Shri Ashok Gehlot

Former Chief Minister of Rajasthan, MLA from Sardarpura

अखिल भारतीय रैगर महासभा द्वारा आयोजित महासम्मेलन

दिनांक
09/10/2022
स्थान
विद्याधर नगर स्टेडियम, जयपुर।


मुझे बहुत प्रसन्नता है कि जिस प्रकार से आज यहां पर रैगर समाज का राष्ट्रीय महासम्मेलन हो रहा है तो मुझे 40 साल पहले, 42 साल पहले जब मैं पार्लियामेंट का मेंबर बनकर गया, तो उस वक्त में समाज के जो अगुवा थे शास्त्री जी वो हमारे साथ में मेंबर ऑफ पार्लियामेंट बने, इंदिरा जी उनको इतना मानती थीं कि बाद में जयपुर में जो आपका सम्मेलन हुआ वो धर्मदास शास्त्री जी के कारण हुआ, मैंने नहीं देखा इंदिरा गांधी जी जैसी महान नेता जिन्होंने एक महिला होकर महिलाओं का मान और सम्मान दुनिया में बढ़ाया, वो एक समाज के लिए, समाज के लिए हिंदुस्तान के किसी कोने में जाए, ये साधारणतया नहीं होता है, आप सोच सकते हैं कि रैगर समाज के लिए इंदिरा गांधी जी का जयपुर आना धर्मदास शास्त्री जी के कारण से, वो एक इतिहास बन गया, जिसकी बात अभी आपने की थी, 1984 के अंदर। अब आप कल्पना कीजिए कि इंदिरा गांधी जी का रिश्ता, कांग्रेस का रिश्ता और रैगर समाज का रिश्ता क्या है? हमेशा इस बात का अहसास हम सबको है कि आप लोगों ने हमेशा कांग्रेस पार्टी जिसका इतिहास बहुत शानदार, त्याग का, बलिदान का, कुर्बानी का है, बड़े-बड़े नेता जेलों में गए थे गांधी जी के सानिध्य में पंडित जवाहर लाल नेहरू हों, चाहे वो सरदार पटेल हों, मौलाना अबुल कलाम आजाद हों और डॉ. अंबेडकर साहब का संविधान बनाया हुआ है। आज आप कल्पना कीजिए कि वो संविधान बाबा साहब का और वो नेता हमारे उस जमाने के, संविधान के साथ-साथ में आपको अधिकार मिल गए सारे, छुआछूत पर कानून बन गया, बराबरी का हक मिल गया, वोट का अधिकार मिल गया, अमेरिका जैसे मुल्क के अंदर भी काले और सफेद का झगड़ा चलता था वहां पर, वहां पर संघर्ष करना पड़ा अधिकार प्राप्त करने के लिए।
ये बाबा साहब का जो सोच था, जो सपना था, उसके कारण से आज ये संविधान देश में है, अब संविधान के बारे में हम बोलते हैं कि जो माहौल आज देश के अंदर है वो चिंताजनक है, हम चाहते हैं कि तमाम देशवासी गरीब-अमीर की खाई नहीं बढ़े, दलित वर्ग जो है उनको न्याय मिले, दलित वर्ग के साथ में अन्याय और अत्याचार नहीं हो, छुआछूत मानवता पर कलंक है, छुआछूत किसे कहते हैं, सबके सभी जाति, सभी धर्म के लोगों का खून का रंग जो होता है वो लाल है सबका, ईश्वर ने ही बनाया है सबको, समान बनाया है और उसके बाद में आप देखिए कि छुआछूत बढ़ चुका है समाज के अंदर, ये व्यवस्थाएं चली आ रही हैं लंबे अरसे से, समय आ गया है कि इसका अंत होना चाहिए, तमाम समाज, तमाम वर्ग, तमाम जाति, तमाम धर्म और तमाम भाषा बोलने वाले लोग, बराबरी का उनको हक़ मिला है संविधान के अंतर्गत, लोक कल्याणकारी योजनाएं बननी चाहिए, ऊंच-नीच का भेदभाव नहीं होना चाहिए, असमानता नहीं रहनी चाहिए आर्थिक रूप से, ये संविधान कहता है बाबा साहब का, इसलिए कांग्रेस पार्टी चाहे सरकार में है अथवा नहीं है देश के अंदर, पर कांग्रेस पार्टी हमेशा संविधान को आधार बनाकर, संविधान को मूल मंत्र समझकर के राज करती आई है, इसलिए देश में 70 साल के बाद में भी लोकतंत्र, वोटों का राज्य कायम रहा, पाकिस्तान की तरह दो टुकड़े नहीं हुए देश के, रूस की तरह 16 टुकड़े नहीं हुए देश के, आज हम 135 करोड़ से ज्यादा की आबादी हो