शिवगंज नगर, सिरोही के नवनिर्मित कांग्रेस कार्यालय का वर्चुअल उद्घाटन कार्यक्रम
दिनांक
05/12/2020 |
स्थान
जयपुर
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शिवगंज नगर, सिरोही के नवनिर्मित कांग्रेस कार्यालय का वर्चुअल उद्घाटन कार्यक्रम (5 दिसंबर):
मुझे खुशी है कि आज शिवगंज ब्लॉक की तरफ से नगर कांग्रेस के कार्यालय का उद्घाटन होने का सौभाग्य मिला। संयम लोढ़ा जी ये बोल रहे थे कि 1948 में देवीसिंह जी फ्रीडम फाइटर थे, उनके वक़्त का ये प्लॉट है, उसी से अंदाज़ कर सकते हैं कि विरासत में ये प्लॉट मिला और संयम लोढ़ा ने और इनके साथियों ने संकल्प व्यक्त किया कि हमें वहां भवन का निर्माण करना है। ये भवन जैसा धारीवाल जी कह रहे थे कि एक संदेश देगा, प्रेरणा देगा और जगह भी भवन बनें और मैं कहना चाहूंगा कि इसके साथ-साथ में सिरोही के अंदर आज इस भवन के कार्यालय के उद्घाटन के अवसर पर संयम लोढ़ा जी ने और इनके नगर पालिका अध्यक्ष जी ने जिस प्रकार से पूरे जिले के तमाम नेताओं को, जो आज एकसाथ बैठे हुए हैं, मेरे ख्याल से लंबे अरसे के बाद में ये सौभाग्य मिला कि जहां तमाम कांग्रेस के लोग, तमाम नेता, तमाम गुटबाजियां अलग-थलग करके और एकसाथ में बैठना, तो मेरा मानना है कि तो धारीवाल जी ने कहा कि ऑफिस के लिए प्रेरणा मिलेगी, मैं ये कहना चाहूंगा कि ऑफिस के साथ-साथ में कांग्रेस की एकता कैसे हो हर जिले के अंदर, हर ब्लॉक के अंदर, राजस्थान के अंदर उसका सूत्रपात भी आज आपके शिवगंज से और सिरोही से होने जा रहा है, उसके लिए आप सब बधाई के पात्र हैं और मैं उम्मीद करता हूं कि इस भावना को, चाहे वो ऑफिस बनाने की भावना हो, चाहे वो एकता की भावना हो, इसको आगे रखकर हमें बढ़ना है और मुझे यकीन है कि हमारे प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष इस काम को एक संकल्प के रूप में, एक कमेटी बनाकर के बाकायदा, जैसे एआईसीसी में बनाई थी अजय माकन जी को मालूम है, कि पूरे देश के अंदर जहां-जहां भवन बनाए हुए हैं वो प्रॉपर्टीज एआईसीसी के ट्रस्ट के रूप में हों, जहां जमीन पड़ी हुई है, प्लॉट पड़े हुए हैं उनका निस्तारण हो, वहां भवन बन जाएं, जितनी भी प्रॉपर्टियां कांग्रेस की हैं क्योंकि तमिलनाडु जैसी जगहों में, मुम्बई जैसी जगहों में आपको बड़े-बड़े भवन बने हुए देखने को मिलेंगे, जहां पर उस जमाने के अंदर लोगों ने अच्छे भवन बनाए और कई जगह देश के अंदर, ब्लॉक में भी, जिले में भी और प्रदेश के अंदर भवन बने हुए हैं, पर बहुत कम जगह बने हुए हैं। 