Shri Ashok Gehlot

Former Chief Minister of Rajasthan, MLA from Sardarpura

Briefed the Media after Web Portal Launch.

दिनांक
12/06/2019
स्थान
जयपुर


मैं इस मुबारक मौके पर, MSME पोर्टल के लॉन्च के मुबारक मौके पर मीडिया की भागीदारी आपको तकलीफ दी गई आप सब लोग आए उसके लिए आपका धन्यवाद। ऑर्डिनेंस पहले जारी हो चुका था आचार संहिता लागू होने से हम सबको तकलीफ हुई क्योंकि जो हम चाहते थे उस रूप में यह इंप्लीमेंट नहीं हो पाया, असेंबली आ रही है उसमें हम इसको कानून का रूप देंगे पर यह बहुत क्रांतिकारी कदम है जितने युवा वर्ग के लिए अनेक अवसर मिलेंगे, उनका टेंशन खत्म होगा अभी तो आप देखते हैं कि कोई सोचता है उद्योग लगाने के लिए उसको पहले टेंशन होता है परमीशन लो, लाइसेंस लो और जिस रूप में वह परेशान होते हैं तो आधे लोग तो छोड़ कर चले जाते हैं। यह जो छूट दी गई है कि 3 साल के अंदर अंदर आराम से परमिशन, एक पोर्टल में आप इत्तला करो एक्नॉलेजमेंट आएगा आप अपना काम शुरू करो तो इस रूप में आपको अभी सुबोध अग्रवाल जी बता रहे थे कि यह क्रांतिकारी कदम उठाया गया है और मैं उम्मीद करता हूं कि क्योंकि राजस्थान देश में पहला राज्य है जिसमें यह एक्ट लाया जाएगा, ऑर्डिनेंस जारी हुआ है।
अनफॉर्चुनेट्ली अभी हमारे पिछले चुनाव के अंदर हम लोग कामयाब नहीं हो पाए पर जो हमारा मेनिफेस्टो था केंद्र का उसमें भी राहुल गांधी जी ने इस पर जोर दिया एमएसएमई का कानून बने जिसके माध्यम से युवाओं को तकलीफ नहीं हो और इन्वेस्टमेंट अधिक से अधिक आ सके। जो हालात देश के अंदर है उसकी मुझे चिंता है क्योंकि हालात गंभीर है मंदी का दौर चल रहा है देश के अंदर, पिछले 5 साल के अंदर कोई इन्वेस्टमेंट आया नहीं और तो और जो आंकड़े थे एनएसएसओ के जिसके माध्यम से तमाम डिपार्टमेंट की स्कीमें बनती है उन आंकड़ों को भी छुपाया गया और यह स्थिति बन गई कि जब वह लीक हो गए तो उसको झूठा साबित करने का प्रयास किया गया जबकि सरकार बनने के बाद में अब वही आंकड़े वित्त मंत्रालय स्वीकार कर रहा है, रोजगार के हो या अन्य आंकड़े हो। एनएसएसओ की इतनी इंपोर्टेंस है कि उसकी रिपोर्ट के आधार पर सारी सरकारों के डिपार्टमेंट आगे के प्लान बनाते हैं, दो अधिकारियों ने एक चेयरमैन और एक मेंबर ने उस वक्त में इस्तीफा दे दिया इतनी बड़ी घटना देश के अंदर हुई है। सच्चाई को स्वीकार करना चाहिए हमेशा सच्चाई को छिपाएंगे तो देश का भला नहीं होगा। जो हालात मंदी के दौर में हम चल रहे हैं उसमें चाहे देश हो या प्रदेश हो सबका यह प्रयास होना चाहिए कि हम युवा पीढ़ी को कैसे, किस प्रकार सुविधा दे सके अधिक से अधिक, रोजगार के अवसर उनके सामने प्रस्तुत हो सके, इन्वेस्टमेंट आने के लिए इंटरप्राइजेज बनाने का साहस कर सके। रोजगार बहुत बड़ी चुनौती है आज देश के सामने और मैं समझता हूं कि उस आक्रोश के कारण जो युवा का मार्ग है वो भटक जाता है, उसका जिक्र में नहीं करना चाहूंगा आप देख लो क्या-क्या घटनाएं हो रही है देश के अंदर भी इसलिए राजस्थान