राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रदेशाध्यक्ष पदभार ग्रहण कार्यक्रम में सम्बोधन:
दिनांक
29/07/2020 |
स्थान
जयपुर
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राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रदेशाध्यक्ष पदभार ग्रहण कार्यक्रम में सम्बोधन:
सबसे पहले मैं अपनी ओर से, आप सबकी ओर से हमारे नवनियुक्त अध्यक्ष जिनको सोनिया गांधी जी, राहुल गांधी जी ने आप सबके विश्वास के आधार पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया है, उनको हार्दिक बधाई देना चाहता हूं। गोविंद डोटासरा जी को आप सब जानते हैं, उनकी कार्यशैली को जानते हैं चाहे वो जिला कांग्रेस के अध्यक्ष रहे हों चाहे विधायक रहे हों या चीफ व्हिप रहे हों और उस वक्त डूडी साहब हमारे नेता प्रतिपक्ष थे, डोटासरा जी की भूमिका चीफ व्हिप के रूप में रही, उन्होंने असेंबली में अपनी अमिट छाप छोड़ी। हर मुद्दे पर उन्होंने जिस रूप में सरकार को घेरा अपने तमाम साथियों के सहयोग से, वो तारीफ के काबिल है। जो जिम्मेदारी दी इनको चाहे मंत्रीपद के रूप में, चाहे विधायक के रूप में, चाहे जिला कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में चाहे चीफ व्हिप के रूप में, बखूबी निभाई। इसलिए इनका चयन होना, हम सब उम्मीद करके चलेंगे कि आने वाले वक्त में प्रदेश कांग्रेस कमेटी, जिला कांग्रेस कमेटी, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी, तमाम कार्यकर्ताओं को एक मैसेज दिया है इनके बनने का, जिसकी झलक आपने देखी होगी, जब 4 दिन पहले धरना दिया गया, जब हम लोग राजभवन गए थे तो स्वतः ही कांग्रेस जन मैदान में आया और आम जन भी आकर शामिल हो गए। इसके मायने हैं कि जो इश्यु चल रहा है राजस्थान के अंदर अभी, जिस प्रकार से सरकार को अस्थिर करने का षड्यंत्र चल रहा है केंद्र सरकार के सहयोग से, बीजेपी के षड्यंत्र से, धन-बल के प्रयोग से और सत्तापक्ष चाहता है कि असेंबली बुलाएं, हमेशा विपक्ष मांग करता है और सरकार का पक्ष उसको डिले करता रहता है मतलब चुप रहते हैं, यहां उल्टी स्थिति बनी है। हम कहते हैं हम बुलाना चाहते हैं असेंबली के अंदर, हम चाहते हैं कि जनता के अंदर नया कॉन्फिडेंस पैदा करवाएं ये जो माहौल बना है, चिंता करने की जरूरत नहीं है, सरकार हमारी स्थिर है मजबूत है। कोरोना की लड़ाई हमने ऐसी लड़ी है कि आज देश-दुनिया के अंदर राजस्थान का नाम पहली बार उभरकर आया है, हममें दमखम है आगे भी कोरोना से मुकाबला करने का भी और लॉकडाउन के कारण जो आज ये स्थिति बन रही है सब राज्यों की, केंद्र की, उसके बावजूद भी हम लोग कोई कसर नहीं छोड़ेंगे, जो वादे हमने किए हैं उनको निभाएंगे, शानदार वित्तीय प्रबंधन करेंगे और डेमोक्रेसी के अंदर जब आप विश्वास के साथ खड़े होते हैं तो जनता हमेशा जुड़ी रहती है। हमने प्रयास किया, विपक्षी पार्टियों ने साथ दिया, धर्मगुरुओं से बातचीत की, रिटायर्ड डॉक्टरों से बातचीत की, एक्टिविस्ट्स से बात की और लग रहा था जिसकी कोई 100-125 वीसी मैं कर चुका हूं, हर पंचायत सरपंच तक हमने बात कर ली, पटवारी तक बात कर ली, सीवरकर्मियों से बात कर