Shri Ashok Gehlot

Former Chief Minister of Rajasthan, MLA from Sardarpura

Talked to media after paying tributes to #MahatmaGandhi ji at secretariat:

दिनांक
02/10/2020
स्थान
जयपुर


आप सबको मालूम है कि देश के अंदर कोरोना का मुकाबला करने में राजस्थान अव्वल रहा है। जबसे कोरोना की पहली घटना हुई मार्च के अंदर, उसके बाद में जो प्रयास किए गए लगातार, इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत किया गया, जहां हमारे यहाँ पहले पुणे और दिल्ली जाते थे टेस्ट, आज हम 50 हजार से अधिक टेस्ट पर डे कर सकते हैं, कैपेसिटी पैदा की, आईसीयू बेड बढ़े, वेंटिलेटर बढ़े, कोई कमी नहीं है बेड्स की, कई बार अफवाह चलती रहती है, परंतु सारी व्यवस्थाएं अच्छी हैं, इसीलिए राजस्थान में मृत्युदर बहुत कम है देश के अंदर, लगभग 1 पर्सेंट के आस-पास और रिकवरी रेट भी शानदार राजस्थान के अंदर है। तो धीरे-धीरे जब लॉकडाउन के बाद में अनलॉक हुआ तो लोग फिर स्वाभाविक है कि ह्यूमन टेंडेंसी होती है, लोग लापरवाह भी हो गए, अब वो मास्क लगाते नहीं हैं, भीड़ में चले जाते हैं, जो प्रोटोकॉल है उसकी पालना नहीं करेंगे तो फिर ये संख्या बढ़ती है, एकदम बढ़ती है, पूरे मुल्क में बढ़ रही है। आज इतने ज्यादा मरीज देश में आ रहे हैं, इतनी ज्यादा मौतें हो रही हैं देश के अंदर। हमने राजस्थान में बहुत अच्छी व्यवस्था कर रखी है उसके कारण से मृत्युदर और रिकवरी रेट भी मैं समझता हूं बहुत ही अच्छे ढंग से मैनेज की गई है।
पहले हमने 15 दिन का जागरूकता अभियान चलाया था, वो बहुत ही अच्छा चला था, मीडिया ने भी साथ दिया और पूरी तरह से प्रचार-प्रसार किया गया, फिर 144 लगानी पड़ी 11 जिलों के अंदर, तब भी हम देखते हैं कि अभी भी मास्क की पालना नहीं हो रही है, सोशल डिस्टेंसिंग हो नहीं रही है और संख्या बढ़ती जा रही है। हमने अब एक जनआन्दोलन, जनता का आन्दोलन है ये, इसमें हर नागरिक को चाहे वो मोहल्ले में बैठा हुआ कार्यकर्ता है, या सामाजिक कार्यकर्ता है या आम नागरिक ही क्यों नहीं हो, गांवों में है, ढाणी में है, कहीं पर भी है, उसको चाहिए, या कुछ संस्थाएं हैं, एक्टिविस्ट हैं, तमाम पॉलिटिकल पार्टी के लोगों से मैंने बात की है। अभी मैंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की, दो बार की, एकबार तो पूछने के लिए की, डॉक्टरों से, opposite party के लोगों से, एक्टिविस्ट्स से कि भई क्या करना चाहिए? तो सबने कहा कि लॉकडाउन नहीं लगाना चाहिए अब क्योंकि जीवन के साथ में आजीविका का संकट भी है, तो फिर उन्होंने निर्णय किया कि इसकी बजाय हम लोग अब जनता का आन्दोलन शुरु करें, जन-आन्दोलन शुरु करें। कोरोना के खिलाफ जनआन्दोलन होगा तो मैं समझता हूं एक माहौल बनेगा देश के अंदर प्रदेश के अंदर और वो ही मकसद है इस प्रोग्राम का जो आज शाम को साढ़े 4 बजे अल्बर्ट हॉल से शुरु होगा। कल हमारे मिनिस्टर्स जाएंगे, आज भी मिनिस्टर्स जाएंगे जयपुर के विभिन्न क्षेत्रों के अंदर और जहां देखेंगे कि कोई मास्क लगाए हुए नहीं है, तो उनको नमस्कार करके मास्क भेंट करेंगे, मिनिस्टर्स भी, मैं भी कहीं जा सकता हूं आज-कल के अंदर। इस प्रकार से एक मैसेज देना चाहते हैं जनता को कि सभी लोगों को उतरना चाहिए इसी प्रकार से और ये काम कोई भी कर सकता है। तो मैंने नेता प्रतिपक्ष से भी, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा जी से भी, सतीश पूनिया जी से भी और पॉलिटिकल पार्टियों के लोग जितने भी थे उन सबसे मैंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की, तमाम एमएलए भी बैठे हुए थे, तो सबकी राय थी कि ये प्रोग्राम मैं समझता हूं कि इम्पैक्ट डालेगा, तो ये प्रोग्राम गैर-राजनीतिक प्रोग्राम