स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सवाई मानसिंह स्टेडियम, जयपुर में राज्य स्तरीय मुख्य समारोह:
दिनांक
15/08/2020 |
स्थान
सवाई मानसिंह स्टेडियम, जयपुर
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मेरे प्रदेश के भाइयों और बहनों, नौजवान साथियों, प्यारे बच्चों, आज स्वाधीनता दिवस के पावन अवसर पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देना चाहता हूं। आप सबको मालूम है, देश की आजादी के लिए हमारे नेताओं ने महात्मा गांधी की रहनुमाई के अंदर जिस प्रकार से त्याग किए-बलिदान किए-कुर्बानी दी, हमारे सेनानी थे उस वक्त के ज्ञात-अज्ञात कोई कसर नहीं छोड़ी, लाठियां खाईं, गोलियां खाईं, जेलों में बंद रहे तब जाकर हमें ये कीमती आजादी मिली थी। आज हम याद करते हैं उन सेनानियों को जो हमारे बीच में नहीं हैं श्रद्धा के साथ में और जो आज हमारे बीच में हैं उनके दीर्घायु होने की कामना करते हैं, दीर्घायु हों, स्वस्थ रहें, नई पीढ़ी को अपने अनुभवों का लाभ दें।
हमारे मुल्क की खासियत रही, दुनियाभर के अंदर विश्वास भी था कि ये मुल्क महात्मा गांधी की रहनुमाई के अंदर अहिंसा के रास्ते पर चलकर आजाद हो जाएगा। ये मुल्क आजाद हुआ बिना खून-खराबे के, दुनिया में एक अलग संदेश गया, देश का मान और सम्मान बढ़ा। उस वक्त में नेताओं ने जो त्याग किया वो मामूली नहीं था। आज की नई पीढ़ी को मालूम नहीं होगा परंतु उस वक्त में कैद में बंद रहना जेलों में बंद रहना, पंडित जवाहर लाल नेहरू जैसे नेता 8-8 10-10 साल तक जेलों में बंद रहे थे, सरदार पटेल हों, मौलान अबुल कलाम आजाद हों, लंबी फेहरिस्त है। भारतीय संविधान बना, डॉ. अंबेडकर ने बनाया।
आजादी के बाद में भी लंबा संघर्ष किया। 70 साल पहले मुल्क आजाद हुआ तब न बिजली, न पानी, न शिक्षा, न स्वास्थ्य, न सड़कें, गांवों की बात छोड़ दीजिए, शहरों में भी नहीं हुआ करती थीं, सुई भी बाहर से बनकर आती थी, बिजली क्या होती है लोग समझते नहीं थे, वहां से शुरुआत की और मुझे कहते हुए गर्व है प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने जिस रूप में दूरदृष्टि दिखाई, आत्मनिर्भर देश बनाने का संकल्प व्यक्त किया, बड़े-बड़े संस्थान खड़े कर दिए चाहे आईआईटी-आईआईएम-एम्स-इसरो-डीआरडीओ जैसी संस्थाओं की स्थापना कर दी गई, पूरे विश्व में हमारी प्रतिष्ठा बढ़ी, बड़े-बड़े बांध बनाए गए, बड़े-बड़े कल-कारखाने लगाए गए, आज वो नींव इतनी पक्की है इस मुल्क की, 70 साल के बाद में जो हम लोगों ने इतनी प्रगति की है विज्ञान में तकनीकी के अंदर, उद्योग-धंधों में, पूरे देश के अंदर पानी, सिंचाई की योजनाएं किसानों के लिए, शिक्षा, उच्च शिक्षा के संस्थान, राजस्थान में हमने इस केवल एक साल में करीब 40 नए कॉलेज भी खोले हैं। पूरे देश के अंदर पानी की समस्या हो, बिजली हो, शिक्षा हो स्वास्थ्य हो, सड़कें हों, बड़े-बड़े बांध हों कोई कमी नहीं रखी। आधुनिक राजस्थान का निर्माण भी हुआ राजस्थान के अंदर। सरकारें आई हैं, गई हैं परंतु इस देश में इस मुल्क में इस प्रदेश में लोकतंत्र कायम रहा और लोकतंत्र के आधार पर सरकारें बनती गई हैं।
संघर्ष लंबा चला, आजादी के बाद में चाइना के साथ में युद्ध हुआ 1962 का, 1965 में पाकिस्तान के छक्के छुड़ा दिए हमारी फौजों ने, मैं उन शहीदों को भी याद करता हूं। राजस्थान को गर्व है कि यहां घर-घर के अंदर जांबाज़ सैनिक जो सरहद की रक्षा करते हैं उनको प्रदेश भूल नहीं सकता, देश भूल नहीं सकता। किस प्रकार से 1971 की लड़ाई लड़ी गई, इंदिरा गांधी के वक्त में जंग लड़ी गई, बांग्लादेश आजाद करवाया गया, ये ही नहीं बल्कि पाकिस्तान के 93 हजार कर्नल-जनरल-मेजर-सैनिकों का आत्मसमर्पण करवा दिया, ये कोई मामूली घटना नहीं है देश के लिए। जिस प्रकार से कारगिल युद्ध हुआ वाजपेयी जी के वक्त में, छक्के छुड़ा दिए, पाकिस्तान की फौजों को वापस पीछे हटना पड़ा। इतिहास गवाह है कि इस देश के लोगों ने, उनकी शक्ति ने, उनकी सोच ने इस देश में लोकतंत्र को मजबूत किया, सरकारें बदलती गईं परंतु लोकतंत्र की जड़ें मजबूत होती गईं। पाकिस्तान की तरह नहीं है कि बार-बार सैनिकों का शासन लगते गए और लोकतंत्र की हत्या होती गई, ये हमारे लिए गर्व की बात है। आज स्वाधीनता दिवस के अवसर पर मैं तमाम उन लोगों को याद करता हूं जिन्होंने लोकतंत्र को मजबूत करने में अपना योगदान दिया। इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए उनकी हत्या हो गई, पर खालिस्तान नहीं बनने दिया, देश को एक रखा, अखंड रखा। राजीव गांधी शहीद हो गए वो पूरे उपमहाद्वीप में शांति स्थापित करना चाहते थे। सरदार बेअंतसिंह जी पंजाब के मुख्यमंत्री, नेस्तेनाबूत कर दिया आतंकवाद को, आतंकवादियों ने उनको उड़ा दिया बम से मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए। इस प्रकार से एक लंबा इतिहास बना है जो स्वर्णिम अक्षरों में लिखा गया है।