ली, लगातार हमारा अभियान चल रहा है, जो आप लोग देख रहे हो। कोरोना के अंदर भी ये समझ के परे है कि कैसे कोई सरकार जिसको बहुमत मिला हो स्पष्ट देश की जनता का, मोदी जी ने ताली बजवाई, थाली बजवाई, मोमबत्ती जलवाई, लोगों ने माना कि जो प्रधानमंत्री कह रहा वो ठीक है। तो आप कल्पना करो क्या संभव है कि ऐसे माहौल के अंदर सरकार गिराने का वक्त निकाल सकते हैं वो लोग? जब कोरोना महामारी इतनी भयंकर है, WHO ने कहा है, ये महामारी बहुत भयंकर बढ़ सकती है आने वाले वक्त के अंदर, एक तरफ तो ये स्थिति है कि जीवन जीने का प्रश्न खड़ा हो गया है, किसके घर पर कहर बरपाएगा महामारी कोई नहीं कह सकता, कितने लोग मारे जा रहे हैं देश के अंदर, राजस्थान के अंदर भी संख्या काफी बढ़ गई है, जीवन को बचाने का सवाल होता है डेमोक्रेसी के अंदर जनता की चुनी हुई सरकारों का, जो हम निभा रहे हैं। केंद्र सरकार को कैसे फुर्सत मिल सकती है आप कर्नाटक के बाद पहुंच गए वहां महामारी के दरमियान में मध्यप्रदेश के अंदर, एक महीना खराब किया, आउट ऑफ कंट्रोल हो गया कोरोना वहां पर, परवाह ही नहीं की आपने। फिर भी असेंबली बुलाई रात को और सरकार गिरा दी वहां पर, वहां के गवर्नर साहब अलग अप्रोच रखते हैं बुलाने की, यहां के राज्यपाल साहब अलग अप्रोच रख रहे हैं अभी तक। आज भी हमें कह दिया गया है "21 दिन के वक्त में बुला पाओगे"। यहां पर हमारे जांबाज़ बैठे हुए हैं मैंने इनको कल कहा है जैसे हमारी हैल्थ के लिए हैल्थ वॉरियर हैं कोरोना से बचाने के लिए, ये आप सभी वर्कर्स और हमारे योद्धा ये बैठे हुए हैं विधायक, 15 दिन से एकसाथ रहना, साजिश में नहीं आना, इतिहास बन रहा है इसलिए चाहे 20 दिन हों चाहे 21 दिन हों, जीत हमारी होगी। आप सोच सकते हो कि किस प्रकार से क्या सोच है, कैसे निर्णय कर रहे हैं कि आप, एक फाइल जाती है राजभवन में कैबिनेट के प्रस्ताव की और साइन होकर वापस आती है, इतना ही काम होता है गवर्नर का, बाकी काम स्पीकर का होता है विधानसभा के अंदर, किसको बुलाना है, कैसे बुलाना है, कहां बैठाना है सब और यहां पर हो रहा है 6-6 पेज के पत्र लिखे जा रहे हैं हम लोगों को, जवाब दे रहे हैं बार-बार तो फिर नए प्रश्न खड़े किए जा रहे हैं, इतिहास में आजतक कभी नहीं हुआ। अभी एक लोकसभा के पूर्व सेक्रेटरी ने लिखा आर्टिकल, 70 साल में पहली बार एक गवर्नर ने इस तरह के क्वेश्चन रेज़ किए हैं, आप सोच सकते हो कि मुल्क किस दिशा में जा रहा है, डेमोक्रेसी का क्या हो रहा है, सीबीआई-इनकम टैक्स-ईडी का कैसे दुरुपयोग हो रहा है, धर्मेंद्र राठौड़ के यहां भी छापे पड़ गए। आप कल्पना कर लीजिए, चुन-चुनकर नाम दिए गए, किसने नाम दिए होंगे आप समझ सकते हो, उन्हीं के यहां छापे पड़ रहे हैं। ये तमाम बातें जो हो रही हैं ये देश के 70 साल के इतिहास में इस देश को एक रखा अखंड रखा, आजादी दिलवाई तो महात्मा गांधी की रहनुमाई में हमारे नेताओं ने जहां पंडित नेहरू थे, सरदार पटेल थे, मौलाना अबुल कलाम आजाद थे, अंबेडकर साहब ने बनाया संविधान, कीमती आजादी मिली, पंडित नेहरू जैसे लोग 10-10 सालों तक जेलों में बंद रहे, कभी साल कभी डेढ़ साल कभी दो महीने कभी 6 महीने ऐसा