Shri Ashok Gehlot

Former Chief Minister of Rajasthan, MLA from Sardarpura

हॉस्पिटल रोड स्थित पीसीसी कार्यालय में मीडिया से वार्ता, जयपुर नवम्बर 23:

दिनांक
23/11/2022
स्थान
जयपुर


अध्यक्ष जी ने जो बताया अभी आपको, अध्यक्ष जी स्वयं जाकर आए हैं दूसरी बार और उसी अनुभव के आधार पर आपको शेयर किया गया है कि राजस्थान में यात्रा भी बहुत ही शानदार तरीके से निकलेगी और राजस्थान में माहौल बहुत अच्छा बना हुआ है, कार्यकर्ताओं में उत्साह है, कई जगह तो लोग यात्रा निकालने लग गए हैं लोग जिलों के अंदर भी, जयपुर में 5-6 यात्राएं निकल चुकी हैं भारत जोड़ो की, यहां तो भारत जोड़ो सेतु बन गया है जयपुर के अंदर तो, जोधपुर से यात्रा शुरू हुई है 10-12 दिन पहले, वो जाएगी, दिल्ली तक जाएगी, तो कहने का मतलब है कि लोगों में यात्रा का जो उद्देश्य है महंगाई, बेरोजगारी और देश में शांति, सद्भाव, प्यार, मोहब्बत रहे आपस के अंदर देशवासियों में क्योंकि तनाव है, हिंसा है, तो राहुल जी का संदेश स्पष्ट है पूरे मुल्क के अंदर, उसी संदेश को आगे बढ़ाने के लिए वो कारवां चल पड़ा है। साढ़े 3 हजार किलोमीटर की यात्रा आजादी के बाद में सबसे बड़ी यात्रा है और राजस्थान के अंदर बहुत शानदार तरीके से लोग आएंगे, हम भी अपील करना चाहेंगे कार्यकर्ताओं से भी, प्रदेशवासियों से भी कि सबसे सहयोग से ही यात्रा बहुत शानदार कामयाब हो, एक मैसेज जाए भारत सरकार को, दबाव पड़े कि महंगाई का मुद्दा देशव्यापी बन चुका है, बेरोजगारी का मुद्दा बहुत भयंकर है, इनको ले डूबेगा, तो समय रहते आप कदम उठाइएगा जिससे कि राहत मिले देशवासियों को, प्रदेशवासियों को और शांति-सद्भाव विकास के लिए बहुत जरूरी है, जहां हिंसा होगी, विकास नहीं होगा, तो ये मुद्दे जो हैं ये अपने आपमें मैं समझता हूं कि यात्रा को सफल बनाएंगे, तो पूरी तैयारी अध्यक्ष जी ने कर रखी है, कमेटी बना दी है, कमेटी के मेंबर्स को बुलाकर बात कर ली है, मीटिंग आगे भी ग्रुप बनाकर होती रहेगी विभिन्न कमेटियों की, अध्यक्ष जी मॉनिटरिंग करेंगे, तमाम व्यवस्थाएं बहुत अच्छे ढंग से चल रही हैं और मैं समझता हूं कि उसी रूप में हम लोग यात्रा को पूरी संपन्न करवाएंगे।

