Shri Ashok Gehlot

Former Chief Minister of Rajasthan, MLA from Sardarpura

एकल नारी शक्ति संगठन की 20वीं वर्षगांठ के समारोह

दिनांक
05/11/2019
स्थान
जयपुर


मुझे खुशी है कि एकल नारी संस्थान ने अपने संगठन की बीसवीं वर्षगांठ मनाने का निर्णय किया। 20 साल का अरसा कम नहीं होता है आप लोगों ने लंबा सफर तय किया है और मेरा सफर भी आप सभी के साथ-साथ चलता रहा मैं भी 20 साल पहले पहली बार मुख्यमंत्री बना था। आपके संगठन का उदय और मेरा मुख्यमंत्री बनना करीब-करीब साथ साथ शुरू हुआ। लंबे सफर में संघर्ष करते-करते आप जयपुर तक पहुंची हैं और आज बीसवीं वर्षगांठ मना रही है, आपको बहुत-बहुत बधाई, शुभकामनाएं, और मुबारकबाद।
इस देश में महिलाओं ने आजादी के पहले भी और आजादी के बाद भी हमेशा अपनी भूमिका निभाई है। महिलाओं के बारे में हमें गर्व होता है, इस देश की महिलाओं ने इस देश का मान-सम्मान पूरी दुनिया में बढ़ाया है। कई उदाहरण हमारे सामने हैं इंदिरा गांधी जी का उदाहरण हमारे सामने है जिन्होंने महिला हो करके-करीब 17 साल तक देश पर राज किया प्रधानमंत्री के रूप में इतने बड़े मुल्क पर...अपनी छाप थोड़ी है पूरे विश्व के अंदर ऐसे उदाहरण विश्व में बहुत कम मिलते हैं उन्होंने देश दुनिया में पहचान बनाई महिलाओं का मान सम्मान बढ़ाया और बचपन से ही उनके संस्कार थे... प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए अपनी जान दे दी उनका सीना छलनी कर दिया गया गोलियों से लेकिन देश में खालिस्तान नहीं बनने दिया आतंकवाद का मुकाबला किया। अपनी मृत्यु से पहले इंदिरा गांधी जी ने कहा था मेरी जान भी चली जाएगी तो मुझे कोई परवाह नहीं अगर मेरी जान जाएगी तो मेरे खून का एक-एक कतरा देश के काम आएगा वह इंदिरा गांधी थी बांग्लादेश का उदय किया और पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए बड़ी भूमिका निभाई उन्होंने हालांकि उन्होंने कोई राजनीति नहीं की इसे लेकर। सेना का पराक्रम देखने लायक था पाकिस्तान के देखते-देखते दो टुकड़े हो गए बांग्लादेश अलग बन गया और 93000 पाकिस्तान के जनरल, कर्नल, मेजर, सैनिक उन्होंने हथियार सहित समर्पण कर दिया आप कल्पना करो वह इंदिरा गांधी थी जिनके लिए बाद में अटल बिहारी वाजपेई जी को कहना पड़ा पार्लियामेंट के अंदर कि इंदिरा गांधी दुर्गा का रूप है। दुर्गा के रूप में आप सब यहां बैठी हुई हो आप सबको बधाई मुबारकबाद आप में काम करने का जज्बा है संघर्ष करने का जज्बा है जो इंदिरा गांधी जी में था वह देश की प्रत्येक नारी में होना चाहिए तब यह देश आगे बढ़ेगा महिलाओं की आबादी पुरुषों के करीब-करीब बराबर है। यह पुरुष प्रधान देश रहा है इसलिए महिलाएं हमेशा द्वितीय रही है हर क्षेत्र के अंदर। पर अब समय बदल गया है राजीव गांधी जी ने संविधान में संशोधन किए और आपको अधिकार दे दिया पंचायती राज में नगर पालिका में गांव में वार्ड में