नहीं हुआ है। उस वक्त लोगों को पता ही नहीं था कि हमें जिंदगी में कभी आजादी मिलेगी। आप की ही तरह उस वक्त भी कार्यकर्ता यही सोचकर मैदान में उतरे थे और 70 साल में चाहे इंदिरा गांधी शहीद हो गईं खालिस्तान नहीं बनने दिया, राजीव गांधी शहीद हो गए उपमहाद्वीप में शांति स्थापित करने के लिए, सरदार बेअंतसिंह जी शहीद हो गए मुख्यमंत्री के रूप में, प्रधानमंत्री रहते हुए-मुख्यमंत्री रहते हुए बम से उड़ा दिए गए, आप कल्पना कीजिए लोकतंत्र को बचाया, पाकिस्तान की तरह बार-बार सैनिकों का शासन नहीं हुआ हिंदुस्तान के अंदर और मैंने कल ही कहा मोदी जी आप प्रधानमंत्री इसलिए बन पाए हो क्योंकि कांग्रेस ने 70 साल में देश में डेमोक्रेसी की जड़ें मजबूत की थीं, वरना कैसे बनते आप और उस रूप में बने हो, जिम्मेदारी बहुत बढ़ जाती है आपकी। क्या मजाक है, आपकी पार्टी के लोग षड्यंत्र करके, पैसे बांटकर, हॉर्स ट्रेडिंग करके लोगों को ले गए बैंगलुरु के अंदर? क्या कारण है कि राजस्थान में कोरोना की शानदार लड़ाई लड़ रहे हैं हम लोग, 5 वीसी में मैं बैठा हूं प्राइम मिनिस्टर के साथ में, तारीफ की राजस्थान की उन्होंने और क्या कारण है कि अचानक ही खेल शुरु हो गया? राज्यसभा चुनाव के अंदर खेल शुरु हो चुका था, टाइमली मालूम पड़ गया, हमने रोक दिया सबको साथ लेकर, वरना तो ये खेल जो आज चल रहा है वो उस वक्त चलता। इस रूप में आज पूरे मुल्क के अंदर जो डेमोक्रेसी खतरे में है, सोनिया गांधी जी ने, राहुल गांधी जी ने प्रोग्राम दिए राजभवनों को मैसेज देने के लिए अंबेडकर जी की मूर्ति के नीचे धरने हुए देशभर में, हमने होटल के अंदर कल एक प्रोग्राम किया क्योंकि हम धरना दे चुके थे राजभवन के अंदर। स्पीकअप डेमोक्रेसी के लिए जो अभियान चला साढ़े 9 करोड़ लोगों ने साथ दिया देश के अंदर। तो आज माहौल आपने देखा होगा बदला है। इस लड़ाई में जब लोगों ने कहा कि साहब मना कर रहे हैं, तो देश पूछ रहा है उनसे, प्रदेश पूछ रहा है "भई असेंबली बुलाने में आप क्यों अड़ंगा डाल रहे हो ?" ये समझ के परे है, अच्छे मिलनसार व्यक्तित्व हैं, अच्छा व्यवहार रखते हैं, अच्छी बात करते हैं गवर्नर साहब, राजनीतिक जीवन बहुत लंबा रहा है उनका भी, उनको सब मालूम है, तब आप किसके इशारे पर ये सब कर रहे हो? आप भी समझते हो, मैं भी समझता हूं, उनकी आत्मा भी समझ रही होगी, इन हालातों में हम लोग बैठे हुए हैं आज, वरना प्रोग्राम यहां नहीं होता, प्रोग्राम बाहर पीसीसी में होता, राजस्थानभर के कार्यकर्ता आते, शानदार तरीके से अध्यक्ष महोदय को जिम्मेदारी दिलाते, मतलब देखते कि क्या संदेश देना चाहते हैं हम सबको। रणदीप सुरजेवाला जी और अजय माकन जी आने वाले हैं, मुझे जाना था इसलिए मैंने चाहा कि मैं दो बातें आपसे करूं। आप निश्चिन्त रहो, राजस्थान के कांग्रेसजनों को, राजस्थान प्रदेश की जनता को मैं विश्वास दिलाना चाहता हूं क्योंकि जो अभी कोरोना की जंग के अंदर साथ दिया सरकार का एक-एक व्यक्ति ने चाहे वो पक्ष का था या विपक्ष का था, 21 घंटे मैंने वीडियो कॉन्फ्रेंस की MLAs के साथ में MPs के साथ में, केंद्रीय मंत्री भी थे, कोई आया कोई गया, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी थीं, बीजेपी के हमारे सतीश पूनिया जी भी थे, सब लोग थे उसके अंदर, 20-21 घंटे मैंने उनकी सलाह ली शानदार और उनकी सलाह पर हम चल भी रहे हैं।