सरकार ने पहल करके इस कदम को उठाया है मैं उम्मीद करता हूं कि जब माहौल बनेगा राजस्थान के अंदर, उद्यमी तब आता है जब उसको सरकारी अधिकारी हो, राजनेता हो उसका सपोर्ट मिले, माहौल राज्य के अंदर ऐसा हो ऐसा कल्चर हो खुद को कंफर्टेबल फील करें, कानून व्यवस्था की स्थिति मजबूत हो तमाम सुविधाएं देख कर के उस राज्य में जाना पसंद करता है, राजस्थान सरकार की वह इच्छा रहेगी कि हम तमाम वह काम करें जिससे अधिक से अधिक इन्वेस्टमेंट यहां पर आ सके। हम अगले कुछ ही दिनों में चाहेंगे कि इंडस्ट्री पॉलिसी नई बने वो भी हम लाना चाहते हैं उसके ऊपर काम चल रहा है। रिफ्ट पहले हमने बनाई थी इंडस्ट्रियल पॉलिसी उसको हम और ज्यादा मजबूत करना चाहते हैं, एग्रो प्रोसेसिंग और एग्रो मार्केटिंग में उसको स्वरूप देना चाहते हैं और आपको मालूम है कि 10 हेक्टर जमीन तक किसानों को छूट दी गई थी उसको भी परमीशन की जरूरत नहीं रहेगी, ना कोई लैंड यूज चेंज करने की जरूरत है उसको वह अपनी एग्रोबेस प्रोसेसिंग यूनिट लगाए, गोदाम बनाए, वेयरहाउस बनाए, कोई काम करे उसको आने की जरूरत नहीं है हमेशा के लिए यह सुविधाएं हमने पहले ही दे दी थी। इस प्रकार के हम राजस्थान के अंदर चाहेंगे कि इन्वेस्टमेंट का माहौल अधिक से अधिक बने, हमारे सबके सामने चुनौती है कैसे युवाओं को रोजगार मिले तो इसी दिशा में मैं समझता हूं कि स्टेट गवर्नमेंट जो एक्सपोर्ट इंपोर्ट हब बना रही है राजस्थान में वह काम हम हाथ में ले रहे हैं। पिछली बार हम कांग्रेस सरकार के वक्त में सिंगल विंडो सिस्टम बनाया था पर जितना मैं चाहता था उतना इफेक्टिव साबित नहीं हुआ इस बात का मुझे दुख है कि बहुत मेहनत करके एक्ट बनाया गया, अब मैंने चीफ सेक्रेट्री मिस्टर डी बी गुप्ता को कहा है वह कोई रास्ता निकालें 2 महीने के अंदर अंदर कि कैसे हम उसको इफेक्टिव कर सके, किस प्रकार से हम उसको वन स्टॉप सॉल्यूशन दे सकें यह हमने बात करी है उम्मीद करता हूं कि 2 महीने के अंदर यह काम हो जाएगा। जब तक आप उद्यमी को यह सुविधा नहीं दोगे तब तक चाहे सिंगल विंडो एक्ट बन जाओ वह खाली कागजों में रहता है, तो मैं समझता हूं कि हमें इस बात का एहसास है। नई उद्योगों की नीति हम लोग जल्दी ला रहे हैं और भी हम कई सुविधाएं देना चाहते हैं कि किस प्रकार से लोगों को तकलीफ नहीं हो, उनकी समस्याओं के लिए विभाग में अलग से तंत्र विकसित हो उसको हम करना चाहते हैं, इस प्रकार से कुछ कदम उठाने का फैसला किया है कि लोंग टर्म के अंदर जो बंजर भूमि पड़ी हुई है रेगिस्तान है, बंजर भूमि है वहां किस प्रकार से हम उनको सहूलियत दे सके, छूट दे सकें। पहले भी कोई जमाने के अंदर जब इंडस्ट्री का माहौल बना था 30, 40, 50 साल पहले तब उन एरिया में सब्सिडी दी जाती थी उसी से वह पनपे है एरिया, वही पॉलिसी हम आगे आने वाले वक्त में लाना चाहते हैं।
सरकार बनने के बाद में मेरी कॉन्फ्रेंस हुई है? घर पर हुई थी यहां पहली बार ही हो रही है शुरुआत अच्छी होनी चाहिए उम्मीद करता हूं और आपको शिकायत नहीं रहे धन्यवाद।

