Shri Ashok Gehlot

Former Chief Minister of Rajasthan, MLA from Sardarpura

मुख्यमंत्री ने दी प्रस्ताव को मंजूरी मण्डी परिसरों में निर्माण एवं शास्ति जमा कराने की अवधि बढ़ाई

दिनांक
11/01/2021
स्थान
जयपुर


जयपुर, 11 जनवरी। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कृषि उपज मण्डी परिसरों में 99 वर्षीय लीज पर आवंटित भू-खण्डों पर निर्धारित समय में निर्माण नहीं कराने पर लगने वाली शास्ति जमा कराने तथा निर्माण की अवधि बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। कोविड-19 से उत्पन्न आर्थिक परेशानियों के दृष्टिगत श्री गहलोत द्वारा लिए गए इस निर्णय से ऎसे व्यापारियों को राहत मिलेगी, जो इन भू-खण्डों पर निर्धारित समय सीमा में निर्माण नहीं करा पाए थे।

प्रस्ताव के अनुसार सम्पूर्ण आवंटन राशि जमा कराने वाले यदि किसी व्यापारी के भू-खण्ड पर निर्माण नहीं करने के कारण आवंटन निरस्त हो चुका है तथा इस भू-खण्ड को किसी अन्य को आवंटित नहीं किया गया है तो ऎसे प्रकरणों में 31 मार्च, 2021 तक आवंटन राशि का 25 प्रतिशत शास्ति जमा कराने की शर्त के साथ आवंटन बहाल किया जा सकेगा। इसके लिए व्यापारी को 31 दिसंबर, 2021 तक निर्माण का अंतिम अवसर दिया गया है। इसी के साथ जिन प्रकरणों में निर्माण की अवधि पूरी हो चुकी है तथा सम्पूर्ण आवंटन राशि जमा हो चुकी है लेकिन आवंटन निरस्त नहीं हुआ है उन मामलों में भी यह प्रावधान लागू होंगे।

ऎसे प्रकरण जिनमें 25 प्रतिशत शास्ति जमा कराने के बाद अतिरिक्त निर्माण अवधि में भी निर्माण कार्य पूर्ण नहीं किया गया है। वे अब बिना शास्ति के 31 दिसंबर, 2021 तक निर्माण कार्य पूरा कर सकेंगे। निर्माण अवधि की गणना कब्जा एवं टाइप डिजाइन दिए जाने की तिथि से की जाएगी।

“ब्याज माफी योजना“ की अवधि 31 मार्च तक बढ़ाने को मंजूरी

मुख्यमंत्री ने कोविड-19 के प्रभाव को मद्देनजर रखते हुए राज्य की विभिन्न कृषि उपज मण्डी समितियों में मण्डी शुल्क, आवंटन शुल्क एवं अन्य बकाया राशि की वसूली एवं प्रकरणों के निस्तारण के दृष्टिगत देय ब्याज पर 75 प्रतिशत ब्याज माफी हेतु “ब्याज माफी योजना“ की अवधि भी 31 मार्च, 2021 तक बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।

इस योजनान्तर्गत मण्डी समितियों के वैध अनुज्ञापत्रधारी व्यापारियों के साथ-साथ गैर- अनुज्ञापत्रधारी यथा फुटकर दुकान/भूखण्ड आवंटी/कृषक भूखण्ड आवंटी एवं मण्डी प्रांगण के अन्य आवंटी भी इस योजना का लाभ लेने के पात्र होंगे। उल्लेखनीय है कि पूर्व में यह योजना 31 दिसम्बर, 2020 तक लागू थी।

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