कोरोना में हमारी प्रायोरिटी है जीवन बचाना, राजनीतिक उठा-पटक प्रायोरिटी नहीं हो सकती है सरकारों की। सरकार सौंपी है जनता ने, पहली प्रायोरिटी है मानव का जीवन बचे, जीवन और आजीविका दोनों साथ-साथ चलें। लॉकडाउन था, दुकानें बंद, छोटी-मोटी दुकानें थीं वो भी बंद, इंडस्ट्रीज बंद मजदूर चले गए, आप बताइए कि उनके घरों में क्या स्थिति बनी होगी? हमने गेहूं बांटने में कोई कमी नहीं रखी फ्री ऑफ चार्ज, दालें बांटी हम लोगों ने पर साथ में हम लोगों ने 78 लाख लोगों को पेंशन जो मैंने शुरु की थी, आज 5 महीने की पेंशन उनको मिल गई है। उनके घरों में कोई आठ हजार, छह हजार, दस हजार तक पैसा पहुंचा है, पांचवीं किश्त भी चार दिन पहले ही बंटी है। 35 लाख लोगों को हमने पहले उनको 1500 रुपए दिए एक हजार रुपए और दे दिए, ढाई हजार पहले, एक हजार रुपए परसों भेजे हैं मैंने। आज तकलीफ में लोग हैं ऐसे वक्त में सरकार काइंड में भी और कैश के अंदर भी मदद करना चाहती है और कोई कमी आप लोगों ने नहीं रखी। जिसका बस चला, विधायकगणों ने अपने फंड से खूब पैसा दिया, खाने के पैकेट बंटवाए चाहे वो सूखा खाना हो चाहे पका हुआ हो, दानदाताओं ने भामाशाहों ने एमएलए साहेबान के आह्वान पर आप लोगों के आह्वान पर जिसका बस चला, आम जनता जुड़ गई कि मुझे अपने पड़ोसी की मदद करनी है। कहने का मतलब है कि इस जंग को लड़ा गया, राजस्थान की जनता प्रदेशवासियों ने लड़ा है सरकार के साथ में। तो मैं उन सबको विश्वास दिलाना चाहूंगा कि ये जो कुछ भी खेल खेला गया है स्थिर सरकार को अस्थिर करने का, जनता पूरी तरह समझ चुकी है उनकी चालों को, आप भी महसूस करते होंगे जनता का रुख क्या है। एमएलए साहेबान कहते हैं साहब अब हमारे पास फोन आते हैं, पहले हमारे पास फोन आते थे काम के लिए आते थे, अब काम के लिए नहीं आते हैं, अब आते हैं, आप जमे रहो जीतकर आओ हमारे यहां पर, इस लड़ाई को जीतकर आओ, और मैंने भी कह दिया है इनको ये जो आपको एक-डेढ़ महीने का काम का घाटा हो रहा है इस घाटे की पूर्ति की जिम्मेदारी मेरी रहेगी चिंता मत करो आप लोग, आपके घाटे की पूर्ति ब्याज सहित करूंगा, निश्चिंत रहो। इसलिए मैं कहना चाहूंगा इनकी ताकत से ही हम लोग बैठे हुए हैं, हमें भी कोई अच्छा नहीं लगता है होटल में बैठने का, 50 साल में होटल में नहीं गए होंगे, इतना टाइम हमने इन दिनों में लगा दिया इस काम के लिए, होटल में जाने का कभी शौक रहा नहीं, अभी मजबूरी में रह रहे हैं होटल में बैठे-बैठे। तो मैं आह्वान करूंगा, आज तो सब लोग आ नहीं पाए, आप संदेश दीजिए ब्लॉक को जिले को, ये कोरोना का भी संकट कम होगा, ये सब बादल छंटेंगे उसके बाद में वापस हम चाहेंगे अध्यक्ष महोदय संबोधित करें कार्यकर्ताओं को जयपुर के अंदर, सब कार्यकर्ता आएंगे, उनको हम सब मिलकर एक नया संदेश देंगे। हम चाहेंगे कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी, क्योंकि मैं तो तीन बार अध्यक्ष रहा हूं, मेरी तो आत्मा यहां भटकती