Shri Ashok Gehlot

Former Chief Minister of Rajasthan, MLA from Sardarpura

Talked to media at PCC:

दिनांक
18/02/2020
स्थान
PCC, Jaipur


स्वर्गीय जयनारायण व्यास जी जो हमारे प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे, मुख्यमंत्री भी रहे, जिनको शेर-ए-राजस्थान के नाम से पुकारा जाता था। जब कभी भी आते हैं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के दफ्तर में या असेंबली के अंदर श्रद्धांजलि देने के लिए तो एक गर्व महसूस होता है कि वो पीढ़ी थी आजादी के पहले और बाद की जिन्होंने जो त्याग, बलिदान किए हैं, इसी बहाने नई पीढ़ी तक एक संदेश जाए, उनके कितने त्याग थे, बलिदान थे, कुर्बानियां थी, किस प्रकार मुल्क आजाद हुआ, ये तमाम बातें हमारे ज़ेहन में आती हैं जो सुनते थे हम लोग। तो ये परंपरा अच्छी परंपरा है जिसमें हम लोग बराबर आते हैं और उनको याद करते हैं। वो जमाना और था, ये जमाना और है। वो जमाना संविधान की रक्षा करने का था, अब जो समय आया है वो जमाना संविधान के ऊपर जो चोट की जा रही है, उसको बचाने का है, ये चिंता का विषय है। क्या-क्या अल्फाज़ बोले जा रहे हैं देश के अंदर, दिल्ली चुनाव उसका नमूना है। पूरी दुनिया ने देखा, पूरे देश ने देखा, एक के बाद एक कोई गोली मार रहा है गद्दारों को, कोई कह रहा है मुख्यमंत्री यूपी के कि, ये ऐसे नहीं मानेंगे गोली से मानेंगे। क्या-क्या अल्फाज़ नहीं बोले गए। सत्तापक्ष के लोग खुद ही गृहयुद्ध पैदा करने का प्रयास करते हैं, ऐसा पहली बार सुना हम लोगों ने और ये दुःखद है, पर सबक जो सिखाया जनता ने, दिल्ली की जनता ने वो सबक मैं समझता हूं कि लंबे समय तक बीजेपी को याद रहेगा, इतना मैं कह सकता हूं।

सवाल- सर गड़बड़ियां और अनियमितता कहीं होती है तो सरकार जीरो टॉलरेंस करती है। किस तरह से मैसेज दिया है सरकार ने, काफी कुछ करने की कोशिश की है, पारदर्शी प्रशासन और सारी जो चीजें होती हैं, सुराज, सुशासन, आम आदमी फील करे ?

जवाब- हम तो बार-बार कहते हैं कि संवेदनशील, पारदर्शी, जवाबदेह प्रशासन होना चाहिए और वो तमाम खाली मेरे अकेले के कहने से नहीं होता है। पूरे हमारे मंत्रिमंडल के साथी, तमाम विधायक सब मिलकर के, ब्यूरोक्रेसी के लोग सब मिलकर के ये संकल्प लेंगे कि जनता ने हमें यहां बैठाया है बड़े पदों पर, चाहे वो ब्यूरोक्रेसी हो, चाहे जननेता हो, उन सबकी ड्यूटी है कि वो ही भावना जो सरकार की है, संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासन, जनता की सुनवाई हो जिसके अंदर। हम चाहेंगे कि जनता की सुनवाई सर्वोपरि हो और जो कर्मचारी, अधिकारी उसमें कोताही बरतेगा, सरकार की नज़र उसपर रहेगी। सुनवाई करना बहुत आवश्यक है। काम किसी का होगा, किसी का नहीं होगा, पर सुनवाई नहीं करो आप, तो कैसे फैसला कर सकते हैं आप। तो हम चाहते हैं कि सरकार की जो योजनाएं हैं, वो सरकार की योजनाएं जनता तक पहुंचें, सर्विस डिलिवरी अच्छी हो इसमें हम लोग लगे हुए हैं।

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