Shri Ashok Gehlot

Former Chief Minister of Rajasthan, MLA from Sardarpura

बिड़ला ऑडिटोरियम में आयोजित राजस्थान आवासन मंडल के राज्यस्तरीय स्वर्ण जयंती समारोह में संबोधन:

दिनांक
23/02/2020
स्थान
जयपुर


कुछ कार्यक्रम लीक से हटकर होते हैं। आज का यह कार्यक्रम भी 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में है, स्वर्गीय श्री द्वारकादास पुरोहित जी संस्थापक अध्यक्ष थे, बहुत बड़े फ्रीडम फाइटर थे, आजादी की जंग में हिस्सा लिया था, 1942 का जो आह्वान था गांधीजी का भारत छोड़ो, तब भी भाग लिया, जेलों में बंद रहे और शेर-ए-राजस्थान जयनारायण व्यास जी के सानिध्य में जितने लोग लगे हुए थे, वैसे तो शानदार इतिहास है राजस्थान का, माणिक्य लाल वर्मा जी थे, हीरालाल शास्त्री जी थे, मथुरा दास माथुर जी थे, बहुत लंबी फौज थी, बारहठ बंधू थे, रामनारायण चौधरी जी थे, उनका परिवार था अजमेर से, हर संभाग से फ्रीडम फाइटर्स की लंबी लिस्ट है जिन्होंने कोई कमी नहीं रखी पर द्वारकादास पुरोहित जी को जब बाद में पहला संस्थापक अध्यक्ष बनाया गया, उसके पहले जो कमेटी बनी, तब जो रिकमंडेशन दी गई, किस प्रकार से हर व्यक्ति को आवास मिल सके, उस भावना के साथ में उन्होंने काम शुरु किया। 50 वर्ष का अरसा कोई कम नहीं होता है और संयोग से मेरे राजनीतिक जीवन की यात्रा भी उस वक्त ही शुरु हुई थी, 70 के दशक के अंदर और मैं बचपन से जानता था द्वारकादास पुरोहित जी को क्योंकि मेरे पिताजी वहां नगर परिषद् के अध्यक्ष रहे कई बार और द्वारकादास पुरोहित जी भी वहां पार्षद भी रहे और अध्यक्ष भी रहे। और मैं उस वक्त से उन्हें देखता था, अभी तक भी मुझे उनका चेहरा याद आता है, हाउसिंग बोर्ड बना ही था, तब से ही मैं देख रहा हूं। इसलिए लगाव रहा हमेशा इस संस्था से मेरा और यही कारण था, जब 20 साल पहले मैं मुख्यमंत्री बना आपके आशीर्वाद से, तब मेरे सामने सवाल आया ऐसा ही, हाउसिंग बोर्ड की स्थिति उस वक्त भी कुछ अच्छी नहीं थी। आवास विकास संस्थान, जिसको बंद करना पड़ा पर पहली घटना होगी कि तमाम उनके अधिकारियों को कर्मचारियों को हमने एडजस्ट किया आवासन मंडल के अंदर। जो कि संभव नहीं था कई कारणों से पर कैबिनेट में डिसीजन लिए गए और हम लोगों ने उनको किया। आप सोच सकते हो कि उस वक्त भी भावना थी कि जो हाउसिंग बोर्ड द्वारकादास पुरोहित ने खड़ा किया हो, वो संस्थान एक सपना है राजस्थान के उन लोगों का जो कि मिडिल क्लास, लोअर मिडिल क्लास ईडब्ल्यूएस जिनको कहते हैं, किस प्रकार हर व्यक्ति को कम से कम जिंदगी में एक रहने के लिए आवास मिल जाए, चाहे छोटा हो चाहे बड़ा हो। इस सपने को साकार जो संस्था कर रही है उस