एसएमएस अस्पताल में आईपीडी टावर और हृदय रोग संस्थान का शिलान्यास कार्यक्रम:
दिनांक
05/04/2022 |
स्थान
जयपुर
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हमारे वरिष्ठ साथी शांति धारीवाल जी, स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा जी, अन्य मंत्रिमंडल के सदस्यगण, नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल साहब, डॉ. शिव सरीन जी, डॉ. नरेश त्रेहन और डॉ. देवी शेट्टी और डॉ. रणदीप गुलेरिया जी, बड़े-बड़े लोग जो आए हैं, जब इनसे चर्चा की गई तो ये सब व्यस्त थे, देवी शेट्टी जी के प्रोग्राम थे, पर उनका लगाव देखा आपने, इसलिए उन्होंने कहा कि मैं अवश्य आऊंगा, वो आए, रणदीप गुलेरिया जी का तो आज बर्थडे था, तब भी उन्होंने आना स्वीकार किया और डॉ. नरेश त्रेहन कह रहे थे कि उनकी डॉटर का बर्थडे है, तो घरवाले मना कर रहे थे, तो भी प्रोग्राम कैंसिल नहीं किया। कहने का मतलब है कि सभी लोग जो आए हैं, सरीन साहब तो हमारे घर के हैं और वीके पॉल साहब को हमने कोरोना काल के अंदर पूरी तरह इनसे ब्रीफिंग लेते थे, कैसे राजस्थान में कोरोना प्रबंधन शानदार हो, नीति आयोग में पूरे देश के अंदर कोरोना के प्रबंधन के लिए ये इंचार्ज थे। मुझे खुशी है कि जैसा प्रोग्राम हमारे स्वास्थ्य मंत्री जी ने, धारीवाल जी ने, डॉ. भंडारी जी ने, तमाम परिवार के सदस्यों ने जो स्वास्थ्य विभाग के हैं वैभव गैलरिया जी हों, चाहे वो हमारे साथी अन्य हों, सबने जो बीड़ा उठाया, आप इतनी बड़ी तादाद में बैठे हुए हैं, ये बहुत ही मुबारक मौका है वास्तव में और ये सोच जो, पिछले कार्यकाल में जब हमने दवाइयां फ्री करने की शुरू की थी, जब समित शर्मा थे अधिकारी, मुझे खुशी है कि वो सोच आगे बढ़ी, दवाइयां फ्री हुईं, पूरे देश के अंदर एक मैसेज गया कि किसी राज्य के अंदर दवाइयां फ्री हो सकती हैं, टैस्ट फ्री किए, डायलेसिस हो, चाहे ब्लड टैस्ट हो, कई टैस्ट फ्री किए गए, संख्या बढ़ाते गए- बढ़ाते गए दवाइयों की और इस बार जो हमने सरकार बनते ही 2019 के अंदर निरोगी राजस्थान कॉन्सेप्ट लेकर, डॉ. सरीन साहब बैठे हैं ये डॉ. देवी शेट्टी, अपोलो हॉस्पिटल के मिस्टर रेड्डी, सब आए थे उस वक्त में और अच्छी लॉन्चिंग हुई कि Prevention of Medicine, मेडिसिन की जरूरत ही क्यों पड़े, व्यक्ति बीमार नहीं पड़े, ये सोच होनी चाहिए बेसिक, जो पूरी दुनिया के लिए सोच है। विभाग भी होते हैं अस्पतालों के अंदर, पर विभाग ज्यादा एक्टिव नहीं होते हैं, तो हमने यह तय किया कि नहीं, कैसे हम इसको शुरू करें और कोरोना आ गया 4-5 महीने बाद में, तो वो काम रुक गया। अब मुझे खुशी है कि जो आईपीडी टावर के बारे में आपने सुना, जिस प्रकार से आपने, हार्ट इंस्टीट्यूट बन रही है साथ में, उसके बारे में आपने सुना, अब एक प्रकार