है, नॉन-पॉलिटिकल प्रोग्राम है, इसमें सबको भाग लेना चाहिए पक्ष-विपक्ष कोई भी हो, संस्थाएं हों। तो मैं उम्मीद करता हूं कि मीडिया के सहयोग से इसमें हम लोग कामयाब होंगे और डॉक्टर्स को भी हमने बुलाया था एक वीसी करके, ओपन वीसी की थी, उसमें देवी शेट्टी जी को बेंग्लूरु से, डॉ. नरेश त्रेहान को मेदांता सिटी से, डॉ. सरीन को दिल्ली से बुलाया, उसमें सबकी राय ये थी वीसी के अंदर कि अगर एक महीना भी लोग राजस्थान के अंदर सोशल डिस्टेंसिंग कर लें और मास्क लगा लें तो राजस्थान में ग्राफ नीचे आ सकता है कोरोना के जो पॉजिटिव केस आते हैं उससे। तो एक महीना तो हम शुरुआत में पहले कह ही रहे हैं कि एक महीना कम से कम मास्क लगाओ, मालूम पड़ जाएगा हम कितने लेवल पर नीचे आ रहे हैं, तो ये सोचकर ये अभियान सबकी राय से चलाया जा रहा है और मुझे उम्मीद है कि मीडिया वाले साथ देंगे।
सवाल- सर राहुल जी के साथ कल जो घटनाक्रम हुआ, यूपी जाना?
जवाब- वो तो मैं कल निंदा कर चुका हूं, मैं तो उलटा ये कह रहा हूं कि इतनी बड़ी घटना है, डेमोक्रेसी के अंदर कोई नेता जाना चाहता है, राष्ट्रीय स्तर का नेता और मुख्य विपक्षी दल के नेता जाएं, तो अगर कोई छिपाने की बात नहीं है, तो रोकने की बात क्यों होनी चाहिए? कल जब घटना हुई तीन दिन पहले वहां पर खेरवाड़ा में डूंगरपुर की तरफ, तो जो तीन नेता गए बीजेपी के मदन दिलावर जी गए और इनके नेता गए साथ में, तो हमने तो रोका नहीं उनको, वो जाकर पता करो कि वास्तव में क्यों हुई घटना, ये विपक्ष का काम होता है। आज राजस्थान में कोई घटना होती है, घटना कहीं हो सकती है पर घटना होने के बाद में कार्रवाई करना दूसरी बात है और लापरवाही करना दूसरी बात है। जो लापरवाही हाथरस में की गई, रात को 2 बजे आप बच्ची का अंतिम संस्कार कर दो, ये तो मैंने कभी सुना ही नहीं आज तक। कैसी भी स्थिति होती है, कोरोना को छोड़कर के, कोरोना के अंदर भी 20 लोगों की छूट दी गई है परिवारवालों को दाह संस्कार के अंदर, कोरोना के अंदर भी। और आप देख लीजिए कि बिना कोरोना कभी भी अंतिम संस्कार में बॉडी पहले सौंपी जाती है परिवारवालों को, शहीद होते हैं बॉर्डर पर उनकी पार्थिव देह भी पहले गांव तक आती है, हेलीकॉप्टर से, प्लेन से आती है, इतना सम्मान देने की बात हमेशा रही है, हमारे देश के संस्कार-संस्कृति है, उसमें रात को पुलिस की देखरेख में आप दाह-संस्कार कर दो और मां बिलखती रहे सिर्फ अपनी बच्ची के अंतिम दर्शनों के लिए, उसको भी आप अलाऊ नहीं करो, ऐसा तो कभी देखा नहीं। आज राजस्थान में घटनाएं हो रही हैं, वो लोग कई लोग टिप्पणी करते हैं कि प्रियंका जी राहुल जी यहां क्यों नहीं आते हैं। मैं उनको कहना चाहूंगा, वहां वो विपक्ष के नेता के रूप में जा रहे थे, आप यहां विपक्ष के नेता के रूप में दिल्ली से नेताओं को बुलाओ, हम उनको अलाऊ करेंगे, राजस्थान में। घटना तो देशभर, दुनिया में होती है, हम अलाऊ करेंगे कोई बीजेपी के नेता बड़े से बड़े आएं, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की तरह, वो बारां में जाएं, भिवाड़ी में जाएं, कहीं जाएं, हम उनको अलाऊ करेंगे जाने के लिए, पुलिस प्रोटेक्शन में अलाऊ करेंगे, कोई दिक्कत नहीं है हमें। उनको यह कहने का अधिकार नहीं है कि वो वहां जा रहे हैं, यहां क्यों नहीं आ रहे हैं। वो तो हमारी पार्टी के नेता हैं, हमारी बात पर विश्वास करते हैं, हम रिपोर्ट भेजते हैं, उस पर हमारे नेता विश्वास करेंगे, पर विपक्ष के नेता आएं, वो क्यों नहीं आ रहे हैं? उनको अपनी विपक्ष की भूमिका निभानी चाहिए, जैसे वो निभा रहे थे प्रियंका गांधी जी और राहुल जी, तो ये उनका तर्क बिलकुल ही बेहूदा तर्क है, धन्यवाद

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