संस्था को हमेशा मजबूती प्रदान हम लोगों ने की। ये जो आपमें मैं उत्साह देख रहा हूं ताली बजाने का ये उसी का परिणाम है आप एक परिवार की तरह हो। जिम्मेदारी आप लोगों पर बहुत बड़ी है, जो आप निभाते आए भी हो। लंबा सफ़र 50 साल का होता है तो कई उतार चढ़ाव भी आते हैं और आए भी हैं। और इसीलिए पता नहीं पिछली सरकार ने क्यों कहा कि इसको ताला लगाना चाहिए, बंद करना चाहिए, ये मेरी समझ के परे है। पर अब वापस उम्मीद बंधी है पवन अरोड़ा जी के आने के बाद में कैसे हम लोग वापस इसको फिर से मजबूती प्रदान करें। शांति धारीवाल जी का जैसा नेतृत्व मिला हो, इनका अपना अनुभव है। जब-जब मैंने इनको जिम्मेदारी सौंपी, ये तीसरी बार बने हैं मेरे मंत्रिमंडल में मंत्री, इसी विभाग के और आज जो कुछ भी दिख रहा है राजस्थान के जयपुर के अंदर, यूडीएच के कई हमने कैंप लगाए। चाहे कच्ची बस्तियों के हों, चाहे पट्टे देने की बात हो, कई अभियान चले हों, चाहे जयपुर में आप देख लीजिए, आज आधुनिक जयपुर दिख रहा है आपको, आप तो गवाह होंगे, राजस्थान भर के लोग आप आए हुए हो, उनका सबका स्वागत है यहां पर। पर जवाहर लाल नेहरू मार्ग एक सिंगल रोड थी पहले, आज जो वो रोड अपने आप के अंदर एक पहचान है, जयपुर की पहचान है। 30-40 ओवर ब्रिज अंडर ब्रिज बने होंगे जयपुर के अंदर, ज्यादा बने होंगे। सिंगल रोड थी सिविल लाइन जाने वाली कठपुतली नगर की, कल्पना करो आप, चाहे राष्ट्रपति आए, चाहे प्रधानमंत्री आए, चाहे वो कोई भी आए, सिंगल रोड से जाना पड़ता था, कच्ची बस्ती आई हुई थी आधी सड़क तक। किस प्रकार मिस्टर गोयल थे, जेडीसी उस जमाने के अंदर, जो-जो फैसले हमने किए, लंबी दास्तान है, वो तो मैं नहीं कहना चाहूंगा। आपकी रोड्स भी बन गईं, मेट्रो भी आ गई और सैकंड मैट्रो भी आएगी, उसको हम भूलेंगे नहीं। और मेट्रो पहले फेज का जो काम चल रहा है छोटी चौपड़ तक का, वो काम भी जल्द ही पूरा होगा, प्रारंभ होगा। तो आज राजस्थान की पहचान, जयपुर की पहचान देश और दुनिया के अंदर टूरिस्ट डेस्टिनेशन की बन चुकी है। और हम चाहते हैं कि उसमें हाउसिंग बोर्ड का भी कॉन्ट्रीब्यूशन हो। अभी आपने चौपाटी की बात करी, ये भी एक सोच की बात थी कि हर स्कीमें आपकी बनाई गईं, जिसका ज़िक्र किया गया, मैं रिपीट नहीं करना चाहता, पर आपने सोच-समझकर के तमाम स्कीमों को अमलीजामा पहनाने का जो संकल्प किया है, उस संकल्प के लिए मैं आपको साधुवाद देना चाहता हूं। और मैं उम्मीद करता हूं कि धारीवाल जी और तमाम आपके साथी मिलकर के, तमाम हाउसिंग बोर्ड के कमिश्नर, चेयरमैन और तमाम जो आपके अधिकारी हैं, कोई कमी नहीं छोड़ेंगे और जो जिम्मेदारी सौंपी गई है आपको उसमें आप कमी नहीं