रहती है अभी भी, जिंदा हूं तब भी क्योंकि मैं 1973 में आया था पहली बार, हिसाब लगा लीजिए, 50 में से दो कम कर दीजिए तीन कम कर दीजिए, ये पक्के नहीं थे, कच्चे थे, एक तरफ मैं बैठता था, एक तरफ जनार्दन सिंह गहलोत बैठते थे यूथ कांग्रेस अध्यक्ष, हीरालाल इंदौरा साहब हमारे सेवादल के अध्यक्ष, वो तो यहीं रहते थे, जैसे हरिदेव जोशी जी परिवार के साथ यहीं रहे थे ऊपर, जब वो महामंत्री थे कोई जमाने के अंदर, प्रदेशाध्यक्ष बने थे मुख्यमंत्री बनने के पहले, उसी ढंग से हमने यहां पर ही काम किया है। फिर तो पक्के बन गए, यहां पर हॉल बन गया, नीचे वाला हॉल बन गया, आप में से कई लोगों को मालूम है कि पीसीसी कितनी छोटी थी। नीचे वाला हॉल भी राजीव गांधी को बुलाकर हम लोगों ने शिलान्यास करवाया था। तो एक लंबा इतिहास जुड़ा हुआ है।
मैं चाहूंगा अध्यक्ष जी से पूरी तरह सरकार आपके साथ खड़ी मिलेगी आपको, कार्यकर्ता आएगा, संतुष्ट करके भेजने की जिम्मेदारी हमारी भी है, आप सबकी भी है और आप भी जो है एक मैं ये सलाह देना चाहूंगा इस मौके पर जो मैं हर बार देता हूं और जो चाहते हैं वो पूरी नहीं हो पाती, मैं उम्मीद करता हूं कि आप जैसा व्यक्ति पूरी करेगा, वो सिर्फ ये है कि साल में, डेढ़ साल में या दो साल में जो भी कॉन्सटीट्यूशन में लिखा हुआ है, एक हमारा कांग्रेस का अधिवेशन तीन दिन का वो अवश्य बुलाओ आप, जहां जमकर सरकार की आलोचना भी होती है, मुख्यमंत्री की आलोचना होती है, मंत्रियों की आलोचना होती है और पीसीसी की वर्किंग कमेटी है उसकी आलोचना भी होती है। जवाब दिए जाते हैं पीसीसी की तरफ से, मंत्री लोग खड़े होकर वहां पर अपनी बात कहते हैं, मुख्यमंत्री अपनी बात कहता है सफाई के अंदर, पूरे राजस्थान के कार्यकर्ताओं को लगता है हमारी भावनाओं को हमारे प्रतिनिधियों ने जाकर रीप्रजेंट किया पूरी कांग्रेस के सामने और जवाब से हम संतुष्ट भी हैं, उस ढंग से कांग्रेस मजबूत होती है क्योंकि आजकल आलोचना सुनने की हैबिट हमारी खत्म हो गई है। कोई जमाना था, आलोचना सुनकर आदमी बुरा नहीं मानता था। अगर आलोचना में दम है तो अच्छा मानता था कि भई चलो अच्छा फीडबैक आ गया, उससे मैं और सुधार करके अच्छी परफॉर्मेंस दूंगा, पर आज की बात नहीं है, सालों से स्थिति बदली हुई है। मैं चाहूंगा कि आप लगातार, उससे गवर्नमेंट अच्छी चलती है, जो आलोचनाएं पीसीसी में होती हैं सरकार के कामों की, मंत्रियों के कामों की, मुख्यमंत्री के कामों की, तो ब्यूरोक्रेट ये देखता है कि अगर मैंने काम नहीं किया तो क्योंकि आलोचना हुई है मेरे मंत्री की पीसीसी के अंदर, मुख्यमंत्री के ऊपर ये शिकायतें की गई हैं, तो मेरा खुद का क्या होगा। मंत्री क्या सोचेगा, मुख्यमंत्री क्या फैसला करेगा मेरे बारे में, उस डर के मारे वो काम ज्यादा करता है, ये कष्ट है, ये वो बात है जिसको हमें माइक्रोस्कोप से समझना पड़ेगा कि डेमोक्रेसी में हर पटवारी हो, एसडीओ हो, तहसीलदार हो, कलक्टर हो या यहां के अधिकारी हों सचिवालय के, वो डरते हैं कि कांग्रेस का जो डेलिगेशन गया है जयपुर में तीन दिन के लिए, जिला अध्यक्ष गए हैं ब्लॉक अध्यक्ष गए हैं और वो हमारी बात कहकर आए हैं। कार्यकर्ता देखता है, उससे संबल बढ़ता है, वहां के अधिकारी कांग्रेस कार्यकर्ताओं को मान-सम्मान देना ज्यादा शुरु करते हैं। इसलिए मैं कहना चाहूंगा कि भई अब समय हो गया है, समय तो हो चुका है, पत्र आ चुका है पहले से ही, अब तो खाली मैं जा रहा हूं उनके साथ चाय पीने के लिए कि भई आपने पत्र तीसरी बार भेज दिया है, आप चाहते क्या हैं बता दीजिए ? हम उस ढंग से काम आगे करेंगे।
