माननीय श्री अशोक गहलोत जी का भाषण
दिनांक
27/11/2013 |
स्थान
सीकर
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माननीय यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी जी, गुरूदास कामत जी, उपस्थित कांग्रेसजन, भाइयों और बहनों, बुजुर्गों और नौजवान दोस्तों। सबसे पहले मैं अपनी ओर, आप सबकी ओर से, प्रदेशवासियों की ओर से हमारी महान नेता सोनिया गांधीजी का हार्दिक स्वागत करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है। यह चुनाव का वक्त है, सोनिया गांधीजी का राजस्थान के प्रति हमेशा से उनका जो स्नेह है, वह आपको अहसास है इस बात का, मुझे कहने की आवश्यकता नहीं है।
जब कभी राजस्थान में अकाल पड़े हों, सूखे पड़े हों, शेखावाटी में, मेवाड़ में, मारवाड़ में, जब भी राजीव गांधीजी आये, तब भी सोनिया जी उनके संग आई थीं। तीन दिन तक लगातार दौरे किये थे सड़क मार्ग से। दुनिया के इतिहास में कभी भी किसी प्रधान मंत्री ने इस प्रकार सड़क मार्ग के दौरे करके अकाल और सूखे के वक्त में सुख-दुःख पूछा हो, यह मिसाल नहीं मिलती है। इस प्रकार हमेशा से ही राजस्थान के कैसे सुख-दुःख में साथी बनें। राजीव गांधी ने उस जमाने में इतिहास बनाया था और जो इमदाद दी थी, वह बेमिसाल थी। इसलिये वह महान नेता आज हमारे बीच में आई हैं, इस बात की हमें बहुत प्रसन्नता है। उनका संदेश हम सुनेंगे और संकल्प लेकर जायेंगे कैसे हम एक तारीख को कांगे्रस के एक-एक उम्मीदवार को आप कामयाब करें। सरकार पुनः कांग्रेस की बने जिससे जो योजनाएं हमने बनाई हैं अभी, पांच साल में शानदार काम किये हैं, पांच साल में जो हमारी शानदार उपलब्धियां हैं, पानी को लेकर, शिक्षा के क्षेत्र को लेकर, बिजली को लेकर,स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर, सड़कों का जाल बिछाने को लेकर और सोशल सिक्योरिटी की स्कीम को लेकर, वह बेमिसाल है। इस बात का अहसास हम सबको होना चाहिये और आज पूरे देश के अंदर यह चर्चा है, यह हम प्रदेशवासियों के लिये गौरव और गरिमा की बात है।
इसलिये मैं कहना चाहूंगा जिस प्रकार से आरोप लगाते हैं विपक्षी पार्टी वाले, उससे आपको सावधान रहना है। मैं उन तमाम आरोपों को खारिज करता हूं, क्योंकि चुनाव का मौका है। उनको प्रदेश की जनता ने शासन सौंपा, आपने देखा वह शासन नहीं कुशासन था। किस प्रकार से उस वक्त में भ्रष्टाचार हुआ। पूरे देश से, बम्बई से लोग आते थे, किस प्रकार से यहां पर संस्थागत करप्शन किया गया। बदनामी प्रदेश की हुई। किस प्रकार से जातियों को लड़वा दिया। पानी मांगने पर कितनी बार फायरिंग हुई, आपको मालूम है। इसी जिले से ही, सीकर से मुझे याद है जब घड़साना-रावला में किसान लोग पानी की बात कर रहे थे और इसी सीकर में जब मीडिया वालों ने पूछा पूर्व मुख्य मंत्री वसुन्धरा जी को, कि पानी की समस्या है, पानी का वहां पर आन्दोलन चल रहा है, तो मुझे कहते हुए दुःख है कि लोकतंत्र में अहम और घमण्ड काम नहीं आता है। लोकतंत्र में बात