गई है, तब भी ये मुल्क वोटों का राज आज भी कायम रहा है, इसीलिए नरेंद्र मोदी जी प्रधानमंत्री बन पाए हैं, ये नहीं भूलना चाहिए उनको, मोदी जी भूल सकते हैं पंडित नेहरू का नाम, लेने में उनको तकलीफ होती है, 75 साल मना रहे हैं हम लोग अमृत महोत्सव मना रहे हैं और प्रथम प्रधानमंत्री जिन्होंने 17 साल तक राज किया देश के अंदर, आधारभूत ढांचा बनाया देश के अंदर, आप कल्पना कीजिए बड़े-बड़े कल-कारखाने, बड़े-बड़े बांध, आईआईटी, आईआईएम, एम्स जैसी संस्थाएं बनाईं उस जमाने के अंदर, उस व्यक्तित्व का नाम लेते हुए इनको तकलीफ होती है, वो चाहे मोदी जी हों, चाहे वो आरएसएस या बीजेपी के लोग हों, अगर आप इतिहास को इस प्रकार से तोड़ोगे-मोड़ोगे, तो आप कभी इतिहास नहीं बना पाओगे अपना खुद का, अरे परंपरा रही है कि जिन्होंने त्याग किया, बलिदान किया, जेलों में बंद रहे, फांसी के फंदों पर चढ़े, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद जैसे नेता हुए, क्या हम उनको भूल सकते हैं? सुभाष चंद्र बोस हुए, लंबी फेहरिस्त है, पर आज आजादी के बाद में कांग्रेस पार्टी है जिसने आपको मान-सम्मान दिया है, आरक्षण की रक्षा की है, आज जो राज में हैं, मुझे याद है कि बचपन के अंदर, इन्होंने कभी समर्थन नहीं किया आरक्षण का, वो ये लोग हैं, ये जनसंघ के रूप में काम करते थे पहले, अब ये भारतीय जनता पार्टी है, बच्चों को नहीं मालूम है, इनका नाम जनसंघ था पहले, ये नफरत करते थे, आरक्षण का विरोध करते थे, वो ये लोग थे, हम भूले नहीं हैं, इसलिए मैं ये कहना चाहूंगा कि आप इतनी बड़ी तादाद में जो पधारे हो, ये कोई मामूली बात नहीं है, आपने जिस प्रकार से जीया है जिंदगी को, उसको मैं हमेशा याद करता हूं कि किस प्रकार से इस देश की प्रथाएं, रीति-रिवाज और उसके बावजूद भी आपने अपना मुकाम कायम रखा, अपना मान-सम्मान कायम रखा और कांग्रेस सरकारों ने भी कमी नहीं रखी, जब मौका लगा आरक्षण दिया, उसकी रक्षा की, राजीव गांधी आए प्रधानमंत्री बनकर, 40 साल की उम्र में प्रधानमंत्री बन गए वो, आप याद करो कि उससे पहले गांवों में कौन बनने देता था शेड्यूल्ड कास्ट, दलित को कोई सरपंच नहीं बनने देता था, आज सरपंच हो आप, महिलाएं सरपंच बनती हैं, प्रधान बनती हैं, प्रमुख बनती हैं, मेयर बनती हैं, नगर पालिका अध्यक्ष बनती हैं, महिलाएं भी, चाहे दलित की हों, चाहे ओबीसी की हों, आज ओबीसी, एससी-एसटी को मौका मिला है, आरक्षण के कारण मिला है, ये आरक्षण 73-74 अमेंडमेंट राजीव गांधी के वक्त में जो सपना देखा गया था उसके परिणाम के कारण से आज गांव-गांव में, सरपंच, पंच, वार्ड पंच, प्रधान, प्रमुख कितने बन गए हैं देश के अंदर, राजस्थान के अंदर, देश के अंदर, कल्पना कीजिए, ये राजीव गांधी जी की क्रांति का परिणाम है, सोच का परिणाम है, कांग्रेस ने हमेशा आपके लिए अच्छी सोच रखी है, अभी कहा गया कि जब आपने मुझसे मांग की रामदेवरा के अंदर शानदार हॉस्टल बन गया, उसका उद्घाटन भी शायद मैंने ही किया था वहां पर, जो मांगा, हमने हमेशा देने का प्रयास किया है, अब आप मांगने में खुद ही कंजूसी करते हो तो मैं क्या कर सकता हूं? मैंने तमाम एमएलए को कह रखा है कि एमएलए जो मुझसे मांगेंगे वो मांगते-मांगते थक जाएंगे, मैं देता-देता नहीं थकूंगा, ये मैंने कह रखा है, ये गंगा बहन बैठी हुई हैं गंगा बहन, इनके बगरू में पानी की समस्या बड़ी है, बीसलपुर का पानी आना चाहिए, अब इनको