Shri Ashok Gehlot

Former Chief Minister of Rajasthan, MLA from Sardarpura

कोविड संक्रमण में गिरावट को देखते हुए मुख्यमंत्री ने लिए निर्णय नाइट कफ्र्यू और शाम 7 बजे बाजार बंद करने के प्रतिबंधों में छूट निजी अस्पतालों में अब 500 रूपए में होगा आरटी-पीसीआर टेस्ट हैल्थ प्रोटोकॉल की पालना में न हो ढिलाई ः मुख्यमंत्री

दिनांक
18/01/2021
स्थान
जयपुर


जयपुर, 18 जनवरी। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने पिछले कुछ समय से कोरोना संक्रमण के मामलों में लगातार कमी को देखते हुए प्रदेश के 13 जिला मुख्यालयों में लागू रात्रिकालीन कफ्र्यू तथा शाम 7 बजे बाजार बंद करने के प्रतिबंध को हटाने के निर्देश दिए हैं। इसी के साथ उन्होंने विभिन्न सामाजिक, धार्मिक एवं राजनीतिक आयोजनों के लिए जिला कलेक्टर की पूर्वानुमति की अनिवार्यता के नियम में शिथिलता देते हुए अनुमति के स्थान पर सूचना देना जरूरी किया है, हालांकि इन आयोजनों में शामिल होने वाले लोगों की अधिकतम संख्या पूर्व की भांति रहेगी।

श्री गहलोत सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस से कोविड-19 संक्रमण की स्थिति तथा टीकाकरण की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोरोना के केसेज में गिरावट के बावजूद हमें मास्क पहनने, दो गज दूरी बनाए रखने, भीड़-भाड़ से दूर रहने के कोविड प्रोटोकॉल की पालना में कोई ढ़िलाई नहीं बरतनी है। तभी हम कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोक पाएंगे। उन्होंने कहा कि ऎसी नौबत न आए कि फिर से प्रतिबंध लगाने पर मजबूर होना पड़े। श्री गहलोत ने निजी अस्पतालों एवं लैब्स में आरटी-पीसीआर जांच की दर 800 रूपए से घटाकर 500 रूपए करने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री के इस निर्णय से प्रदेशवासियों को कम दरों पर जांच सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।

श्री गहलोत ने कहा कि बेहतरीन प्रबंधन और प्रदेशवासियों के सहयोग से राजस्थान में कोरोना की स्थिति काफी नियंत्रण में है। प्रदेश की रिकवरी रेट राष्ट्रीय औसत 96.58 के मुकाबले 97.53 प्रतिशत हो गई है। एक्टिव केसेज की संख्या भी लगातार घट रही है। कई जिलों में पॉजिटिव केस शून्य तक आ गए हैं। ऎसे में रात्रिकालीन कफ्र्यू तथा बाजार खुलने के समय पर पाबंदी हटाई गई है। इस क्रम में अन्य गंभीर बीमारियों के मरीजों के लिए निजी अस्पतालों में बेड्स की उपलब्धता सुनिश्चित हो इसके लिए 100 बेड से अधिक क्षमता वाले निजी अस्पतालों में कोविड के लिए आरक्षित बेड की संख्या 40 प्रतिशत से घटाकर न्यूनतम 10 बेड की जाए।

पहले दिन 73.79 प्रतिशत हैल्थ वर्कर्स को टीका लगना उत्साहजनक

श्री गहलोत ने प्रदेश में कोविड-19 के वैक्सीनेशन कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान कहा कि प्रदेश में पहले ही दिन शनिवार को राष्ट्रीय औसत 63.66 प्रतिशत से करीब 10 प्रतिशत अधिक कुल 73.79 प्रतिशत हैल्थ वर्कर्स द्वारा वैक्सीन लगवाया जाना उत्साहजनक है और यह इस बात का संकेत है कि कोरोना प्रबंधन की तरह ही हम टीकाकरण में भी अव्वल रहेंगे। उन्होंने कहा कि वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है और प्राथमिकता के क्रम में जिन लोगों को यह वैक्सीन लगनी है वह बिना किसी हिचक के टीका लगवाएं।

शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा श्री वैभव गालरिया ने प्रस्तुतीकरण में बताया कि आरयूएचएस में भर्ती कोविड रोगियों की संख्या केवल 24 रह गई है। प्रदेश में पहले दिन 167 केन्द्रों पर 12 हजार 258 स्वास्थ्यकर्मियों ने टीका लगवाया। जोधपुर, अजमेर, बूंदी तथा अलवर में तो टीकाकरण का शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया गया। उन्होंने बताया कि टीकाकरण को और गति देने के लिए प्रत्येक जिले में कंट्रोल रूम बनाए गए हैं। जिन्हें वैक्सीन लगनी है उन्हें मोबाइल एसएमएस तथा फोन कॉल्स के जरिए भी सूचित किया जा रहा है।

बैठक में मुख्यमंत्री ने आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना के नए चरण के शुभारंभ की तैयारियों की भी जानकारी ली। उन्हाेंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि आगामी 30 जनवरी को प्रदेश के 1 करोड़ 10 लाख परिवारों की स्वास्थ्य सुरक्षा की दृष्टि से इस महत्वाकांक्षी योजना का शुभारंभ किया जाएगा। मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना, मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजना के बाद स्वास्थ्य सुरक्षा की दृष्टि से राज्य सरकार का यह एक बड़ा कदम होगा।

बीमा पैकेज में कोविड-19 और हीमोडायलिसिस का उपचार शामिल करने को मंजूरी

श्री गहलोत ने आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना के पैकेज की सूची में कोविड-19 और हीमोडायलिसिस रोगों को भी शामिल करने का निर्णय लिया। उन्होंने इस संबंध में वित्त विभाग के प्रस्ताव का अनुमोदन भी कर दिया है। इन दो बीमारियों के मरीजों को स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार प्रतिवर्ष लगभग 41 करोड़ रूपए अतिरिक्त वहन करेगी।

राजस्थान हैल्थ इंश्योरेंस एजेंसी की मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरूणा राजौरिया ने बताया कि बीमा योजना के नवीन चरण में इलाज के लिए उपलब्ध पैकेजेज की संख्या बढ़ाकर 1572 की गई है। साथ ही, अस्पतालों और चिकित्सकों के एम्पैनलमेंट की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाया गया है। योजना के लाभार्थियों को 5 लाख रूपए तक का स्वास्थ्य बीमा कवर उपलब्ध होगा।

राजस्थान मेडिकल हैल्थ यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. राजाबाबू पंवार, एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुधीर भण्डारी, वरिष्ठ चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. वीरेन्द्र सिंह सहित एसएमएस अस्पताल के अन्य विशेषज्ञ चिकित्सकों ने कहा कि संक्रमण में गिरावट के बावजूद हमें सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की उसी सजगता एवं सतर्कता के साथ पालना करनी है। क्योंकि यूके सहित अन्य यूरोपीय देशों तथा जापान के अनुभव बताते हैं कि केसेज में गिरावट के बाद वहां लोगों ने लापरवाही बरती और इसका नतीजा रहा कि वहां अब संक्रमण की तीसरी लहर उत्पन्न हो गई है। राजस्थान में हमें ऎसी किसी भी स्थिति से बचना होगा।

बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग, मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य, पुलिस महानिदेशक श्री एमएल लाठर, प्रमुख शासन सचिव गृह श्री अभय कुमार, शासन सचिव स्वायत्त शासन श्री भवानी सिंह देथा, सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त श्री महेन्द्र सोनी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

Best viewed in 1024X768 screen settings with IE8 or Higher