जयपुर ग्रामीण से कांग्रेस प्रत्याशी कृष्णा पूनिया जी के समर्थन में जनसभा..
दिनांक
15/04/2019 |
स्थान
जयपुर
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खुशी है कि आज आप इतनी बड़ी तादाद में यहां पधारे हो, आने में देरी हुई उसके लिए माफी चाहते हैं। आप सबको मालूम है कि हम सब की राय से राहुल गांधी जी ने आप के यहां से कृष्णा पूनिया जी को कांग्रेस का प्रत्याशी घोषित किया है। अब हम सब की जिम्मेदारी है कि हम उनको कामयाब करें, वो आपके आशीर्वाद से जीतकर जाएगी उसके बाद में आप के बीच में रहेंगी, आपके सुख दुख में साथी के रूप में काम करेगी और जयपुर जिले की आवाज को दिल्ली की पंचायत में उठाने में कोई कमी नहीं रखेगी। अभी सरकार बनाई है आपने हाल ही में राजस्थान की, कड़ी से कड़ी जुड़ेगी तो मैं मानता हूँ की हमारी सरकार और भी मजबूत बनेगी, केंद्र से अधिक से अधिक सहयोग मिलेगा और जो सपना देखा हम लोगों ने काम करने का अभी तो शुरुआत हुई है उसकी, एक झलक मिली है कि हमने दो ढाई महीनों के अंदर ही अंदर इतनी फैसले किए हैं किसानों के लिए किए हो, राहुल गांधी जी ने करजा माफ करने की बात की तो हमने कोऑपरेटिव बैंकों के, भूमि विकास बैंक के किए और राष्ट्रीय कृत बैंकों के कर्ज माफ करने के लिए हमने कह रखा है जिनका एनपीए हुआ है उनका दो लाख तक का कर्जा माफ करेंगे और अभी तक 500 करोड़ के कर्जे जयपुर जिले में माफ हो चुके हैं, इसरूप में सरकार ने जो कहा है वह करके दिखाना चाहती है। 5 साल तक बिजली की दरें नहीं बढ़ेगी हमने कहा है साथ में एक लाख बिजली कनेक्शन देने का हमने शुरू कर दिया काम आधे से अधिक हो चुका है, इस प्रकार से हम चाहते हैं कि चहुंमुखी विकास राजस्थान का हो गुड गवर्नेंस और सुशासन हो, सब तरीके से पानी हो चाहे बिजली हो, शिक्षा, स्वास्थ्य सड़कें, कानून व्यवस्था, भ्रष्टाचार पर रोक सब काम उस रूप में करना चाहते हैं। थोड़ा समय लगेगा अभी तो चुनाव आ गए बीच में, कोड ऑफ कंडक्ट लागू हो गया और अभी हमने एक और बड़ा फैसला किया है गांव में पानी के बिल नहीं आएंगे, बिल समाप्त कर दिए गए, बेरोजगारों को भत्ता देने का हमने अलग फैसला किया है ₹3000 और 3500 रूपये दिव्यांगों या महिला को। 40000 हम लोग चुनाव के बाद में मैंने पहले भी घोषणा की थी कि गांव रक्षक के उन्हीं में से जिनको बेरोजगारी भत्ता मिलेगा, जिससे कि सरकार की योजनाएं हैं उनका लाभ गांव तक पहुंच सके उनको कैसे पहुंचाया जाए, किस प्रकार से उनको इतला मिले, घोषणा हो जाती है पर लोगों तक पहुँचती नहीं है लाभ नहीं उठा पाते हैं मेरा अनुभव कहता है मैंने पहले भी जीवन रक्षा कोष बनाया था जिसमें पूरा पैसा सरकार देती थी गरीब आदमी को इलाज का, 20 पहले जब मैं मुख्यमंत्री था तब की बात बता रहा हूं मुझे अफसोस हो रहा है 5 साल बाद भी गरीब तक बात पहुंच नहीं पाई थी जितना लाभ मिलना चाहिए था उतना मिल नहीं पाया था उस वक्त। बाद में हमने कई योजनाएं बना दी दवाइयां फ्री कर दी, जांचे फ्री कर दी सब कुछ किया सरकार अभी बनी है बनते ही हमने कहा है कि अब तीन दवाइयां और हार्ट की, किडनी की और कैंसर की बहुत महंगी होती है हमने कहा वह दवाइयां भी फ्री कर दी। इस प्रकार से एक के बाद एक सरकार लगातार फैसले कर रही है तो आप देखेंगे कि आने वाले वक्त के अंदर, हमने गरीबों को ₹1 किलो