सरपंच प्रधान प्रमुख नगर पालिका के चेयरमैन बनने का वार्ड पार्षद बनने का। आरक्षण देकर के महिलाओं को अधिकार देना राजीव गांधी जी के संविधान संशोधन से संभव हुआ उसके बाद से अब गांव में महिलाएं सरपंच बनने लग गई है पहले नहीं बनती थी अब महिलाओं ने धीरे-धीरे कॉन्फिडेंस के साथ में काम करना शुरू कर दिया है। शुरू-शुरू में जब महिलाएं सरपंच बनी थी हम लोग गांव में जाते थे कोई मिलने आता था तो मैं सरपंच हूं और हमारे साथ आकर बैठ जाते थे मीटिंग खत्म होती तो मालूम पड़ता कि सरपंच यह नहीं सरपंच इनकी पत्नी है जो नीचे बैठी हुई है हम कहते थे कि आप तो यहां बैठ गए और आपकी पत्नी नीचे बैठी हुई है तो कहते कि भाई मैं सरपंच पति हूं। मीटिंग के अंदर महिला कुछ बोल नहीं पाती थी लेकिन अब धीरे-धीरे महिलाओं के हौसले बढ़ गए हैं। उसमें आप जैसे संगठन का भी, कविता जी बैठी हुई है उनकी पूरी टीम बैठी हुई है जो एक्टिविस्ट है इन सब का योगदान है ऐसा माहौल बना देश के अंदर कि जो महिलाएं हैं अपने पति को कह देती हैं कि आप घर जाओ मैं संभाल लूंगी काम, उनको जरूरत नहीं बैठने की।
आप बताइए एक समाज को एक महिला को घूंघट में कैद करने का क्या अधिकार है आप बताइए आप तो एक्टिविस्ट हैं जब तक घूंघट रहेगा तब तक महिलाएं आगे नहीं बढ़ सकती। अब जमाना घूंघट का जा चुका है, आपको हिम्मत और हौसले के साथ आगे बढ़ना पड़ेगा सरकार आपके साथ खड़ी मिलेगी। आप नारी को घूंघट में कैद नहीं कर सकते जब उसे दुर्गा कहते हैं तो उसकी भी देश के निर्माण में भागीदारी होनी चाहिए। तो मैं आपको कहना चाहूंगा कि जमाना बदल गया है बाल विवाह नहीं होने चाहिए आप एकल नारी संगठन के लोग हैं तो आप सुनिश्चित करें कि यदि गांव में बाल विवाह होगा तो हम उसे रोकेंगे बाल विवाह से जिंदगी बर्बाद हो जाती है अभी 10 दिन पहले सीएम हाउस के अंदर एक बच्ची अपने अंकल को लेकर मेरे पास आई कि मेरे पिताजी मेरा जबरदस्ती बाल विवाह कर रहे हैं तो मैंने पुलिस के माध्यम से पूरी व्यवस्था करी, बाल विवाह नहीं होगा सरकार बच्ची की पूरी मदद करेगी। महिलाओं पर अत्याचार उत्पीड़न की घटनाएं होती रहती हैं अभी हमने सरकार बनने के बाद फैसला किया है तमाम जिलों के अंदर एक-एक डीवाईएसपी रैंक का ऑफिसर नई पोस्ट क्रिएट करें जो यह काम देखेंगे जिले के अंदर किसी भी महिला के साथ अन्याय अत्याचार उत्पीड़न हो तो वह ऑफिसर इसकी तफ्तीश करवाएगा खुद देखेगा, मॉनिटरिंग करेगा, यह क्रांतिकारी फैसला हमने अभी किया जो लागू हो चुका है।
हम सेल्फ डिफेंस का काम भी शुरू कर रहे हैं, जो बच्चियां स्कूल में पढ़ती हैं उनको सेल्फ डिफेंस का कोर्स करवा रहे हैं ट्रेनिंग दिलवा रहे हैं परसों ही मैंने मीटिंग की है कोई भी लड़की समाज में यदि वह पढ़ती नहीं है तो भी यदि वह सेल्फ डिफेंस का कोर्स करना चाहती है ट्रेनिंग लेना चाहती है तो हम उसके लिए अलग से व्यवस्था करेंगे यह एक नया कदम ने उठाया है ताकि महिलाओं का हौसला बुलंद हो एक कॉन्फिडेंस पैदा हो और उस रूप में आगे बढ़ सके।
