Shri Ashok Gehlot
Former Chief Minister of Rajasthan, MLA from Sardarpura
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मुख्यमंत्री स्वावलम्बन योजना-2013
जयपुर, 7 जून। प्रशिक्षित युवाओं सहित हस्तशिल्पियों, दस्तकारों, कतिनों, बुनकरों, बेरोजगार युवाओं को स्वयं का उपक्रम स्थापित करने के लिए प्रेरित करने के साथ उन्हें ब्याज अनुदान युक्त ऋण मुहैया कराने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री स्वावलम्बन योजना-2013 प्रारंभ की जा रही है।
इसके अन्तर्गत बैंकों से लिये गये ऋणों का चुकारा समय पर करने पर 8 प्रतिशत की दर से ब्याज अनुदान दिया जायेगा। इस योजना के अन्तर्गत इस वर्ष (2013-14) करीब 10 हजार नये उद्यमों की स्थापना की जायेगी जिसमें एक लाख व्यक्तियों को प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से रोजगार मिल सकेगा।
इस योजना में गत 1 अप्रेल, 2013 से मार्च, 2014 तक जिन व्यक्तियों का ऋण स्वीकृत कर 30 जून, 2014 तक ऋण वितरण कर दिया जायेगा वे इस योजना का लाभ उठाने के पात्र होंगे। योजना की समीक्षा के उपरान्त आगामी वर्षों के लिए योजना का विस्तार किया जा सकेगा।
संयुक्त शासन सचिव उद्योग ने बताया कि मुख्यमंत्री स्वावलम्बन योजना का उद्देश्य अकृषि क्षेत्र में सूक्ष्म उद्यम (उद्योग, सेवा एवं व्यवसाय) को व्यवहार्य आधार स्थापित कर रोजगार के नवीन अवसर पर सृजित करना है ताकि कृषि पर निर्भरता को कम किये जा सके । सूक्ष्म उद्यम तात्पर्य केन्द्रीय सरकार से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विकास अधिनियम 2006 में परिभाषित से है।
योजना में ऐसे हस्तशिल्पी दस्तकार, बुनकर, बेरोजगार युवा और व्यक्ति जो नया उद्यम स्थापित करने अथवा पूर्व स्थापित उद्यम में विस्तार, विविधिकरण एवं आधुनिकीकरण करने के इच्छुक हैं उनके लिये योग्यता निर्धारित की गयी है। इसमें इच्छुक व्यक्ति की आयु 18 वर्ष हो, प्रशिक्षित लोगों को प्राथमिकता देने के साथ राजस्थान निवासी होना चाहिए। इसके साथ ही परिवार में कोई भी सदस्य केन्द्रीय व राजकीय रोजगार मूलक अनुदान योजना में विगत 5 वर्षों में लाभान्वित ना हो, परिवार के सदस्य किसी भी वित्तीय संस्थान के दोषी ना होने के साथ परिवार की वार्षिक आय 6 लाख रुपये से अधिक नहीं हो, इसके लिए राशि को निर्धारित प्रपत्र में शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा। यहां परिवार से यह आशय स्वयं के पति-पत्नी, आश्रित बच्चे एवं माता-पिता से है। योजना अन्तर्गत राष्ट्रीयकृत वाणिज्यिक बैंक आई.सी.आई.सी.आई. बैंक एवं क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक से इच्छुक व्यक्तियों को वित्तीय सहायता उपलब्ध करायी जा सकेगी।
मुख्यमंत्री स्वावलम्बन योजना का क्रियान्वयन उद्योग विभाग के अधीन जिलों में कार्यरत जिला उद्योग केन्द्र के माध्यम से किया जायेगा। कार्यालय आयुक्त उद्योग राज्य स्तर पर योजना के क्रियान्वयन एवं पर्यवेक्षक के लिये नोडल एजेन्सी होगा। इस योजना में बैंकों द्वारा उद्योग सेवा व व्यवसाय क्षेत्र में उद्यम की स्थापना स्थापित उद्यम के आधुनिकीकरण विस्तार विविधिकरण प्रयोजन के लिए वर्कशेड फर्नीचर, उपकरण, मशीनरी, कच्चे माल आदि के लिए 10 लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध कराया जायेगा। योजना में बैंकों द्वारा प्रदत्त ऋण की अधिकतम अवधि 5 वर्ष होगी। योजना में प्राप्त आवेदन पत्रों की छानबीन के लिए एक टास्क फोर्स का गठन भी रहेगा।
मुख्यमंत्री स्वावलम्बन योजना के क्रियान्वयन, लक्ष्यों का निर्धारण एवं मॉनिटरिंग, निर्बन्धन एवं शर्तें सुनिश्चित करने के साथ इसके सुचारू संचालन के बारे में प्रक्रिया, दिशा निर्देश व प्रपत्रों के प्रारूप निर्धारण के लिए कार्यालय आयुक्त उद्योग सक्षम रहेगा। अपील व्यवस्था सहित योजना में किसी बिन्दु पर व्याख्या, संशोधन एवं परिवर्द्धन के अधिकार आयुक्त उद्योग राजस्थान में निहित होंगे।
इस योजना में कृषि गतिविधियां, मादक पदार्थों का निर्माण उनसे बने उत्पादों का निर्माण व विक्रय, मांस की पैकेजिंग और मांस से बने उत्पाद का निर्माण व विक्रय, तम्बाकू उत्पाद का निर्माण व उनका विक्रय, विस्फोटक पदार्थ, परिवहन (आटोरिक्शा, लोडिंग रिक्शा, साईकिल रिक्शा एवं टैक्सी (कार, जीप, वैन) जिसके ऑन रोड अधिकतम कीमत 5 लाख रुपये तक हो ) को छोड़कर एवं 20 माइक्रोन से कम मोटाई वाले पॉलिथीन की थैलियों का विनिर्माण पुनः चक्रित, प्लास्टिक से बने थेले या कन्टेनर या उत्पाद जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचा सकता है और राज्य सरकार द्वारा समय समय पर प्रतिबन्धित उत्पाद सहित भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा समय समय पर प्रतिबंधित उत्पाद अपात्र गतिविधियों की सूची में सम्मिलित किया गया है।
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