गेहूं की बात की है पहले हमने सोनिया गांधी जी और डॉक्टर मनमोहन सिंह जी के जमाने में पहले बहुत शानदार फैसले हुए थे जब लालचंद कटारिया जी केंद्रीय मंत्री थे, सचिन पायलट जी केंद्रीय मंत्री थे तब भी यूपीए गवर्नमेंट में कमी नहीं रखी थी आजादी के बाद में अधिकार आधारित युग की शुरुआत की, पार्लियामेंट में कानून पास करके नरेगा योजना लागू की रोजगार के लिए, शिक्षा का अधिकार दिया जनता को, फूड सिक्योरिटी एक्ट बनाया गया दो रुपए किलो गेहूं पूरे देश में 3 रुपए किलो चावल, सूचना का अधिकार दिया गया तो ये तमाम कानून अधिकार आधारित युग की शुरुआत हुई थी। अभी राहुल गांधी जी ने जो नई घोषणा की है घोषणा पत्र में न्याय के रूप में 20 परसेंट गरीब जो है देश के उन की शुरुआत करेंगे पहले फेज में और ₹6000 प्रतिमाह मिलेंगे उनको, एक तो प्रधान मंत्री जी ने योजना लागू की है ₹2000 की 3 किस्ते देंगे साल में ₹6000 की। कहां तो साल में ₹6000 तीन किस्तों में वह भी, कहां ₹6000 प्रति महीने परिवार को मिलेंगे आप सोच सकते हो। गांव से शहरों से गरीबी हटाने का बहुत बड़ा है काम शुरू होगा जिसकी कल्पना अभी नहीं कर सकते हैं। नरेगा जब बना था तब लोग समझ नहीं पाए बाद में मालूम पड़ा 100 दिन का रोजगार किसे कहते हैं गारंटी है सरकार की मांगे काम मिलेगा। पहले अकाल पड़ते ही लोग चिंतित होते थे अब चिंतित होने की जरूरत नहीं है। अब राहुल गांधी जी के घोषणापत्र में हो गया 100 दिन नहीं कम से कम डेढ़ सौ दिन काम मिलेगा यह भी अभी घोषणा हुई है और आप किसान लोग बैठे हुए हो मैं कहना चाहता हूं आप समझ सकते हो कि एक घोषणा जो कि गई किसानों को लेकर के देश में, भूमि अधिकरण बिल आ रहे हैं कभी बीज खाद पूरा मूल्य मिलता नहीं है, एमएसपी कम लागू होती है कभी ज्यादा मिल गई कभी कम मिल गई, MSP की घोषणा हो गई तो खरीदारी नहीं होती है सब समस्या रहती है।राहुल गांधी जी ने कहा है पूरा देश क्या चाहता है नरेंद्र मोदी जी की तरह बात थोपना नहीं चाहते हैं जो रविवार को थोपते थे वो , हम चाहते हैं जनता क्या कहती है वह सुनकर के करना चाहते हैं, पूरे देश में घूम करके हमारी टीमों ने जो मेनिफेस्टो बनाया कितना शानदार बनाया है मोदी जी रोज हमारे मेनिफेस्टो की ही चर्चा करते हैं, खुद का मेनिफेस्टो सिफर है कोई काम नहीं का। तो मैं कहना चाहूंगा आप को कि उस मेनिफेस्टो में लिखा है किसानों के लिए अलग बजट पेश होगा, आप कल्पना कर सकते हो। बजट पेश होगा अलग पार्लियामेंट के अंदर यह कोई मामूली बात नहीं है आजादी के वक्त से ही रेलवे का अलग बजट प्रस्तुत होता था जो अभी इन्होंने खत्म कर दिया था, मिला दिया उसको। राहुल गांधी जी ने कहा है अलग बजट पेश होने के मायने होंगे किसानों की जितनी भी समस्याएं हैं, कृषि क्षेत्र को लेकर किसान हो चाहे खेती हो उसको लेकर के अलग बजट पेश होने का मतलब किसानों को अधिकार देंगे आप सवाल जवाब कर सकते हो सरकार से कि हमारे बजट में क्या-क्या प्रोविजन है क्या करने चाहिए, कौन सा लागू हो रहा है कौन सा लागू नहीं हो रहा है। इस प्रकार से चहुंमुखी विकास की तरफ देश को कैसे ले जाए उस दिशा में कई कदम मेनिफेस्टो में उठाए गए हैं।