70 साल तक शासन में रहे हम लोग, इस काम में हम लोग पीछे रहे, परंतु कोई चिंता की बात नहीं है, अभी जो बीजेपी ने भवन बनाए हैं पूरे देश के अंदर, हर जिले में बना रहे हैं, हर ब्लॉक में बना रहे हैं और उनके लिए पैसा आता है दिल्ली से, एक-एक जिले में एक करोड़, दो करोड़, पांच करोड़ जैसी स्थिति है क्योंकि पैसा जब नोटबंदी से कमाया हुआ है, जो पैसा इलेक्टोरल बॉन्ड एक बहुत बड़ा स्कैंडल है, जो लोकतंत्र के लिए खतरा है, एक पार्टी को इंडस्ट्रियलिस्ट चाहे तो 90 करोड़ दे और दूसरी पार्टियों में बांट दे 10 करोड़, तो कोई पूछने वाला नहीं है। इलेक्टोरल बॉन्ड अपने आपमें इतना बड़ा स्कैंडल है और मैं कहता हूं डेमोक्रेसी के लिए खतरा है, उसके अपने मायने हैं। पर चाहे ज्यूडिशियरी हो, कोई तैयार नहीं है कि उसके बारे में क्या टिप्पणी करें, क्या फैसले करें। पीएम केयर्स फंड बन सकते हैं इस देश के अंदर, अनहोनी है। देश में न कभी पीएम केयर फंड और न सीएम केयर फंड बन सकते हैं, पर नरेंद्र मोदी जी ने पीएम केयर फंड बनाया, कोई 100 करोड़ दे रहा है, कोई 500 करोड़ दे रहा है, कोई पूछने वाला नहीं है, उसकी जांच कोई नहीं कर सकता, न एजी कर सकती है और और न कोई जांच हो सकती है। इस प्रकार की जो स्थिति बनी है देश के अंदर, आज देश में डेमोक्रेसी को बहुत बड़ा खतरा है, ये हमें समझना पड़ेगा और आप लोग खुद देखते होंगे कि किस प्रकार सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स, ज्यूडिशियरी, तमाम संस्थाएं जो हैं जिस रूप में आज काम कर रही हैं उससे अंदाज कर सकते हो कि कांग्रेस जो आज दिख रही है मुझे शिवगंज के अंदर, ये मैं दिल से कह रहा हूं क्योंकि जब मैं एनएसयूआई में था तब से मैं सिरोही आता हूं, ये राजेंद्र सांखला बैठे हुए हैं यहां पर, ये मेरी इकाई के अध्यक्ष थे, तबसे मेरा रिश्ता है, 47 साल से रिश्ता है सिरोही से भी। तब से, आप सोच सकते हो कि मैं दिल से कह रहा हूं कि आज संयम लोढ़ा ने जो सबको बुलाकर जो एक संदेश दिया है, वो संदेश राजस्थान के कोने-कोने में जाए और किस प्रकार से हम लोग अधिक से अधिक जगह भवन बनाएं, पर हमें कोई बीजेपी की तरह पैसा नहीं आने वाला है दिल्ली से हमारे पास में, वैसे भी आपको मालूम है कि सब पार्टियों को इन्होंने टाइट कर रखा है, कोई चंदा देना चाहता है जेनुइनली, तब भी उसके ऊपर पाबंदी है, पूछा जाता है कि आपने वहां पैसा कैसे दे दिया। हमारे वक्त में चंदा चाहे कांग्रेस को मिलता था, चाहे बीजेपी को मिलता था, चाहे सीपीआई या सीपीएम को मिलता था, कांग्रेस ने कभी नहीं पूछा कि आपने दूसरी पार्टी को चंदा क्यों दिया। आज वो समय नहीं है, आज तो बिल्कुल ही फासिस्ट तरीके हैं, अलोकतांत्रिक तरीके से सरकार चल रही है, लोग चिंता में हैं, घबराए हुए हैं, टेलीफोन पर बात करते हुए घबराते हैं कि व्हाट्सएप पर बात करो, फेसटाइम पर बात करो। जिस मुल्क में हर आदमी बंध जाए, उस मुल्क के सामने बहुत बड़े खतरे हैं, धर्म के नाम पर, जाति के नाम पर आप भड़का रहे हो, तो आप कामयाब हो सकते हो पर देश को एक रखना व अखंड रखना बड़ी चुनौती है। इंदिरा गांधी ने अपनी जान दे दी, खालिस्तान नहीं