Shri Ashok Gehlot

Former Chief Minister of Rajasthan, MLA from Sardarpura

Talked to media at EHCC Hospital, Jaipur (27th November)

दिनांक
27/11/2021
स्थान
जयपुर


सवाल- आप मिले हैं आज...
जवाब- काफी इम्प्रूवमेंट है कनखप्रभा जी जो साध्वी प्रमुख हैं जिनका पूरे देश के अंदर हाईएस्ट रेस्पेक्ट मान है तेरापंथ समाज के अंदर, इसीलिए आप देखिए दूर-दूर से सर्वसमाज के श्रावक लोग आए हैं दिल्ली से, मुम्बई से और आ रहे हैं अभी तक भी। तो ये लंबे अरसे से, आचार्य तुलसी जी के जमाने से ही इन्होंने जो प्रवचन दिए हैं आजतक उसका एक मैसेज महिलाओं तक में रहा है, इसलिए आपने देखा अभी इतनी महिलाएं जो बना रखा है संघ इन्होंने उसमें अभी भी सब लोग काम करते हैं। इसलिए मुझे अच्छा लगा मिलकर, दर्शन मैंने किए थे 10 दिन पहले ही अभी भीलवाड़ा के अंदर, कल मालूम पड़ा बीमार हो गए तो आए तो मैं उनसे मिलने आया हूं और उम्मीद करता हूं कि जल्द ही ठीक होंगी, स्वस्थ हो जाएंगे।

