Shri Ashok Gehlot

Former Chief Minister of Rajasthan, MLA from Sardarpura

राजस्थान प्रदेश यूथ कांग्रेस कार्यालय में आयोजित मीटिंग में संबोधन।

दिनांक
22/01/2020
स्थान
बनीपार्क जयपुर


मुझे बहुत खुशी है कि आज आप इस प्रांगण में एनएसयूआई, यूथ कांग्रेस साथ बैठे हुए हैं, बात कर रहे हैं। मेरे ख्याल से बहुत कम चांस मिलते होंगे जब एनएसयूआई और यूथ कांग्रेस साथ बैठकर बात करते होंगे, है कि नहीं। और बहुत कम वक्त मिला होगा जब यहां पर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी और मुख्यमंत्री भी आपके साथ बैठे होंगे। और मैं चाहूंगा यूथ कांग्रेस के तमाम लोगों को भविष्य में जो है आप लोग जब कभी भी मीटिंग करो, जो नेता आपको मिल जाए, प्रदेशाध्यक्ष मिल जाए, मुख्यमंत्री मिल जाए, कोई मंत्री मिले उनको बुलाओ मीटिंगों के अंदर। दो फायदे होते हैं, एक तो आप उनकी क्लास ले सकते हो, कि जब फील करते हो जमीन में क्या हकीकत है, आप बता सकते हो आपके पास मौका होता है कि आपके कब्जे में वो रहता है, वो किडनेप हो जाता है आपके सामने। और दूसरा क्या है कि वो भी आपको दो बात कह सकता है दो टूक बात कह सकता है, जो आपके लिए फील करता है। वो इंटरेक्शन काम आता है जिंदगीभर काम आता है। वो परंपरा टूट गई है पिछले 8-10 सालों से, ये बात मैंने अशोक चांदना को, उस दिन, रात में आप नहीं थे तो मैंने मीटिंग में कहा है, जब हमारी तैयारी मीटिंग की हो रही थी, तमाम हमारे साथी थे सीएम हाउस के अंदर, अध्यक्ष जी भी थे, तीन दिन पहले मैंने कहा, कांग्रेस और यूथ कांग्रेस का बहुत गैप हो गया है। कांग्रेस और यूथ कांग्रेस एक ही है। कोई जूनियर और सीनियर कांग्रेस नहीं होती है। एक भावना फैल गई अनफॉर्च्यूनेटली, पता नहीं क्यों फैल गई, कि कांग्रेस अलग है, यूथ कांग्रेस अलग है। मिलना बंद हो गया, मीटिंगों में बुलाना बंद हो गया, उससे गैप हो गया। कांग्रेस की मजबूती में, बिना यूथ कांग्रेस और एनएसयूआई के कांग्रेस कभी मजबूत हो ही नहीं सकती है। असली ताकत जो होता है वो होता है यूथ एनएसयूआई होता है, क्योंकि मैं खुद अभिमन्यु की तरह रहा हुआ हूं, एनएसयूआई अध्यक्ष रहा था, जो यहां बैठा हुआ है आज ये, ऐसे मैं बैठा था। वहीं से मैंने राजनीति शुरु करी। मुझे एहसास है इस बात का है बिना छात्रों के, युवाओं के क्या तो कोई इलेक्शन लड़े कोई, क्या कैंपेन करे, कोई उम्मीदवार खड़ा होता है उसके जाति के लोग, उसके मिलने वाले लोग कैंपेन कर लें, अलग बात है। असली कैंपेन होता है यूथ कांग्रेस करती है, एनएसयूआई करती है जिताने का काम करती है। वो थोड़ा गैप होने से कमजोर हो गया तो कांग्रेस भी थोड़ी कमजोर हो गई। ये मैं महसूस करता हूं, कोई महसूस करे या नहीं करे, कांग्रेस की कमजोरी में इसलिए गैप बढ़ गया। वो आज मौका राहुल गांधी ने दिया है हमें इस रैली के माध्यम से। ये रैली यूथ कांग्रेस और एनएसयूआई की रैली है। प्रदेश का कोई छात्र, चाहे एनएसयूआई का मेंबर नहीं भी है, यूथ कांग्रेस का