से मैसेज जाएगा प्रदेश में भी, देश के अंदर भी... जो आज जितने भी हमारे साथी बैठे हुए हैं मेडिकल फ्रैटर्निटी के, डॉक्टर्स हों, नर्सेज हों, अन्य कर्मचारी हों, सब लोग आप अतिथिगण बैठे हुए हैं, पूरे प्रदेशवासी इस प्रोग्राम को देख रहे हैं, सुन रहे हैं, धर्मगुरु हों, एनजीओ हों, पॉलिटिकल पार्टी के कार्यकर्ता हों, हमने कोई राजनीति नहीं की, कोशिश की कि कोई भूखा नहीं सोए, आह्वान किया, हमें कहते हुए गर्व है कि राजस्थानवासियों ने उसको निभाया, सबने एक-दूसरे की मदद की, हमने पूरी तरह खजाना खोल दिया मेडिकल के लिए, एक व्यक्ति भी नहीं मरना चाहिए ये कोशिश करो कोरोना के अंदर, इसीलिए संख्या सीमित रही, शानदार प्रबंधन हुआ, प्रधानमंत्री जी ने भी उसकी तारीफ की, पॉल साहब से तो हम संपर्क में थे, सरीन साहब, देवी शेट्टी जी, त्रेहन साहब इनको हम जोड़ते रहते थे वीसी के अंदर, करीब 500 वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करके हमने शासन किया उस वक्त में, अधिकांश तो वीसी मेडिकल पर ही थीं, कोरोना की थीं। तो राजस्थान अब एक ऐसी स्थिति में आ गया है, अब हमारे पड़ोस में कोई अहमदाबाद जाते हैं, कोई मुंबई-दिल्ली जाते हैं, अभी इस कोरोना काल में भी, इसके पहले भी, बाद में भी अब हमारे चाहे यूपी के हों, पंजाब के हों, हरियाणा के हों, दिल्ली तक के लोग आते हैं यहां पर, कोई मना नहीं है और ये जो चिरंजीवी योजना जो एक अभिनव प्रयोग समझ लीजिये आप, अभी पॉल साहब को कह रहा था कि आप प्रधानमंत्री जी बातचीत भी करें कि एक मुश्किल से मेरे ख्याल से दो तिहाई भी नहीं होगा आबादी इस देश की जिसको मिलता है आयुष्मान भारत का लाभ, मैंने आपसे रिक्वेस्ट की है, मैं भी प्रधानमंत्री जी को एक पत्र लिखा है, लिखूंगा कि आप पूरे देशवासियों के लिए लागू करें चिरंजीवी योजना की तरह, जिससे कि सबको फायदा मिले क्योंकि आज जमाना जो है ये सोशल सिक्योरिटी है हम राइट टू हैल्थ का बिल ला रहे हैं असेंबली के अंदर, स्वास्थ्य का अधिकार का कानून ला रहे हैं, स्वास्थ्य का अधिकार हर व्यक्ति का अधिकार हो, पार्लियामेंट और असेंबली के अंदर, ये हमारी सोच है। जमाना 21st सेंचुरी आ गई, राजीव गांधी ने कहा कि उसमें प्रवेश करो, आज मोबाइल फोन, इंटरनेट की सेवाएं, कितनी क्रांति हो गई है। दुनिया के विकसित राष्ट्रों, अमेरिका-इंग्लैंड-जर्मनी-जापान-इटली सब जगह सोशल सिक्योरिटी है, बुजुर्गों को भी है, बेरोजगारों को भी है, निःशक्तजनों को भी है, विधवाओं को भी है। हम चाहते हैं कि देश के अंदर अब समय आ गया है कि सबके लिए सोशल सिक्योरिटी हो। अब आईपीडी टावर बनेगा, मशीनें लगेंगी, खाली मशीनों से ही नहीं बनेगा उसके लिए इंसान काम करेगा मजदूर के रूप में और जब बूढ़ा हो जाता है वो आदमी, कोई सिक्योरिटी नहीं उसकी