पूछो कि मैंने घोषणा की थी बजट के अंदर, घोषणा के मायने होते हैं, आज नहीं तो कल पानी आएगा, पानी आएगा आपके वहां पर, आज आपने मांग की है कि बालिकाओं के छात्रावास के लिए जमीन मिलनी चाहिए, वो भी मिलेगी आपको, निश्चिंत रहो आप। इसीलिए जब आपको जो कुछ भी देने का प्रयास हम लोग कर रहे हैं, ये कोई आप पर अहसान नहीं कर रहे हैं, सबसे बड़ी बात मैं कहना चाहता हूं आपको, जो सरकार में मैं हूं आपके आशीर्वाद से हूं मैं, जनता माई-बाप होती है, वो तय करती है, सरकार बनती है, इसी रूप में हमने देखा है कि हमेशा किस रूप में हम लोग आपको सहयोग कर सकें, समर्थन कर सकें, सरकार आपके दुःख-सुख में हमेशा साथ रहेगी। कोरोना आया था तो हमने कोई कमी नहीं रखी, वरना ऑक्सीजन की कमी से कितने लोग मर जाते, एक-एक का हमने ध्यान रखा प्रदेशवासियों का, 500 बार मैंने मीटिंग की होगी वीसी से राजस्थान के अंदर, इतना शानदार प्रबंधन किया, जिसकी तारीफ देश नहीं बल्कि दुनिया में हुई राजस्थान की हुई, सारा इलाज फ्री कर दिया और अब तो आप देख रहे हो, अभी हम चिरंजीवी योजना लेकर आए हैं, हिंदुस्तान में कहीं नहीं है, 10 लाख रुपए का बीमा इलाज का, 10 लाख रुपए का, सरकारी अस्पताल में आईपीडी-ओपीडी सब फ्री, दवाइयां फ्री, जांचें फ्री, ये दुनिया में नहीं मिलेगा आपको, 10 लाख रुपए का बीमा हिंदुस्तान में सिर्फ राजस्थान के अंदर है नंबर 1, नंबर 2 एमआरआई के 8-10 हजार रुपए लगते हैं मार्केट के अंदर, वो भी फ्री, सीटी स्कैन फ्री, डायलिसिस फ्री, आगे सुनिए आप और मैं इसलिए कहना चाहता हूं जिससे कि आगे गरीब आदमी को अगर उसने अपना नाम नहीं लिखाया होगा, कार्ड नहीं बनवाया है, तो कार्ड बनवा ले वो क्योंकि इतनी शानदार योजना, इतनी क्रांतिकारी योजना है, जिसमें 10 लाख रुपए का बीमा, उसके अलावा अगर उसके घर में कोई किडनी ट्रांसप्लांट करवानी पड़ गई, ऑर्गन ट्रांसप्लांट करवाना पड़ गया कोई, लिवर ट्रांसप्लांट करवाना पड़ गया, उसके 10-15-20 लाख रुपए लगते हैं, सरकार ने तय किया है कि उन परिवारों को 10 लाख रुपए तो अलग रखेंगे उसके लिए, उसको डिस्टर्ब नहीं करेंगे और पूरा पैसा 10 लाख रुपए, 15 लाख रुपए, 12 लाख रुपए जो भी होगा, सरकार देगी आपके और ट्रांसप्लांट करवाएगी, ऐसा कहीं पर भी नहीं है हिंदुस्तान के अंदर कहीं पर भी नहीं है, शायद दुनिया में भी नहीं होगा और नंबर 3 साथ में हमने ये भी कर दिया है कि जो अस्पताल में भर्ती होगा चिरंजीवी योजना के अंदर उसके 5 दिन पहले से लगाकर जब वो अस्पताल से जाएगा, छुट्टी होगी उसकी, 15 दिन बाद तक का खर्चा भी सरकार उठाएगी, ऐसा आज तक कभी नहीं हुआ है और इसके अलावा 5 लाख रुपए का बीमा कर दिया है एक्सीडेंट का, भगवान करे कि कोई एक्सीडेंट नहीं हो, पर आप जानते हैं कि एक्सीडेंट तो होते रहते हैं और हमें बहुत दुःख होता है कि एक आदमी की भी जान क्यों जाए एक्सीडेंट के अंदर, आपको जानकर आश्चर्य होगा कि हमने 5 लाख रुपए का बीमा उसका भी कर दिया है, जिससे कि आदमी के परिवार में एक्सीडेंट हो भी जाए तो कम से कम 5 लाख रुपए उसको मिलते हैं। आपको जानकर खुशी होगी अभी मैंने मंगाए फिगर मंगाए हैं सरकार से, अभी तक जबसे ये योजना लागू हुई है, तबसे 1 हजार 384 लोगों को इसका फायदा मिला है, सड़क दुर्घटना में 1 हजार 151 लोग, वो ऊंचाई से गिर गए हैं तो 51 लोग, डूबने से मर गए हैं, अभी-अभी खबर आई है, जोधपुर से आई है ये खबर, 3 लोग मर गए