बनने दिया आपके-हमारे सामने। राजीव गांधी शहीद हो गए, 21st सेंचुरी की बात करते थे वो, कम्प्यूटर, इंटरनेट, ईमेल, ये मोबाइल फोन आज हर हाथ के अंदर है, ये उनकी देन है और जब राजीव गांधी की हत्या हुई थी तो उसकी सबसे पहले मुझे इत्तिला करने वाले ये संयम लोढ़ा है, जब मैं कैंपेन कर रहा था चुनाव का, 1991 के अंदर पार्लियामेंट का उम्मीदवार था, तब इसकी आंखों में आंसू आ गए और किस प्रकार से हम सबकी आंखों में आंसू आ गए थे, किस प्रकार हमने वो टाइम निकाला, हम जानते हैं। तो जिस पार्टी ने शहादत दी हो इंदिरा गांधी जैसे महान नेता की, जिसने देश-दुनिया में अपनी अमिट छाप छोड़ी, राजीव गांधी ने शहादत दी हो और ये आज के हुक्मरान कहते हैं, कांग्रेस ने 60 साल में क्या किया, इससे बड़ी बेशर्मी की बात कोई हो नहीं सकती, तो आप सोच सकते हो को जनता को ये क्या संदेश देना चाहते हैं, वो आपके-हमारे सामने है। इसलिए मैं कहना चाहूंगा कि ये जो स्थिति आज बना रखी है देश के अंदर, हमें समझना पड़ेगा कि, अभी अजय माकन जी बात कर रहे थे, मेरे दिल की बात कही उन्होंने। मैं जब बना था पहली बार एनएसयूआई का अध्यक्ष 1973 में, उसके बाद मैं लगातार एनएसयूआई का अध्यक्ष भी रहा, प्रदेश कांग्रेस का महामंत्री भी रहा, जोधपुर जिला कांग्रेस कमेटी का मैं अध्यक्ष भी रहा, एआईसीसी का महामंत्री रहा, मुझे संगठन में काम करने का हमेशा अवसर मिला है और अभी अजय माकन जी जो बोल रहे थे, वो ही शब्द मेरे होते थे 1985-86 के अंदर जब मैं प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनकर आया तो मैं हर ब्लॉक में जाकर कहता था कि ये हमारे ऑफिस जो हैं वो जनता की आस्था के केंद्र बनने चाहिए, मेरे दिल की बात उन्होंने कही कि अगर कांग्रेस को मजबूत करना है, आज भी मैं कहना चाहूंगा, अगर आप चाहते हैं कि कांग्रेस का वापस रिवाइवल हो तो अजय माकन का जो सूत्र है, वो ही कांग्रेस को जिंदा कर सकता है, रिवाइव कर सकता है, मजबूत कर सकता है। गांव में कितने अन्याय, अत्याचार, रेप, उत्पीड़न, कितनी घटनाएं होती हैं, आप सब रूबरू होते हैं अखबार के माध्यम से देखते हैं हम लोग। अजय माकन जी ने काम गिनाए कि कई काम ऐसे होते हैं जोकि लोगों को तकलीफ होती है लाइसेंस लेने के अंदर भी और अन्य कामों में। ये आस्था का केंद्र बनें ऑफिस, जिला कांग्रेस कमेटी का ऑफिस बने, ब्लॉक का ऑफिस बने, जहां कोई उस इलाके का आदमी कोई तकलीफ में आ गया है, संकट में आ गया है, अन्याय-अत्याचार हो गया है, और कोई समस्या आ गई तो उसको लगे कि अगर मैं ऑफिस में घुस गया तो मुझे कोई न कोई व्यक्ति मिलेगा, मेरी पैरवी करेगा और मुझे न्याय दिलाने में पूरी कोशिश करेगा। ये जिस दिन हमने करने में कामयाबी हासिल कर ली, उस दिन अपने आप ही कांग्रेस रिवाइव हो गई, चाहे ये कितनी ही बड़ी-बड़ी बातें कर लें, धन-बल के