Shri Ashok Gehlot

Former Chief Minister of Rajasthan, MLA from Sardarpura

‘बजट का लाभ आमजन तक पहुंचाने के लिए आयोजित कार्यशाला’

दिनांक
01/08/2022
स्थान
बिड़ला ऑडिटोरियम जयपुर


बिड़ला ऑडिटोरियम में ‘बजट का लाभ आमजन तक पहुंचाने के लिए आयोजित कार्यशाला’ को संबोधित किया। सिविल सोसाइटी द्वारा राज्य बजट की प्रशंसा करने तथा बजट पर विश्वास करने के लिए सभी का आभार व्यक्त किया।
समाज के वंचित तबके के लिए काम करने तथा उनकी जमीनी जरूरतों को समझने में सिविल सोसाइटी व स्वयंसेवी संगठनों की अहम भूमिका है। सरकार द्वारा लोक कल्याण के लिए बनाई योजनाओं को कारगर तथा उपयोगी बनाने में इन संगठनों का महत्वपूर्ण योगदान रहता है। सिविल सोसाइटी सरकार को आत्मावलोकन करने में भी सहायता करती हैं तथा सरकार की योजनाओं, नीतियों और कार्यक्रमों की समीक्षा कर उन्हें और बेहतर बनाने में सहयोग करती हैं। सिविल सोसाइटी के सुझावों के बाद ही देश में आरटीआई, आरटीई, मनरेगा, खाद्य सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। लोकतंत्र में सिविल सोसाइटी का अपना महत्व है, इसको नकारने वाले लोगों का निश्चित रूप से लोकतंत्र में विश्वास नहीं होता है।
कार्यशाला की रिपोर्ट पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में चर्चा होगी तथा सुझावों का क्रियान्वयन किया जाएगा। लोकतंत्र में संवाद की बड़ी महत्वता होती है। कार्य में सुधार की गुंजाइश हमेशा बनी रहती है, इसलिए सिविल सोसाइटी के सदस्यों के सुझावों का हमारी सरकार हमेशा स्वागत करती है, ताकि कमियों को दूर कर योजनाओं को जनता के लिए अधिक लाभकारी बनाया जा सके। आपके बहुमूल्य सुझावों की जरूरत हमेशा हमें रहती है जिससेे सरकार अपने लक्ष्य को अर्जित करने में सफल हो सके।
महात्मा गांधी शांति एवं अहिंसा निदेशालय को एक विभाग के रूप में स्थापित करने की घोषणा की। वर्तमान में महात्मा गांधी के सिद्धांत, आदर्श एवं दर्शन की पहले से ज्यादा आवश्यकता है। गांधीजी के जीवन दर्शन को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से इस विभाग की स्थापना की जाएगी। आज देश एवं प्रदेश में काफी हिंसात्मक घटनाएं देखी जा रही हैं। इन घटनाओं को रोकने तथा शांति, सद्भाव एवं भाईचारा कायम करने के लिए गांधीजी के सिद्धांतों की आवश्यकता है। कुछ वर्षों पहले प्रदेश में हुई लिंचिंग की घटनाओं पर प्रधानमंत्री ने निंदा करते हुए कहा था कि ऎसे लोग असामाजिक तत्व होते हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से अपील है कि वर्तमान में देश में व्याप्त तनाव के माहौल को देखते हुए सद्भाव एवं भाईचारे का संदेश देने की जरूरत है।
राज्य सरकार पूरी संवेदनशीलता, पारदर्शिता एवं प्रतिबद्धता के साथ प्रदेशवासियों को सुशासन देने के ध्येय से कार्य कर रही है। राजस्थान जन आधार योजना के माध्यम से विभिन्न योजनाओं/सेवाओं का प्रत्यक्ष लाभ आमजन को पहुंचाना सुनिश्चित किया जा रहा है। प्रदेश के लगभग 45 लाख घरेलू उपभोक्ताओं का बिजली बिल शून्य हो गया है। राज्य के करीब 5 लाख कार्मिकों का भविष्य सुरक्षित करने के लिए पुरानी पेंशन स्कीम को लागू किया गया। इसके साथ ही पुलिस थानों में निर्बाध पंजीयन सुनिश्चित किया गया है।
स्वास्थ्य सेवाओं और मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर में राजस्थान एक अग्रणी राज्य बनता जा रहा है। आज पूरे देश में चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना की चर्चा हो रही है। इस योजना में प्रति परिवार 10 लाख तक के सालाना बीमा का प्रावधान है। इसमें कॉकलियर इम्प्लांट, बॉन कैंसर जैसी महंगी बीमारियों के भी निःशुल्क ईलाज की व्यवस्था की गई है। ऑर्गन ट्रांसप्लांट में 10 लाख रूपए की सीमा लागू नहीं होती है। ट्रांसप्लांट का सारा खर्चा सरकार द्वारा वहन किया जाता है। इसके अलावा 5 लाख रूपए का दुर्घटना बीमा भी इस योजना में शामिल है। राज्य सरकार द्वारा 210 नए राजकीय महाविद्यालय खोले गए हैं, जिनमें से 94 कन्या महाविद्यालय हैं। प्रदेश में 1206 महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय खोले जा चुके हैं, ताकि वंचित तबके के विद्यार्थी भी अंग्रेजी शिक्षा प्राप्त कर सकें। राज्य सरकार ने 90 लाख से अधिक लोगों को विभिन्न सामाजिक सुरक्षा पेंशन स्कीम से जोड़ने का काम किया और इस संख्या को आगे बढ़ाने के लिए प्रयासरत है। पालनहार योजना में 6.05 लाख बच्चों को 1719.41 करोड़ रूपए की वित्तीय सहायता दी गई है। बेघर लोगों के उत्थान के लिए मुख्यमंत्री पुनर्वास गृह योजना लाई जा रही है तथा विभिन्न घुमन्तू समुदायों के उत्थान के लिए डीनोटीफाइड ट्राइब्स पॉलिसी लाई जा रही है।
महात्मा गांधी नरेगा योजना एक महत्वाकांक्षी योजना है। इसका लाभ हमें कोरोना के समय देखने को मिला। कोरोनाकाल में इस योजना के माध्यम से लाखों श्रमिकों को रोजगार मिल सका तथा उनकी आर्थिक समस्या का समाधान भी हुआ। अब इस योजना की तर्ज पर राज्य सरकार द्वारा इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत जॉब कार्ड भी जारी किए जा चुके हैं। श्री गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार की योजनाओं एवं फैसलों से प्रदेश के श्रमिकों का जीवनस्तर बेहतर हुआ है। प्रदेश में नई सिलिकोसिस नीति लागू की गई है जिसके तहत कार्यस्थल पर बेहतर कार्यपरिस्थितियों के लिए खान मालिकों को पाबंद किया गया है। सिलिकोसिस से होने वाली मृत्यु पर आर्थिक सहायता को भी सुनिश्चित किया गया है तथा 10 करोड़ रूपए के प्रवासी राजस्थानी श्रमिक कल्याण कोष का भी गठन किया जा रहा है।

सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती अरूणा रॉय ने कहा कि लोकतंत्र में सरकार चलाने वालों का जनता के साथ संवाद करना महत्वपूर्ण है। आज की कार्यशाला इसी बात को चरितार्थ करती है। देश में पहली बार सिविल सोसाइटी की भागीदारी के साथ बजट क्रियान्वयन पर चर्चा हुई है। उन्होंने कहा कि सिविल सोसाइटी इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए जन-जन तक जनता के बजट को पहुंचाने में सरकार की सहायता करेगी। गांधी पीस फाउंडेशन के अध्यक्ष श्री कुमार प्रशांत ने कहा कि यह कार्यशाला राजस्थान के लिए एक ‘वाटरशेड मूमेंट’ है। सत्ता और जनता के बीच संवाद इसी तरह चलता रहना चाहिए।
मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा ने कहा कि प्रदेश की योजनाओं की चर्चा पूरे देश में हो रही है। उन्होंने कहा कि सिविल सोसाइटी की बैठक जैसे कार्यक्रम पूरे देश में आयोजित हो सकें इस तरह का ढ़ांचा तैयार किया जाएगा। सिविल सोसाइटी द्वारा आज कुल 13 विषयों पर विभिन्न सुझाव दिए गए हैं, इन्हें कैसे लागू किया जाए इस पर चर्चा की जाएगी।
इससे पहले वित्त विभाग की ओर से सोमवार को बिड़ला अडिटोरियम में ‘जनता का बजट, जन-जन तक’ कार्यशाला का आयोजन किया, जिसमें विभिन्न विभाग के अधिकारियों ने सामाजिक संगठनों व सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधियों से बजट घोषणाओं के क्रियान्वयन पर चर्चा की। कार्यशाला में महात्मा गांधी नरेगा योजना, मुख्यमंत्री युवा संबल योजना, महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय, कृषि बजट, मुख्यमंत्री निःशुल्क जांच एवं दवा योजना, राइट टू हैल्थ बिल, मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना, मुख्यमंत्री किसान ऊर्जा मित्र योजना, पालनहार योजना, इंदिरा रसोई योजना आदि पर सामाजिक संगठनों व सिविल सोसायटी के प्रतिनिधियों से चर्चा की गई।
कार्यक्रम में अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त श्री अखिल अरोरा, श्री निखिल डे, श्री के. राजू, श्री सरफराज़ एवं श्रीमती सुमन देवथिया सहित बड़ी संख्या में सामाजिक कार्यकर्ता एवं वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

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