हैं वहां पर सुरपुरा बांध के अंदर, बिजली गिरने से मर गए, बिजली गिरने के लिए उसके लिए अलग स्कीम हमारी है, उसमें पैसा मिलता है, पर बाकी जो है, करंट लग गया 117 केस हैं, मकान ढह गया 13 लोग मर गए, आग लगने से 4 लोग मर गए, आप बताइए कि 1 हजार 384 लोग अगर ये स्कीम नहीं होती, तो वो हमारे पास एप्लीकेशन लेकर घूमता रहता बेचारा, अब आप बताइए कि अपने आप ही उसको अधिकार मिल गया परिवार को, अगर ऐसी मौत होती है तो 5 लाख रुपए उसको मिलना अनिवार्य है, जिला कलेक्टर देगा उसको, ऐसा आज तक कभी नहीं हुआ, इस प्रकार से हमने इस योजना को लागू किया है, जिसका लाभ आपको मिल रहा है। इसलिए मैं कहना चाहूंगा कि सरकार की तरफ से ऐसी-ऐसी योजनाएं बनी हैं जो आपके सामने हैं, अब 50 यूनिट हमने फ्री कर दीं बिजली की, आप सोचिएगा और मैं ये भी कहना चाहूंगा कि अभी मैंने कहा आपको कि हम कोई अहसान नहीं कर रहे हैं, ये मैंने आपको क्यों कहा? इसलिए कहा कि बाबा साहब के संविधान में ये लिखा हुआ है कि भारत के संविधान में राज्य के नीति-निर्देशक तत्त्वों में ये लिखा हुआ है कि सरकार जनकल्याण को प्रोत्साहित करते हुए सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय के लिए कार्य करेगी एवं समाज की असमानता को कम से कम करेगी, अब आप बताइए संविधान कहता है कि कल्याणकारी कार्य करेंगी सरकारें, तो मैं बताऊं आपको ये जो सोशल सिक्योरिटी दे रहे हैं हम आपको, चाहे वो मेडिकल की हो, चाहे हमने आपके लिए 50 यूनिट फ्री कर दी हो बिजली की, 300 यूनिट तक सब्सिडी दे रहे हैं, हर घर के अंदर 44 लाख तो लोग जो हैं, जिसमें किसानों को भी 1 हजार रुपए दे रहे हैं हम लोग अलग से, 44 लाख लोगों का बिजली का बिल जीरो आने लग गया है, जीरो बिल आने लग गया है, आप बताइए कि कितना बड़ा फैसला हमने किया है और उसके अलावा जो स्कीम्स हम लेकर आए इंदिरा गांधी रोजगार योजना, नरेगा आया आपको मालूम है कि डॉ. मनमोहन सिंह जी के वक्त में, सोनिया गांधी जी के वक्त में पहली बार अधिकार आधारित युग की शुरुआत हुई, जिसमें गांवों में पहले अकाल-सूखे पड़ते थे, कितनी तकलीफ होती थी काम मांगने के अंदर, गायों को बचाने का अलग खर्चा, चारे का अलग प्रबंधन करो, पीने का पानी मनुष्यों के लिए भी, गायों के लिए भी और रोजगार के लिए अलग भटकना पड़ता था, अब आपके पार्लियामेंट में कानून बना दिया है डॉ. मनमोहन सिंह जी ने, सोनिया गांधी जी ने कि 100 दिन के रोजगार की गारंटी होगी, कानून बनाकर वो लागू किया, सरकारें कोई आओ, वो बदल नहीं सकता है और हमने क्या किया है, पिछले बजट में 25 दिन एक्स्ट्रा कर दिए हैं, 100 दिन की बजाय 125 दिन का काम मिलेगा, शहरों के अंदर इंदिरा गांधी जी के नाम से शहरी रोजगार गारंटी योजना लेकर आए हैं और अभी तक आपको जानकर खुशी होगी कि 3 लाख लोग अभी तक उसके अंदर काम पर लग चुके हैं, 1 करोड़ लोगों को हम लोग चाहे विधवा हो, बुजुर्ग बूढ़े आदमी हो, बुजुर्ग औरत हो, विधवाएं हों, निःशक्तजन हो, उन सबको घर बैठे हुए पेंशन दे रहे हैं 1 करोड़ लोगों को, आप कल्पना कीजिए कि कितना बड़ा आराम है बूढ़े लोगों को भी जब पेंशन मिलती है तो घर में, हमारी माताएं-बहनें बैठी हुई हैं, ये भी करती होंगी कि पेंशन मिलने का मतलब सम्मान मिलना है बूढ़े आदमी को, बूढ़ी महिला को और जब सम्मान मिलता है सरकार का, तो घरवाले भी उसको पूछते हैं, बुढ़ापे में उनका मान-सम्मान करना पड़ता है क्योंकि