आधार पर सरकारें गिराने के लिए षड्यंत्र कर लें, जो आपने देखा कि आप सबके आशीर्वाद से, अजय माकन जी तो हमारे साथ 34 दिन तक होटल में रहे, ये जानते हैं क्या-क्या हो रहा था राजस्थान के अंदर और किस प्रकार हमारे विधायकों की जब मुलाकात हुई अमित शाह से, वहां पर धर्मेंद्र प्रधान बैठे हुए थे, सईद जफर इस्लाम जो अभी मेंबर ऑफ पार्लियामेंट बन गए राज्यसभा के बीजेपी के, जो सिंधिया को भी ले गए थे बीजेपी के अंदर, वो बैठे हुए थे और हमारे विधायक बैठे हुए थे, एक घंटा मुलाकात उनकी हुई और विधायक आकर कहते हैं मुझे कि हमें शर्म आ रही थी कि कहां तो सरदार पटेल गृहमंत्री थे और कहां ये अमित शाह गृहमंत्री के रूप में बैठे हुए हमें मिठाइयां खिला रहे हैं, नमकीन खिला रहे हैं और हमारे धर्मेंद्र प्रधान हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजों से बात करने का नाटक कर रहे हैं हमारा हौसला बढ़ाने के लिए और ये माहौल बना रहे थे वहां पर कि चिंता मत करो मेरा प्रेस्टीज पॉइंट है, चार सरकारें मैंने गिरा दीं हैं पांच और ये छठी गिराकर रहेंगे हम लोग, थोड़ा धैर्य रखो। इस प्रकार के माहौल के अंदर ये पूरा खेल खेला गया, ये तो सुरजेवाला जी थे, अजय माकन जी थे, अविनाश पांडे जी थे, वेणुगोपाल जी थे, ये तमाम लोग आकर बैठ गए और जो फैसले इन्होंने किए बर्खास्त करने के लोगों को, हमारे नेताओं को, ये नौबत आ गई, तब जाकर सरकार बच पाई है, तो ये षड्यंत्र बीजेपी हर राज्य में कर रही है, महाराष्ट्र की बारी आने वाली है लोग कहते हैं, पता नहीं क्या होगा, राजस्थान में वापस गेम शुरु करने वाले हैं, ये इनकी सोच है। इस प्रकार से ये जो चुनी हुई सरकारों को गिराने का षड्यंत्र करते हैं, इस राजस्थान की जनता ने उनको सबक सिखा दिया है, पूरे राजस्थान की जनता चाहती थी कि सरकार जानी नहीं चाहिए, कार्यकर्ता फोन करते थे एमएलएज को कि चिंता मत करो चाहे 2 महीने लग जाएं आपको होटल में, वहीं रहो, सरकार नहीं गिरनी चाहिए, ये भावना थी, तो आप सोच सकते हो कांग्रेस में आज भी दमखम है कार्यकर्ताओं में, लोगों के अंदर सोच है। इसलिए बातें तो, ऐसे मौके पर आप चाहे एक घंटा बोलो, चाहे दो घंटा बोलो, वो कम होता है और अध्यक्ष जी को मैंने कहा है, अजय माकन जी से मेरी बात हुई है, हम चाहेंगे कि राजस्थान एक मिसाल कायम करे पूरे देश के अंदर कि संगठन कैसे चलता है, किस प्रकार से ट्रेनिंग कैंप हों जिलों के अंदर, किस प्रकार से फैकल्टी मेंबर बनें 50-60-100 अपने राजस्थान के बनें, दिल्ली के कुछ 20-25 लोग हों, लगातार कैंपों में जाएं, सब कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग दें, हमें वो 15-20-50-100 लोगों के कैंप तो अलग चलेंगे, अभी तो 500 लोग आकर बैठे हैं मान लो जिला कांग्रेस कमेटी में, ये मैंने राहुल गांधी जी को भी कहा था, चाहे 400 लोग