मेंबर नहीं भी है तब भी तमाम लोगों से संपर्क रखो आप। रैली में आ गया वो कांग्रेसी बन जाएगा, यूथ,एनएसयूआई का बन जाएगा स्वत: ही। जो रैली में आएगा वो कांग्रेसी बन जाएगा, जिंदगीभर के लिए बन जाएगा। कार्यक्रम से ही लोग जुड़ते हैं, कार्यक्रम से ही ताकत बढ़ती है, कार्यक्रम धरना दें, प्रदर्शन करें इश्यू को लेकर के, उससे जो जुड़ते हैं लोग नए-नए लोग वो इस प्रकार से जुड़ते हैं। और उसी रूप से आप लोग जुड़े होंगे। मैं खुद की मेरी कहानी बताना चाहूंगा, मैं कैसे जुड़ा। जब मैं छात्र था, इंदिरा गांधी ने बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया। आज लाखों ब्रांचें इसलिए हैं क्योंकि पहले प्राइवेट मालिक थे बैंकों के भी, कोई सोच नहीं सकता था। क्रांतिकारी कदम था, राजा-महाराजाओं के प्रीमियर खत्म कर दिए। मोरारजी भाई देसाई थे उनके उपप्रधानमंत्री, वित्तमंत्री, इस्तीफा दे दिया इसके विरोध के अंदर, उस वक्त में माहौल ऐसा बना कंट्री में कि जो हमारे सीपीआई के साथी थे सीपीआई के सुन लो आप, उन्होंने कैंपेन चलाया विश्वविद्यालय के अंदर इंदिरा गांधी को धन्यवाद देने के लिए। पार्टी अलग थी, क्योंकि वो थोड़ा एक्टिविस्ट की तरह होते हैं सीपीएम के सीपीआई के लोग, उन्होंने कैंपेन चलाया सिग्नेचर अभियान चलाया, इंदिरा गांधी को धन्यवाद इतना क्रांतिकारी कदम उठाया। मैं छात्र था, किसी पार्टी में नहीं था, जब मेरे पास वो आए तो मैंने भी सिग्नेचर कर दिए उसके अंदर। सिग्नेचर किया तो किसके लिए किया, इंदिरा गांधी के फैसले के लिए किया। उस दिन से मैं कांग्रेसी बन गया। कल्पना कीजिए, सीपीआई के कैंपेन के कारण मैं कांग्रेसी बन गया। अभियान उनका था, पर वो कार्यक्रम था। जो कार्यक्रम करेंगे आप धरना, प्रदर्शन, रैलियों में, इश्यू बेस्ड करेंगे, अब राहुल गांधी आह्वान करने आ रहे हैं आपके यहां, पूरे मुल्क के लोगों को होगा, जयपुर से होगा। ये जो लोग बैठे हैं फासिस्ट लोग हैं, लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं। विश्वास नहीं है लोकतंत्र में इनका। असहमति है तो आप राष्ट्रद्रोही हो, आप कल्पना करो आप यूथ और छात्र बैठे हुए हो, नकाबपोश, नकाबपोश अगर घुस जाए एक विश्वविद्यालय के अंदर, नकाबपोश, पुलिस की देखरेख के अंदर और पुलिस की एस्कॉट में बाहर आए मारपीट कर-करके वहां, इतनी घटिया चीज मैंने हिंदुस्तान के इतिहास में आजादी के बाद कभी नहीं सुनी होगी, कि आप पुलिस की देखरेख में नकाबपोश कहीं चले जाएं, आपके विश्वविद्यालय में चले जाएं, आप क्या कर रहे हो वहां पर। अगर सरकार हमारी है, अगर पुलिस खड़ी रहे बाहर, 50 नकाबपोश भेज दो किसी विश्वविद्यालय के अंदर जहां एबीवीपी का अध्यक्ष है मान लीजिए, और पुलिस वापस लेकर के आ रही है, क्या लोकतंत्र होगा वहां पर। इतना बड़ा कांड इस देश में हुआ है। बाकि एनआरसी भी सीएए भी तमाम इश्यू आपके सामने हैं, जामिया मिलिया में क्या हुआ, पूरा देश का युवा क्यों सड़क पर आ गया। खाली मुसलमान नहीं आए हैं, इनको