मैंने सुना करीब 70000 मेंबर आपके बने हैं यह बड़ी बात होती है आपकी अध्यक्ष जी को, तमाम पदाधिकारियों को मैं हृदय से बधाई देना चाहूंगा कि आपने हिम्मत की। महिलाएं आंदोलन में हमेशा आगे रहती है मैंने हमेशा देखा है कहीं अत्याचार हो या शराब की दुकानों को बंद करवाने की बात हो, करप्शन की रोकथाम हो, सामाजिक कुरीतियां हो, डायन प्रथा हो, गांवों में डायन प्रथा भी चलती है यह सभी अंधविश्वास है कुरीतियां है। मैं आपको कहना चाहूंगा आप जयपुर में बैठे हुए हैं, विभिन्न जिलों से आए हैं, सामाजिक संस्थाओं में काम करते हैं दिमाग में रखो कि यह सब अंधविश्वास है। डायन वायन कुछ नहीं होती है यह सदियों से चला आ रहा है। यह चीजें समाज को गुमराह करती हैं। इसमें कोई दम नहीं होता है आज भी यह कुप्रथा चलती रहती है अंधविश्वास से और नारी को नुकसान होता है आप ध्यान में रखें कि डायन नाम की कोई चीज दुनिया के अंदर नहीं होती है यह तमाम चीजें समाज में इस प्रकार से बना दी गई किसी को भूत आ जाता है डायन आ जाती है पता नहीं कहां से आ जाती है मैं खुद मैजिशियन हूं जादू में कुछ भी नहीं होता है सिर्फ ट्रिक होती है, दिखता तो है कि जादू ही हुआ है दिखता सही है लेकिन वो नाटक है डायन का, भूत का, प्रेत का, सब नाटक है और कुछ भी नहीं है मैं आपको यदि यह बात कह रहा हूं तो कुछ सोच कर कह रहा हूं मैजिक में तो खाली ट्रिक होती है आप मैजिक को देखेंगे लगेगा कि यह तो ट्रिक हो ही नहीं सकता यह तो जादू ही है इतना अच्छा मैजिक होता है उस प्रकार से यह मामला है गांवों में कई बार तो कोड़े लगा देते हैं, जला देते हैं उनको पर आप महिलाएं जागरूक हैं इसके मुझे कहना पड़ रहा है कि आप सभी चीजों को लेकर आगे आएं सरकार को भी आपका सहयोग मिलेगा सरकार अपने स्तर पर सारे काम नहीं कर सकती है। जब तक समाज का सहयोग नहीं हो तब तक काम आगे नहीं बढ़ पाता।
कविता जी और जो एक्टिविस्ट हैं इसलिए मैं हमेशा उनके साथ खड़ा रहता हूं क्योंकि गांधीजी भी एक्टिविस्ट थे अगर अपने जीवन में भी एक्टिविस्ट की तरह काम नहीं करते तो भी कभी गांधी नहीं बनते। एक्टिविस्ट बनना पड़ता है जो सरकारी पद पर भी नहीं हो, नौकरी भी नहीं करता हो, पर समाज समाज की भावनाएं क्या है, कुरीतियां क्या है, कहां शोषण होता है कहां अत्याचार होता है उसके लिए आवाज बुलंद करने वाला व्यक्ति वह स्त्री या पुरुष कोई भी हो सकता है मैं कहना चाहूंगा कि आप सभी एक्टिविस्ट की तरह है मेरी दृष्टि के अंदर और आप हमेशा बदलाव की मिसाल होती हैं मुझे अच्छा लगा किताब का विमोचन करवाया गया यह जो किताब है इस पर लिखा है कि एक नारी परिवर्तन करने में अपनी भूमिका अदा कर सकती है इसके लिए एकल नारी शक्ति संगठन को बधाई यह पुस्तक इंग्लिश के अंदर है इंग्लिश काम नहीं आएगी इसको हिंदी में करना पड़ेगा तब जाकर के यह काम आएगी हम राजस्थान में बैठे हुए हैं यह पुस्तक हिंदी में होनी चाहिए थी इंग्लिश में नहीं ज्यादातर काम हिंदी में करो इंग्लिश देश पर इतनी हावी हो गई है जिसके कारण कई प्रॉब्लम भी पैदा होती हैं। ज्यादातर हिंदी काम में ले ताकि महिलाएं पढ़ सके।