बैठें चाहे 700 लोग बैठें, उन सबको हमारे नेता जो भी आएं वो अपनी बात कहें अलग-अलग विषयों पर, उसी से ज्ञान बढ़ता है, उसी से संस्कार बढ़ते हैं, उसी से समझ बढ़ती है। मैं अपने आपका उदाहरण पेश कर सकता हूं, जब मैं बचपन के अंदर के कामराज भी आए थे जोधपुर के अंदर तो हम कैंप अटैंड करते थे, दिनभर के कैंप होते थे, शाम को घर जाकर खाना खाते थे। आज भी वक्त आ गया है कि कैंप हों, सुबह नाश्ता करके आएं, लंच वहां मिले, शाम को वापस अपने घर पर जाएं, ये संभव है, मैंने किया है यहां पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के रूप में। तो हम नए-नए तरीके इजाद करेंगे और हम चाहेंगे राजस्थान के अंदर अजय माकन जी के सानिध्य में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जी हम सबकी सलाह से पूरा प्रोग्राम बनाएं। अभी थोड़ा कोरोना है, थोड़ा हमें रुकना पड़ेगा क्योंकि हम नहीं चाहते कि कोरोना के अंदर जो चुनौती हमारे सामने है जिसका मुकाबला हम आप सबके सहयोग से कर रहे हैं और काफी हद तक हम कामयाब रहे कि हमारे राजस्थान की चर्चा, हमारे भीलवाड़ा की चर्चा पूरे देश में और दुनिया में हो रही है, इसपर भी हम कामयाब होंगे पर हम चाहेंगे कि आने वाले वक्त की तैयारी हम अभी से कर लें। अभी कोरोना काल में तैयारी करने का टाइम है और कोरोना की समाप्ति के बाद में हम लोग चाहेंगे कि बड़े रूप में यहां ट्रेनिंग कैंप भी हों, अधिवेशन हों जिलों के और संभाग के, नेता लोग आएं अपनी बात कहें और ये ही तरीका मैं समझता हूं, अजय माकन जी बैठे हुए हैं दिल्ली में, तो ये बात करेंगे कि सब राज्यों में ये सिलसिला शुरु होगा, मैं समझता हूं कि आज जो लोगों को लगता है कि कांग्रेस का फ्यूचर क्या होगा, सारे आर्टिकल आ रहे हैं, आज तो लिखने वाला राइटर ही दुःखी हो गया है इस सरकार से, लिखता-लिखता थक गया है वो कि ये पार्टी वो पार्टी है जो लोकतंत्र में यकीन नहीं करती है, वरना तो आलोचना अपने आपमें लोकतंत्र में बड़ा हथियार होता है। आलोचना करना, प्रदर्शन करना, धरना देना, ये तो सत्ता पक्ष के लिए भी जरूरी होता है, उनको फीडबैक मिलता है अगर उनकी लोकतंत्र में आस्था होती है तो, पर आज जो देख रहे हैं, किसान सड़कों पर बैठे हुए हैं सर्दी के वक्त में, क्या तकलीफ पा रहे होंगे वो लोग, डटे हुए हैं और सरकार मजबूर होकर बुला रही है उन लोगों को। अगर पहले ही सुनवाई कर लेती, अगर पहले ही वो स्टेक होल्डर जो हैं, उनसे बात करती, किसानों से बात करती, किसान संगठनों से बात करती, राज्य सरकारों से बात करती, लोकसभा-राज्यसभा में पूरी डिबेट करवाती, विपक्ष की मांग थी कि हम इसको भेज दें सेलेक्ट कमेटी के अंदर बिल को, भेज देती, उसके बाद में पास करती तो आज ये नौबत नहीं आती और मैंने कल कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह जी ने टाइम