तो आप कल्पना कीजिए कि क्या बीतती है उसके परिवार पर, उस पर खुद पर, क्यूंकि शरीर काम करता नहीं है, उसको भी सोशल सिक्योरिटी मिले जिंदगी में जिंदा रहे जब तक, अभी हम मामूली पेंशन देते हैं उनको, वो उससे ही खुश हो जाता है, प्रॉपर पेंशन सोशल सिक्योरिटी मिले और यही सोचकर हम लोग चाहते हैं कि राजस्थान के अंदर ये कॉन्सेप्ट आगे बढ़े, मेडिकल में हमने बढ़ा दिया है, ये सोशल सिक्योरिटी बहुत मजबूती के साथ में लागू हो रही है जिसमें 10 लाख रुपए तक का बीमा तो है ही है, भगवान करे कि कोई एक्सीडेंट नहीं हो, एक्सीडेंट हो जाता है, मर जाता है, इसी चिरंजीवी योजना के अंदर 5 लाख रुपए का बीमा अपने आप ही हो गया है उसका, जिसकी मृत्यु हो जाती है। मैं आपसे भी अपील करना चाहूंगा प्रदेशवासियों से कि आप गरीब तक भी ये बात पहुंचाओ, गरीब है, अनपढ़ है, बात पहुंचती नहीं है कई बार। तो इस प्रकार से हम लोग चाहते हैं कि, 1 करोड़ 33 लाख परिवार हैं राजस्थान के अंदर, सबके चिरंजीवी योजना लागू हो गई है सबके लिए और सबके लिए 10 लाख रुपए का इलाज फ्री, कैशलेस है और एक और काम किया है हमने आईपीडी-ओपीडी, अभी मेरे पूर्व वक्ताओं ने कहा, अस्पताल में जाओ सरकारी, बाहर आओ, आपका कोई पैसा नहीं लगेगा, चिरंजीवी योजना तो हमारे पूरे प्रदेश में लागू हो रही है हमारे प्रदेश के कर्मचारियों के लिए, जैसे सीजीएचएस है दिल्ली में कर्मचारियों के लिए, मेंबर ऑफ पार्लियामेंट्स के लिए चाहे वो भूतपूर्व हों, चाहे वो सिटिंग हों, उनको कार्ड मिलता है Central Government Health Services का, सीजीएचएस का, कहीं भी इलाज करवा सकता है वो, मैंने कार्ड बनवाया मेरा जब मैं एमपी था कि भई कम से कम जिंदगी में तकलीफ नहीं आएगी इलाज की, वो ही कार्ड हमने बनवा दिया है राजस्थान के कर्मचारियों के लिए, सबके लिए, अब उनको तकलीफ नहीं आएगी।
एक जो मैंने ओपीएस लागू किया है अभी, ओल्ड पेंशन योजना, प्योरली मानवीय दृष्टिकोण से किया, एक कर्मचारी- अधिकारी है हम कई बार उसको शिकायत भी करते हैं कि काम नहीं किया मेरा, काम रोक दिया, सब शिकायत होती हैं, तब भी वो 35-40 साल तक सेवा करता है प्रदेश की, अगर उसके दिल में इनसिक्योरिटी रहेगी, पता नहीं रिटायमेंट के बाद में मुझे पेंशन मिलेगी कि नहीं मिलेगी? क्योंकि नई पेंशन योजना में पैसा 10 पर्सेंट कटता था, सरकार का भी कटता था, जमा होता था और डिपॉजिट होता था शेयर मार्केट के अंदर, म्यूचुअल फंड के अंदर। अब शेयर मार्केट तो ऊपर-नीचे होते रहते हैं कई कारणों से, आर्थिक मंदी आ गई तो कम हो गया, यूक्रेन का युद्ध हो गया तो कम हो गया, तो उस वक्त पता नहीं क्या स्थिति रहती है, कितनी पेंशन मिलेगी ये पता नहीं। आज हमने ओल्ड एज पेंशन लागू की, पूरे देश में उसका स्वागत हो रहा है। इसी प्रकार से