयं जब तय करलें कि मुझे कुछ नहीं करना है तो ये संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। राजस्थान में ऐसा कुशासन चल रहा है।
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