Shri Ashok Gehlot

Former Chief Minister of Rajasthan, MLA from Sardarpura

हॉस्पिटल रोड स्थित पीसीसी कार्यालय में मीडिया से वार्ता, जयपुर नवम्बर 29:

दिनांक
29/11/2022
स्थान
जयपुर


अभी मीटिंग शुरू होने वाली है, भारत जोड़ो यात्रा को लेकर मीटिंग होने वाली है और मिस्टर केसी वेणुगोपाल जी आए हैं, तैयारियों का जायजा लेंगे और पूरी तैयारियां जो अभी तक हुई हैं, प्रदेशाध्यक्ष गोविंद डोटासरा जी जाकर आए हैं, पूरी रैकी करके आए हैं और मैं समझता हूं कि लोगों में बहुत उत्साह है, प्रदेशवासियों में बहुत उत्साह है क्योंकि पूरे देश के अंदर यात्रा का स्वागत जो हो रहा है, वो आप देख रहे हो कि पूरा देश जो है, पूरे देश की जो भावना है, जो मुद्दे हैं दिल के अंदर, महंगाई का मुद्दा है, बेरोजगारी का मुद्दा है और साथ में प्यार, मोहब्बत, शांति, सद्भावना से राजनीति हो, हिंसा नहीं हो, ये मुद्दे जो पूरे देशवासियों, देशवासियों के दिल में हैं, वो ही मुद्दे लेकर राहुल जी निकले हैं यात्रा में, वो ही मुद्दे लेकर उन्होंने संदेश दिया है जगह-जगह, केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, फिर तेलंगाना, फिर आंध्रप्रदेश, चाहे महाराष्ट्र हो, चाहे मध्यप्रदेश में, सब जगह जो वेलकम लोग कर रहे हैं, वो एक मैसेज पूरे देशवासियों के लिए है और सबसे बड़ा मैसेज है भारत सरकार के लिए, मोदी जी के लिए, अमित शाह जी के लिए कि देश में हो क्या रहा है, जिस रूप में महंगाई बढ़ती जा रही है, बेरोजगारी बढ़ती जा रही है, हिंसा हो रही है, तनाव हो रहा है, तो ये देशहित में नहीं है, ये मैसेज देने में कामयाब रहे हैं राहुल गांधी जी और राजस्थान में भी बहुत शानदार तरीके से यात्रा निकलेगी और पूरे प्रदेशवासी बहुत सहयोग करेंगे उसके अंदर।

सवाल- ये जिस तरीके से कुछ विरोध की भी बातें हो रही हैं कि जैसे कई जगह उनको मनाने की भी, गुर्जरों को भी मनाने की कोशिश की जा रही है, इस तरह की बातें आ रही हैं?
जवाब- देखिए, मनाने की जरूरत ही नहीं है, गुर्जर हों, चाहे कोई भी हों, हर व्यक्ति को अधिकार होता है अपनी बात कहने का, यही तो लोकतंत्र की खासियत है और यही कांग्रेस ने हमेशा अपनाया है इस बात को, हम कोई बीजेपी की तरह तो हैं नहीं कि पत्रकारों को, पत्रकार कोई असहमति व्यक्त कर दे तो जेल जाओ, साहित्यकार हो, लेखक हो और उनकी मीटिंग में चले जाओ, तो जिस प्रकार का व्यवहार किया है, आज से 15-20 साल से आप भी देख रहे होंगे कि जगह-जगह पत्रकारों की पिटाई किसने की है? बीजेपी के लोगों ने की है, कांग्रेस वाले हमेशा प्यार से गले लगाते हैं और व्यवहार करते हैं पत्रकार के साथ में जो होना चाहिए, वो व्यवहार कांग्रेस करती आई है, इसलिए ये काम उनका है।

