Talked to media after meeting with MLAs at Shiv Vilas, Jaipur...
दिनांक
11/06/2020 |
स्थान
जयपुर
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आप सबको मालूम है जिस प्रकार से कभी कर्नाटक, कभी मध्यप्रदेश, कभी महाराष्ट्र, राजस्थान में चर्चाएं चलती रहती हैं, सब की इच्छा थी, लॉकडाउन में सभी रहे थे अपने जिलों के अंदर, क्षेत्रों में रहे थे, तो अच्छा हुआ हम सब लोग आपस में मिल लिए। ये प्रोग्राम बना, हम सब आज बैठे, बातचीत करी, हमारे पर्यवेक्षक आए थे सुरजेवाला जी वो भी साथ बैठे थे, अच्छी बातचीत हुई, सबने भावना व्यक्त की, अच्छी मीटिंग हुई।
देखिए गुजरात के अंदर, महात्मा गांधी के गुजरात में क्या हो रहा है वहां पर घर-घर में शराब। इसी प्रकार से तोड़फोड़ गुजरात के अंदर, पिछली बार 2017 में 14 विधायक टूट गए, अभी 3 टूट गए और 4 पहले टूट गए थे, हॉर्स ट्रेडिंग करके कब तक राजनीति करोगे, बहुत खतरनाक खेल चल रहा है देश के अंदर। ऐसे लोगों को नेस्तनाबूत करना चाहिए, ऐसे लोगों को झटका देना चाहिए, पब्लिक सब समझ रही है और कोई आश्चर्य नहीं है आने वाले वक़्त में पब्लिक खुद झटका दे देगी इनको। इनको भ्रम नहीं होना चाहिए। इसलिए मैं समझता हूँ आजकी मीटिंग हमारी बहुत फ्रूटफुल रही और सभी यहां से एकजुट होकर गए हैं। हमने कहा आप जाइये, आराम से कल आप वापस आइये, कल वापस मिलेंगे कल हमारे उम्मीदवार केसी वेणुगोपाल जी वो भी आएँगे, अविनाश पांडे जी भी आएँगे, कल हम फिर बैठेंगे। मिस्टर सुरजेवाला ने कहा है जो बात कहना चाहें कहें खुलकर चर्चा की अच्छा रहा।
सवाल: सर आगे भी जारी रहेगा बैठकों का सिलसिला या कल खत्म हो जाएगा?
नहीं नहीं मेरे ख़याल से हम लोगों की सभी की इच्छा यही है कि दो-दो महीने ढाई-ढाई महीने रहे हैं वहां पर खूब सेवा करी पब्लिक की कोई दोराय नहीं, इस बार विधायक गणों ने चाहे कोई पॉलिटिकल पार्टी का हो, जिसका बस चला उसने जनता की सेवा में कमी नहीं रखी। 'कोई भूखा नहीं सोए', जो मेरी भावना थी उसको उन्होंने आत्मसात किया। उसी रूप में मोटिवेट करना भामाशाहों को, मोटिवेट करना दानदाताओं को, एमएलए फंड हमने फ्री हैण्ड दे दिया उनको, जिला प्रशासन के माध्यम से अलग हमने सामग्री बंटवाई, दो महीने में लोग कम्फर्टेबल रहे थे, जो रखना बहुत जरूरी था, अभी हम कोशिश कर रहे हैं गेहूं कैसे बाँट सकें गरीबों को, इंडस्ट्रीज शुरू हों वापस जिससे जो आए हैं बाहर से हमारे खुद के हैं वो काम पर लग सकें बहुत चेलेंज हैं हमारे सामने जीवन बचाने का। करीब 350-400 कल हो गए थे कोरोना पेशेंट्स तो एक प्रकार से कहना चाहिए हमने सील तो नहीं किया, आवागमन को रेगुलेट किया है। एक तरफ जीवन बचाना है दूसरी तरफ आजीविका बचानी है। दोनों काम साथ-साथ चल रहे हैं और तीसरा यह चुनाव आ गया जो मोदी जी की कृपा से दो महीने पहले हो जाता, क्या तुक था भाई? क्योंकि आपने खरीद-फरोख्त पूरी नहीं कर पाए थे गुजरात में, राजस्थान में इसलिए आपने गेम प्ले किया, धज्जियां उड़ा दीं लोकतंत्र में। आपने इलेक्शन कमीशन पर दबाव दे करके चुनाव postponed करवा दिए मैंने उस टाइम कंडेम किया और अब आप देखिये वापस चुनाव हो रहे हैं वोही कोरोना चल रहा है। क्या तुक था करने का postponed कोई जवाब है इनके पास में?
सवाल: सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी जी ने एसीबी में शिकायत की है इसको लेकर के कि जिस तरह का खेल चल रहा है लोकतान्त्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने की कोशिश चल रही है, आपको लगता है जांच एजेंसियों को भी इस मामले में...