शिक्षा के लिए मैं कहना चाहूंगा, शिक्षा के बगैर जीवन में अंधेरा है आप में से कई महिलाएं अनपढ़ होंगी उन्हें महसूस होता होगा कि आज हम पढ़े-लिखे होते तो पता नहीं हम कहां पर क्या काम कर रहे होते हम एमएलए बन सकती थी, एमपी बन सकती थी ,मंत्री बन सकते थे, मुख्यमंत्री बन सकते थे। महिला मुख्यमंत्री बनी है देश के अंदर। पढ़ाई के बगैर जीवन में अंधेरा है, अब समय बदल गया है अगर जीवित रहना है समाज में आगे बढ़ना है तो अपने परिवार में और पड़ोस के अंदर कोई भी बालक-बालिका शिक्षा से वंचित नहीं रहे यह आपका संकल्प होना चाहिए ताकि आने वाले समय में वही बालक बालिका बड़े होकर के आज विज्ञान का जमाना है आईटी का जमाना है जिसमें नौकरी लगती भी है कहीं ना कहीं प्राइवेट में सरकार में 5 लाख 1000000, 20 लाख, 25 लाख जो पहले कभी नहीं था आप कल्पना कर लीजिए वह समय आ चुका है।
मोबाइल फोन आजकल सब के पास है आप यहां बैठे हुए हैं हाथ खड़ा करो किन के पास मोबाइल फोन है....करीब-करीब सभी के हाथ खड़े हो गए हैं अब आप बताइए मोबाइल का जमाना है, जमाना बदल गया है दुनिया मुट्ठी में है इसका आप एक पर्सेंट उपयोग भी नहीं कर पाते हैं आप में से जो पढ़े लिखे हैं तो गूगल के माध्यम से दुनिया में क्या हो रहा है उसमें गेम भी है, समाचार भी है, कहानियां भी है, किस्से भी है सब कुछ उसके अंदर है दुनिया भर की जानकारी है अभी तो क्या है कि यदि कोई काम कर रहे हैं तो फोन कर दिया अपने पति को कि मैं थोड़ी देर से आऊंगी लेकिन इसका उपयोग इससे कहीं बड़ा है क्रांतिकारी उपयोग भी इसका है इस जमाने में। यदि पढ़ाई नहीं कर पाएंगे तो बच्चे भी हमारी तरह जिंदगी निकालेंगे और आगे नहीं बढ़ पाएंगे। कोई भी परिवार हो समाज हो या जाति वर्ग हो वही आगे बढ़ेगा जिसके परिवार में शिक्षा होगी जो परिवार शिक्षित होगा यह दिमाग में रखे आप।
आपने नरेगा को लेकर प्राथमिकता की मांग रखी है, मैं समझता हूं कि यह मांग होनी नहीं चाहिए थी। आपको मालूम होना चाहिए डॉ मनमोहन सिंह जी ने और सोनिया गांधी जी ने इतना बड़ा क्रांतिकारी काम किया कि कानून बनाकर के पार्लियामेंट का प्रत्येक नागरिक को यह अधिकार दे दिया है आप 100 दिन का रोजगार जब चाहे ले सकते हो। अकाल पड़ो या नहीं पड़ो तब भी ले सकते हो तो प्राथमिकता की जरूरत ही क्या है आप काम मांगोगे तो काम देना पड़ेगा और काम नहीं मिलेगा तो घर बैठे आपको पैसा देना पड़ेगा इतना कानून है। जानकारी के अभाव में हम इनका उपयोग नहीं ले पाते। जिला प्रशासन के लिए काम देना अनिवार्य है यदि आपका मांग रहे हो तो वह आपको काम देने से मना नहीं कर सकता पर काम मांगते ही नहीं है इसलिए देते नहीं है पूरा उसका प्रोसेस है आप निश्चिंत रहो हम और बात करेंगे और आपके साथ में पूरा न्याय होगा।