राजस्थान सरकार ने मेनिफेस्टो को सरकार का अंग बना दिया है, मेनिफेस्टो को पहली कैबिनेट में हमने पास कर दिया यह जो लिखा हुआ है वादे किए हैं यह वादे हम निभाना चाहते हैं उस रूप में उसको हमने कैबिनेट में प्रस्तुत कर दिया, पास कर दिया तमाम कलेक्टर, एसडीओ, सेक्रेट्री सब उस को आधार बनाकर के काम करेंगे यह मैं निवेदन करना चाहता हूं। इस रूप में काम शुरू किए गए।
दूसरी तरफ मोदी जी है, योगी जी है यह मोदी, योगी देश को बर्बाद करने में लगे हुए हैं आप कल्पना कीजिए पाकिस्तान और हिंदुस्तान साथ साथ आजाद हुए थे, पाकिस्तान में कई बार सैनिकों का शासन हो चुका है, प्रधानमंत्रियों को जेल भेज दिया जाता है वहां पर, भुट्टो को फांसी पर चढ़ा दिया गया यह तो वहां की स्थिति है जम्हूरियत रह नहीं पाई कायम क्योंकि वहां आईएसआई, वहां की फौजे वह बार-बार कब्जा करती है सत्ता पर। हमारे यहां का इतिहास 70 साल का गवाह है इंदिरा गांधी ने जान दे दी अपनी पर देश को एक रखा, अखंड रखा, खालिस्तान नहीं बनने दिया, पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए उदय हो गया बांग्लादेश का और हमारी फौजियों ने 90 हजार जनरल, कर्नल, मेजर, फौजी सब को सरेंडर करवा दिया हथियारों के साथ में हमारी फौजों ने, हमारी फौजो का पराक्रम, उनका शौर्य इतिहास के पन्नों में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा गया पूरे देश को गर्व होता है पर इंदिरा गांधी ने कभी नहीं कहा कि मैंने वहां पर विजय हासिल कर ली है और मैंने पराक्रम दिखा दिया वहां पर, जो मोदी जी कहते हैं। मोदी संदेश देते हैं कि यह उपग्रह छोड़ा है तो मैंने छोड़ दिया हो, मेरी उपलब्धि है, यह आपकी उपलब्धि नहीं है यह वैज्ञानिकों की उपलब्धि है 35 साल पहले इसरो की स्थापना की थी इंदिरा गांधी ने यह उसकी उपलब्धि है।
हमारी फौज पर चाहे नेवी हो, आर्मी हो या एयरफोर्स हो हम सब को गर्व है। सर्जिकल स्ट्राइक होती है तो हमें गर्व होता है सर्जिकल स्ट्राइक हमेशा होती गई हर राज में, ये अनुभव कम रखते हैं प्रधानमंत्री जी अनुभवी नहीं है इनकी टीम अनुभवी नहीं थी वह बताते हैं कि सर्जिकल स्ट्राइक हो गई तो बहुत बड़ा हमने तीर मार लिया, अरे भाई पहले भी सर्जिकल स्ट्राइक करते थे उसका जिक्र नहीं किया जाता है पर कौन समझाए इन लोगों को तो। इनका 56 इंच का सीना है वह अहम और घमंड में डूबा रहा चुनाव जीतने के बाद में, यह इनको नहीं मालूम है आपकी सरकार तो बन गई यह मत भूलो आपको 100 में से 31 वोट ही मिले थे उस वक्त में, 69 वोट आपके खिलाफ पड़े हैं सो में से यह नहीं भूलना चाहिए था उनको अगर यह याद रखते तो चुनाव के बाद में ये विपक्ष की पार्टियों को साथ लेकर सब मिलकर काम करते लोकतंत्र की खासियत यही है आप विपक्ष की पार्टी की बात सुनो, आलोचनाओं को सहन करो और उनको संतुष्ट करो और राज करो यह होता है लोकतंत्र का कायदा, यह नहीं होता की आपके पास में मेजोरिटी है परवाह नहीं करो, बोलते रहेंगे कौन परवाह करे, यह नहीं होता है। जो मोदी जी ने करके दिखाया आज घृणा का, नफरत का, हिंसा का माहौल है निर्दोष लोग मारे जा रहे हैं। लोकतंत्र खतरे में क्यों कहते हैं हम लोग तमाम विपक्षी पार्टियां एक स्वर में कह रही है ऐसा माहौल बन गया है लोकतंत्र खतरे में है, देश खतरे में है और संविधान खतरे में है मोदी जी वापस चुनाव जीत के आ गए तो बाद में चुनाव करवाएंगे या नहीं करवाएंगे पता नहीं यह स्थिति बन गई। इन हालातों में यह मुल्क चल रहा है उसको हमें समझाना पड़ेगा नहीं पीढ़ी को भी।