रखेंगे। हाउसिंग बोर्ड के बारे में एक बात हमेशा रही है, उसको आपको आज के 50 साल के उपलक्ष्य में संकल्प करना पड़ेगा कि या तो मकान बनेंगे नहीं, बनेंगे तो क्वालिटी वाले ही बनेंगे, गड़बड़ नहीं बनेंगे। क्या कारण रहे होंगे, क्या एस्टिमेट बने होंगे ये मैं नहीं जानता, उस जमाने के अंदर। पर एक शिकायत हमेशा बनी रही जो मैं खुले रूप में कहना चाहता हूं और मेरे ख्याल से आप सब लोग स्वीकार भी करोगे कि क्वालिटी के मामले में हाउसिंग बोर्ड की शिकायत हमेशा बनी रही। और मैं समझता हूं कि उस वक्त के साधन, उस वक्त की सुविधाएं, उस वक्त की सोच या उस वक्त की मजबूरियां रही होंगी कि कम पैसे में आपको मकान देने थे, क्वालिटी मेंटेन नहीं हो पा रही होगी, कुछ भी रहा होगा। आज 50 साल के उपलक्ष्य में मैं आपको आह्वान करूंगा कि अब या तो बनेंगे नहीं नई कॉलोनी, बनेंगी तो क्वालिटी वाली ही बनेंगी। जिससे आप जो कर्मचारी हैं, अधिकारी हैं, उनका मान-सम्मान बढ़े समाज के अंदर और हाउसिंग बोर्ड की प्रतिष्ठा बढ़े ये मेरा सपना रहेगा, ये मैं कहना चाहता हूं। इसलिए मैं उम्मीद करता हूं कि कई योजनाएं हमने बनाई हैं, चलाई हैं और जैसा कि आपने पार्क की बात कही, कई पार्क आप डेवलप कर रहे हो, जिम्स आप लगा रहे हो, मैं समझता हूं कि ये हमारे जो, अभी हमने जो आह्वान किया है राजस्थान के लोगों को और सरकार का पहला एजेंडा रहेगा निरोगी राजस्थान, पहला सुख निरोगी काया, आपको मैं आह्वान करूंगा कि आप घर-घर में इस बात का प्रचार करें। ये भी हमारा जीवन का एजेंडा होना चाहिए कि हर व्यक्ति स्वस्थ रहे। वैसे तो 7 सुख बताए हुए हैं, मैं नहीं जाना चाहूंगा उसके अंदर, मुझे अभी याद भी नहीं है कि पहला सुख निरोगी काया, दूसरा सुख घर में माया, तीसरा सुख सुलक्षणा नारी, चौथा सुख पुत्र आज्ञाकारी, पांचवां सुख घर का वासा, छठा सुख हो अच्छा पासा, सातवां सुख हों मित्र घनेरे, इस तरह से सात सुख हैं। पर सात सुख में जो है पहला सुख निरोगी काया है। अगर काया निरोगी नहीं है तो वो छः सुख कोई काम के नहीं हैं, ये मान लो आप लोग। बजट में भी मैंने 7 संकल्प लिए हैं। गांधीजी के भी 7 संकल्प हैं। वो मैं अभी रिपीट नहीं कर पाऊंगा। पर कहने का मतलब ये है कि कृपा करके ये परिवार बैठा हुआ है आपका, और ये पवन अरोड़ा तो बहुत होशियार आदमी है ये। ये कम माया नहीं है, ये दूसरी माया है, इसीलिए इसने कम समय में ही 700 करोड़ रुपए कमा लिए, बताइए आप। हाउसिंग बोर्ड का मान-सम्मान नेट पर ऊंचा कर दिया, ये इसकी खासियत है। इसलिए सोच-समझकर के इसको कमिश्नर बनाया गया है और मैं उम्मीद करता हूं कि ये जो है, इनकी जो प्रतिभा है, अभी इन्होंने आरएएस एसोसिएशन के लिए