सवाल- 2023 और 2024 के लिए गेम चेंजर है यात्रा, आप मानते हैं? गेम चेंजर साबित होगी 2023 और 2024 के लिए...?
जवाब- देखिए यात्रा तो राहुल गांधी के बारे में पूरे मुल्क में जो प्लेफॉर्म बने हुए हैं आपके यूट्यूब के भी और जो डिस्कशन्स होते हैं इंटलेक्चुअल के, पत्रकारों के और लेखकों के, आप भी देखते होंगे, जो इमेज राहुल गांधी जी की जो डैमेज करने का खूब प्रयास किया गया था बीजेपी-सोशल मीडिया ने, उसकी धज्जियां उड़ गई हैं, राहुल गांधी नए रूप में सामने आए हैं, एक समर्पित, प्रतिबद्ध और किस प्रकार देश को लीडरशिप दें वो, किस प्रकार जो ये बैठे हैं लोग वो फासिस्टी लोग बैठे हैं देश के अंदर जो लोकतंत्र को कमजोर कर रहे हैं, धज्जियां उड़ा रहे हैं संविधान की, लेखक, पत्रकारों को, साहित्यकारों को जेलों में डाल रहे हैं, आलोचना सुनना इनको पसंद नहीं है, जो आलोचना करता है या असहमति व्यक्त करता है वो देशद्रोही है इनकी नजर के अंदर, राजद्रोही है, इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा, 70 साल तक इस देश में लोकतंत्र कायम रखा कांग्रेस ने, इंदिरा गांधी जी ने जान दे दी, पर देश को एक रखा, अखंड रखा, उस मुल्क के अंदर, राजीव गांधी शहीद हो गए, परंतु फिर भी ये बेशर्माई से, बेशर्माई से जिस रूप से इनके राष्ट्रीय और राज्य नेता बोलते हैं, पूर्व प्रधानमंत्रियों का नाम ही नहीं लेते हैं, जो त्याग-बलिदान और कुर्बानियां की हैं आजादी की जंग के अंदर, वो तमाम फ्रीडम फाइटर्स के नामों को गायब कर दिया गया है, ये क्या द्योतक है? ये द्योतक है फासिस्टी प्रवृत्ति का है, जो खतरनाक होती है, हिटलर की तरह होती है, इसलिए मैं कहना चाहूंगा कि इस यात्रा ने पूरे मुल्क को एक मैसेज दे दिया है और जनता उठ खड़ी हुई है, वक्त बताएगा कि किस प्रकार से इनका जवाब देती है वक्त आने पर, आज इनकी हालत गुजरात में खराब हो गई है, गुजरात के अंदर मोदी जी हर वीक क्यों जाते हैं वहां पर? हर वीक जा रहे हैं, 3-3 दौरे कर रहे हैं, अमित शाह जी ने कैंप कर रखा है, तो जो खुद के स्टेट के अंदर प्रधानमंत्री जी की स्थिति ये है, आप सोच सकते हो कि देश में क्या होगी? तो तमाम तरीके से हम देखें, ऐतिहासिक निर्णय था एआईसीसी का, ये खाली कांग्रेस की यात्रा नहीं है, ये देशव्यापी यात्रा है, देश की यात्रा है, इसलिए कोई भी एक्टिविस्ट जा सकता है, आप लोग जा सकते हो पत्रकार की हैसियत से भी और बगैर पत्रकार की हैसियत से भी जा सकते हो एज ए पत्रकार आप जॉइन कर सकते हो यात्रा को, इस प्रकार से तमाम लोगों को लेकर चल रही है, यात्रा चल रही है और इसीलिए लोग जुड़ते जा रहे हैं, एडवोकेट भी जुड़ रहे हैं, साहित्यकार जा रहे हैं, पत्रकार जा रहे हैं, एक्टिविस्ट जा रहे हैं, कल योगेंद्र यादव जी आए थे थे जयपुर के अंदर, यहां तमाम एक्टिविस्ट की मीटिंग हुई जयपुर के अंदर भी, करीब 100 लोगों की और सबमें उत्साह था कि हम भी जॉइन करना चाहेंगे यात्रा को, ये यात्रा एक संदेश देने वाली यात्रा है।

सवाल- विजय बैंसला ने कहा है कि यात्रा नहीं आने देंगे?
जवाब- यही तो खासियत है, यही तो लोकतंत्र है, हम संविधान को आधार बनाकर राज कर रहे हैं, शासन कर रहे हैं, तो किसी भी व्यक्ति को, संस्था को बोलने का हक है, वो बोल सकते हैं, हम, उनकी कोई मांगे हैं मान लीजिए कुछ डिमांड हैं, तो उनका कोई सुझाव है, कौम के लिए है, वर्ग के लिए है, तो हम उनकी सुनवाई करेंगे, उनकी शिकायत को दूर करने का प्रयास करेंगे, बोलने का हक़ हम नहीं छीन सकते, ये बीजेपी-आरएसएस की विचारधारा है बोलने का हक़ छीनने की।