मांगा राष्ट्रपति जी से, उनको टाइम नहीं मिला, मैंने टाइम लिखवाया, हम चारों चीफ मिनिस्टर्स मिलना चाहते थे पंजाब के, छत्तीसगढ़ के, पांडिचेरी के, तो मैंने लिखवाया 4-5 दिन तक लगातार, टाइम नहीं मिला तो कल मुझे ट्वीट करना पड़ा कि अगर ये मिलने लग जाते मुख्यमंत्रियों से, केंद्रीय मंत्री मिलने लग जाते किसान संगठनों से, ऑर्डिनेंस जारी करने की बजाय ये थोड़ा इंतजार करते, सबसे बातचीत करते, बाद में कानून लाते, तो आज ये नौबत नहीं आती। जो आज चारों ओर देश का किसान उद्वेलित है, इनको गलतफहमी नहीं होनी चाहिए कि जहां के किसान आज यहां दिल्ली आए नहीं हैं तो वो सब शांत होंगे। पूरे मुल्क का किसान बहुत ही गुस्से में है, आक्रोश में है, अपने भविष्य को लेकर चिंतित है। इसीलिए राहुल गांधी ने जो बीड़ा उठाया है कि खुद गए ट्रैक्टर चलाकर पंजाब में और हरियाणा के अंदर और ये मैसेज दिया पूरी कंट्री को, कांग्रेस पार्टी ने पहल की है इस आन्दोलन को चलाने की और अब पूरे संगठन आ गए हैं, देशभर के संगठन आ चुके हैं। तो आज एक बात कहकर मैं अपनी बात समाप्त करता हूं कि एक तरफ तो अजय माकन जो संगठन के आदमी हैं, डोटासरा जी बता दिया आपने कि ये संगठन के आदमी हैं, एनएसयूआई में थे, यूथ कांग्रेस में थे, फिर जिला अध्यक्ष बने, फिर वाइस प्रेसिडेंट बने पीसीसी के और बाद में अभी अध्यक्ष बने हैं। मेरा आपको इतिहास मालूम ही है, धारीवाल जी का तो खानदान ही, पिताजी के वक्त से ही कोटा के अंदर और ये सब लोग भवन की बात कर रहे थे तो संस्कारित हैं, इसीलिए दमखम है इनमें कि भई हम चाहेंगे कि आप राजस्थानभर में आप ब्लॉक में, जिले में जहां जमीन मिल सकती हो वहां जमीन लें कुछ भी करें, अधिक से अधिक जगह भवन बनने चाहिए। तो आज जो टीम है आपके साथ बैठी हुई है, वो सब संगठन से आई हुई टीम है और संयम लोढ़ा जी खुद भी संगठन से आए हुए आदमी हैं, यूथ कांग्रेस में थे, एनएसयूआई में थे, मेरे वक्त में काम करते थे जोधपुर के अंदर भी। तो आज जो हम सब लोग बैठे हुए हैं वो हैं संगठन के आदमी, दो तरह के नेता होते हैं, एक जो संगठन से सरकार में आते हैं, एक सीधे सरकार में आते हैं, उसमें रात-दिन का फर्क होता है। आज अगर सीधे सरकार में आए हुए होते हम लोग, तो चाहे संयम लोढ़ा जी आप ऑफिस बना लेते, हम आकर उद्घाटन कर लेते, सब भाषण देते पर आगे काम बढ़ता नहीं, आगे भावना जाती ही नहीं क्योंकि संगठन के मार्ग से आए हुए हैं, उसके बाद में आज हम लोग यहां जो अनुभव लेकर संगठन का फिर संगठन का मर्म जो है वो हमारे दिल-ओ-दिमाग के अंदर है, उसी रूप में अजय माकन जी ने दिल्ली में काम किया, विभिन्न पदों पर रहे, स्पीकर रहे दिल्ली विधानसभा के, केंद्रीय मंत्री रहे, तो मैं समझता हूं कि सभी अनुभवी लोग हैं संगठन के भी, सरकार के भी और सत्ता के भी। आज जो आपने ये बीड़ा उठाया है, मैं