74 वें स्वतंत्रता दिवस पर बड़ी चौपड़ पर ध्वजारोहण और संबोधन:
दिनांक
15/08/2020 |
स्थान
बड़ी चौपड़ जयपुर
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स्वतंत्रता दिवस पर मैं आप सबको बहुत-बहुत बधाई देना चाहता हूं। हमें गर्व है कि इस मुल्क को आजाद करवाने में जो भूमिका कांग्रेस की रही, वो इतिहास के स्वर्णिम अक्षरों में लिखी गई। जिस प्रकार अंग्रेजों की गुलामी की ज़ंजीरों में जकड़े हुए थे और महात्मा गांधी की रहनुमाई के अंदर ज्ञात-अज्ञात सेनानियों ने जिस प्रकार त्याग किया-कुर्बानी दी-बलिदान दिया, जेलों में बंद रहे, तब जाकर कीमती आज़ादी मिली। पंडित जवाहर लाल नेहरू जैसे नेता भी 10-10 साल तक जेल में रहे और आजादी के बाद में भी लगातार जो संघर्ष हुआ है, जहां सुई नहीं बनती थी, बिजली क्या होती है लोग समझते नहीं थे देश के अंदर, वहां से शुरुआत हम लोगों ने की। आज आधुनिक भारत का सम्मान पूरे दुनिया के मुल्कों में होता है, इसीलिए होता है कि समय रहते हुए पंडित नेहरू की दूरदृष्टि ने जिस प्रकार से आधारभूत ढांचा तैयार किया देश का, आत्मनिर्भर बनने के लिए जिस प्रकार से उन्होंने तैयारी की, उसका परिणाम है कि आज हम मजबूत नींव पर खड़े हैं। चहुंमुखी विकास हुआ है, हर क्षेत्र में हम लोग आगे बढ़े हैं और त्याग-कुर्बानियां भी हुई हैं, इंदिरा गांधी जी एक महान नेता थीं वो शहीद हो गईं, पर देश को एक रखा अखंड रखा, खालिस्तान नहीं बनने दिया। राजीव गांधी नौजवान नेता थे, प्रधानमंत्री बनने वाले थे, वो भी देश के लिए शहीद हो गए। सरदार बेअंतसिंह जी थे मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए नेस्तेनाबूत कर दिया उन्होंने आतंकवाद को, परंतु आखिर में वे भी आतंकवाद के शिकार हुए। तो, लंबा इतिहास है हमारा, हमें गर्व है कि आज भी जो चुनौतियां हमारे सामने हैं उसका मुकाबला करने में पूरे देश के कांग्रेसजनों में जज़्बा है, हिम्मत है, हौसला है और वो ही हमारी पूंजी है। सरकारें आती हैं जाती हैं, लोकतंत्र की जड़ें मजबूत करने का काम किया तो कांग्रेस ने किया। इसीलिए आज जो सत्ता में बैठे हुए लोग हैं, उनको अहम्-घमंड नहीं करना चाहिए क्योंकि वो इसीलिए बन पाए हैं, चुन कर आ पाए हैं कि कांग्रेस ने 70 साल में लोकतंत्र की नींव को मजबूत किया था। चुनौती हमारे सामने बहुत बड़ी है और सबसे बड़ी चुनौती लोकतंत्र को बचाने की है। जिस प्रकार से लोकतंत्र को कमजोर करने के जो षड्यंत्र किए जा रहे हैं, पूरा देश जानता है किस प्रकार के फैसले किए जा रहे हैं लोकसभा के अंदर, पार्लियामेंट के अंदर भी-पार्लियामेंट के बाहर भी, किस प्रकार से जो संवैधानिक संस्थाएं हैं, उनका दुरुपयोग हो रहा है, राजस्थान तो ताज़ा गवाह है, मुझे कहने की आवश्यकता नहीं है, पर यहां उनको आप सबके, प्रदेशवासियों के आशीर्वाद से मुंह की खानी पड़ी। इस रूप में हम लोग संघर्ष कर रहे हैं।
कोरोना की महामारी की जंग है। आज जीवन को बचाने का संकट-चुनौती और आजीविका की रक्षा करने का धर्म हमारे सामने है, तो सरकार बखूबी प्रदेशवासियों के सहयोग से, सभी वर्गों के सहयोग से हम लोग लगे हुए हैं कि कोरोना की महामारी को हराकर रहेंगे और जो तैयारी हमने की है, जिस रूप में स्वास्थ्य का ढांचा तैयार किया है, टेस्टिंग की संख्या बढ़ाई है, संख्या बढ़ रही है पॉजिटिव केसेज की, घबराने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि मृत्युदर हमारे यहां पर 1 पर्सेंट के आस-पास रही है और 1 पर्सेंट से कम भी रही है, ये भी एक इतिहास रहा है। इसलिए हम लोग निश्चिंत हैं प्रदेशवासियों को निश्चिंत रहना चाहिए, चाहे वो जनप्रतिनिधि हों, चाहे वो ब्यूरोक्रेसी हो, चाहे पुलिस प्रशासन हो, आप सब हो, जिस प्रकार से ये जंग लड़ी गई है भामाशाहों ने, दानदाताओं ने, हमने कहा #राजस्थान_सतर्क_है, कोई व्यक्ति भूखा नहीं सोएगा, उस संकल्प को पूरे प्रदेश ने पूरा किया है और उसकी वाहवाही पूरे देश के अंदर हो रही है।
मैं इस मुबारक मौके पर हमारे तमाम उन सेनानियों को जो आज हैं हमारे बीच में, उनको मैं श्रद्धा के साथ में याद करता हूं कि किस प्रकार से आपने अपने जीवन के अंदर उस दौर में जब संघर्ष जारी था, तो आपने घरबार छोड़कर काम किया। वो दीर्घायु हों, स्वस्थ रहें, उनका मार्गदर्शन हमें मिलता रहे और जो हमारे बीच नहीं रहे हैं और आजादी के बाद में चाहे वो 1962 का वॉर हो, चाहे 1965 की लड़ाई हो पाकिस्तान के साथ में, चाहे 1971 में बांग्लादेश आजाद करवाने का युद्ध हो, कारगिल का युद्ध हो, हमारे जांबाज़ सैनिकों ने देश की रक्षा करते-करते अपने प्राणों की आहूति दे दी, उनको मैं याद करते हुए अपनी बात समाप्त करता हूं, धन्यवाद, जयहिंद, धन्यवाद।