सवाल: सर यह पॉलिसी है जो देश में यूनिक पॉलिसी है और कोई स्टेट में ऐसा है नहीं बट एक बात है राजस्थान में जो लैंड प्राइसेज है कंपेयर टू गुजरात, कंपेयर टू मध्य प्रदेश, आपने बंजर भूमि की बात की है पर बंजर भूमि होते हुए भी लैंड प्राइसेज इतनी ज्यादा है....
जवाब: अभी जो नई पॉलिसी आएगी ना उसमें हम लोग आपके सुझाव का ध्यान रखेंगे तब बताएंगे क्या करना है आप ठीक कह रहे है कई जगह शिकायतें आती रहती है, डीएलसी रेट है उसके कारण कई बार प्रॉब्लम आती है उसमें हम इसका ध्यान रखेंगे।

सवाल: इंडस्ट्री लगे उसके लिए पेयजल की भी...
जवाब: पेयजल की जो किल्लत है देश के अंदर प्रदेश के अंदर वह बहुत चैलेंज है, आज आप देख रहे हैं हाहाकार मचा हुआ है देश के अंदर भी और राज्यों में भी। राजस्थान सरकार ने ढाई महीने पहले ही जो कदम उठाए थे कि किस प्रकार से हैंडपंप और ट्यूबेल बड़ी संख्या में खुदवाई जाए, पुराने है तो रिपेयर करवाई जाए और टैंकर का इंतजाम किया जाए वर्क आर्डर हो गए टेंडर दे दिया उनको, इसलिए थोड़ा फर्क पड़ा है मैं यह नहीं कह सकता की पूरी सुविधा हो गई, आज ही परेशान है पीने के पानी को लेकर के जयपुर जैसे शहर में भी इतनी समस्याएं हो सकती थी उनमें काफी सहूलियत हुई है जो कि इतना बड़ा चैलेंजिंग सिटी हो गया है, तो यह हम लोग ध्यान कर रहे हैं इंडस्ट्री आएगी तो पानी की, बिजली की उस पर भी व्यवस्था करेंगे।

टारगेट अचीव करने के सवाल पर
कोई टारगेट नहीं होता है यह आपके ऊपर है कि आप कितना लिखते हो, यह प्रचार प्रसार की काम की है, विज्ञापन दे दिया खाली उससे काम थोड़ी चलेगा आप लोगों की भूमिका आप लोग आर्टिकल लिखो, आप लोग न्यूज़ बनाओ, किसी बहाने से आप कन्वींस करो ऑफिस के अंदर की आप की न्यूज़ छपे तब जाकर काम चलेगा।

सवाल: सर रिसर्जेंट राजस्थान को लेकर आज भी मंत्री जी ने कहा कि 7 परसेंट एमओयू धरातल पर आये है तो इसका क्या...
जवाब: राजस्थान रिसर्जेंट पूरी तरह फेलियर रहा है, फेलियर रहना ही था उस वक्त भी मैंने कहा था यह खाली बड़े उद्योगपतियों के स्नेह मिलन के अलावा कुछ भी नहीं है वह बात सच साबित हुई और यह बात गुजरात के अंदर भी लागू होती है मोदी जी ने खूब करवा दिए वहां है गुजरात वाइब्रेंट, इन्वेस्टमेंट 10% मुश्किल से आता है पर फंक्शन बहुत तगड़ा होता है, बड़े-बड़े उद्योगपति, दो-तीन दिन जो भी होता है अच्छे तमाशे होते हैं पर उद्यमी तभी उद्योग लगाएगा जब वह वायबल होगा, उसको रिटर्न मिलेगा तभी लगाएगा