आप जानते हो कि बच्चे बहुत व्यस्त रहते हैं, बहुएं भी बहुत व्यस्त रहती हैं, अगर पेंशन मिलती है तो बच्चे भी आते हैं दादा-दादी के पास में पूछने के लिए कि दादा-दादी की सेवा करेंगे तो 5 रुपए, 10 रुपए इनाम मिलेगा, तकलीफ क्या है, तो इस प्रकार से हमने हर चीज का ध्यान रखा है, जिससे कि उनका सम्मान बना रहे। इस प्रकार से आप सोचिए कि जो अनाथ बच्चे होते हैं, कोरोना में हो गए, अलग पैकेज दिया है मैंने उनको, 1-1 लाख रुपए दिए हैं, 5 लाख रुपए जब 18 साल के होंगे, तब उनको मिलेंगे, जो कोरोना में अनाथ बच्चे हो गए उनके लिए अलग स्कीम है, विधवाओं के लिए अलग स्कीम बनाई है मैंने, सबके परिवारों में हम लोग पैसा 1-1 लाख रुपए दे रहे हैं, 50 हजार रुपए थे, उसके बाद में और दे रहे हैं, इस प्रकार से कोरोना के अंदर मैंने 35 लाख लोगों को जो हम घरों में बंद थे, तो 5 बार मैंने उनको 1-1 हजार रुपए भेजे उनके घरों में, 1 बार 1500 रुपए भेजे थे, जिससे कि उनका आराम से टाइम निकल सके क्योंकि काम-धंधे सब बंद हो गए थे, ये ध्यान भी हमने रखा। इसलिए मैं कहना चाहूंगा कि आज अनाथ बच्चे जो हैं राजस्थान में अनाथ बच्चे वो दादा-दादी के पास रहते हैं, नाना-नानी के पास रहते हैं, या कोई रहते हैं रिश्तेदार के यहां, उनको 5 लाख बच्चों को उनका पूरा खर्चा सरकार उठा रही है पालनहार योजना के अंतर्गत, बहुत पॉपुलर योजना ये भी बनी हुई है, आप कल्पना कीजिए कि ये सब सोशल सिक्योरिटी है, ये विदेशों के अंदर, दुनिया के अंदर, आपके बीएल रैगर साहब रहते हैं अमेरिका के अंदर, इस बार तो आए नहीं वो, पहले वो 2-3 बार आए थे मेरे साथ मंच पर, उनको पूछिए आप कि दुनिया के मुल्कों में हर परिवार की सोशल सिक्योरिटी होती है, वीकली पैसा मिलता है जिससे कि कोई तकलीफ नहीं पाए, हमारे यहां भी हम चाहते हैं, नरेंद्र मोदी जी को चाहिए कि राजस्थान ने जो सोशल सिक्योरिटी का बीड़ा उठाया है, चाहे स्वास्थ्य सेवाएं हों, चाहे शिक्षा हो, चाहे पानी की योजनाएं हों, चाहे बिजली में मैंने आपको बताया कि हमने 50 यूनिट और 300 यूनिट तक कम कर दी हैं रेट्स, जीरो बिल आ रहे हैं, ऐसी स्कीम्स भारत सरकार को चाहिए कि पूरे देश में लागू करें जो हमने लागू की हैं, मॉडल राजस्थान बनाकर लागू की हैं, ये मैं उनसे भी आग्रह करना चाहूंगा कि उनको आगे आना चाहिए, ये कोई रेवड़ियां नहीं हैं, ये कहकर आप बेइज्जती करो गरीबों की, ये कोई रेवड़ियां नहीं हैं, महंगाई का जमाना बहुत भयंकर है, हमारी बहनों को घर चलाना मुश्किल होता है इतनी महंगाई हो गयी है, 200 रुपए किलो तेल हो गया है, क्या खाएं, क्या खाना बनाए वो? बेरोजगारी बहुत भयंकर है, नौकरियां लग नहीं रही हैं लोगों की, राजस्थान सरकार फिर भी 3 लाख से अधिक नौकरियां लगा रही है जो एक रिकॉर्ड है राजस्थान के अंदर, हम आने वाले वक्त में और प्रयास कर रहे हैं कि किस प्रकार से नौकरियां लगें। कल हमने इन्वेस्ट राजस्थान किया था सम्मेलन, जिसमें 3 हजार डेलीगेट्स आए थे, यहां उद्योग-धंधे लगेंगे तो प्राइवेट सेक्टर में लोगों को रोजगार मिलेगा, आपकी सरकार कोई कमी नहीं रख रही है, राजस्थान में चहुंमुखी विकास हो, राजस्थान में लोगों को रोजगार मिले, महंगाई की मार कम करने के लिए हम इतनी स्कीम लेकर आए हैं, ये तमाम खर्चा बचेगा, सेविंग होगी तो आप बच्चों के लिए दूध-पानी का इंतजाम कर सकते हो। इस प्रकार से महंगाई के जमाने के अंदर हमारी तमाम