सोशल मीडिया के माध्यम से जो दुरुपयोग हो रहा है कौन समझाए नई पीढ़ी को भी हमारी ड्यूटी बनती है क्योंकि राजीव गांधी थे तो 21वीं शताब्दी की बात करी थी उस वक्त में कंप्यूटर लाए मोबाइल आ गए पूरी दुनिया मुट्ठी में हो गई है सब कुछ सूचना मिलती है उस पर आपको। इन हालातों में यह देश चल रहा है पर मोदी जी के टीम में लग गई है अगर आप पढ़ोगे उनके कमैंट्स अगर मैं बोल रहा हूं किसी पत्रकार ने दे दिया उसको अपने ऑनलाइन में डाल दिया तो इतने खिलाफ में आएंगे कमेंट्स कोई सोच नहीं सकता। इतनी टीमें उनकी बैठी हुई है और इतना पैसा उनके पास में आ चुका है नोटबंदी के बाद में तमाम पॉलीटिकल पार्टियां तो हो गई है कंगाल ऊपर से इनकम टैक्स के छापे पड़ रहे हैं नेताओं के टारगेट करके जैसे कि बीजेपी की पार्टी के नेता तो दूध के धुले हुए हैं, बाकी लोगों पर अंकुश लगाओ नोट बंदी का भी बहुत बड़ा स्कैम हुआ है, बड़ा स्कैम हुआ है पता नहीं क्या हुआ कोई कल्पना नहीं कर सकता ट्रकों में भर-भर के नोट जा रहे हैं, कोई कल्पना कर सकता है विश्वास कर सकते है आप लोग? मेरी जानकारी में है इसलिए कह रहा हूँ, इनके ऑफिस बन रहे हैं पूरे देश के अंदर शानदार पांच सितारा होटल वाले ऑफिस बन रहे हैं। दिल्ली में तो बनाई है पूरी दुनिया को मालूम है मोदी जी ने किया उद्घाटन पर वहां शिफ्ट करने की हिम्मत नहीं हुई लोग क्या कहेंगे।
हालात बड़े गंभीर बना दिए इन्होंने, ना नोटबंदी का लाभ मिला और ना काला धन खत्म हुआ, ना आतंकवाद खत्म हुआ और ना नक्सलवाद खत्म हुआ बल्कि ब्लैक मनी व्हाइट हो गई बैंकों के पीछे के दरवाजे से आगे लाइन में लगी रही गरीबों की और पीछे गए पैसे वाले, पैसे जमा करवाए ब्लैक से व्हाइट करवा ली है यह स्थिति बनी। 2 साल लग गए आरबीआई को आंकड़े बताने में जिस बैंक में शाम तक हिसाब होता है।
योगी जी ने जो कहा कि यह जो फौजे जो है मोदी जी की सेना है, बहुत खतरनाक स्टेटमेंट दिया उन्होंने बहुत खतरनाक योगी जी पर मुकदमा चलना चाहिए जो आदमी सेना को भड़का रहा है मोदी जी की सेना हो, अरे प्रधानमंत्री का कोई ताल्लुक नहीं होता है सेना के साथ में, राष्ट्रपति होता है वह होता है उनका जिनको मांगते हैं वह सर्वोच्च पद, आप बताइए योगी जी बोल रहे हैं यह तो मोदी जी की सेना है जिन्होंने संविधान की शपथ ली। आप सोच सकते हो किस दिशा में जा रहे हैं हम लोग, खतरनाक दिशा में जाना चाहते हैं। हमें सोचना पड़ेगा आरएसएस और बीजेपी जिनका लोकतंत्र में कोई यकीन नहीं है और जो तानाशाह बनते हैं जो लोकतंत्र के रास्ते से बनते आए हैं, तानाशाह बनने की ओर कदम बढ़ाया है इन्होंने।
घनश्याम तिवारी जैसा नेता जिन्होंने 50 साल बिता दिए अपने बचपन से आरएसएस का कट्टर आदमी था क्या कारण था कि उसको पार्टी छोड़नी पड़ी? क्या बीती होगी कि वह बीजेपी छोड़कर कांग्रेस ज्वाइन की कोई सोच सकता है और जो हम इमरजेंसी में जेल में बंद रहा हो, मालूम हो कि इमरजेंसी क्या होती है, वह कहता है कि यह घोषित इमरजेंसी है देश के अंदर। आज कोई टेलीफोन से बात नहीं करता चमकता है कि भाई व्हाट्सएप पर बात करो कहीं मेरी बात टेप तो नहीं हो रही है, चाहे इंडस्ट्रीयलिस्ट हो, चाहे प्रेस वाले हो, पॉलीटिशियन हो या ब्यूरोक्रेट हो सब डरे हुए हैं देश के अंदर, फिर लोकतंत्र कहां रहा है?