गलतफहमी है। प्रधानमंत्री कह रहे हैं, कपड़ों से मैं पहचान रहा हूं, क्या हो रहा है देश के अंदर, प्रधानमंत्री के मुंह से ऐसे शब्द निकलना। प्रधानमंत्री कह रहे हैं की NRC एनआरसी तो लागू ही नहीं हो रही है मुझे तो पता ही नहीं, चर्चा ही नहीं है देश के अंदर, क्यों ये कांग्रेस वाले भड़का रहे हैं लोगों को। उनका गृहमंत्री कह रहा है, मैं लागू करके रहूंगा पूरे देश के अंदर, राज्यों के अंदर। प्रधानमंत्री क्या बोल रहा है गृहमंत्री क्या बोल रहा है, देश चल रहा है। क्योंकि आर्थिक मुद्दों से ध्यान भटकाने का इन्होंने सोचा समझा षड्यंत्र कर रखा है। अर्थव्यवस्था कहां जा रही है, जीडीपी कहां जा रही है, नौकरियां मिल नहीं रही हैं, नौकरियां बाहर निकाले जा रहे हैं। महंगाई बढ़ती जा रही है, एक्सपोर्ट हो नहीं रहा है देश के अंदर। बिना एक्सपोर्ट के, बिना इन्वेस्टमेंट के, बिना पर्चेजिंग पॉवर बढ़े हुए कोई अर्थव्यवस्था मजबूत हो ही नहीं सकती। आरबीआई से आप लोन ले रहे हो 1 लाख 76 हजार करोड़ का, बताओ क्या हो रहा है। उसकी तरफ से ध्यान भटकाने के लिए ये सब धंधे हो रहे हैं। राहुल गांधी चाहते हैं कि मैं देश के नौजवानों के आक्रोश जो है मन के अंदर, उनको वो चाहते हैं आह्वान करें देश के नौजवानों को। आक्रोश रैली रखा गया है नाम, युवा आक्रोश रैली रखा गया है नाम, हमारी जिम्मेदारी बनती है कि आप जितने बैठे हुए लोग मन में सोचते होंगे कि मैं लेकर के आऊंगा लोगों को, आप लेकर के आओगे, पर जितनी आप कल्पना करते हो उतने लोग आएंगे नहीं जब तक कि आप लिस्ट नहीं बनाओगे। अगर आपके खुद के हित के अंदर है, लीडरशिप करनी है, मैं भी आपकी तरह ही कार्यकर्ता था, मैं आज यहां तक पहुंचा हूं, आपको बनना है किसी को, मुख्यमंत्री बनना है, बनना है तो मैं कहूं वैसे ही काम करो। लिस्ट बनाओ, लिस्ट बनाओ पूरी और सौंप दो, एनएसयूआई अध्यक्ष या यूथ कांग्रेस अध्यक्ष को सौंप दो। तो भई यह मैंने इन 100 कार्यकर्ताओं से संपर्क किया है, 50 से किया है, 150 से किया है, 200 से किया है। ये मेरी लिस्ट है, टेलीफोन नंबर ये है। ईमानदारी की बात तब होगी, इस लेवल पर आप जाओगे, लिस्ट दोगे अध्यक्षों को, अभिमन्यु को और अशोक चांदना को, ये हमारी लिस्ट है भई, मैं जिम्मेदारी लेता हूं इन लोगों को लेकर के आने की, तब आपको मालूम पड़ेगा आप खुद कहां स्टैंड करते हो। मोहल्ले में कोई उसको सलाम नहीं करता है और नेता बनता फिरता है जिले के अंदर। क्योंकि मोहल्ले में कभी वो जाता नहीं है, सुख-दु:ख में काम आता नहीं है, सफेद कपड़े पहनकर निकलते हैं, दिनभर बिजी रहते हैं, रात को वापस घर पर आते हैं, और नेता हैं साहब। अखबार में न्यूज छप जाती है, नेता बन गए जिले के, कई ऐसे स्टेट के नेता बन जाते हैं। जब तक आप अपनी इकाई जो है शुरु नहीं करोगे, कॉलेज है या वार्ड है या जहां भी है, तब तक आप आगे नहीं बढ़ पाओगे। ये मौका है आपके लिए रैली का, आप आज के बाद में ये संकल्प करें, मुझे इसी बहाने से, ये बहाने होते हैं, कोई