योजनाएं सोशल सिक्योरिटी जो है, जैसा मैंने आपको पढ़कर सुनाया, संविधान की मूल भावना वही थी और साथ के अंदर संविधान के साथ-साथ में जो मूल भावना है उसको आधार बनाकर हम काम कर रहे हैं, इसलिए ये तमाम संभव हो पा रहा है। सरकारी कर्मचारियों को हमने ओल्ड पेंशन स्कीम से जोड़ दिया है, बहुत बड़ा फैसला था, आज वो सिक्योर हो गए हैं, वरना तकलीफ पा रहे थे वो लोग भी, चिंता कर रहे थे कि पता नहीं, हमारे रिटायरमेंट के बाद में क्या होगा, वो काम भी हमने किया है। कोचिंग में जो है बहुत पैसा लगता है, गरीब परिवार कहां से पैसा लाए कोचिंग के लिए, 15 हजार बच्चों को जो गरीब वर्ग से हैं, पिछड़े वर्ग से हैं, उनको सरकार कोचिंग करवाएगी, ये हमने फैसला किया है, 200 बच्चों को विदेश भेज रहे हैं पढ़ने के लिए, जो टैलेंटेड हैं प्रतिभाशाली हैं, उनका पूरा खर्चा, 50 लाख रुपए फीस हो वहां पर, चाहे 1 करोड़ रुपए फीस हो, वो सरकार दे रही है, अभी तक लगभग 200 बच्चे जा चुके हैं, मैं आपको ये इसलिए कह रहा हूं कि आप लोग कृपा करके नौजवान साथी बैठे हुए हैं, कृपया ध्यान रखें कि सरकार की क्या-क्या योजनाएं हैं, आपके ज़ेहन में रहनी चाहिए, आपका परिवार फायदा उठा सके और आप किसी परिवार को समझा सको, आप इस काम में आगे आ सको, इसलिए मैंने ये सब बातें आपको बताई हैं कि किस प्रकार से हमें आगे बढ़ना है। इस प्रकार से मैं कहना चाहूंगा कि बजट के अंदर हमने शेड्यूल्ड कास्ट के विकास कोष की राशि को 100 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 500 करोड़ रुपए कर दिया है मैंने और साथ में आपको जानकर खुशी होगी शायद आपको मालूम भी होगा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर एससी-एसटी उद्यमी प्रोत्साहन विशेष पैकेज दिया है, पहली बार इतिहास में डॉ. भीमराव के नाम से जो उद्यमी हैं, इंडस्ट्री लगाते हैं, जो इसके अध्यक्ष भी हैं चैंबर ऑफ कॉमर्स शे़ड्यूल्ड कास्ट के, चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष हैं, हमारी मीटिंग में आते हैं, उनके सुझाव पर मैंने इतना बड़ा काम किया है, डॉ. भीमराव अंबेडकर एससी-एसटी उद्यमी प्रोत्साहन विशेष पैकेज दे रहे हैं। इस प्रकार से जो प्रोत्साहन योजनाएं हैं, उसमें इनको फायदा मिलने लग गया है राजस्थान के अंदर, ये मैं निवेदन करना चाहता हूं। प्रमोशन में आरक्षण, हिंदुस्तान में एकमात्र राज्य है जिसका नाम है राजस्थान, एससी के लोगों को, एसटी के लोगों को, बाकी राज्यों में खत्म हो चुका है, राजस्थान में हमने बचाकर रखा है, न्यायालय में लड़ाई लड़ी गई मेरे द्वारा, सुप्रीम कोर्ट में हम जीते हैं, आज राजस्थान एकमात्र राज्य है जहां पर एससी-एसटी के लोगों को प्रमोशन में आरक्षण आज भी कायम है, और कहीं कायम नहीं है, ये मैं कहना चाहता हूं आपको। इस प्रकार से मैं आपको इतना ही कहना चाहूंगा कि चाहे आज हम सरकार में केंद्र में नहीं हैं, और राहुल गांधी जी की जो भारत जोड़ो यात्रा निकल रही है, आप जानते हैं कि राहुल गांधी जो बोलते हैं, टीवी में सुनते होंगे आप लोग, वो बात महंगाई की कर रहे हैं, महंगाई कम होनी चाहिए देश के अंदर, वो बात बेरोजगारी की कर रहे हैं कि बेरोजगारी समाप्त होनी चाहिए लोगों को रोजगार मिलने चाहिए, नौकरियां मिलनी चाहिए, वो बात करते हैं प्रेम की, भाईचारे की, सद्भावना की बात करते हैं कि हिंसा नहीं होनी चाहिए, आपस में प्रेमभाव से रहो, संविधान