Shri Ashok Gehlot

Former Chief Minister of Rajasthan, MLA from Sardarpura

Talked to media at Diggi Palace

दिनांक
23/01/2020
स्थान
Diggi Palace


ये साहित्य महाकुंभ पहचान बन चुका है राजस्थान की पूरे देश और दुनिया के अंदर। मैं उम्मीद करता हूं कि जो देश के हालात हैं आज के वक्त के, जो हालात हैं देश के, आजादी के बाद में पहली बार ऐसे हालात बने हैं, जितने भी साहित्कार आएंगे, Intellectual आएंगे, अपनी बात बेबाकी से कहेंगे, उनको एक प्लेटफॉर्म मिलेगा, यहां पर भी वो मन की बात कहेंगे तो मैं उम्मीद करता हूं कि इस फेस्टिवल के माध्यम से, इस साहित्य के महाकुंभ के माध्यम से हो सकता है कि भारत सरकार में बैठे हुए लोगों की भी, भावना पहुंचे वहां तक कि देश क्या चाहता है, और हो सकता है कि कोई नई शुरुआत हो। उम्मीद करते हैं कि पूरी दुनिया के साहित्कार आएं, Intellectual आएंगे देश के,विदेश के और देश के हालातों पर चर्चा करेंगे हो सकता है कि कुछ संदेश जाए, वो संदेश देश के काम आए।

सवाल- युवा सबसे बड़ी संख्या में यहां आते हैं, सीएए एनआरसी जैसे मुद्दों पर भी चर्चा होनी चाहिए ?
जवाब- देखिए सभी सभी मुद्दों पर चर्चा होती है यहां पर, खुलकर होती है और अच्छा लगता है। राजस्थान के अंदर भी हम लोगों ने राजस्थान के साहित्यकारों के लिए अलग से फेस्टिवल आयोजित करने का निश्चय किया है। मैं उम्मीद करता हूं कि सब प्रतिभाओं को सम्मान मिले, सबको अवसर मिले, ये सरकार का प्रयास है।

सवाल- फेस्टिवल इस वक्त हो रहा है, आप कह रहे हैं कांग्रेस कह रही है कि चाहे साहित्यकार हो चाहे अन्य सेक्टर के लोग हों, उनकी आवाज दबाई जा रही है ?
जवाब- आवाज को दबाना नहीं चाहिए लोकतंत्र के अंदर। असहमति को लोकतंत्र में स्वस्थ परंपरा माननी चाहिए। असहमति को आप राष्ट्रद्रोह के नाम से अगर पहचान दोगे, तो ये लोकतंत्र के लिए शुभ नहीं है।

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