न कोई बहाना चाहिए वरना आप कैसे जाकर के मिलो लोगों से, आप कहो हमारी रैली हो रही है, राहुल गांधी आ रहे हैं, एजेंडा हम सेट करना चाहते हैं देश का नौजवानों के लिए, अभी जो एजेंडा चल रहा है वो ठीक नहीं चल रहा है, भ्रमित कर रहे हैं लोगबाग, लोग जुड़ेगे आपसे। लोग इंतज़ार कर रहे हैं आपका, कोई जाकर के उनको पुकारे मतलब। आप पुकारो जाकर के। उस रूप में जब आप जाओगे तो मैं समझता हूं ये रैली यूथ की और एनएसयूआई की मानी जाएगी। आधे से अधिक लोग आ गए मान लो कांग्रेस वाले आ गए, अगर वहां पर यूथ का जलजला होगा छात्रों का युवाओं का, तो रैली जाएगी आपके खाते में रैली जाएगी। और ज्यादा आ गए लोग कांग्रेस वाले बैठ गए, आपके लोग कम दिखे, तो वो कांग्रेस रैली मानी जाएगी। हम चाहते हैं ये रैली युवाओं को छात्रों को समर्पित हो। ये आपके ऊपर है। और ये आपको चैलेंज है कि आप लोग इस रैली को, अभी सचिन पायलट जी ने कहा, कि इनको भी ऐतराज नहीं होगा, रैली यूथ कांग्रेस की है एनएसयूआई की है, यही बात है ना, यही बात है। इसलिए आप लोग जो है, कांग्रेस कार्यकर्ता आएंगे थोड़े बहुत, मुख्य रूप से वहां पर राहुल गांधी को दिखे जो फौजें बैठी हुई हैं लड़के-लड़कियों की छात्रों की छात्राओं की युवाओं की, यही असली रैली है, जो मैं सोचता था वही हो रहा है राजस्थान के अंदर। इससे बड़ी बात क्या होगी, राहुल गांधी के सामने कई विकल्प थे उनके सामने कहां रैली मैं करूं। उन्होंने आखिर में राजस्थान जयपुर को चूज किया, आप समझ सकते हो ये आपके विश्वास पर चूज किया है। अब आपके ऊपर है, ये पूरी क्रीम बैठी हुई है यहां पर। आप में से ही आगे आने वाले वक्त में एमएलए एमपी या जो कुछ बनना है बनेंगे। तो भइया जिंदगी का इतना शानदार टाइम जो है आप लगा रहे हो एनएसयूआई में यूथ कांग्रेस में, उसमें कामयाबी आपको मिले उसके लिए मेरी शुभकामनाएं आपके साथ में हैं। तो वो तब होगा जब आप लोग पूरी कड़ी मेहनत करके आप लोग इस काम को करेंगे, तब जाकर के मैं समझता हूं आपकी खुद की पर्सनालिटी में निखार आएगा, आप लोग कामयाब रहोगे और मैं समझता हूं कि देश संकट की घड़ी से गुजर रहा है, कोई माने या नहीं माने। देश को हिंदू राष्ट्र की तरफ ले जाने का एजेंडा उनका सेट है। हमने यहां बार-बार आरएसएस को चैलेंज किया है, आप भी चैलेंज करो कि दमखम है, आप ये सोशल वर्क के नाम पर राजनीति कर रहे हो, संविधान के ऊपर सत्ता बनाए हुए हो आपकी, आपके बगैर पूछे ना एमएलए बनता है ना एमपी बनता है ना टिकट मिलता है ना मुख्यमंत्री बनता है, बीजेपी मुखौटा आपका है। अच्छा है कि आप खुद ही राजनीतिक दल में परिवर्तित हो जाओ। आप राजनीतिक दल बनो। संजय गांधी पर पहले आरोप लगते थे ये, अब आप क्या है आपकी स्थिति। अच्छा है कि आपमें दमखम है तो कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में चाहे यूथ कांग्रेस हो, चाहे एनएसयूआई हो, सेवा दल, महिला कांग्रेस, दमखम है जनता के सामने जाएंगे, जनता फैसला करेगी किसकी नीतियां ठीक हैं, क्या