Shri Ashok Gehlot

Former Chief Minister of Rajasthan, MLA from Sardarpura

दिल्ली के बीकानेर हाउस से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लम्पी स्किन रोग की रोकथाम को लेकर समीक्षा बैठक

दिनांक
05/08/2022
स्थान
बीकानेर हाउस दिल्ली


दिल्ली के बीकानेर हाउस से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लम्पी स्किन रोग की रोकथाम को लेकर समीक्षा बैठक ली। राज्य सरकार पशुधन के संरक्षण और संवर्धन के लिए कृतसंकल्पित है। प्रदेश के कई जिलों के पशुओं में लम्पी स्किन रोग का संक्रमण तेजी से फैला है, लेकिन जल्द से इस पर नियंत्रण पा लिया जाएगा। सरकार द्वारा दवाईयों, चिकित्सकों, एंबुलेंस सहित अन्य आवश्यकताओं के लिए धन की कमी नहीं आने दी जाएगी। राज्य सरकार हर समय पशुपालकों के साथ खड़ी है। सभी के सहयोग से हम इस संक्रमण से भी निजात पा सकेंगे। कोरोना काल में राजस्थान के कोरोना प्रबंधन की जिस तरह पूरे देश में चर्चा रही, उसी तरह लम्पी स्किन रोग पर भी सभी के सहयोग से प्रभावी नियंत्रण कर लिया जाएगा।
रोकथाम के लिए विधायक, महापौर, जिला प्रमुख, प्रधान, सरंपचों सहित सभी जनप्रतिनिधिगणों की महत्वपूर्ण भूमिका है। वे अपने क्षेत्रों में दौरा करके पशुपालकों को जागरूक करें। जिला प्रभारी मंत्रियों को अपने-अपने जिलों में जाकर स्थिति जानने और आमजन को जागरूक करने के निर्देश दिए। प्रभावित जिलों के जनप्रतिनिधि स्थानीय पशुपालकों, किसानों, दुग्ध विक्रेताओं, गौशाला संचालकों के साथ बैठकें कर उन्हें जागरूक करें।
संक्रमित पशुओं के उपचार में जुटे चिकित्सकों, वेटेनरी स्टॉफ और विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों का हौसला बढ़ाया। इनकी सजगता और सतर्कता से ही संक्रमण और मृत्यु दर में कमी आई है। जिस तरह कोरोना काल में विधायकों द्वारा अपने एमएलए फंड से सहायता राशि दी गई, उसी तरह अब भी जारी करें।
गौवंश हमारा सम्मान है। सरकार द्वारा गौशालाओं के लिए अनुदान की अवधि को 6 माह से बढ़ाकर 9 माह कर दिया गया है। गोपालन विभाग बनाकर गौवंश संवर्धन के लिए लगातार कार्य किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री निवास से जुड़े कृषि एवं पशुपालन मंत्री श्री लालचंद कटारिया ने कहा कि लम्पी स्किन रोग की जानकारी मिलते ही विभाग रोकथाम में जुट गया था। चिकित्सकों और कर्मचारियों की लगातार मेहनत से सुधार आ रहा है और प्रदेश में रिकवरी रेट बढ़ा है। बीकानेर विश्वविद्यालय की टीमों द्वारा प्रभावित क्षेत्रों में दौरा किया जाएगा। रोग से बचाव में स्वयंसेवी संस्थाएं, भामाशाह और आमजन सहयोग कर रहे हैं। लोग पारंपरिक तरीके से भी उपचार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि 1 अगस्त को संक्रमण दर 21.20 प्रतिशत थी, जो कि 4 अगस्त को घटकर सिर्फ 5.61 प्रतिशत ही रह गयी।
मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा ने कहा कि प्रभावी नियंत्रण के लिए पशुपालन मंत्री की अध्यक्षता में लगातार बैठकें की जा रही हैं। प्रभावित जिलों के कलक्टर्स के साथ समीक्षा बैठक करते हुए मिशन मोड में कार्य करने सहित आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं। विभिन्न समाचार पत्रों, सोशल मीडिया, वाट्सएप ग्रुप्स के माध्यम से पशुपालकों को साफ-सफाई रखने, रोगी और स्वस्थ पशुओं को अलग-अलग रखने, क्या करें और क्या नहीं सहित अन्य जानकारियां दी जा रही हैं। प्रदेश में पशु हाट और पशु मेलों पर प्रतिबंध लगाया गया है। जिला कलक्टर्स को इमरजेंसी दवाईयां खरीदने, अतिरिक्त स्टाफ लगाने, अतिरिक्त वाहनों के लिए आदेश जारी किए गए है। बैठक में पशुपालन विभाग के शासन सचिव श्री पी.सी. किशन ने पीपीटी के जरिए प्रदेश की वास्तविक स्थिति से अवगत कराया।
वीसी में शिक्षा मंत्री श्री बी.डी.कल्ला, वन मंत्री श्री हेमाराम चौधरी, जलदाय मंत्री डॉ. महेश जोशी, गोपालन मंत्री श्री प्रमोद जैन भाया, अल्पसंख्यक मामलात मंत्री श्री शाले मोहम्मद, आपदा प्रबंधन एवं सहायता मंत्री श्री गोविंद राम मेघवाल, उद्योग मंत्री श्रीमती शकुंतला रावत, परिवहन एवं सड़क सुरक्षा मंत्री श्री बृजेंद्र सिंह ओला, श्रम मंत्री श्री सुखराम विश्नोई, उप सचेतक विधानसभा श्री महेंद्र चौधरी एवं राजस्थान गौ सेवा आयोग अध्यक्ष मेवाराम जैन ने रोग की रोकथाम के लिए सुझाव दिए। दिल्ली से सार्वजनिक निर्माण मंत्री श्री भजन लाल जाटव, तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग और वीसी के जरिए सभी जिला कलक्टर भी बैठक में शामिल हुए।

Best viewed in 1024X768 screen settings with IE8 or Higher