सवाल- अपडेटेड गाइडलाइन जारी की हैं, आप लगातार चेता रहे हैं कोविड को लेकर..
जवाब- कोविड वाला वास्तव में यूरोप में आतंक मचाया हुआ है। अगर डब्ल्यूएचओ कह रहा है वर्ल्ड हैल्थ ऑर्गनाइजेशन यूरोप में 5 लाख लोगों की जान जाएगी पहले कहता था, परसों कह दिया कि 7 लाख लोगों की जाएगी, अब कितने लोगों की जान जाएगी किसी को नहीं मालूम है, पर अगर मान लीजिए कि वर्ल्ड हैल्थ ऑर्गनाइजेशन चेता रहा है, तो उसके मायने हैं अपने और जो नया वेरिएंट आया है कल-परसों साउथ अफ्रीका के अंदर, और भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है वो। हमारे यहां थर्ड वेव की संभावना व्यक्त की जा रही है पर अभी फॉर्च्युनेटली अभी लक्षण दिख नहीं रहे हैं, परंतु पिछले 10 दिनों में जो संख्या बढ़ रही है राजस्थान में बढ़ रही है और सब जगह बढ़ रही है, वो चिंता का विषय बना हुआ है। तो अभी भी मास्क लगाने की जरूरत बहुत ज्यादा है जो लापरवाह लोग बहुत हो गए हैं, न सोशल डिस्टेंसिंग करते हैं और हम सबकी गलती है उसके अंदर, पॉलिटिकल मीटिंग होती हैं, चुनाव होते हैं, तो वहां कोई कितनी ही कोशिश कर लो, पब्लिक आएगी तो फिर ये सब फॉलो नहीं हो पाता है। तो टाइम अब ये है कि हमें उस पर ध्यान देना चाहिए। आज शाम को मैं मीटिंग कर रहा हूं, रिव्यू मीटिंग कर रहा हूं और रेग्युलर मैंने करीब 400 वीडियो कॉन्फ्रेंस की हैं इसको लेकर, डेढ़ साल के कोरोना काल में मैंने साढ़े 400 वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की थी और उसका अच्छा असर रहा, राजस्थान में कंट्रोल में रहा, सबसे कम मृत्युदर भी-रिकवरी रेट भी राजस्थान में हमको मिली, अच्छा प्रबंधन हुआ, सब लोग तारीफ करते हैं, भीलवाड़ा मॉडल हमारा देश ही नहीं बल्कि दुनिया में चला गया कि भीलवाड़ा मॉडल भी कोई चीज है, अब उसी को लोग अपना रहे हैं। तो ये बहुत स्थिति ऐसी बनी हुई है, हमें ध्यान देना पड़ेगा। भारत सरकार को भी जो आप कह रहे हो कि जो अंतर्राष्ट्रीय फ्लाइट्स प्रारंभ की हैं, उसमें उन मुल्कों पर जो साउथ अफ्रीका या अफ्रीकन मुल्क हैं, वहां से इजरायल ने भी और कई मुल्कों ने बैन किया है वहां के पैसेंजर्स को क्वारंटाइन करेंगे, पूरी जांच-पड़ताल करेंगे। तो भारत सरकार को समय रहते हुए, पिछली बार भी ऐसा ही हुआ था कि पहले-पहले इंग्लैंड से और जो लोग आए थे बाहर के मुल्कों से, अचानक ही इंडिया में फैल गया ये, कोरोना फैल गया था, उस वक्त याद है कि पहली वेव के रूप में भी, बाद में रोक लगी थी। अब इस बार तो हमें अनुभव है, पहली वेव का अनुभव है, पहली वेव ज्यादा खतरनाक नहीं थी, न ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी, न वेंटिलेटर की जरूरत पड़ी, पर सेकंड वेव ने आतंक मचा दिया, हाहाकार मच गया ऑक्सीजन को लेकर, बेड नहीं मिले, दिल्ली-मुंबई-अहमदाबाद में तो बेड तक उपलब्ध नहीं हो पाए, एंबुलेंस के अंदर भी सोए-सोए ही लोगों ने इलाज कराया, वो टाइम भी देखा हमने, ऑक्सीजन की मारामारी रही, दवाइयां मिल नहीं रही थीं, हमने तो चार्टर्ड प्लेन करके मुंबई से दवाइयां मंगवाई हमने ऐसी स्थिति बन गई थी हमारी खुद की। तो कहने का मतलब है कि भारत सरकार को अब तो पूरा अनुभव है, पूरी तरह पूरे देश को बचाने के लिए अभी से ही बहुत ज्यादा गंभीरता से ध्यान रखना पड़ेगा जिससे कि थर्ड वेव की नौबत ही नहीं आए यहाँ पर।
सेकंड वैक्सीन लगी ही नहीं है अभी लोगों को देश के अंदर 100 करोड़ का आंकड़ा पार हो गया, फर्स्ट वैक्सीन में हुआ है, उसका प्रचार करने का कोई फायदा नहीं है। आपको जब तक सेकंड डोज नहीं लगेगी वैक्सीन की, तब तक उसका कोई फायदा नहीं होता है। मेरे दोनों डोज लगी हुई थी, तब भी मुझे खुद को हो गया वैक्सीन लगने के बाद भी कोरोना। तो दो वैक्सीन लगने के बाद में भी संभावना बनी हुई है, इतना ही है कि आपको फिर माइल्ड होता है, हल्का होता है। बचाव करने के लिए दोनों वैक्सीन लेना जरूरी है, अभी खाली एक लगी है देश के अंदर, 35-40 पर्सेंट लगी है सेकंड। तो एक अभियान चले देश के अंदर, अभियान के आधार पर सेकंड डोज लग जाए, उसके बाद में नंबर आएगा बूस्टर डोज का। हमने प्रधानमंत्री जी को पत्र लिखा है कि अब जो जिसके सालभर होने को आ गया है, उसका इफेक्ट कम हो जाता है, आपको चाहिए कि आप बूस्टर डोज भी अलाऊ करो, जिससे कि जिसके दो डोज लग गई है, उसको तीसरी डोज लगे, बूस्टर डोज लगे, तो मैं समझता हूं कि उस पर अभी तक निर्णय किया नहीं है क्योंकि पहले वो चाहते हैं कि दूसरी डोज लग जाए, वो अपनी जगह ठीक हो सकते हैं, परंतु जो आदमी बुजुर्ग हैं या बीमार हैं, कई बीमारियां उसके लगी हुई हैं, उसको तो तकलीफ रहेगी कि अगर बूस्टर डोज नहीं लगेगी, तो फिर तकलीफ हो सकती है, वो सब बातों को ध्यान में रखकर हमें करनी पड़ेगी कार्रवाई।

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