शानदार बना दिया भवन बहुत शानदार, डीबी गुप्ता साहब पीछे रह गए उस मामले में। आईएएस का कोई भवन नहीं है और आरएएस का भवन बना दिया इस व्यक्ति ने। अब मैं समझता हूं कि डीबी गुप्ता साहब भी आगे बढ़ेंगे और आईएएस के लिए भी ऐसा ही भवन बनाकर के छोड़ेंगे। और वो जिम्मेदारी आप इसको दे दोगे, वो भी बन जाएगा, आप निश्चिंत रहो। ये जो है एक नए माहौल के अंदर आप लोग यहां बैठे हुए हो, आप तीन दिवसीय प्रोग्राम चल रहा है, कल स्वर्गीय, अभी जो मूर्ति लगी है द्वारकादास पुरोहित जी की, प्रोग्राम बहुत शानदार हुआ, आज प्रोग्राम आप देख रहे हैं, आज शाम को ही है वो प्रोग्राम, वो जो बॉलीवुड नाइट, देखिए आप। आप देखिए, मैंने कहा है कि नहीं कहा है ये होशियार आदमी है, बताइए आप, कहां से कहां बॉलीवुड लेकर के आ गया है और काम इतना अच्छा किया, अगर ये 700 करोड़ नहीं कमाता, खाली 25 करोड़ कमाता तो बॉलीवुड पर क्वेश्चन मार्क लगता। इतना होशियार आदमी है ये। उपलब्धि हासिल कर ली अब आप बॉलीवुड लेकर के आ रहे हो। सबके सहयोग से, नहीं मैं उसमें नहीं कह रहा हूं। मैं उसको नहीं जोड़ रहा हूं, मैं जोड़ रहा हूं सोच के बारे में कि आज वास्तव में आपके लिए मुबारक मौका है। मैंने बॉलीवुड की बात नहीं की कि उसका इन्वेस्टमेंट कौन देगा, वो छोड़िए बात । इतना मुबारक मौका पैदा कर दिया माहौल बनाकर के हाउसिंग बोर्ड में कि आप बॉलीवुड की नाइट आयोजित करो उसमें सब लोग भाग लेंगे, ये मैं कहना चाहता हूं। अच्छा है कि ये मैं आपको इसलिए कह रहा हूं बात कि आपका, 50 वर्ष तो कई लोग मनाते हैं, पर 50 वर्ष यादगार रहें, वो दूसरी बात है, वो यादगार आप लोग रख रहो हो। इस प्रकार मैं आपको एक और चूक कर दी आपने, हमारे बीडी कल्ला साहब भी 40 साल पहले हाउसिंग बोर्ड के चेयरमैन रहे हुए हैं। आपने सबको गिफ्ट दिए हैं, अजय पाल को तो धारीवाल साहब ने बहुत अच्छे शब्दों में याद कर लिया। अजय पाल का किस्सा तो जयपुर में नहीं पूरे राजस्थान में बहुत फेमस हुआ था। आज अजय पाल सिंह के पास में, इनका फार्म हाउस बच गया, कोई कम बात है क्या। अजय पाल जी कभी आप मुझे भी दर्शन करवाओ अपने फार्म हाउस के। बुलाकर के कभी चाय पिलाओ, नाश्ता करवाओ, खाना खिलाओ जिससे कि, ऐसी क्या खासियत है आपके अंदर आपके उस फार्म हाउस के अंदर कि सबकी नज़र उस पर ही पड़ी थी उस वक्त के अंदर। इसलिए अजय पाल तो अजय पाल हैं। पर एक बात तो है कि चाहे वो अजय पाल जी हों हमारे मंत्री सिंघवी साहब हों, क्या नाम था उनका प्रताप सिंह सिंघवी, छोड़ा किसी को भी नहीं उस जमाने के अंदर, चाहे वो मंत्री हो चाहे वो हाउसिंग बोर्ड का चेयरमैन हो। क्या-क्या हस्तियां आई थीं, आज लंदन में बैठी हुई हैं