की धज्जियां उड़ रही हैं, लोकतंत्र खतरे में है, उसकी बात वो कर रहे हैं भारत जोड़ो यात्रा नाम दिया गया है और लाखों लोग आ रहे हैं, मैं जाकर आया चेन्नई के अंदर, तमिलनाडु में, मैं जाकर आया केरल के अंदर, लाखों लोग एकसाथ सड़कों पर आकर साथ-साथ चल रहे हैं, उससे अंदाज कर लीजिए कि उनका जो रास्ता है, उनका जो संदेश है, वो आपको और हम सबको समझना पड़ेगा कि वो क्या चाहते हैं और केंद्र सरकार हिल गई है, भारतीय जनता पार्टी बेचैन हो गई है, इस रूप में आज आप देख रहे हो कि पूरे मुल्क में माहौल बदल रहा है, मीडिया वाले जो दबाव में थे, दबाव कम होने लग गया है उनका भी, उनको कवर करना पड़ रहा है राहुल गांधी की यात्रा को भी कवर करना पड़ रहा है भारत जोड़ो यात्रा के नाम से, दबाव में मीडिया था, गोदी मीडिया था, दबाव कुछ कम हुआ है, पूरा नहीं हुआ है, कुछ कम हुआ है, आप मजबूत रहोगे और देश के अंदर माहौल बनेगा कि रास्ता कौनसा सही है, सत्य का या असत्य का? हिंसा का या अहिंसा का? संविधान को बचाने का या संविधान की धज्जियां उड़ाने का? तो आप देखोगे कि जब लोग सड़कों पर आएंगे, चाहे नरेंद्र मोदी जी हों, चाहे अमित शाह जी हों, राज 2 ही लोग कर रहे हैं देश के अंदर, उनके पार्टी वाले भी बहुत दुःखी हो गए हैं उनसे, बोल नहीं पा रहे हैं डर के मारे कि पता नहीं क्या हो जाएगा, वो भी उनकी पार्टी में भी वो बात नहीं रही पहले वाली, उनकी पार्टी में खुद में बेचैनी हो गई है, तो आप समझ लीजिएगा कि देश बहुत समझदार है, इसका रोबस्ट कॉमनसेंस हमारी पब्लिक चाहे अनपढ़ होगी, पर समझदारी में कमी नहीं होती है हमारे देश की जनता के अंदर, गरीब हो, दलित हो, पिछड़ा हो, कोई भी क्यों नहीं हो। इसलिए मैं कहना चाहूंगा कि जो ये अखबारों में आते रहते हैं, गांधी के परिवार को कोई पूछ नहीं रहा है, अब गांधी परिवार में शक्ति नहीं रही है वोट दिलाने की, ये तमाम बातें बकवास हैं, गांधी परिवार का कोई व्यक्ति पिछले 30 साल से, आप सोचिएगा, इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री, बाद में उनकी हत्या कर दी गई, पर उन्होंने खालिस्तान नहीं बनने दिया देश के अंदर पंजाब के अंदर, राजीव गांधी आए उनकी हत्या कर दी गई, राहुल गांधी की दादी की हत्या हुई, राहुल गांधी के पिताजी की हत्या हुई, तब भी वो चल रहा है देश के अंदर सड़कों पर, साढ़े 3 हजार किलोमीटर पैदल चलेगा, किसकी बात कर रहे हैं, ये क्या तुलना करेंगे? सोशल मीडिया में उनको बदनाम करने का खूब प्रयास किया गया, इसलिए मैं कहना चाहूंगा कि सत्य का साथ पूरा देश देगा, ये घबरा गए हैं, इसलिए आरोप लगाते रहते हैं, कोई दम नहीं है उनके अंदर, 30 साल से गांधी परिवार का कोई व्यक्ति कोई पद पर नहीं है, आप सोचिएगा, न मंत्री बना केंद्र में, न प्रधानमंत्री बना, न मुख्यमंत्री कभी बना, तो बताइए कि इनके पेट में दर्द क्यों होता है फिर गांधी परिवार के नाम से? इनको तकलीफ क्या है? ये क्यों गांधी परिवार पर अटैक बार-बार करते हैं, वंशवाद, वंशवाद, वंशवाद? सोनिया गांधी जी ने कह दिया, राहुल गांधी जी ने कह दिया कि हमारे गांधी परिवार में से कोई भी कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बनेगा, अगर आप लोग इतना ही कहते हो, वंशवाद की बात करते हो, तो हम बाहर रह जाएंगे, कोई दिक्कत नहीं है। प्रधानमंत्री बना रहे थे सोनिया गांधी को, तब भी सोनिया गांधी जी ने जब प्रधानमंत्री का पद