बच्चों की उच्च शिक्षा के बारे में बात की गई है...आजकल आरटीई का जमाना है, यूपीए सरकार ने सबको शिक्षा का अधिकार दे दिया, लड़कियों की शिक्षा में पूरी फ्री कर रखी है, चाय एम ए करो बीए करो कुछ भी करो बाकी भी करीब-करीब शिक्षा फ्री होती है और जो जरूरत पड़ेगी वह देखेंगे लड़कियों की शादी में सरकार ₹21000 मिलते हैं कई लोगों को मालूम ही नहीं होता है कई लोग सीएम हाउस में पहुंचते हैं कि मेरे यहां शादी है मुझे पैसा चाहिए उन्हें पता ही नहीं होता है कि पहले स्कीम बनी हुई है यह जानकारी आपको है आराम से आप उसका फायदा उठा सकते हो. मैं कहना चाहूंगा कि हमारी सरकार के एजेंडे में जन कल्याण टॉप पर है इसीलिए हमने पेंशन की स्कीम चालू की बुजुर्गों के लिए, एकल नारी के लिए, विधवाओं के लिए, सरकार में आते ही हमने उसका अमाउंट बढ़ा दिया 500 से साढ़े सात सौ कर दिए साढ़े सात सौ से हजार कर दिए।
हम लोग लगातार जनकल्याणकारी योजनाओं को लेकर चल रहे हैं राजस्थान में दवाएं फ्री हैं, टेस्ट फ्री शुरू कर दिए। हमारे यहां इसे लेकर कोई राजनीति नहीं होती है हम चाहते हैं कि हमारे प्रदेश में हर व्यक्ति को चाहे किसान हो, चाहे मजदूर हो, चाहे महिलाएं हो, उनको पूरा हक मिले और इसमें कोई राजनीति नहीं हो। तमाम योजनाएं केंद्र की है चाहे राज्य की है हम चाहेंगे कि उसका पूरा लाभ आप उठाएं यह मैं आपसे अपील करना चाहूंगा।
मैं प्रथम सेवक के रूप में आपके बीच में हाजिर हो सका मैं आपसे अपेक्षा करूंगा कि सरकार ने जो कदम उठाए हैं उसमें आप लोग साथ दें। समाज में ऑनर किलिंग होती है कई बार लड़का-लड़की जाति-बिरादरी के बाहर शादी कर लेते हैं आजकल तो कार्ड छपने लग गए हैं पहले जमाने में तो परिवार वालों को ऐसी शादियां मंजूर नहीं होती थी लोग स्वीकार नहीं करते थे फिर लड़के लड़कियां कहीं जाकर आर्य समाज में शादी करते थे।अब इतना बदलाव आ गया है कि लोग भी कार्ड छपवाते हैं जिसके साथ शादी हो रही है उसकी जाति भी लिखते हैं यह जमाना आ गया है और कहीं ऐसी स्थिति भी है लड़की की लड़के से शादी करने की इच्छा हो गई और शादी कर ली तो मां-बाप उसकी हत्या कर देते हैं लड़की की, लड़के की हत्या कर देते हैं, दोनों की हत्या कर देते हैं बताइए आप जमाना कहां पहुंच गया चांद पर पहुंच रही है सरकारें। दशकों पहले इसरो बना था आज चंद्रयान जा रहे हैं, मंगलयान जा रहे हैं, उपग्रह छोड़े जा रहे हैं मोबाइल आपके उपग्रह से चलते हैं आप बताइए हम कहां पहुंच गए हैं। ऑनर किलिंग को लेकर हमने असेंबली के अंदर कानून पास किया है राजस्थान देश में पहला राज्य होगा जो ऑनर किलिंग के ऊपर कानून लाया है।

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