वो हस्तियां आज, तो किस प्रकार से राजस्थान के माहौल को बदल दिया उस वक्त के अंदर। आज अजय पाल सिंह जी मौजूद हैं यहां पर, तमाम हमारे अध्यक्षगण मौजूद हैं, सबको बधाइयां आप सबको। सबका कॉन्ट्रीब्यूशन है 50 साल के सफ़र को यहां तक लाने में। कमिश्नर साहब की अपनी एक भूमिका होती है, उसको आपने निभाया, आप सबको बहुत-बहुत मुबाकरबाद और मैं उम्मीद करता हूं कि जो मैंडेट धारीवाल जी ने दिया है, उस मैंडेट को पूरा करने में आप लोग कमी नहीं रखेंगे और जैसा कहा गया है कि वापस जो है एक शुरुआत हो गई है। मुझे अच्छा लगा कि आपने कल रक्तदान का प्रोग्राम रखा। ये सोच की बात है, एक प्रोग्राम भी हो सकता था, दो प्रोग्राम हो सकते थे पर आपने अपना खुद का हाउसिंग बोर्ड का कमिटमेंट बताया समाज के लिए, रक्तदान महादान क्योंकि मानव की सेवा करना हमारा धर्म बनता है, जो धर्म आपने निभाया उसके लिए आप साधुवाद के पात्र हैं। इसलिए मैं कहना चाहूंगा कि एक के बाद एक आप सभी तबकों का ध्यान रख रहे हो, ये बहुत अच्छी बात है। पिछले 5 साल में जो आवासन मंडल की उपेक्षा रही है अब वो उपेक्षा नहीं रहेगी ये मैं आपको निवेदन करना चाहता हूं और मैं उम्मीद करता हूं कि सरकार हमेशा, अभी आप नई-नई स्कीमें बनाओगे जो हम चाहेंगे कि हाउसिंग बोर्ड पुराने ऑरा में आए वापस किस प्रकार से नई-नई योजनाएं बनाए, किस प्रकार से आप जो, जैसे पिछली बार हम लोगों ने मुख्यमंत्री आवास योजना शुरु की थी रुडको से लोन लेकर के। हम चाहेंगे कि चाहे आप लोन लें चाहे आप और अपने साधन इकट्ठे करें पर बड़े रूप में हाउसिंग बोर्ड हर जिले में सामने आए। इसका फैलाव करें, क्योंकि लोगों की जरूरत है लोग चाहते हैं कि हमें किसी न किसी रूप में हाउसिंग बोर्ड का मकान मिले, इसीलिए लंबी लाइन लगी है आपके यहां। 22 हजार मकान, कल मैंने कहा था, क्यों तो बने, क्यों बनते गए बनते गए बनते गए, ये समझ के परे है। जब मालूम है कि नहीं बिक रहे हैं तो आगे क्यों बने। आगे क्यों बने ये समझ के परे है, क्यों बने। इसका जवाब किसी के पास नहीं है। और उसके बाद में जब आपको मेंडेट दिया गया कि आपने कम समय में ये प्रयास किया। आगे आप प्रयास जारी रखेंगे। हम लोगों ने तय किया है कि हम सरकारी कर्मचारियों को भी किश्तों के अंदर किश्तें लागू करेंगे छूट के आधार पर। ये एक नीतिगत फैसला होगा, जो सरकारी कर्मचारी हैं वो भी उसका लाभ उठाएं ये हम लोगों ने तय किया है। अभी जो सम्मानित हुए हैं अधिकारी कर्मचारी उनको मैं अपनी ओर से आप सबकी ओर से बहुत-बहुत बधाई देता हूं और हमारा प्रयास सबको मकान का जो वादा था स्वर्गीय द्वारकादास पुरोहित जी का, वो आप दिमाग में रखें और आगे उसको बढ़ाते रहें। मैं समझता हूं कि अतिक्रमण की बात आपने करी और मुझे खुशी है कि 1000 करोड़ रुपए की जमीन आपने छुड़वा ली। 