यह टीवी वाले इतने यहां खड़े हुए हैं इनके मालिक घबराए हुए हैं, इनके संपादक घबराए हुए हैं, इनके एंकर घबराए हुए हैं यह इतनी मेहनत तो करते हैं पर यह सब थोड़ी दिखा पाएंगे आज, छोटा मोटा दिखाएंगे और इसलिए दिखाएंगे वह भी इसलिए थोड़ा बैलेंस नहीं करेंगे तो जनता देखेगी एक तरफा है, अपने स्वार्थ पर दिखा रहे हैं।
मैं कहना चाहूंगा रवीश कुमार का नाम तो सुना होगा एनडीटीवी वाले का? एनडीटीवी देखते हो आप? कितने लोग देखते हो हाथ खड़ा करो? यह देखो 500 - 700 हाथ खड़े हो गए आप सोचिए रवीश कुमार ने क्या कहा, मैं खुद एंकर हूं मुझे शर्म आती है देश में क्या हो रहा है खतरनाक माहौल बन गया, चिंता लगी हुई है लोकतंत्र का क्या होगा, क्या क्या बोला वह हम सही बात दिखा नहीं पा रहे हैं और झूठा दिखा कर भ्रमित करेंगे देशवासियों को उनका मतलब यही था कि भरम में अगर वोट दे दिया मोदी को तो क्या देश का होगा। इसलिए उसको कहना पड़ा देशवासियों 2 महीने तक आप टीवी देखना बंद कर दो तो मैं आपको लंबी बात नहीं करना चाहता अंधेरा हो गया, लाइट का प्रबंध किया नहीं होगा उन्होंने तो मैं नहीं चाहूंगा कि आप लोगों को। आप राजधानी के लोग हो सब चीजें समझते हो। कृष्णा पूनिया जी का जीतना बहुत आवश्यक है हम सब के लिए, सरकार के लिए हम सब के लिए और एक नई शुरुआत यहां पर होगी जमके आप लोग काम करो, अपनी जिम्मेदारी खुद समझें गांव में, कस्बे में विधानसभा वाइज और जमके आप लोगों को वोटिंग करवानी है और इन को कामयाब करना है, राहुल गांधी का हाथ मजबूत करना होगा और सरकार हमारी वहां पर बने और ये फासिस्ट लोगों से छुटकारा हो, यह हमारी सोच होनी चाहिए। कहने को बहुत सारी बातें हैं आप रोज पढ़ते होंगे सुनते होंगे मुझे ज्यादा कहने की आवश्यकता नहीं पर मैं इतना ही कहना चाहूंगा जिन हालात में हम चल रहे हैं। मिशन 25 लेकर चल रहे हैं राजस्थान के अंदर जहां जा रहे हैं वहां पर बहुत शानदार माहौल बना हुआ है, लोगो का अच्छा रेस्पॉन्स लोग समझने लगे गांव में और ज्यादा अच्छा रेस्पॉन्स है, शहरों में कुछ लोग नई पीढ़ी को गुमराह किए हुए हैं वह मोदी मोदी मोदी करते रहते हैं। पिछली बार जो मोदी का माहौल था वह इस बार है नहीं इसलिए मोदी जी खुद बौखलाए हुए हैं।
देश में 2 लोग राज कर रहे हैं मोदी जी और अमित शाह जी, लोकतंत्र में यह बात अच्छी नहीं है। इसलिए मैं आपसे अपील करूंगा कि कृपा करके आप लोग संकल्प लेकर जाओ यह सीट हमें जीतनी है, आप के पहले वाले एमपी साहब के लिए मुझे कहना नहीं है जो एमपी बने हुए हैं, वो हवा में उड़ रहे हैं उड़ने दो उनको, जमीन में आप लोग काम करो।
