Shri Ashok Gehlot

Former Chief Minister of Rajasthan, MLA from Sardarpura

भारत बंद

दिनांक
10/09/2018
स्थान
Delhi


आज भारत बंद का जो आव्हान किया गया था, जिस रूप में पूरे देश में वो कामयाब रहा है उसके लिए मैं अपनी ओर से, कांग्रेस पार्टी की ओर उन तमाम लोगों को जिन्होंने सहयोग दिया, तमाम पॉलिटिकल पार्टीज़ को जिन्होंने सहयोग दिया उनको धन्यवाद देना चाहूँगा।

आप सभी को मालूम है कांग्रेस पार्टी ने कभी पहले भारत बंद नहीं करवाया और उस पर विश्वास भी नहीं करती आई है। इस बार देश में जो हालात बने जबसे मोदी जी की सरकार आई है, किस रूप में देश को गुमराह किया गया-- असत्य बोलकर, झूंठे आंकड़े देकर ऐसा माहौल बना दिया गया जैसे मोदी जी यदि प्रधानमंत्री बनेंगे तो आकाश के तारे तोड़कर जमीन पर ले आएँगे, अच्छे दिन आएंगे, ब्लैक मनी ले आएँगे और पैट्रोल-डीजल, महंगाई, गैस सिलेंडर के बारे में वे क्या-क्या नहीं बोलते थे।

अफ़सोस इस बात का है कि भाजपा कार्यकारिणी की बैठक जो हुई उस तक में खाली गठबंधन की बात की गयी कि गठबंधन चलेगा नहीं, टिकेगा नहीं... मैं पूछना चाहूँगा अगर चलेगा नहीं, टिकेगा नहीं तो आप चिंता क्यूँ कर रहे हो? ये चर्चा क्यों कर रहे हो कार्यकारिणी में? इसका जवाब दो। आज तक सत्ता में जो पार्टी होती है वो कार्यकारिणी में चिंता करती है कि देश में आर्थिक रूप से क्या हालात हैं, सामाजिक रूप से क्या हालात हैं, क्या हालात हैं महंगाई के, क्या-क्या समस्याएँ जनता की है, क़ानून व्यवस्था कैसी है। कार्यकारिणी की बैठक में इन मुद्दों पर चर्चा होती है। पहली बार मैं देख रहा हूँ सत्ताधारी पार्टी बीजेपी को कोई चिंता ही नहीं है।
राहुल गांधी जी ने ठीक कहा कि इनकी चुप्पी क्यों है, ये चुप्पी क्यों साधे हुए हैं। चाहे वो पैट्रोल-डीजल के दाम की बात हो, चाहे देश में हिंसा का घृणा का, नफरत का माहौल हो, प्रधानमंत्री जी एक शब्द नहीं बोलते हैं, कार्यकारिणी में बैठकर के आप विपक्ष की चिंता करते हो!

आज जो भारत बंद हुआ है वो ऐतिहासिक रहा है, जन भावनाओं के अनुरूप कांग्रेस ने आह्वान किया और जनता ने खुद आगे आकर बंद किया। जो ख़बरें आ रही हैं वो इंगित करती हैं कि लोगों ने आगे बढ़कर के सरकार को इत्ता बड़ा सबक सिखाया है बंद रख करके, अपनी भावना बता करके। अब तो सरकार को चेत जाना चाहिए अविलम्ब कीमतें कम करनी चाहिए क्योंकि इन्होंने जनता पर खूब मार मारी है एक्साइज की भी, राज्यों में वैट की भी। क्या कारण है कि राजस्थान सरकार को 4% वैट कम करना पड़ा और 4% ही क्यों? ये नाकाफी है। गैस सिलेंडर पर कुछ कम किया नहीं।

मुझे याद है यूपीए गवर्नमेंट में भी कीमतें बढ़ने लगी थीं जबकि उस वक्त तो उनकी मजबूरी थी। अंतर्राष्ट्रीय कीमतें 140 डॉलर प्रति बैरल पर पहुँच गयी थीं। तब सोनिया गांधी जी ने हमें कहा, मनमोहन सिंह जी ने हमें मैसेज दिया और हमने पैट्रोल-डीजल पर वैट कम किया और सब्सिडी दी गैस सिलेंडर पर 25 रूपये प्रति सिलेंडर। लेकिन कोई हलचल नहीं है बीजेपी शासन के अंदर, एनडीए गवर्नमेंट में कि चिंता भी व्यक्त करे जनता के सामने। प्रेस कॉन्फ्रेंस में मैसेज भेजे जा रहे नेताओं को काउंटर करने के लिए ये इनकी स्थिति बनी हुई है। मीडिया के साथियों को मैं कहना चाहूँगा कि आपकी बहुत बड़ी भूमिका रही है, भूमिका आप निभाते भी हैं। हम सभी को मिलकर के देश में डेमोक्रेसी को बचाना है, देश में डेमोक्रेसी खतरे में है।

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