1 हजार करोड़ की जमीन आपने छुड़वा ली बिना किसी पॉवर के, फिर पॉवर क्यों ले रहे हो आप। फिर आप जेडीए बन जाओगे, समझो बात को, आप सोचो, नहीं हम आपके लिए व्यवस्था करेंगे कि आपकी भावना भी रहे उसके अंदर, तरीका निकले वरना जेडीए की तरह स्थिति बन जाएगी आपकी, आप खुद दुःखी हो जाओगे उससे। नहीं कोई बात नहीं है, कोई रास्ता ऐसा निकालते हैं, धारीवाल जी से बात करेंगे, धारीवाल जी एक्सपर्ट आदमी हैं, कि कैसे इसको अंजाम भी दे देवें, आपको फोर्स मिल जाए जब आप मांगें पर ऐसा मत करो कि जो सिस्टम बन गया है जेडीए के अंदर, आज जेडीए में कई तो अच्छे अधिकारी लगना नहीं चाहते उस पोस्ट के अंदर। आज आईपीएस वहां पर बैठा हुआ है, वो कहता है मुझे छुट्टी करो यहां से। तो ये जेडीए की स्थिति बड़ी इस मामले में जेडीए अच्छा काम कर रहा है ये अलग बात है, पर जेडीए में जो करप्शन हो रहा है आपका, जहां पिक एंड चूज, किसको हटाना है किसको नहीं हटाना है, पड़ौस में दो बिल्डिंग हैं, एक जगह जाकर तंग करेंगे एक जगह जाकर उनको छूट देंगे। छूट देने वाले पैसे खाएंगे, छूट बाद में लेना है उनसे उसको बाद में तंग करेंगे। ये आज आम धारणा बनी हुई है जेडीए की। ये उसका एक काऱण यह भी है कि जो फोर्स लगी हुई है यहां पर पुलिस की। उसको हमें वापस तय करना पड़ेगा, वापस रिव्यू करना पड़ेगा। उसको रिव्यू करेंगे तो आपको देखेंगे कि दोनों कैसे किस प्रकार से कर सकते हैं। मंशा आपकी है उसको हम सपोर्ट करते हैं ये मैं आपको कह सकता हूं। इस प्रकार से आपने तिब्बती शरणार्थी हैं, उनके लिए अच्छा काम किया है। काम करने में आपने सीआरपीएफ के जवानों के लिए अच्छा काम किया है, जोधपुर की चौपासनी आवासीय योजना, कोटा की कुन्हाड़ी आवासीय योजना में चौपाटी निर्माण, मुझे भी खुश करने का आपने अच्छा प्रयास किया तो आपने जो है अच्छा, 50 पर्सेंट छूट दे रहे हो आप उपलब्ध अधिशेष मकान सहकारी कर्मचारियों को, किश्तों पर दोगे तो और उनका हौसला बढ़ेगा। इस प्रकार आपने शिक्षकों का ध्यान रखा, कॉन्सटेबलों का ध्यान रखा है, काफी सेक्टरों का आपने ध्यान रखा है, काफी सेक्टर्स को आपने पॉलिटीशियन्स की तरह सलेक्ट करने का काम किया है। और ये मैंने बजट में घोषणा करी है फ्रेंडली कोचिंग हब बनाने की, ये बहुत बड़ा प्रोजेक्ट है। बन जाएगा तो पूरे हिंदुस्तान के अंदर एक अलग तरह का हब होगा जो आप लोगों ने अच्छा बताया है, वो बहुत बड़ी बात है। यही बात कहता हुआ मैं आपको फिर कहना चाहूंगा पहला सुख निरोगी काया, आप सब बोलोगे, पहला सुख निरोगी काया, बहुत बढ़िया। ये