हैल्थ सर्विसेज को, सरीन साहब से कल रात को ही बात हो रही थी कि कॉलेजों के अंदर शायद भारत सरकार करने जा रही है, हैल्थ को लेकर पाठ्यक्रम शुरू कर रही है, कल हमने बात की आपस में, मैंने एसीएस एजुकेशन को कहा है रात को ही कि आप स्कीम बनाओ कि प्राइमरी से ही हैल्थ एजुकेशन साथ में हो, हर लेवल के हिसाब से हो, अगर बच्चे से लगाकर बड़े तक ध्यान रखेंगे अपने स्वास्थ्य का, तो कई लोग बीमार भी नहीं पड़ेंगे। अभी आपने देखा कि मास्क लगाया, घरों में बंद रहे, तो एक्सीडेंट तो कम हुए वो तो अलग बात है, परंतु टीबी के रोग हैं वो कम हो गए, अस्थमा कम हो गया क्योंकि जब मास्क लगा हुआ था, घर में बैठा रहना पड़ा, प्रदूषण कम फैला प्रदेश के अंदर, देश के अंदर, तो स्वतः ही रोग कई नहीं हुए उनको। कहने का मतलब है कि बीमारी का और पर्यावरण का बहुत बड़ा संबंध है, तो ये तमाम काम, हम चाहते हैं कि राजस्थान एक मॉडल बने देश के अंदर, जहां पर पाठ्यक्रम भी हो बच्चों का, सारी सुविधाएं हों, अच्छी से अच्छी मशीनरी हो, सीटी स्कैन हो, एमआरआई हो, एंडोस्कोपी हो और इसीलिए आप देखिएगा कि जो ये इंस्टीट्यूट बन रही है 500 करोड़ रुपए से ज्यादा की है और आपके ये Institute of Tropical and Neuro Virology Lab बन रही है, एक पुणे में है और एक कोलकाता के अंदर है वो, दोनों को मिलाकर हम बना रहे हैं Tropical भी और Virology की भी, 130 करोड़ रुपए लगेंगे, सारी रिसर्च, सारी जांचें, कौनसी तरह का कोविड आ गया है क्योंकि ये बदलता रहता है। अभी हम बात कर रहे हैं, मास्क नहीं लगा रहे हैं, कुछ लोग कहते हैं कि मास्क लगाना चाहिए, कुछ लोग कहते हैं कि इसमें अब जो है छूट देनी चाहिए, पर आज इंग्लैंड के अंदर भी स्थिति बिगड़ती गई है अभी, अमेरिका में बिगड़ती गई है वापस, तो पता नहीं लगता है कि क्या स्थिति बनती है। तो ये जो इतनी लैब बन रही हैं, बहुत उच्च कोटि की होंगी, इसका हमें लाभ मिलेगा। जैसे अभी हमने लैब लगाई तो जो कोविड की सीक्वेंसिंग होती है, मालूम पड़ जाता है कि ये किस तरह का वेरिएंट आया है, आपको जानकर आश्चर्य होगा, दूसरी लहर में जो हम तड़पे हैं ऑक्सीजन को लेकर, दवाइयों को लेकर, हाहाकार मच गया ऑक्सीजन को लेकर, ऑक्सीजन का मतलब जान जा रही है। आपने देखा अस्पताल में दिल्ली के अंदर 1 घंटे की, आधे घंटे की, 15 मिनट की होते-होते 5 मिनट की खत्म हुई और 30 लोग मर गए एक अस्पताल के अंदर, वो मालिक था, वो रोने लग गया टीवी पर कि मैं क्या करूं, ऑक्सीजन खत्म हो गई मेरे वहां पर, ऐसे कई किस्से हुए, कर्नाटक के अंदर भी, और जगह भी। हमने रात-दिन एक करके व्यवस्था की जिससे कि राजस्थान में ऑक्सीजन के लिए एक भी आदमी की मृत्यु नहीं हो, दवाइयां कम हो गईं, हमने चार्टर प्लेन किया मुंबई भेजा, एक दिन की भी देरी ही क्यों