सवाल: सर आप इंडस्ट्री सबमिट करेंगे जिससे उद्योग धंधे ज्यादा आये?
जवाब: मैंने एक सबमिट करवाया राजस्थान इंटरनेशनल कान्क्लेव किया था पर साथ में कहा था हम कोई किसी को नहीं बुला रहे इन्वेस्टमेंट के लिए, हमारी थीम दूसरी थी, हमने कहा सिर्फ आपको बुलाया जा रहा है जो आपके गांव है, राजस्थान आपका प्रदेश रहा है 50 साल या 100 साल पहले वहां आपका बॉन्ड मजबूत हो और मुझे खुशी है यह कहते हुए भी वह हमारा बहुत कामयाब रहा क्योंकि उसके कारण कई लोग गांव से जुड़ गए जो नेपाल के प्रवासी थे, चाहे लंदन के थे, विदेशों के थे या देश के थे आज भी वह कई गांव में जाते हैं और कुछ इन्वेस्टमेंट भी किए थे, IIIT आई राजस्थान के अंदर जयपुर के अंदर यह उसी कारण आई थी, अमेरिकन हॉस्पिटल बना उदयपुर में उसी कारण बना, ऐसे कई काम हुए हैं जो उस कारण हुए। सिंघानिया यूनिवर्सिटी आई है यहां पर एक माहौल बना इस कारण से यह जो प्रवासी थे वो देखते ही नहीं थे गांव की तरफ, वो गांव की तरफ देखने लगे तो यह तो मैंने कुछ उदाहरण दिए हैं आपको वो हमारे कन्क्लेव का कभी उद्देश्य रहा ही नहीं और मैंने कहा था उस वक्त में भी स्पीच के अंदर कि हम आपसे एक्सपेक्ट भी नहीं करते हैं कि आप यहां आ करके इन्वेस्टमेंट करोगे आप आओ तो आप का वेलकम है हमारी कोई शर्त नहीं है। जैसे आपने सुझाव दिया है हम करेंगे तो बहुत सोच समझ कर के करेंगे।

सवाल: सर आप कह रहे हैं नई इंडस्ट्री पॉलिसी पर काम चल रहा है यह उम्मीद कब तक करें?
जवाब: जल्दी ही करेंगे सब साथ साथ में करेंगे, आपको भी मेंटेन करना पड़ता है यह जो सामने खड़े हैं हमारे टीवी वाले इनको भी मेंटेन करना पड़ता है, सब की बात सुननी पड़ती है, सुझाव लेने पड़ते हैं उसके बाद में अच्छी बातें निकलती है। मैं इस बात पर बिलीव करता हूं कि मीडिया की बहुत बड़ी भूमिका होती है, चौथा स्तंभ ऐसे ही नहीं दिया गया है इसका नाम, चौथे स्तंभ के अपने मायने होते हैं आपने अगर इस सेक्टर को चुना है तो बहुत सोच समझ कर के चुना होगा, जैसे हम लोग राजनीति में आते हैं तो सोच समझ कर के आते हैं वही आपकी स्थिति बनती है मुझे मालूम है, इसलिए सब की राय से हम चलते हैं।

सवाल: विधानसभा का सत्र आ रहा है तो बजट भी होगा किस तरीके से लोगों की राय लेकर बजट बनेगा।
जवाब: वो हमारे जो वित्त मंत्रालय है वह उस काम में लग गए हैं प्रोसेस जारी है, विभिन्न वर्गों से बात की जाती है वह प्रोसेस चलेगा और सब की राय से बजट बनाया जाएगा।

सवाल: नीति आयोग की बैठक है आप जाएंगे?
जवाब: हां मैं जा रहा हूं उसके अंदर।
सवाल: राजस्थान की कोई डिमांड उसके अंदर?
जवाब: आपके कोई सुझाव? एजेंडा जो जो भी है, एजेंडा वाइज वहां बात होती है देखिए।

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