स्वीकार नहीं किया, गांव में कोई सरपंच बना दे किसी को, कोई मना करता है क्या वो कि मैं सरपंच नहीं बनूंगा? सोनिया गांधी जी ने मना किया कि मैं प्रधानमंत्री नहीं बनूंगी, डॉ. मनमोहन सिंह जो दुनिया के माने हुए इकोनॉमिस्ट हैं, देश को उनकी जरूरत है, उनको प्रधानमंत्री बनाया, ये क्यों भूल जाते हैं? इतनी बड़ी त्याग की मूर्ति सोनिया गांधी, उनके ऊपर तरह-तरह के आरोप, कि अब इनकी वोट कैचिंग पावर नहीं रही है, अरे आज भी देश की जनता किसी को मानती है कांग्रेस में तो सोनिया गांधी जी को मानती है, राहुल गांधी जी को मानती है, प्रियंका गांधी जी को मानती है, जहां वो जाएंगे लाखों लोग इकट्ठे होंगे, ये क्यों भूल जाते हैं कि जानबूझकर मीडिया इनका साथ दे रहा है, मीडिया दबाव के अंदर है, तमाम आर्टिकल लिखवाएंगे जहां आपस में झगड़े बढ़ाने की बात हो, कांग्रेस के अंदर भी, तो बीजेपी को फायदा मिलता है उससे, आप देख लीजिए अखबारों में रोज पढ़ते हैं आप लोग, आर्टिकल आते रहते हैं, न्यूज आती रहती हैं कि लड़ाई चल रही है राजस्थान में, कोई लड़ाई नहीं है, हम लोग सब मिलकर अगली सरकार बनाएंगे, ये हमारा संकल्प है और आप सबका आशीर्वाद हमें चाहिए, आपका आशीर्वाद मिलेगा और अगर रैगर समाज ने ये तय कर लिया, तो मैं आपको कह सकता हूं कि रैगर समाज का अपना एक ऑरा है देश के अंदर, प्रदेश के अंदर, भरा पड़ा है रैगर समाज दिल्ली के अंदर भी, कहां नहीं है? राजधानी में समाज का मेंबर पार्लियामेंट बना है मतलब एमपी बने हैं, यहां 3-3 एमएलए बने थे बाबूलाल जी के वक्त में, जब पहली बार मैं आपके आशीर्वाद से मुख्यमंत्री था, 22 साल, 24 साल हो गए इस बात को, तब बाबूलाल जी मेरे ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर थे उस जमाने के अंदर, इसलिए आप निश्चिंत रहो, हमारी सरकार हमेशा बाबा साहब के संविधान की रक्षा करेगी, लोकतंत्र को मजबूत करेगी, इनके मंसूबे जो हैं, वो पूरे नहीं होने देंगे हम लोग, हम चाहेंगे कि देश में प्रेम-भाईचारा रहे क्योंकि परिवार में भी यदि झगड़ा होता है भाइयों के अंदर, वो परिवार कभी ऊपर नहीं उठ सकता है, प्रेमभाव होता है आपस के अंदर तो परिवार ऊपर उठता है, यही बात लागू होती है गांवों में भी, प्रदेश के अंदर भी और देश के अंदर भी, हम चाहेंगे कि सभी लोग मिलकर जो आज हो रहा है, उसमें भागीदारी निभाएं हम लोग, सबको मौका मिले, बोर्ड कॉर्पोरेशन में आपका आदमी नहीं आ पाया था, इस बात का हमें भी दुःख है, मौका लगते ही आपको प्रतिनिधित्व दिया जाएगा, ये मैं कहना चाहूंगा आपको, घोषणा करना चाहता हूं, आप निश्चिंत रहो, जहां मौका लगेगा, रैगर समाज हमारे दिल में बसता है, आप निश्चिंत रहो, कोई कमी नहीं आने देंगे और जब मौका लगेगा, तमाम उन योजनाओं को लेकर आएंगे जो आपके हितों की रक्षा करती हों। इतनी भारी तादाद में आप लोग आए हो, रिकॉर्ड तोड़ दिया आपने, मेरा फर्ज था कि मैं पहले अपनी बात कह दूं जिससे कि ऐसी स्थिति नहीं बने कि बरसात में मुझे पूरा बोलने का मौका ही नहीं मिले, तो मैं आपका प्यार, आपका स्नेह, आपका आशीर्वाद, जो बना हुआ है उसके कारण मैंने कहा कि मैं पहले बोल जाता हूं, अब मैं यहां बैठूंगा अभी, दोनों मंत्री बोलेंगे मैं बैठूंगा, जाऊंगा नहीं, यही बात कहता हुआ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, धन्यवाद, जय हिंद, धन्यवाद।

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