हो? टाइम पर आएंगी दवाइयां, हमने 40 हजार रुपए के इंजेक्शन फ्री लगाए यहां पर, 10 हजार रुपए के इंजेक्शन फ्री लगाए, सब फ्री इलाज किया, बाहर के लोग आकर इलाज करवा रहे थे यहां पर। तो हमारी सोच ये है कि आगे और मजबूत करेंगे हैल्थ को। उसी रूप में हम चाहते हैं कि ये जो आईपीडी टावर बन रहा है, आप समझ सकते हो कि इसके बनने के बाद में और बड़ी सुविधाएं मिलेंगी, उसका लाभ मिलेगा सबको और मैं चाहता हूं कि इसी रूप में हम मेडिकल के अंदर कम से कम आगे बढ़ें। मुझे याद है कि 40 साल पहले जब मैं मेंबर ऑफ पार्लियामेंट बना था, उस वक्त मुझे किसी साइंटिस्ट ने एडवाइस किया कि जोधपुर में Desert Medicine Institute बनना चाहिए, नई बात थी, हमने शुरुआत की, 2-4-5 साल लगे, आखिर में Desert Medicine Research Centre बना जोधपुर में। आज जब स्वाइन फ्लू आया था अभी 2-3 साल पहले, 4 साल पहले जब कई लोग मर गए थे, कोविड की तरह स्वाइल फ्लू से भी मर गए थे लोग, रोज आप देखते थे कि डाटा कितने आ रहे हैं, उस वक्त में वो Desert Medicine Research Centre भी काम आया जांचें करने के लिए, बहुत टाइम लगता था, दिल्ली भेजो सैंपल, पुणे भेजो, हमारे यहां जीरो फैसेलिटी थी। हमने जीरो से लगाकर डेढ़ लाख सैंपल एक दिन में आरटीपीसीआर कर सकते है राजस्थान के अंदर, यह हमने कैपिसिटी पैदा कर दी राजस्थान के अंदर। इसलिए हमारा शानदार प्रबंधन हुआ, भीलवाड़ा मॉडल पूरे देश में, दुनिया में उसकी तारीफ हुई। इसलिए मैं कहना चाहूंगा कि आप 538 करोड़ रुपए का ये आईपीडी टावर है, कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट जो बन रही है वो 50 करोड़ रुपए की है, इसी प्रकार से अभी धारीवाल जी जो कि पुरानी पीढ़ी के नेता भी हैं, जानते हैं कि घोषणाएं मुख्यमंत्री से करवाओ, खुद भी नहीं करता है, पुरानी पीढ़ी में और नई पीढ़ी में फर्क होता है, इन्होंने क्या किया, आइडिया इनका कि जयपुर बढ़ रहा है तो चारों ओर 4 सैटेलाइट अस्पताल बनें जयपुर के अंदर 4, पार्किंग की जगह नहीं है एसएमएस में, पार्किंग बने, 50 करोड़ रुपए तो पार्किंग का और 100 करोड़ रुपए हो गए 4 हॉस्पिटल सैटेलाइट का बाहरी इलाकों में चारों, गांव के लोग आएंगे तो वहीं इलाज हो जाए, भीड़ कम हो एसएमएस के अंदर, इनकी सोच है और पैसे का प्रबंध यह ही करेंगे। मुझे तो खाली घोषणा करने का कहा है, मैं घोषणा कर रहा हूं और ये प्रभारी मंत्री भी हैं जयपुर के हमारे मंत्री के रूप में। महाराष्ट्र के अंदर प्रभारी मंत्री को कहते हैं पालक मंत्री, जो पालता है। ये जिम्मेदारी भी है जयपुर के विकास में इनकी भागीदारी हो। महेश जोशी जी ये सब बैठे हैं जयपुर के लोग, तो यह सब इनके हिसाब से चर्चाएं करें और कैसे क्या कर सकते हैं, ध्यान रखें।