सवाल- ओबीसी आरक्षण का जो मसला है, ओबीसी विसंगति वाला जो मसला है, समाधान निकल रहा है आज शाम को कैबिनेट में?
जवाब- आज कैबिनेट हमने पोस्टपॉन की है, आज हम सब लोग इस यात्रा में बिजी हो गए थे, कल मीटिंग होगी कैबिनेट की, देखिए ओबीसी का मुद्दा ये जो है ये कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष डोटासरा जी ने सबसे बात कर रखी है, मुझसे बात भी की है, मंत्रिमंडल में एक बार डिस्कशन भी हुआ, ये भी तय हुआ कि जो सब पक्ष हैं क्योंकि अन्याय किसी के साथ नहीं होना चाहिए, पूर्व सैनिकों का हम सम्मान करते हैं, हमें गर्व है कि राजस्थान के अंदर सैनिक जो हैं जो शहीद हो रहे हैं आज भी गांव-गांव के अंदर, ये शहीदों की धरती भी है, राजस्थान गर्व करने वाली धरती है कि करगिल के अंदर तो मैं 54 जगह मैं खुद गया था, उनको पैकेज जो मैंने दिए, हिंदुस्तान में किसी राज्य में पैकेज नहीं दिया गया है पूर्व सैनिकों के परिवार वालों को, उनके मां-बाप को भी दिया है हमने पैकेज, परिवार वालों को भी दिया है, जो आज सबको मालूम है उनके इंटरेस्ट में वॉच करेंगे और ओबीसी के नौजवानों की मांग भी वाजिब है क्योंकि जो मांग उनकी है, वो टेक्नीकली गलती हुई है, पिछली गवर्नमेंट से हुई है और हमने पूरा सर्वे करवाया है पूरे देश के अंदर 16 राज्यों के अंदर और केंद्र के अंदर, जो फॉर्मूला है वो फॉर्मूला लागू राजस्थान में भी होगा, हम चाहेंगे कि कैबिनेट में डिस्कशन करें आपस के अंदर और फैसला करें हम लोग, पर अन्याय उनके साथ में किसी रूप में नहीं होगा, ये कुछ लोग भ्रम फैला रहे हैं, वो भ्रम नहीं फैलाना चाहिए क्योंकि उनकी मांग को हमने एग्जामिन करवाया है, उस मांग में दम भी है, हमने पूर्व सैनिकों के अधिकारियों से बात भी की है, उनको हम विश्वास में ले रहे हैं क्योंकि उनको भी नुकसान नहीं होना चाहिए, देश के लिए उन्होंने सबकुछ न्यौछावर किया है, अपनी जान की बाजी लगाकर सेना में भर्ती हुए हैं, उनके इंटरेस्ट भी पूरे वॉच होंगे, दोनों पक्षों के साथ में पूरा न्याय होगा, मैं अपील करना चाहूंगा, इतना सैंसेटिव मामला ये है, मैं तमाम पक्षों से भी अपील करूंगा, तमाम जो समर्थन में हैं, चाहे वो किसी भी पक्ष में हों उनसे अपील करना चाहूंगा कि मेरी मार्मिक अपील उनसे भी है कि राज्य के हित में और ओबीसी के नौजवानों के हित में और पूर्व सैनिकों के हित के अंदर प्लीज आप इस मुद्दे को इस प्रकार नहीं बनाएं कि ये जातिगत मुद्दा बन जाए, ये कोई राजपूत और जाटों का मुद्दा नहीं है जो इस प्रकार की ध्वनियां निकल रही हैं, मुझे दुःख होता है कि 40 साल से मैं देख रहा हूं कि आज जाट हो, राजपूत हो, गुर्जर हो, मीणा हो, कोई कम्युनिटी हो राजस्थान की हो, सबको नजदीक लाने का प्रयास किया है कांग्रेस ने आज तक, जब पिछली बार मैं बना था मुख्यमंत्री, आपको याद होगा कि तब हमने गुर्जरों को, मीणाओं का भी मैंने यहां मौन जुलूस निकलवाया था शांति के लिए, एकता के लिए, हमारी थीम वो रहती है, जाट-राजपूतों का हम कॉलेज के वक्त में 50 साल पहले सुनते थे कि झगड़े होते थे, आज कहां झगड़े होते हैं? उनमें आपस में संबंध है, आपस में भाईचारा है, वो टाइम चला गया, थोड़ा-बहुत तो चलता रहता है हर जातियों में, राजपूत-जाट की बात तो छोड़ दीजिए, हर जाति-वर्ग के अंदर थोड़ा बहुत मनमुटाव चलता है, परंतु इसका मतलब ये नहीं है कि हम ऐसी कोई स्थिति पैदा कर दें कि और ज्यादा दूरियां बढ़ें, ये किसी भी व्यक्ति के लिए, संस्था के लिए उचित नहीं है। आप निश्चिंत रहो, सरकार निर्णय करेगी वो सबके पक्ष में करेगी, उनको न्याय मिलेगा।