सवाल- राहुल गांधी ने कल एक बयान दिया है, क्या सच्चाई बताई क्या, दोनों ही नेताओं को एसेट बताया है, आपको और सचिन पायलट को एसेट बताया है कांग्रेस पार्टी का, लेकिन और नेता जो बयानबाजी कर रहे हैं?
जवाब- देखिए बात समझो, जो राहुल गांधी जी ने कहा है, वो हमारे सबके नेता हैं, जब राहुल गांधी जी ने कहा है, एसेट हैं, तो फिर एसेट हैं, फिर डिस्कशन किस बात का? हमारी पार्टी की सबसे बड़ी खूबी ही ये रही है आजादी के पहले, आजादी के बाद में, जो नंबर 1 नेता होता है उसके डिसिप्लिन में पार्टी चलती है, जो कांग्रेस अध्यक्ष होता है उसके डिसिप्लिन में पार्टी चलती है, हमारे यहां उनके कहने के बाद में कोई गुंजाइश रहती नहीं है और पार्टियों की तरह, इसलिए जब राहुल गांधी जी ने कह दिया कि एसेट हैं, तो हम सब एसेट ही हैं, बल्कि ये भी है कि वो हम लोगों के साथ में, उनके मायने ये भी थे कि हर कार्यकर्ता एसेट है, हर कार्यकर्ता एसेट है, अच्छी बात कही है, दोनों नेता एसेट हैं, इसका मतलब बाकी लोग फॉलोअर्स भी एसेट हैं, सब एसेट हैं तो सब मिलकर यात्रा को भी कामयाब करेंगे और अगला चुनाव जो है 2023 का, मुख्य मुद्दा वो है, वो हम जीतकर बताएंगे, प्रदेशवासी साथ देंगे हमारा क्योंकि इस बार माहौल हमारे पक्ष के अंदर है, तो जो योजनाएं हमने बनाई हैं, ऐसी योजनाएं शिक्षा की हों, स्वास्थ्य की हों, किसानों की हों, मैं समझता हूं कि, महिलाओं के लिए हों, युवाओं के लिए हों, छात्रों के लिए हों, ऐसी योजनाएं देश में कहीं नहीं बनी हैं, कहीं नहीं बनी हैं और वो योजनाएं गांव-गांव तक पहुंचने लग गई हैं, उसका लाभ भी हमें मिलेगा, आप देखेंगे, इसलिए मैं कहीं दौरे करने जाता हूं, तो पहली बार मैं देखता हूं कि एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी रेस्पॉन्स पब्लिक का है, सब सड़कों पर आकर लोग मिल रहे हैं, हाथ मिलाते हैं, स्वागत करते हैं, इसके मायने क्या हुए? इसके मायने हैं कि हमारी सरकार आ रही है इस बार और आप सबसे मैं अपील करूंगा कि बार-बार सरकारें बदलती हैं उसके अनुभव अच्छे नहीं रहे हैं, रिफाइनरी का एक एग्जाम्पल ही बहुत है, 40 हजार करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट था, आज वो 70 हजार करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट बन गया है, बताइए कितना बड़ा नुकसान हुआ, हम ईआरसीपी के पीछे पड़े हुए हैं और सरकार केंद्र की पैसा नहीं दे रही है, तो हम अपना पैसा लगा रहे हैं, 9 हजार 500 करोड़ रुपए हमने रख दिए उसके अंदर, तो हमारी तो सोच है कि नेगेटिव सोचो मत, पॉजिटिव सोच रखो, उसी ढंग से हम चल रहे हैं, इसीलिए मुझे लगता है कि इस बार जो है पब्लिक मानस बना चुकी है कि इस बार सरकार कांग्रेस की रिपीट करनी है हमको।

सवाल- गुलाबचंद कटारिया जी कह रहे हैं कि आप इतने नाराज हैं, आपने बयान दिए हैं तो कार्रवाई उनके ऊपर क्यों नहीं कर रहे हैं जिनके लिए आपने नाराजगी व्यक्त की है?
जवाब- वो पंचायती हमारी वो करेंगे? अपना घर संभाल लें, 5-7 तो वहां बैठे हुए हैं, नेता आपस में लड़ रहे हैं वहां पर आपस के अंदर, वो क्या, उनको कहां कमेंट करने की जरूरत है हमारी पार्टी पर? अपनी पार्टी घर संभाल लेंगे तो ही बहुत है उनके लिए, बहुत दुर्गति हो रही है बीजेपी की राजस्थान में।

सवाल- ओपीएस को लेकर नीति आयोग ने टिप्पणी की है कि स्टेट सरकार इस पर घोषणाएं कर रही है?
जवाब- मैं आपको कहना चाहूंगा कि नीति आयोग कहो, चाहे और इकोनॉमिस्ट भी कह रहे हैं, आरबीआई भी कह सकता है, परंतु उन सबको पूछना चाहिए कि नोटबंदी जो हुई थी, उस वक्त में आपने क्या क्वेश्चन उठाए? नोटबंदी बहुत बड़ा मुद्दा था, बिना आरबीआई को पूछे हुए, विश्वास में लिए गए नोटबंदी कर दी गई, लोग लाइनों में लगे, कितने लोग मर गए थे, ये तो हम जो हमारे सरकारी कर्मचारी हैं, जो गवर्नेंस को कामयाब होने में मदद करते हैं, भले ही गवर्नेंस में सहयोगी होते हैं, उनके लिए मानवीय दृष्टिकोण से हमने फैसला किया है, मैं नीति आयोग को कहना चाहूंगा, हमने मोदी जी को भी कहा है कि आप कृपा करके जो हमारी योजनाएं हैं, चाहे वो ओपीएस है, चाहे वो चिरंजीवी योजना है, चाहे महिलाओं के लिए हमने जो नैपकिन दिए हैं माहवारी के लिए, वो हैं, हमारी कई योजनाएं ऐसी हैं, जिनको पूरी कंट्री के अंदर लागू करना चाहिए, पेंशन योजना है बुजुर्गों के लिए, विधवाओं के लिए और साथ में निःशक्तजनों के लिए, 1000-800 रुपए देते हैं राज्यों में, केंद्र को नीति बनानी चाहिए पूरे देश के लिए, अब जमाना आ गया है, ये देश भी 21st सेंचुरी में पहुंच चुका है, नीति बने पूरे देश के लिए पेंशन के लिए नीति बने, जैसे दुनिया के मुल्कों में हर वीक पैसा पहुंचता है गरीबों के घरों में, जिससे कि परिवार कोई तकलीफ में नहीं आए, वो ही स्थिति देश में लागू होनी चाहिए, तो हमारी जो योजनाएं 4-5 ऐसी हैं, जिनको केंद्र को अपनाना चाहिए पूरे देश के लिए।

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