आपको घबराने की जरूरत नहीं है, हाईकमान पूरी आपके साथ है, राहुल गांधी ने सोनिया गांधी ने राजस्थान को मुद्दा बनाकर, बहुत कम होता है, पूरे देश के अंदर धरने दिलवा दिए राज्यों के अंदर राजभवन को लेकर, पहली बार हुआ है इतिहास के अंदर। स्पीकअप डेमोक्रेसी का बहुत शानदार अभियान चला दिया, आगे चलता जाएगा और कांग्रेस आपने महसूस किया होगा कि इस आन्दोलन के बाद में हमारे कार्यकर्ताओं में तो एक उत्साह है ही है, पब्लिक में भी एक मैसेज गया है, हो क्या रहा है, और पब्लिक साथ में जुड़ रही है और पूरे देश के अंदर कार्यकर्ताओं का उठाव हो गया है ओर ये एक नया टर्निंग पॉइन्ट हो जाए राजस्थान की लड़ाई जब आप फतह करोगे, आप में से कोई व्यक्ति कहीं जाएगा देश के अंदर किसी राज्य में तो राजस्थान के कांग्रेसजनों का मान-सम्मान भी आप उस रूप में पाओगे, इस प्रकार की लड़ाई है ये जिसको जीतकर बताना है हमें, हम जीतेंगे और जिन्होंने धोखा दिया है पार्टी को या तो वापस आ जाएंगे वो, माफी मांग लें हाईकमान से, गलती हो गई हमारी, हाईकमान फैसला कुछ करे हमें मंजूर होगा, पर हम चाहेंगे कि जनता के विश्वास को वो तोड़ें नहीं। राहुल गांधी जी ने कितने भाषण दिए, मैनिफेस्टो बनाया उसके आधार पर हमने वादे किए जनता से कि कौन-कौनसे हमें निभाना है वादों को। इसलिए मैं आपको यही बात कहता हुआ आपको मैं आह्वान करूंगा कि आप लोग दिन- रात कांग्रेस का झंडा बुलंद हो देश के अंदर वापस, डेमोक्रेसी बचे, अभी डेमोक्रेसी को बहुत बड़े खतरे हैं कोई जाने या नहीं जाने, जिस रूप में फैसले हो रहे हैं देश के अंदर, तमाम पॉलिटिकल पार्टियां हैं आप देख रहे हो कि क्या हो गया है देश को, कोई जमाने के अंदर, सरकारें बदलती रहती हैं, पर लगता था कि विपक्षी पार्टियां मिलकर क्या माहौल बना रही हैं। अब तो विपक्षी पार्टियों पर भी दबाव पड़ रहा है भारत सरकार का और क्या-क्या सीबीआई इनकम टैक्स मैंने कहा आपको ईडी का दुरुपयोग हो रहा है, तो कृपा करके आप लोग मजबूत रहो, हम अपने अध्यक्ष जी के नेतृत्व में मिलते जाएंगे और आप लोगों से संवाद होता रहेगा। अभी थोड़ा सोशल डिस्टेंसिंग का मामला भी है, यहां तो आप बैठे हुए हो कमरे के अंदर, मास्क लगाकर बैठे हुए हो, जिसने नहीं लगाया है वो लगा ले कृपा करके, रघु शर्मा हमारे स्वास्थ्य मंत्री हैं देखते रहते हैं, वो अपनी बाइट अलग देते रहते हैं, रोज हम लोग वीसी करते हैं, रिव्यू मीटिंग करते हैं। कोई भी तरीके से राजस्थान का जो नाम ऊंचा हुआ है देश के अंदर वो बना रहे, इसमें हम लोग लगे हुए हैं। यही बात कहता हुआ मैं अपनी बात खत्म करने से पहले पुनः मैं अपनी ओर से आप सबकी ओर से तहेदिल से अध्यक्ष जी को बहुत-बहुत मुबारकबाद, धन्यवाद, जयहिंद, धन्यवाद।