सवाल- मोरबी हादसा जो गुजरात में हुआ था उसकी एफएसएल रिपोर्ट आ गई है और उसमें ये कहा गया है कि पूरी तरह भ्रष्टाचार उसमें हुआ था, यहां तक कि नट-बोल्ट भी एकदम पुराने, जंग लगे हुए लगाए गए, ये एफएसएल रिपोर्ट में कहा है...
जवाब- देखिए यही तो हमारी शिकायत है, मैं कल ही आया हूं गुजरात से, आप बताइए, एक हादसा हुआ, 135 लोग मारे गए, मिस्टर मल्लिकार्जुन खड़गे जी ने कहा, जो हमारे अध्यक्ष बने हैं, मुझे भी उन्होंने कहा, राहुल गांधी जी ने मैसेज दिया कि आप जाइए वहां पर, दौरा कीजिए, परंतु हम इमिजेटली आरोप नहीं लगाएं किसी पर भी, कितनी बड़ी बात थी कि क्योंकि घटना में कौन दोषी है, कौन दोषी नहीं है, ये किसी को मालूम नहीं है, हमारे नेता हमें कह रहे हैं कि आरोप किसी पर नहीं लगाएंगे, आप खाली जांच की मांग करो कि हाईकोर्ट के सिटिंग जज या रिटायर्ड जज से जांच करवाएं, जांच में जो सामने बात आएगी, उसमें ये एफएसएल की रिपोर्ट भी आ जाती है, उसके बाद में जो दोषी हो उसको सजा मिलनी चाहिए, जिससे कि फ्यूचर के अंदर लोग चिंता करें कि अगर हमने गलती की तो हमें सजा मिल सकती है, ये तो सिंपल बात है, उसको वहां की सरकार ने नहीं माना, बताइए आप, प्रधानमंत्री जी जाकर दौरा करके आ गए, वहां 70 लोग मारे गए शराब पीकर, कोई जांच नहीं हो रही है वहां पर, कोरोना के अंदर लापरवाही से पूरी बदनाम हुई सरकार वहां पर, ड्रिप चढ़ती रही सड़कों पर वहां पर, सब देश ने देखा, मुख्यमंत्री सहित सबको बदल दिया गया, तो हालात बड़े गंभीर हैं वहां पर, तो मोरबी की घटना अभी लेटेस्ट हुई है, उसके बाद में आप अगर जांच भी नहीं करवाओ, वहां की गुजरात हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है अब खुद ने, खुद ने संज्ञान लिया है, ये नौबत क्यों आई है ? ये तमाम बातें जो मैं समझता हूं कि चुनाव के अंदर मुद्दे बने हुए हैं और ये इसीलिए प्रधानमंत्री जी को बार-बार जाकर गली-गली मोहल्ले-मोहल्ले में घूमने की जो कहावत है वो वहां देखी जा रही है कि सब जगह गांव-गांव जा रहे हैं प्रधानमंत्री जी, 4-4 दिन के दौरे हो रहे हैं वहां पर, हर वीक में आ रहे हैं, आप समझ सकते हैं कि वहां क्या स्थिति है।

सवाल- बदलाव हो रहा है गुजरात में?
जवाब- परिणाम चौंकाने वाले आ सकते हैं, मेरा मानना ये है, अब आएंगे क्या, ये तो टाइम बताएगा।

