Shri Ashok Gehlot

Former Chief Minister of Rajasthan, MLA from Sardarpura

Talked to media at Secretariat (12 October)

दिनांक
12/10/2021
स्थान
जयपुर


देखिए ये कोई विवाद का विषय नहीं होना चाहिए, ये पूरे कंट्री के अंदर, विशेष रूप से नॉर्थ इंडिया के अंदर बड़ा क्राइसिस है और हो सकता है क्राइसिस बढ़े आगे और केंद्र सरकार को पूरे राज्यों को को-ऑर्डिनेट करना चाहिए कि अधिकांश राज्य बिजली संकट को लेकर केंद्र सरकार को कन्वे कर चुके हैं, ये संकट कितना बड़ा होगा वो कोई नहीं कह सकता। कोल इंडिया को चाहिए कि वो खुद आगे बढ़कर के, उसकी जिम्मेदारी भी है कि वो राज्यों से बातचीत करे, क्या रिक्वायरमेंट है, क्या उनकी दिक्कत है क्योंकि खाली, कोल माइन्स में पानी भर गया बरसात से, वो तो एक कारण हुआ। पर जहां तक मुझे जानकारी मिली है, कई जो प्लांट थे जो कॉन्ट्रेक्टर थे उनके, वो कॉन्ट्रेक्टर खुद ही फेल हो गए। तो ये क्राइसिस पूरी कंट्री में है, करीब-करीब काफी राज्यों में है और दिल्ली राजधानी है, वो तो आप देख रहे हो कि क्या हो रहा है, ब्लैकआउट होने तक की बातें होने लग गई हैं, चीन में पूरा क्राइसिस है, यूरोप में क्राइसिस है। कोयले के जो दाम हैं दुनिया के मुल्कों में, इंडोनेशिया सहित, वो 4-5 गुना ज्यादा बढ़ गए हैं और बढ़ने के बावजूद भी कोयला मिल नहीं रहा है, दाम बढ़ गए, कोयला अवेलेबल नहीं है फिर भी, स्थिति बड़ी अजीबोगरीब बन रही है, सुनकर ही आश्चर्य होता है कि कोई कहे कि अगर मार्च के अंदर, मार्च तक ये कोल का संकट रहेगा, ये सुनकर ही हमें आश्चर्य होता है और दुःख होता है, तो ऐसे वक्त में केंद्र सरकार की जिम्मेदारी बनती है बहुत बड़ी कि तमाम राज्यों को संकट से निकाले। 500 करोड़ बकाया है, 600 करोड़ बकाया है, ये तो बहुत मामूली बातें हैं। जहां करोड़ों-अरबों रुपए का कोयला बिकते हैं और खरीदते हैं, वहां 500 करोड़ रुपए क्या मायने रखते हैं? इस प्रकार की खबरें देने का कोई फायदा नहीं है। केंद्र की जिम्मेदारी है और मुझे उम्मीद है कि जो केंद्रीय ऊर्जा मंत्री हैं, वो सक्षम हैं। मुझे उम्मीद है कि वो जिस प्रकार से को-ऑर्डिनेट कर रहे हैं राज्यों को बिजली को लेकर, वो कोई हल निकालेंगे, बजाय इसके कि हम लोग राज्यों के ऊपर जिम्मेदारी डाल दें कि कोई कमी नहीं है कोयले की ये कहना ही मैं समझता हूं कि बेईमानी है पूरी तरह। कोयले की कमी है, सबको मालूम है, राज्य संकट में हैं और उस संकट से निकालने की जिम्मेदारी केंद्र की बनती है।

सवाल- अजय मिश्रा को बर्खास्त नहीं किया गया अभी तक लखीमपुर मामले में?
जवाब- इसीलिए तो कांग्रेस आन्दोलन कर रही है लगातार, प्रियंका गांधी जी को बैठना पड़ा यूपी के अंदर, प्रदेश कांग्रेस कमेटियों के माध्यम से पूरे देश के अंदर सब राज्यों में आन्दोलन हुए हैं और दिनदहाड़े जो हत्याएं हुई हैं, हमने दंगों में देखे लोग मरते हुए, हमने सुना है कि पुलिस एनकाउंटर में लोग मर जाते हैं, पर ऐसी मौत नहीं देखी हमने कि कोई गाड़ी जो आन्दोलनकारी किसान हैं, उनको कुचलने के लिए आगे बढ़ जाए और उससे उनकी मौत हो जाए, ऐसा कभी नहीं देखा हमने आज तक। तो ये क्या केंद्र सरकार को, प्रधानमंत्री जी को, मुख्यमंत्री जी को नहीं मालूम है? आज प्रधानमंत्री जी कह कर रहे हैं कि राज्यों में भेदभाव नहीं होना चाहिए, कौन कहता है भेदभाव होना चाहिए? हम भी कहते हैं कि कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए और जहां हिंसा होती है, उसकी निंदा सबको करनी चाहिए, चाहे कोई पॉलिटिकल पार्टी के लोग हों।

