Shri Ashok Gehlot

Former Chief Minister of Rajasthan, MLA from Sardarpura

स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में एसएमएस स्टेडियम में राज्य स्तरीय देशभक्ति गीत गायन कार्यक्रम में प्रदेश के सरकारी व निजी स्कूलों के विद्यार्थियों ने देशभक्ति गीतों का सामूहिक गायन किया

दिनांक
12/08/2022
स्थान
जयपुर


स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में एसएमएस स्टेडियम में राज्य स्तरीय देशभक्ति गीत गायन कार्यक्रम में प्रदेश के सरकारी व निजी स्कूलों के विद्यार्थियों ने देशभक्ति गीतों का सामूहिक गायन किया। आजादी का अमृत महोत्सव के अर्न्तगत चल रहे कार्यक्रमों की श्रंखला में शिक्षा विभाग तथा कला एवं संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश के राज्य, जिला, ब्लॉक एवं स्कूल स्तर पर 1 करोड़ विद्यार्थियों ने देशभक्ति गीतों का सामूहिक गायन कर विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया। बच्चों ने झण्डा ऊंचा रहे हमारा, सारे जहां से अच्छा, आओ बच्चों तुम्हे दिखाएं झांकी हिंदुस्तान की, हम होंगे कामयाब जैसे देशभक्ति से ओत-प्रोत गीतों के साथ राष्ट्रीय गीत ‘वन्दे मातरम‘ व राष्ट्रगान ‘जन गण मन‘ का भी गायन किया। इस अवसर वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड के उपाध्यक्ष श्री प्रथम भल्ला ने विश्व रिकॉर्ड का प्राविजनल सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया जिसे मैं विद्यार्थियों व समस्त प्रदेशवासियों को समर्पित करता हूँ।
शिक्षा विभाग को बधाई, 1 करोड़ से अधिक बच्चों द्वारा देशभक्ति गीतों के सामूहिक गायन से प्रदेश में एक नया वातावरण तैयार होगा। इन तरानों में संविधान की रक्षा, आपसी भाईचारे व देश की आजादी में दिए गए बलिदानों सहित तमान भावनाएं समाहित है। आज भारत में तीन चौथाई आबादी नौजवानों की है। नई पीढ़ी को इन गीतों के माध्यम से इन भावनाओं को आत्मसात करने का मौका मिलेगा। इससे प्रदेश के युवाओ में देश की आजादी के लिए महात्मा गांधी के सान्निध्य में पं. जवाहर लाल नेहरू, सरदार पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद जैसे नेताओं द्वारा किए गए स्वतंत्रता आंदोलनों, भगतसिंह, चन्द्रशेखर आजाद, खुदीराम बोस जैसे नौजवानों द्वारा दिए गए बलिदानों के प्रति श्रद्धा, डॉ. भीमराव अंबेडकर द्वारा रचित संविधान की रक्षा व साम्प्रदायिक सौहार्द्र की भावना मजबूत होगी। सबसे पहले पं. जवाहर लाल नेहरू द्वारा 31 दिसंबर, 1929 में देश का राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया तथा हमारा कर्तव्य है कि आजादी की 75वीं वर्षगाठ पर घर पर तिरंगा फहराकर अपने राष्ट्रभक्ति के संकल्प को मजबूत करें। हम सब अपने घरों पर तिरंगा फहराकर दुनिया को एक संदेश दें कि हिंदुस्तान में राष्ट्रभक्ति का एक अनूठा जज्बा है।
गत 75 वर्षों में देश ने अभूतपूर्व तरक्की की है। जहां आजादी के समय देश में सुई का भी उत्पादन नहीं हो रहा था वहां आज विश्वभर में भारतीय उत्पादों का निर्यात हो रहा है। आईआईटी, आईआईएम, एम्स जैसे संस्थानों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के कारण पूरे विश्व में जाना जाता है। पानी, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं से लेकर विज्ञान और तकनीकी शिक्षा में देश ने शानदार तरक्की की है। बड़े-बड़े बांधों के निर्माण से किसानों को सिंचाई जल मिला है और उनका जीवन स्तर सुधरा है। पड़ोसी देशों के विपरीत गत 75 वर्षों में देश में लोकतंत्र की जड़ें लगातार गहरी हुई है। पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने प्राणों का बलिदान देकर विघटनकारी शक्तियों से देश की अखण्डता की रक्षा की। आजादी के 75वें वर्ष में राजस्थान शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में मॉडल स्टेट बनकर उभरा है। महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों से गरीब विद्यार्थियों को निःशुल्क अंग्रेजी शिक्षा दी जा रही है। वहीं चिरंजीवी योजना से आम जनता को मंहगे से मंहगा इलाज निःशुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है।
शांति व भाईचारे के माहौल में ही प्रदेश का समुचित विकास संभव है। नेहरू, गांधी, पटेल व मौलाना आजाद जैसे स्वतंत्रता सेनानियों के नेतृत्व में देश ने अंग्रेजों से लड़कर स्वतंत्रता हासिल की है। एकजुटता, शान्ति, पारदर्शिता व विकासशीलता से ही देश की प्रगति का मार्ग प्रशस्त होगा। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेशवासियों को आपसी प्रेम तथा भाईचारे को मजबूत करने का आह्वान किया। शांति व भाईचारे के अभाव में विकास ठप हो जाता है। उन्होंने कहा कि देश में सभी जाति, धर्म व अलग-अलग भाषाएं बोलने वाले लोग एकजुट रहें तथा देश के तिरंगे झण्डे को मान-सम्मान के साथ फहराएं।
सामूहिक गायन कार्यक्रम उपरांत एसएमएस स्टेडियम में उपस्थित बच्चों के बीच जाकर उनसे मिले तथा उनकी हौसला अफजाई की।

शिक्षा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने कहा कि राष्ट्र आमजन की आस्था का सबसे बड़ा केन्द्र है। स्वतंत्रता सेनानियों के कड़े संघर्ष से देश को अंग्रेजांे, राजशाही व जागीरदारों से आजादी मिली। देश के प्रथम प्रधानमंत्री व स्वतंत्रता सेनानी जवाहरलाल नेहरू की उनके समेत तीन पीढ़ियां स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ी तथा आनंद भवन व स्वराज्य भवन जैसी इमारतें देश को समर्पित कर दी।

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