सवाल- हिमाचल के आ रहे हैं ?
जवाब- हिमाचल में तो आप पार्टी गायब हो गई, ये भी रहस्य है, जो बड़ी-बड़ी बातें करती थी वहां पर ये पार्टी आप पार्टी, वहां भी रोड शो किए उन्होंने, खूब वादे किए जैसे गुजरात में कर रहे हैं वो वादे, राजस्थान में आने की संभावना भी वो वादों के आधार पर है, दाल गलने वाली नहीं है यहां पर, हमने पहले से ही इतनी योजनाएं बना रखी हैं, उनका मुकाबला देश में कोई राज्य नहीं कर सकता है, हमने जो योजना बनाई है राजस्थान में, वैसी योजनाएं पूरे मुल्क में कहीं पर भी नहीं हैं, परंतु मैं पूछना चाहूंगा केजरीवाल जी से कि आपने अपना पूरा कैंपेन विड्रॉ क्यों कर लिया? सब ऑफिस क्यों बंद कर दिए? क्या बीजेपी से आपकी मिलीभगत है? और वहां गुजरात के अंदर भी जो टैम्पो उनका 20 दिन पहले था वो नीचे क्यों आ गया है? ये तमाम जो खेल खेल रहे हैं देश के अंदर, ये वो शक्तियां हैं जिनका लोकतंत्र में यकीन नहीं है, न केजरीवाल जी का है, न मोदी जी का है, ये फासिस्टी लोग हैं, उस रूप में ये देश चलाना चाहते हैं और देश को बर्बाद कर रहे हैं, मेरा मानना है कि केजरीवाल जी के झूठे वादे भी अब धीरे-धीरे एक्सपोज हो रहे हैं अब वहां सारे, हमने देख लिया है, केजरीवाल जी का रूप देखा, एक रूप वो भी देखा, शाहीन बाग में जब धरना दिया जा रहा था लंबा और ये बात करते थे धर्मनिरपेक्षता की, गायब हो गए केजरीवाल जी, खुद गायब हो गए, पूरा अपना गणित-भाग देख रहे हैं कि मैं चुनाव कैसे जीतूं, देश बहुत समझदार है, ऐसे लोगों को सबक सिखाएगा।

सवाल- राहुल गांधी की जो यात्रा निकल रही है, क्या राजस्थान कांग्रेस की तरफ से जिन राज्यों में ये यात्रा नहीं पहुंच पाई वहां से कुछ बड़े नेताओं को भी बुलाया जाएगा भाग लेने के लिए?
जवाब- एक बात मैं स्पष्ट कर दूं, ये मांग गुजरात में भी उठी थी कि चुनाव में गुजaरात में क्यों नहीं आए? हिमाचल क्यों नहीं गए? ये देखिए कि यात्रा इस देश के अंदर हमारे संस्कार में, संस्कृति में, परंपराओं में जो यात्री होता है पदयात्री, उसका सम्मान करता है समाज, ये सदियों से है, यहां पर भी यही हुआ कि यात्रा का मार्ग बन गया, पर संदेश जो होता है यात्रा का वो पूरे मुल्क के लिए होता है, आज राहुल गांधी जी की जो यात्रा है, उनका जो संदेश मैंने बताया बेरोजगारी, महंगाई और जो हिंसा नहीं होनी चाहिए, सब लोग प्यार, मोहब्बत से रहें, भाईचारे से रहें, हमारी कोई दुश्मनी नहीं है, लड़ाई हमारी विचारधारा की है, जो उनकी थीम है, ये संदेश पूरे मुल्क के अंदर जिन राज्यों में यात्रा नहीं गई है इन्क्लूडिंग गुजरात, हिमाचल, वहां के गांवों में और हर घर में पहुंच चुका है कि राहुल गांधी की यात्रा किस लिए है। तो जरूरी नहीं है कि राहुल गांधी सब जगह जा सकें, जहां तक बुलाने का सवाल है अध्यक्ष जी सबको बुलाएंगे, जो उनको जिनको सूट करेगा वो आएंगे यहां पर और मैं समझता हूं कि एक मैसेज जाएगा यहां पर चाहे पब्लिक मीटिंग हमारी हो अलवर के अंदर और चाहे पूरी यात्रा हो, आप देखेंगे, आप सबको इन्वाइट किया है अध्यक्ष जी ने, हम चाहेंगे कि आप अपने संपादकों से बात कर लीजिए, अध्यक्ष जी के निमंत्रण को स्वीकार करने के लिए उनसे आग्रह कर लीजिए, हम चाहेंगे कि राजस्थान का मीडिया खाली दिल्ली का ही नहीं, राजस्थान का मीडिया भी इस पूरी शानदार यात्रा का खुद साक्षी बने, धन्यवाद।

Best viewed in 1024X768 screen settings with IE8 or Higher