सुननी पड़ती है, बुलाकर बात करनी पड़ती है। धरना दो, प्रदर्शन करो, काले झण्डे बताओ। उनकी बात को सुनकर उनका हल निकालना पड़ता है, अपनी बात कहनी पड़ती है। उसके बजाय कहा गया वह किसान नेता, चाहे वह हेतराम बेनीवाल हो या वल्लभ कोचर हो, चाहे वहां के स्थानीय लोग हो, अरे! वह गुण्डे लोग हैं, असामाजिक तत्व हैं, कोई पानी की समस्या नहीं है। और गोली चली, 6-7 किसान मारे गये। फिर टोंक के सोहेला के अंदर पानी मांगा बीसलपुर का, फायरिंग हुई, पांच-छह लोग मारे गये, एक महिला मारी गयी, उसके पेट में सात महीने का बच्चा था।
मुझे आज भी याद है, उस समय भी सोनिया गांधीजी आई थीं। टोंक-सोहेला के अंदर गांव-गांव में, एक-एक घर के अंदर घूमीं। बरसात भंयकर आ चुकी थी, गलियों में पानी भर चुका था। उसकी परवाह नहीं की सोनिया जी ने, हम सब साथ थे। हमने घर-घर जाकर सांत्वना दी थी। 21 बार गोली चली, 90 लोग मारे गये, 70 गुर्जर मारे गये। इस बार भी हमारे वक्त में भी गुर्जर समाज ने आंदोलन किये, रेल पटरियों पर बैठे, धरने दिये। पांच साल तक आप देख रहे हैं लगातार धरने दिये हो, प्रदर्शन किये हों, हमने बुलाकर बातचीत की,समझाइश की और पांच साल में चाहे रेल पटरियों पर बैठे हो, चाहे आंदोलन किये हों, फायरिंग की बात छोड़ो,राजस्थान के अन्दर लाठी चार्ज तक नहीं होने दिया। इस रूप में सुशासन देने का जो संकल्प व्यक्त किया था,संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासन देने का, वह हमने पूरा करने का प्रयास किया। यह मैं आपको दावे के साथ कह सकता हूं। आगे भी हमने कहा है किस प्रकार से आने वाले वक्त के अन्दर जीरो डिस्कि्रमिनेशन। सोनिया गांधी जी ने हमें प्रेरणा दी थी दो साल पहले। जहां कांग्रेस की सरकारें हैं देश के अन्दर, मुख्यमंत्री के पास में, मंत्रियों के पास में स्व-विवेकाधिकार किसी के पास में होना ही नहीं चाहिए,किसी को फेवर करने के लिए। हमने लागू किया राजस्थान के अंदर। हमने इस बार मेनिफेस्टो में लिख दिया जीरो डिस्कि्रमिनेशन, जीरो करप्शन। हम प्रयास करेंगे करप्शन पर अंकुश लगे और जीरो हरेश्मेंट, जो परेशानी होती है आपको गांव में, तहसील में, जिले में, प्रदेश में, उसके लिए हमने कानून बनाया है, लोक सेवा गारंटी एक्ट बनाया है, सुनवाई का अधिकार का कानून बना दिया है। हमारा प्रयास शुरू हो चुका है, हम चाहेंगे कि नई सरकार कांग्रेस की बने, वह कानून इस रूप में लागू हो कि वास्तविक रूप से आम नागरिक को लाभ मिले, परेशानी नहीं उठानी पड़े यह मैं आपको निवेदन करना चाहता हूं।
कहने को बहुत सारी बाते हैं हमने मेनिफेस्टो में भी लिखा है, पर मुझे दुःख होता है कहते हुए कि किस प्रकार से विपक्ष के लोग उन योजनाओं की खिल्ली उड़ा रहे हैं, जो आज वरदान साबित हुई है। निःशुल्क दवा की योजना, जांचे फ्री, एक्स-रे हो, खून की जांचे हो, चाहे हमने डायलिसिस फ्री कर दिया और मैंने कहा अगर बस चलेगा तो एम.आर.आई. के, सिटी-स्केन के जो मंहगे टैस्ट होते हैं, पांच-छः हजार लगते हैं वह भी सरकार फ्री करेगी राजस्थान के अन्दर, यह मैं आपको कहना चाहता हूं।