आपको तहेदिल से बधाई देता हूं, आपके आपके तमाम साथियों को और आपके जो अध्यक्ष हैं वजिंगराम घांची जी जिन्होंने ये बीड़ा पूरा किया और मुझे बताया गया है कि आपके वहां जो नगर परिषद चेयरमेन महेंद्र मेवाड़ा जी उन्होंने घोषणा की है यहां सिरोही के अंदर जमीन देने की, जमीन देने की बात तो मुझे मालूम है कि संयम लोढ़ा जी चूकने वाले नहीं हैं, वहां भवन बनकर ही रहेगा, मुझे यकीन है और अभी हमारे सांसद महोदय नीरज डांगी जी कह रहे थे कि अगर जब शिवगंज में बन सकता है, सिरोही में बन सकता है तो फिर मैं रेवदर में भी, जो इनका क्षेत्र रहा है, वहां ये भवन बनाएंगे, ये इन्होंने मुझे कहा है कि मैं आपके समक्ष घोषणा करूं। इस प्रकार से जो संयम लोढ़ा ने जो शुरुआत की है, ये शुरुआत खाली सिरोही जिले तक ही नहीं रहेगी बल्कि अन्य जिलों तक जाएगी, सब जिलों में जाएगी और राजस्थान एक मिसाल कायम करेगा, अजय माकन जी हम आपको विश्वास दिलाते हैं कि उसी रूप में राजस्थान में भवन बने, प्रदेश कांग्रेस कमेटी का भवन बनने के बाद शांति धारीवाल जी, रघु शर्मा जी और हमारे और डोटासरा जी लंबे समय से कह रहे हैं, मैं समझता हूं कि उस काम को भी हम हाथ में लेंगे और रास्ता निकालेंगे कोई न कोई कैसे हो सकता है, क्या संभव हो सकता है, वो काम भी हम पूरा करेंगे। सीमित साधनों में, उन्होंने पैसा भेजा दिल्ली से अमित शाह जी ने पूरे देशभर के अंदर जिलों में ब्लॉक में, हम चाहेंगे कि उसकी बजाय हम जनता से पैसा इकट्ठा करें। कार्यकर्ताओं से कहेंगे आप आह्वान करो जनता का और मैं विश्वास दिलाता हूं, मेरा अपना अनुभव है, जब 1977 में इंदिरा जी चुनाव हार गई थीं और मैं जिला अध्यक्ष बना कांग्रेस का जोधपुर के अंदर, हम लोग खुद दुकान-दुकान जाते थे, लोगों से मिलते थे, प्रोसेशन निकालते थे तो सीलबंद डब्बे साथ रखते थे, रास्तेभर लोग उसमें पैसा डालते थे, इस प्रकार से कांग्रेस चलाई ही नहीं बल्कि मजबूत की। जो पैसा देगा तो जो फिर पैसा देता है तो उसकी भावना जुड़ती है पार्टी के साथ में और संगठन के साथ में। हम चाहेंगे कि जनता को इन्वॉल्व करके, जनता के सहयोग से पैसा इकट्ठा करके भवनों का निर्माण करें। अगर इस काम में हम लोग सफल हो गए, तो मैं समझता हूं कि आने वाले वक्त में हम कांग्रेस जो राजस्थान के बारे में बात करते हैं, नए सिरे से हम लोग कार्यक्रम यहां पर पेश करेंगे और आपको जो जिम्मेदारी दी है हाईकमान ने विश्वास के साथ में, मेरे ख्याल से आपका 34 दिन का जो अनुभव था हमारे साथ रहने का, वो आपके काम आया है। इसलिए उम्मीद करता हूं कि अब हाईकमान देखता है कि 34 दिन का अनुभव लेकर आए हैं, इनसे अच्छा कांग्रेस को मार्गदर्शन कोई नहीं दे सकता है राजस्थान के अंदर, हमारी पूरी शुभकामनाएं आपके साथ में हैं। एकबार पुनः संयम लोढ़ा को और तमाम साथियों को बधाई, धन्यवाद, जयहिंद।