जवाब: जो ख़बरें आ रही हैं कैश बड़े रूप में पहुँच चुका है जयपुर, ख़बरें आती हैं सोशल मीडिया में आती हैं, और जिस प्रकार से ख़बरें आ रही थी कि ये टोटली खेल खेलेंगे मध्यप्रदेश के बाद में हालांकि मध्यप्रदेश के जो 22 एमएलए गए हैं उनकी बहुत दुर्गति हो रही है वो घुस नहीं पा रहे क्षेत्र के अंदर लोग कह रहे हैं कि तुम तो 25 करोड़ में बिके हुए लोग हो किस मुंह से आए हो वापस 5 साल के लिए भेजा हमने आपको अब आ गए हो जल्दी क्यूँ आए भाई। और बीजेपी वाले टिकट नहीं दे पा रहे उनको क्योंकि वहां बीजेपी का खुद का कैडर है वो कहते हैं हम कहाँ जाएंगे, चुनाव नहीं हो रहे वहां पर, केबिनेट नहीं बन पा रहा मध्यप्रदेश में तो यही खेल यहाँ खेला जा रहा था हमारे विधायक बहुत समझदार हैं, वो समझ गए, खूब उनको लालच देने की कोशिश की गयी, मुझे गर्व इस बात का छह बीएसपी के विधायक आए हमारे साथ में, 13 विधायक आए निर्दलीय हिन्दुस्तान के इतिहास में पहला राज्य राजस्थान है जहां एक रूपये का सौदा नहीं हुआ कोई पद का लालच नहीं न पैसे का लालच ये कहीं नहीं मिलेगा आपको ये राजस्थान की धरती पर होता है। इस बात का मुझे गर्व है कि मैं इस राजस्थान की धरती पर मुख्यमंत्री हूँ, जिस धरती के लाल ऐसे हैं जो बिना सौदे के और बिना लोभ-लालच के सरकार का साथ देते हैं। सरकार स्टेबल रहनी चाहिए राजस्थान के अंदर ये सोच करके...पिछली बार मैं मुख्यमंत्री बना तब छह विधायक आए थे बीएसपी के, इस बार भी छह विधायक साथ आए।
सवाल: इसलिए टारगेट बनाया जा रहा है क्योंकि आप केंद्र की जो कमियां हैं उनको निकाल रहे हैं?
जवाब: कमियां निकालने का हमारा फ़र्ज़ बनता है, कमियों को मोदी सरकार को चाहिए अच्छे सेंस में लें, अन्यथा नहीं लें, क्योंकि हमारी पार्टी कह चुकी कि कोरोना के इस समय में हम आपके साथ हैं। सोनिया गांधी जी ने कह दिया, तो आलोचना नहीं होती है, जब हम सुझाव देते हैं उसे वो आलोचना मानते हैं और वापस अटैक करते हैं। देश में हम विपक्ष में हैं जनता उम्मीद करती है कि आप विपक्ष की भूमिका निभाओ और निभाते हैं तो इनको लगता है हमारे खिलाफ बोलते हैं. खिलाफ नहीं बोलते हैं, सुझाव हमारे हैं मानो नहीं मानो आपकी मर्जी है। ये बात है।
सवाल: सर ये कर्नाटक हो या मध्यप्रदेश हो आपको नहीं लगता जनप्रतिनिधि कानून में संशोधन की जरूरत आन पड़ी है ताकि ये खेल न हो
जवाब: पहले भी एंटी डिफेक्शन बिल आए अमेंड हुए उसके बाद भी कोई न कोई रास्ता निकाल लेते हैं। अब बताइये करोड़ों-अरबों रूपये भेजे जा रहे हैं। सुन रहे हैं कैश ट्रांसफर हो रहे हैं जयपुर में, कौन भेज रहा है? एडवांस देने की बातें हो रही हैं. 10 करोड़ एडवांस ले लीजिये, बाद में 10 और देंगे, फिर 5 और देंगे, ये क्या हो रहा है? और खुला गेम हो रहा है। इसलिए आज महेश जोशी जी ने ठीक किया रिपोर्ट दर्ज करवाई है कम से कम अंकुश लगेगा। पकड़ में आएगा तो उनको अंदर रखना पड़ेगा।
सवाल: गुजरात में नया ट्रेंड शुरू किया इस्तीफा दिलवा रहे हैं एमएलएस से
जवाब: ये पहले भी करते आए हैं। इसलिए मैं बार-बार कहता हूँ इनका कोई यकीन नहीं हैं लोकतंत्र में, लोकतंत्र का मुखौटा पहनकर राजनीति कर रहे हैं, फासिस्ट लोग हैं।