अब उसको वसुन्धरा जी कहती है जहर पिला रहे हैं जनता को, इससे बड़ी शर्म की बात हो नहीं सकती। आज वह योजना जो वरदान साबित हो रही है, उनको आप जहर पिलाना बता रही हैं। इसका जवाब जनता को देना पड़ेगा आने वाली एक तारीख को। हमने पेंशन योजना लागू की बुजुर्गों के लिए, महिलाओं के लिए, निःशक्तजनों के लिए। इसलिए कि घर में कोई बहन-बेटी आ जाये तो बुजुर्गों को अपनी बहू से पैसा नहीं मांगना पड़े, अपने पास से पचास रूपये, सौ रूपये दे सकती है बहन-बेटियों को, सवासनियों को। उसके लिए वसुन्धरा जी कह रही हैं कि रेवड़ियां बांट रहे हैं, यह सम्मान पेंशन है। आज हमने यह वित्तीय प्रबंधन किया है, खजाना भरा है, व्यापारी वर्ग से, उद्योगों से पैसा इक्ट्ठा किया है टैक्स का। अच्छा वित्तीय प्रबंधन किया है,खजाना भरा है। आज हमारी हैसियत हो गई देने की। विदेशों के अन्दर, दुनिया के मुल्कों में यह कोई नयी बात नहीं है। दुनिया के मुल्क जो विकसित राष्ट्र हैं वहां 30-40 साल पहले से ही पेंशन मिलती थी। वहां वीकली पेंशन मिलती है। हमने यह प्रयास किया इस रूप में जो हम योजना लेकर आये हैं। अभी पहले हम एक रूपये किलो अनाज देते थे गरीबों को। सोनिया गांधी जी ने, डॉ. मनमोहन सिंह जी को कह कर जो अधिकार आधारित युग की शुरूआत कराई है, जिसमें सूचना का अधिकार, रोजगार का अधिकार नरेगा का,शिक्षा का अधिकार दिया गया। अब फूड सिक्योरिटी एक्ट आ गया और अब भूमि अधिग्रहण एक्ट, जो किसानों के हित में है। किसानों के बिना पूछे, बिना मर्जी के पहले की तरह कोई सरकार, कोई उद्यमी भूमि का अतिक्रमण नहीं कर सकेगा। इतना बड़ा क्रांतिकारी कदम उठाया गया है। एक तरफ तो एक के बाद एक कदम उठाये जा रहे हैं और दूसरी तरफ विपक्ष के लोगों के पास कोई नीति नहीं है, कोई सिद्धान्त कहने का नहीं है। कभी गौ-माता के नाम पर राजनीति की, कभी राम मंदिर के नाम पर राजनीति की। आज फिर लोग देख रहे हैं किस प्रकार से भ्रमित कर रहे हैं, झूठे आरोप लगा रहे हैं। इनसे आपको सावधान रहना है।
आज दो रूपये किलो गेहूं, एक रूपये किलो बाजरा-मक्का, तीन रूपये किलो चावल, इतने बड़े क्रांतिकारी कदम उठाये गये हैं। इसलिए मैं कहना चाहूंगा कि कृपा करके आप लोग इस चुनाव के अन्दर, हमने कह दिया है चुनाव के बाद में जो एपीएल-बीपीएल है, जो पैसे वाले हैं उनको छोड़कर सब को 35 किलो अनाज फ्री देंगे। राजस्थान के अन्दर यह हमने घोषणा कर दी है।
इसलिए मैं लम्बी बात नहीं कहता हुआ यही कहना चाहूंगा कि जिस प्रकार से विपक्षी पार्टियों के लोग जो आरोप लगा रहे हैं, जिस प्रकार से भ्रामक प्रचार कर रहे हैं, आपको सावधान रहना है और आने वाले चुनाव के अन्दर आपका एक-एक वोट कीमती है। आपको सबको मिलकर हमारे कांग्रेस के उम्मीदवारों को आशीर्वाद देना है, समर्थन देना है, उनको कामयाब करना है। धन्यवाद। जय हिन्द।
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