Shri Ashok Gehlot

Former Chief Minister of Rajasthan, MLA from Sardarpura

माननीय पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह जी राजस्थान विधानसभा-प्रबोधन कार्यक्रम में।

दिनांक
07/07/2019
स्थान
जयपुर


मैं सबसे पहले आप की ओर से और मेरी ओर से, राजस्थान प्रदेश की जनता की ओर से डॉ मनमोहन सिंह जी का हार्दिक स्वागत करता हूं। अभी डॉक्टर सीपी जोशी जी और कटारिया साहब ने बहुत ही सुंदर शब्दों में इनके व्यक्तित्व के बारे में आपको बताया। पूरा देश जानता है डॉक्टर साहब के वित्त मंत्री बनने के बाद में आजादी के बाद में पहली बार शुरुआत हुई उदारीकरण की और उसके बाद में जो रास्ते खुले विकास के वह आपके हमारे सामने है। इनके वक्त में इनका वित्त मंत्री के रूप में कार्यकाल और बाद में 2 टर्म तक प्रधानमंत्री के रूप में देश को सेवाएं इस देश के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखी गई। इनके वक्त में ही जो माहौल बना इकोनामिक ग्रोथ का वह एक ऊंचाइयों पर ले गया 8, 9 परसेंट पर और जीडीपी भी 2007 के अंदर 9% पर आ गई थी। दुनिया में जब विकसित राष्ट्र भी मंदी के दौर से गुजर रहे थे उस वक्त में हमारे मुल्क में उसका सबसे कम असर पड़ा, अर्थव्यवस्था स्तर रही उसमें आपकी बहुत बड़ी भूमिका रही और मुझे कहते हुए गर्व है कि जब आप प्रधानमंत्री थे और राष्ट्रीय सलाहकार परिषद में चेयर पर्सन श्रीमती सोनिया गांधी थी उस वक्त में जो अधिकार आधारित युग की शुरुआत हुई वह भी आजादी में के बाद पहली बार पार्लियामेंट में कानून बनाकर के सूचना का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, भोजन का अधिकार खाद्य सामग्री के अधिकार के माध्यम से और महानरेगा आप और हम सब जानते हैं कि राजस्थान के निवासी है हमारे यहां पर अकाल सूखे पड़ते रहते थे और अकाल पड़ते ही लोगों के चेहरे मुरझा जाते थे पशुधन की चिंता अलग करते थे, चारे की व्यवस्था, पीने के पानी की व्यवस्था मनुष्यों के लिए भी और पशुओं के लिए भी और रोजगार के लिए दर-दर भटकते थे मांगते हुए, यह डॉक्टर साहब का और सोनिया गांधी जी का निर्णय था महानरेगा का कानून पास किया पार्लियामेंट के अंदर अब चाहे अकाल पड़ो या नहीं पड़ो इस देश के लोगों को 100 दिन का रोजगार मिल रहा है, अकाल पड़ जाता है तो डेढ़ सौ दिन कर देते हैं तो इस प्रकार से जो ऐतिहासिक काम हुए वह डॉक्टर मनमोहन सिंह जी के कार्यकाल में हुए और पूरा देश इसका गवाह है। इसलिए ऐसे व्यक्तित्व के धनी आज हमारे बीच में आए हैं उनके बारे में जितना कहे उतना कम है और मैं समझता हूं कि यह जो परंपरा अध्यक्ष जी ने शुरू की है प्रबोधन की उसको आपने महसूस किया होगा दिन भर आप बैठे हैं बातचीत की है, एक्सपर्ट की बातें सुनी आपने एक नए उत्साह के साथ में और नई सोच के साथ में मैं उम्मीद करता हूं कि आने वाले वक्त के अंदर सब की क्वालिटी हमारी सोच कि, हमारी बात कहने की, हमारे व्यवहार की, संसदीय परंपराओं का और अच्छे ढंग से विवरण कर पाएंगे यह मैं मानकर चलता हूं। मैंने पहले भी कहा था पक्ष-विपक्ष हमेशा रहा है मतभेद हो सकते हैं पर मनों के भेद नहीं हो और यह विधानसभा की परंपरा भी रही है मोहनलाल सुखाड़िया जी के वक्त से ही रही है कि पक्ष और प्रतिपक्ष, भैरों सिंह जी शेखावत नहीं है यहां पर दुनिया में नहीं है पर यह परंपरा उस वक्त से चली आ रही है उसका निर्वहन हमें भी करना है और मैं उम्मीद करता हूं कि उसमें हम पीछे नहीं रहेंगे। एक नया माहौल अध्यक्ष जी ने हमें दिया है उसका लाभ उठाते हुए एक नई शुरुआत पक्ष और विपक्ष के लोग करें और तमाम पार्टियों के लोग करें यह आप से मेरी गुजारिश रहेगी इन्हीं शब्दों के साथ में मैं पुनः एक बार अपनी ओर से और आप सब की ओर से डॉक्टर साहब का आभार व्यक्त करता हूं कि इनको मैसेज देने से ही इनको इतनी खुशी हुई और आज हमारे बीच में पधारे हैं मैं इनका आभारी हूं धन्यवाद, जय हिंद।

Best viewed in 1024X768 screen settings with IE8 or Higher