सवाल- मैरिज एक्ट में अमेंडमेंट किया था, राज्यपाल ने रोक लिया, अब आपने कहा है कि हमें वापस भेज दें, क्या सरकार इसको नए सिरे से बनाने जा रही है?
जवाब- हम वापस उसको मंगा रहे हैं, हमारी कोई प्रतिष्ठा का सवाल नहीं है। एक सुप्रीम कोर्ट का निर्णय था कि जिनकी शादी हो जाती है, उनके बाद में उनके बच्चों को आने वाले वक्त में तकलीफ नहीं हो, इसलिए रजिस्ट्रेशन कंपल्सरी होना चाहिए सभी शादियों का, इसलिए वो बिल लाया गया, पास किया गया। अगर उसको लेकर इश्यू बन गया देश के अंदर, या कोई खामी है, हमारी कोई प्रेस्टीज की बात नहीं है, कोई दिक्कत नहीं है हम लोगों को।

सवाल- बच्चों की वैक्सीन को मंजूरी मिल गई है
जवाब- बहुत ही अच्छी बात है कि वैक्सीन 2 से 18 साल के बच्चों के लिए भी आज मंजूर हुई है। मैं उम्मीद करता हूं कि तमाम प्रदेश और देश के लोग आगे आएंगे और बच्चों को वैक्सीन लगाने का काम तेज गति से बढ़ेगा जिससे कि थर्ड वेव जो कहते हैं कि बच्चों के लिए आएगी, वो हमारे मुल्क में नौबत ही नहीं आए, राजस्थान कोई कमी नहीं रखेगा। पहले भी हमने वैक्सीन में बहुत ही बड़ी उपलब्धि हासिल की है, आज देश में 3-4 राज्यों में राजस्थान है, उसी रूप में बच्चों की वैक्सीन में भी हम आगे निकलेंगे ये मैं कह सकता हूं।

सवाल- एक हनुमानगढ़ की घटना को लखीमपुर से कम्पेयर किया जा रहा है?
जवाब- ये बेवकूफ लोग हैं, कोई बेवकूफों की कमी है क्या देश के अंदर? ये बेवकूफ लोग बीजेपी वाले बेवकूफी कर रहे हैं, बीजेपी वाले बेवकूफी कर रहे हैं देश के अंदर भी और प्रदेश के अंदर भी, बिना मतलब कंपेयर करते हैं। बार-बार कहते हैं कि प्रियंका गांधी जी को, राहुल गांधी जी को राजस्थान में क्यों नहीं आना चाहिए? राजस्थान में सरकार हमारी है। आप राजनाथ सिंह जी को कहो, आप अमित शाह जी को कहो, वो आकर देखें यहां पर, वो गृह मंत्री हैं। विपक्ष की सरकारें जहां हैं या सरकारें सत्तापक्ष की हैं यूपी हो चाहे वहां हम लोग जाएंगे, विपक्ष के लोग हैं हम लोग। ऐसी बेवकूफी की बातें बोलते मैं पहली बार नेताओं को देख रहा हूं जो मुख्यमंत्री के उम्मीदवार बने बैठे हैं, वो ऐसी बेवकूफी की बातें कर रहे हैं कि राजस्थान में प्रियंका गांधी जी, राहुल गांधी जी क्यों नहीं आते हैं? वो तो उनकी सरकार है वहां पर तो, वो वहां जाएंगे जहां सत्ता पक्ष की सरकारें हैं। हमारे यहां प्रधानमंत्री जी को आना चाहिए, गृह मंत्री जी को आना चाहिए, जेपी नड्डा जी को आना चाहिए, देखिए जाकर हनुमानगढ़ में क्या हुआ, किस प्रकार क्यों घटना हुई, क्यों लिंचिंग हुई, हम तो उसकी निंदा करते हैं। हमने अविलंब कार्रवाई की, उनको सबको पकड़ लिया, फिर भी टीम भेज रहे हैं यहां से। ऐसे मूर्ख लोग बन गए हैं इनके पदाधिकारी, जिनको इतना ही नहीं सेंस है कि किस प्रकार की घटना में क्या किया जाता है। एक आदमी उनके घर गया नहीं पहले, जो आदमी मारा गया उनके घर पर कोई नहीं गया, जाकर वहां पर बैठते ये लोग, मालूम पड़ता इनको, खाली यहां बैठे-बैठे अखबारबाजी करते रहते हैं, और तो और सोशल मीडिया पर कमेंटबाजी करते रहते हैं।

सवाल- आज तीन विधायकों को बीजेपी ने भेजा है पीलीबंगा, मदन दिलावर,?
जवाब- यही तो मूर्खता है, जब जान गयी थी किसी व्यक्ति की, उसी दिन भेज देते, हकीकत मालूम पड़ जाती, तो ये डेलिगेशन भेजने की जरूरत ही नहीं पड़ती, यही तो मूर्खता है उनकी।

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