मेरा सपना है कि लाइफस्टाइल चेंज हो, प्रिवेंशन ऑफ मेडिसिन हो, बीमार पड़े ही नहीं व्यक्ति, ऐसा माहौल बनाएंगे तो 20-30-40 सालों बाद फर्क पड़ेगा, बहुत बड़ा फर्क पड़ेगा और ये तब होगा जब गांव-गांव में स्वच्छता की भावना जाएगी, लाइफस्टाइल कैसे सुधरे, पूरी सरकार उसको अभियान के रूप में ले रही है। हमारे हर प्रोग्राम में निरोगी राजस्थान आएगा। इस रूप में हम चाहते हैं कि पूरे देश के अंदर जबसे हमने दवाइयां फ्री करी हैं, दवाइयां फ्री करीं पूरा वर्ल्ड बैंक हो चाहे डब्ल्यूएचओ हो, दुनिया के मुल्कों में भी, देश के अंदर भी प्रधानमंत्रीजी जब थे मुख्यमंत्री गुजरात से तब उन्होंने टीम बुलाई यहां से, टीम हमने भेजी और इस प्रकार से आयुष्मान भारत आया देश के अंदर, 5 लाख तक की बीमा योजना आई है। राजस्थान की जो हमारी 3 लाख तक की योजना थी भामाशाह, उसको भी हमने मर्ज कर दिया आयुष्मान के अंदर और हम चाहते हैं कि इसका लाभ पूरे राजस्थान के लोगों को मिले। तो दवाइयां फ्री स्कीम जो हमारी है वो पूरे देश में नहीं चल रही है। अभी हमने और किडनी की, हार्ट की, कैंसर की दवाइयां बढ़ा दी हैं, सरकार बनते ही बढ़ा दी हैं हमने उसके अंदर। और अभी हमने टैस्ट की संख्या बढ़ा दी है, फ्री टैस्ट की संख्या बढ़ा दी है। आगे आने वाले वक्त में जब हम लोगों ने निरोगी राजस्थान की बात करी है तो पूरे प्रदेश के अंदर सब-सेंटर, पीएचसी, सीएचसी, हर गांव से एक होगा स्वास्थ्य मित्र बना रहे हैं हम लोग हर गांव में एक व्यक्ति को एक युवती को, बड़े रूप में हम चाहेंगे कि घर-घर जाकर के वो बात समझाएं लोगों को, मुझे उसमें आप लोगों की भी मदद चाहिए होगी, आपके ध्यान में कोई हो सोशल वर्कर गांवों के अंदर उसका नाम आप रजिस्टर करवाओ सीएमएचओ के अंदर या डिप्टी सीएमएचओ के यहां पर। हम चाहेंगे कि सब मिलकर के एक अभियान चले राजस्थान के अंदर जिससे कि हम सब मिलकर के राजस्थान की आम जनता विशेष रूप से जो गरीब आदमी हैं, पिछड़े हैं उनकी हम सेवा कर सकें। हमने एक और नया निर्णय किया है, कोई व्यक्ति एक्सीडेंट में घायल हो गया, नियरेस्ट अस्पताल में जाएगा, उसका अनिवार्य रूप से इलाज करना ही पड़ेगा, ये हमने कहा है, ये घोषणा की है हमने बजट के अंदर। इसलिए ये तमाम बातें तब होंगी जब आप सबका सहयोग, आप सबका आशीर्वाद, आपका समर्थन मिलेगा। मुझे उम्मीद है कि हाउसिंग बोर्ड परिवार जो आज यहां आया है, एक संकल्प लेकर के जाएगा, निरोगी राजस्थान के अभियान में हाउसिंग बोर्ड के कार्यों के साथ-साथ इसको भी हम अपनाएंगे। मुझे आपने याद किया, उसके लिए मैं आप सबका आभारी हूं, धन्यवाद, जय हिंद।

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