राइट टू हेल्थ का मैंने कहा आपको, कानून बनाएंगे हम लोग, और सुविधाएं देंगे, इतनी बड़ी-बड़ी हस्तियां आई हैं डॉक्टर्स के रूप में, हमने खूब इनकी सेवाएं ली हैं कोरोना काल के अंदर, टेलीफोन से, वीसी से, पॉल साहब को तो हम लोग तंग करते ही रहते थे। तो मैं समझता हूं कि आज का दिन आप जो आए हो, आप सबको गर्व भी होना चाहिए कि हम उस दिन मौजूद थे, जब वहां पर आईपीडी टावर का शिलान्यास हुआ था, बड़ी-बड़ी विभूतियां आई थीं, यह आपको गर्व होना चाहिए और पूरे प्रदेश को गर्व होगा। जो-जो सुझाव दिए हैं एक्सपर्ट्स ने इन्होंने, देवी शेट्टी जी ने कहा कि 100 जहां पर बैड हो, वहां खुल जाना चाहिए एक नर्सिंग कॉलेज। अभी हमने हर जिले में मैंने सरकारी नर्सिंग कॉलेज की घोषणा कर दी है, 8-10 तो मंजूर भी कर दिए हैं, अच्छा सुझाव है और फिर इनको आगे बढ़ाएंगे। प्राइवेट सेक्टर को अलाऊ मैंने ही किया था, 20 साल पहले जब मैं सीएम बना। अब उसके बाद में मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, सब कॉलेज यहां तक कि पहले हमारे बच्चे जाते थे पुणे में, महाराष्ट्र में, कर्नाटक के अंदर, अब वो नौबत बहुत कम हो गई। यूक्रेन से बच्चे गए हुए थे अभी राजस्थान के बच्चे भी, उनको तकलीफ हो गई है। हमने भारत सरकार को भी लिखा है और पॉल साहब बैठे हुए हैं भारत सरकार के प्रतिनिधि, नीति आयोग के मेंबर होना बहुत बड़ी बात है, उनको मैं रिक्वेस्ट करूंगा कि यूक्रेन से आए हुए बच्चे जो हैं वो तड़प रहे हैं, मिलते हैं हम लोगों से जनसुनवाई के अंदर, कहते हैं कि हमारा भविष्य क्या होगा? कोई रास्ता ऐसा निकले, आप आईसीएमआर से भी एक्जामिन करवाएं, आखिर में उनका भविष्य क्या होगा, यह हम चिंता कर रहे हैं। मैं उम्मीद करता हूं भारत सरकार कोई न कोई रास्ता, जिस प्रकार इनको शिफ्ट किया है, युद्ध चल रहा हो, वॉर चल रहा हो, उसके बाद भी हमारे बच्चे पहुंच सके हैं, मैंने 5-7 बच्चों से बात भी की थी यूक्रेन के अंदर, बहुत ही आंखों में आंसू आ गए थे और चिंताग्रस्त थे, आए बच्चे यहां पर, अब आने के बाद उनकी चिंता भविष्य की लग गई है।
कोरोना ने बहुत बड़ा धक्का दिया है, बच्चे स्कूल जा नहीं पाए, ऑनलाइन क्लासेस चलती रहीं, उसमें कई तरह की कमियां भी रहती हैं। मैं उम्मीद करता हूं कि आज इस प्रोग्राम के बाद में एसएमएस में डॉक्टर भंडारी और इनकी पूरी टीम ने अच्छा नाम हासिल किया है, पिछले जबसे दवाइयां फ्री की हैं तब से ही। एम्स के ईक्वल टू आ गया अब यह अस्पताल, मरीजों की संख्या के आधार पर भी, इलाज शानदार हो रहा है, अब आईपीडी टावर बनेगा, और यह अपना प्रतिष्ठा बढ़ा रहा है और कोरोना काल के अंदर ये डॉक्टर भंडारी रात को ढाई-तीन बजे तो रोज आरयूएचएस में चक्कर ही लगाते रहते थे एक-एक मरीज के पास में। हमने कोई प्रबंधन में डॉक्टर्स ने, नर्सेज ने कोई कमी नहीं रखी