राहुल गांधी ने कहा हमारी कोई अदावत नहीं है ना बीजेपी से ना आरएसएस, लड़ाई हमारी है नीतियों की, कार्यक्रमों की, सिद्धांतों की और लोकतंत्र में यही होता है पर दुर्भाग्य से मोदी जी आना नहीं चाहते मुद्दों पर, वह अपनी उपलब्धियां बताएं क्या तो कभी बात धर्म की करते हैं कभी राष्ट्रवाद की बात करते हैं, मुझे बता दीजिए आप लोग यहां पर बैठे हुए हो हम लोग राष्ट्रभक्त नहीं है क्या? है बताइए आप, जब है तो मोदी जी के पास में कहने को और बात क्या है, वो खाली इसलिए कि ध्यान डाइवर्ट करने के लिए राष्ट्रवाद की बात कर रहे हैं , कभी राम मंदिर की बात कर रहे हैं चुनाव आते ही पर जनता असलियत समझ चुकी है इनकी बातों में आने वाली नहीं है, इनको चाहिए कि लोकतंत्र में अपनी बात कहें आप की उपलब्धियां क्या थी, पिछले चुनाव में वादे क्या किये थे? कितने वादे अपने निभाए? बाकी वादे क्यों नहीं निभा पाए बताइए जनता को उस पर बहस होनी चाहिए कांग्रेस की, बीजेपी की और अन्य पार्टियों की और माई बाप आप लोग बैठे हुए हो। आपको फैसला करना होता है किस पार्टी को हम सत्ता सौंपे , यह लोकतंत्र दिया हुआ कांग्रेस का है वोटों का राज इसीलिए गरीब से गरीब आदमी का मान-सम्मान 70 साल में कायम रहा तंत्र कायम रहा यहां पर। इंदिरा गांधी चुनाव हार गई 1 सेकंड नहीं लगाया मोरारजी भाई देसाई को सत्ता सौंप दी यह देश का इतिहास रहा है, हमारे यहां पर पाकिस्तान के जैसी स्थिति कभी नहीं बनी। इसलिए मैं कहना चाहूंगा आप को कि आप लोग कृपा करके कांग्रेस के त्याग और बलिदान की लंबी कहानी है, सोशल मीडिया पर आप ध्यान मत दो क्योंकि उसका मुकाबला तो वही कर सकते हैं खुद ही कर सकते हैं, जिस रूप में वह चल रहे हैं इसलिए हम उस में नहीं पड़ना चाहेंगे हम तो यही कहेंगे सच्चाई का साथ दो। चाहे मीडिया वाले हो, प्रिंट मीडिया वाले हो, सोशल मीडिया चलाने वाले हो सबको मेरी अपील रहेगी कि आप सच्चाई का साथ दो, हम नहीं चाहते कि आप हमें एक्स्ट्रा बताओ जो हमारे बारे में एक्स्ट्रा लिखो जरूरत नहीं है, सच्चाई की जीत होनी चाहिए देश के अंदर, सत्य ईश्वर है और ईश्वर ही सत्य है गांधी जी ने कहा था। इसमें सब बात आ जाती है कुछ सोच समझकर कहा था सत्य ही ईश्वर है और ईश्वर ही सत्य है, सत्य का कोई विकल्प हो ही नहीं सकता दुनिया के अंदर इसलिए हमें सत्य पर चलना है और इन झूठे और पाखंडी लोग हैं इनके लोग जिस प्रकार से सोशल मीडिया में बात करते हैं इनमें सच्चाई कुछ नहीं है, बनावटी लोग हैं। आने वाले वक्त में इनका अपने आप पर्दाफाश होगा, नई पीढ़ी समझ जाएगी यही बात कहते हुए मैं अपनी बात समाप्त करता हूं।
धन्यवाद जय हिंद।