Talking to media at SMS Medical College, Jaipur March 04
दिनांक
04/03/2023 |
स्थान
SMS Medical College, Jaipur
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सवाल- केंद्रीय मंत्री का आज बयान आया है आपके खिलाफ मानहानि का दावा करने की बात कर रहे हैं, दिल्ली कोर्ट में आज पेश कर रहे हैं मानहानि का दावा..
जवाब- तो हम तो स्वागत करेंगे क्योंकि इसी बहाने कम से कम ये केस आगे बढ़ेगा, भला होगा उन गरीबों का जो चर्चा में ही नहीं थे, अब कम से कम 2 लाख लोग या डेढ़ लाख लोग जो भी हैं उनका पैसा डूब गया है, किसी का 1 करोड़ रुपए, किसी के 50 लाख रुपए, 25 लाख रुपए डूब गया है, वो पैसा कहां गया है? इथोपिया में गया है, यहां पर गबन हुआ है, कई लोग जेलों में बैठे हुए हैं, खुद के लोग जेल में बैठे हुए हैं, वो खुद मुल्जिम हैं, उनकी पत्नी, उनका साला, उनके पिताजी का नाम है और उनकी माता जी का देहांत हो गया, हम भगवान से प्रार्थना करते हैं कि उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें, परंतु वो तो हकीकत है, ये आज तक जुबान नहीं खोली उन्होंने। आज ये केंद्रीय मंत्री बने हैं, इनको शर्म आनी चाहिए थी कि मंत्री बनने के बाद में मेरी जिम्मेदारी बढ़ जाती है, तो मैं आगे बढ़कर के सबको बुलाऊं, बातचीत करू, मजबूरियां बताऊं खुद की अगर कोई हैं तो, या संजीवनी के जो लोग जेलों में बैठे हुए हैं उनकी प्रॉपर्टी जो है उनके लिए सहयोग करते, ईडी ही सिर्फ जब्त कर सकती है प्रॉपर्टी को, एसओजी नहीं कर सकती है, वरना वो अभी तक जब्त कर लेते प्रॉपर्टीज को, बेचकर कुछ पैसा चुका देते, पूरा पैसा नहीं मिलता, वो कहते हैं कि साहब हमारी तो आंखों में आ गए हम सबके जब वो आए जोधपुर में और जिस प्रकार जयपुर में आए थे बूढ़े-बूढ़े लोग, बुजुर्ग महिलाएं, कोई सोच ही नहीं सकता, उनकी सारी कमाई इकट्ठी की हुई बेटियों की शादी के लिए, कई लोगों ने क्या-क्या किस्से बताए, वो सब लोग बेचारे रो रहे थे, इनको उनके आंसुओं पर भी शर्म नहीं आती इनको, दया भी नहीं आती है। इनको चाहिए, वो तो करें मानहानि का केस, अच्छा लगेगा, इसी बहाने केस आगे बढ़ेगा तो गरीबों का ये इश्यू नेशनल लेवल पर बनेगा, मैं चाहता हूं कि प्रधानमंत्री जी तक बात जाए, अमित शाह जी तक बात जाए, अमित शाह जी खुद को-ऑपरेटिव मिनिस्टर हैं, उनके अंडर में आती हैं सोसायटियां, ये मल्टी-स्टेट को-ऑपरेटिव सोसायटी हैं ये जो ये घपले किए हैं इन्होंने, स्टेट की होतीं तो हम उस ढंग से निपटते इनसे, ये निपटने का काम केंद्र सरकार का है, 5 बार हम लिख चुके ईडी वालों को कि आप कम से कम हमें इन्फॉर्मेशन दो, इस केस को लो, ले क्यों नहीं रहे हैं वो लोग? छापे डाल रहे हैं हिंदुस्तानभर में ईडी वाले, ये छापे का केस तो परफेक्ट है, केंद्रीय मंत्री ये कैसे रह सकते है? मुझे अफसोस इस बात का है कि प्रधानमंत्री जी या गृह मंत्री जी की नॉलेज में नहीं आया क्या ये इतना बड़ा घपला? ऐसे घपलेबाज को आप कैसे रखते हो आप अपने केंद्रीय मंत्रिमंडल में? ये सवाल है अपने आप में बहुत बड़ा, ये बहुत बड़ा सवाल है और ये तो हकीकत है, कागजों में है, पेपर्स में है, कोर्ट के अंदर है, हाईकोर्ट के अंदर है, लिक्विडिटर बैठा हुआ है। केंद्र सरकार ने लिक्विडिटर बैठाया हुआ है, तो ये तो पूरा केस बना हुआ है न, अब आप बताइए, उसमें इस आदमी को शर्म भी नहीं आ रही है कि मैं कैसे सबको बुलाकर बात करूं। हमारा सहयोग चाहिए तो हम सहयोग देंगे इनको, पर वो तो आगे ही नहीं आ रहे हैं, अगर वो चाहें तो हमारी सरकार उनको सहयोग कर सकती है, अगर वो चाहते हैं कि कुछ, किस प्रकार से हम सब मिलकर उनका चुकतारा करें, मुझे इसमें कोई राजनीति नहीं करनी है, हकीकत तो बताना पड़ेगा हमारा फर्ज है, वो हमसे पूछते हैं कि हमारी स्टेट गवर्नमेंट क्या कर रही है? हमारा बताना हमारा फर्ज बनता है, पर मैं उनसे कहना चाहूंगा कि आप फिर भी स्टेट गवर्नमेंट से कोई सहयोग चाहिए, स्टेट गवर्नमेंट आपको पूरा सहयोग देगी, आप पैसा दिलवाइए उन गरीबों को, वो कहते हैं कि हमारा ब्याज गया भाड़ के अंदर, आप तो हमारा मूल पैसा दिलवा दीजिए, कम से कम अपनी बेटियों की शादी कर लें। एक बूढ़े आदमी हैं, 5 उन्हें स्टेंट लगने हैं, उसने जिद पकड़ रखी है बेटे की शादी की, बेटा कहता है कि मैं करवा दूंगा आपका, स्टेंट लगवा दूंगा, कहने लगे कि नहीं-नहीं, मुझे वो पैसा वापस मिलेगा, उसी पैसे से मैं स्टेंट लगवाऊंगा, ऐसे-ऐसे किस्से-कहानियां हैं। तो अच्छा है, मैं तो स्वागत करूंगा अगर वो मेरे खिलाफ केस करते हैं, इसी बहाने उन गरीबों का भला होता हो तो मुझे अच्छा लगेगा।
सवाल- स्टेट गवर्नमेंट ने एक प्रोविजन किया है अभी रीसेंटली को-ऑपरेटिव डिपार्टमेंट ने कि जो को-ऑपरेटिव सोसायटीज में फ्रॉड होता है उसके मामले सभी अब डिस्ट्रिक्ट कोर्ट्स में उन कोर्ट्स में जाएंगे ताकि उन लोगों को न्याय मिल सके, कोर्ट्स के जरिए न्याय मिल सके, फर्स्ट टाइम ये प्रोविजन राजस्थान सरकार के द्वारा सहकारिता विभाग ने अभी रीसेंटली किया है?
जवाब- दिखवा देंगे, उसको भी दिखवा देंगे, जो भी हो सकता होगा, खाली संजीवनी की ही बात नहीं है, आदर्श घोटाला है सिरोही का, बड़ा घोटाला वो भी है, जितने भी घोटालेबाज हैं, इन सबके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए मेरा मानना है।