थी, हर व्यक्ति ने सहयोग किया, तब जाकर आज राजस्थान गवर्नमेंट की प्रतिष्ठा बनी, अच्छा प्रबंधन किया हमें सुनने को मिलता है। डॉक्टर पॉल बैठे हुए हैं, सरीन साहब बैठे हुए हैं, मैं आपका शुक्रिया अदा करूंगा और मैं आशा करता हूं कि आप लगातार आते रहें जब भी मौका लगे राजस्थान के अंदर, जो सुझाव आपके होंगे, भारत सरकार के होंगे, हम चाहेंगे कि मेडिकल सेक्टर में हम आगे बढ़कर उनको पूरा करे। जैसे स्कीम बनी यूपीए गवर्मेंट में नए मेडिकल कॉलेज खुलने चाहिए, एनडीए गवर्नमेंट ने इस स्कीम को बंद नहीं किया, लागू रखा, आगे लागू रखा। हमसे जो इन्फॉर्मेशन मांगी गई, सबसे ज्यादा इन्फॉर्मेशन हमने वक्त पर दी, तो हमने 33 में से, जिले 33 हैं, आज 30 जगह हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज खुल रहा है क्योंकि हमने बहुत होशियारी दिखाई, होशियारी दिखानी पड़ती है भारत सरकार के सामने तब जाकर के टाइमली आपको मंजूरी मिल जाती है, वो भी हमने किया। हम चाहते हैं कि राजस्थान में हर गांव में, ढाणी तक भी व्यक्ति सुखी रहे, परिवार खुशहाल बने। हम लोगों के यहां स्वास्थ्य सेवाएं गांव तक पहुंचें, सबसेंटर, सीएचसी, पीएचसी, डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल, उप स्वास्थ्य केंद्र, कोई कमी नहीं रख रहे हैं, मोहल्ला क्लीनिक खोल रहे हैं, वैलनेस सेंटर खोल रहे हैं, सब तरीके से राजस्थान में हम लोग प्रयास कर रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि प्रदेशवासियों के आप सबके आशीर्वाद से हमारे इस मिशन में हम लोग कामयाब होंगे। लास्ट बात यह कहना चाहूंगा कि महिलाओं का सशक्तिकरण, इसलिए हमने जो चिरंजीवी योजना बनाई है, उसके अंदर हमने तमाम जो हैं 1 करोड़ 33 लाख परिवारों को यह चिरंजीवी योजना लागू हुई है, सबके लिए हो गई है प्रदेशवासियों के लिए। यह भी कह दिया गया है कि कोई भूल-चूक में कार्ड नहीं बनवा पाए, अस्पताल में भर्ती हो गया, कलेक्टर को अधिकार दे दिया गया कि उसका इलाज फ्री करवाओ और बाद में कार्ड बनवा दो उसका और लास्ट में उन महिलाओं को 1 करोड़ 33 लाख महिलाओं को सबको स्मार्ट मोबाइल फोन दे रहे हैं हम लोग, जिससे कि वो कोई भी प्रॉब्लम हो हैल्थ से संबंधित हो, और कोई हो, जो अपने यहां सिस्टम बना हुआ है आइटी बेस 181 का बना हुआ है, या कहीं बात करनी हो, मेडिकल के संबंध में बात कर सकती है, यह स्कीम में हमने डाल दिया है। तमाम तरह से हम चाहेंगे कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में कोई कमी नहीं रहे और कोई सुझाव देगी पब्लिक, तो मैं चाहूंगा कि उनको हम कैसे लागू करें, यह हमारा प्रयास रहेगा। यही बात कहता हुआ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, आप सब पधारे आपको धन्यवाद, धन्यवाद, जय हिंद, धन्यवाद।