कार्यक्रम ठीक हैं, क्या सिद्धांत हैं जिसके गांधीजी के दिए हुए कांग्रेस के हैं। ये छिपकर वार करते हैं लोग, इसलिए अभी हमें इनको चैलेंज करना चाहिए, दमखम है तो आप राजनीतिक पार्टी में कन्वर्ट होओ, बीजेपी को मर्ज करो अपने अंदर, फिर मुकाबला हमसे करो, मालूम पड़ जाएगा। आज देश में असहमति का मतलब राष्ट्रद्रोह है, क्या हो रहा है। कश्मीर में कर दिया इन्होंने, बड़े खुश हो रहे हैं, क्या रहेगा टाइम बताएगा इनको। मंदिर की बात कर दी, कोई बात नहीं पूरे देश ने स्वीकार कर ली, हिंदू हैं मुस्लिम हैं सबने स्वीकार करी भई सुप्रीम कोर्ट का आदेश आ गया है। समझ में आता है ये बात तो पर आप जो असली एजेंडा जो है जिससे भुखमरी पैदा हो सकती है, बेरोजगारी पैदा होते ही क्या होता है, जितनी आपकी कानून व्यवस्था बिगड़ती है, लूट चोरी डकैती रेप क्यों हो रहे हैं, उसका कारण ये भी है। जब आदमी आपको, रोजगार मिलेगा ही नहीं आदमी को, वो कहां जाएगा। चुनौतियां दूसरी हैं और ले जाना चाहते हैं दूसरी तरफ ले जाना चाहते हैं देश को। पूरे देश में एजेंडा सेट कर रखा है, मीडिया इनके दबाव के अंदर है।
इनको पूछो, 3 करोड़ लोगों के पास जाकर के आप जनसंपर्क करोगे, क्यों करोगे भई। ये जरूरत क्यों पड़ी। आज तक देश में कोई कानून बना है तो कानून बनने के बाद में समझाने के लिए जाना पड़ता है घर-घर में क्या। आप क्यों जा रहे हो। तो आप समझ सकते हो इनकी जो गलतियां हुई हैं इनसे, लोग समझ गए हैं और उसी रूप में ये माहौल, आज पूरा महीनाभर हो गया है, लोग सड़कों पर बैठे हुए हैं सर्दी के अंदर। ये लोग डिफेंस में आ गए, डैमज कंट्रोल कर रहे हैं। तो इसलिए कृपा करके मैं आप लोगों को बहुत गंभीरता से कहना चाहूंगा कि बातें कम काम ज्यादा। वो वक्त आ गया है। आप लोग बहुत ही सीनियर, साथ में बैठे हैं अध्यक्ष हमारे, इसलिए सीनियॉरिटी सबकी हो गई है, ठीक है ना, तो आप सब सीनियर लोग बैठे हो। कृपा करके आप, अब चुनाव होंगे यूथ कांग्रेस के तो हो सकता है कि बदलाव भी हो जाए अब, ठीक है, आपको ऐतराज तो नहीं है, आपको ऐतराज तो नहीं है ना, होना ही चाहिए, तो बदलाव भी होंगे। तो मेरा मतलब है कि मैं आपको निवेदन करूंगा, आप जो है कांग्रेस में भी आओगे, प्रमोशन भी होंगे अब आपके, कृपा करके आप जो है ये रैली जो है, ये रैली पूरे देश को संदेश देने वाली रैली है, आप मेरा विनम्र निवेदन है, अध्यक्ष जी ने आपको कह दिया है, आप जितनी मेहनत कर सको, उस ढंग से लोगों को लेकर के आओ। हमने सबको कहा है, कल मैंने भी रिक्वेस्ट करी है पीसीसी के अंदर तमाम एमएलएज को, तमाम जिलाध्यक्षों को, पधाधिकारियों को पीसीसी के, सबको हम ये कहेंगे कि जिलों के अंदर आप लोग संपर्क रखें आपस के अंदर और तमाम बसें हैं, तमाम गाड़ियां हैं जो भी आप आ सको, लेकर के लोगों को आओ, और पूरी यूथ कांग्रेस, एनएसयूआई की रैली दिखे, ये हमारी तमन्ना है, हम आपके साथ खड़े हैं, धन्यवाद, जयहिंद धन्यवाद।

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